Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2024

bundeli doha kosh vol-1 by Rajeev namdeo Rana lidhori Tikamrarh

ग्रंथ समीक्षा- 
*बुंदेली दोहा कोश भाग-1 (संपादक राजीव नामदेव राना लिधौरी')*

बुंदेली साहित्य  अभियुत्थान के लिए आदरणीय राजीव नामदेव "राना लिधौरी" जी का परिश्रम और योगदान अभिनंदनीय है | श्री  राना जी के साथ कई उपलब्धियाँ व पुरस्कार जुड़े है ( हाल ही में 51000) रुपये का महाराजा छत्रसाल पुरस्कार , साहित्य अकादमी से मिला है  , जो सर्वविदित है | जय बुंदेली साहित्य समूह की स्थापना कर बुंदेली काव्य लेखन हेतु कवि लेखको को एक मंच पर लाया व सृजन हेतु प्रेरित किया , प्रतियोगिताएँ आयोजित की है | श्री राना जी के  व्यक्तित्व और कृतित्व पर हम कितना ही लिखें , कम ही प्रतीत होगा | अनेक उपलब्‍धियाँ इनके नाम अंकित है 

अब चर्चा करते है हाल ही में प्रकाशित "बुंदेली दोहा कोश" की जिसका प्रथम भाग प्रकाशित हुआ है |
बुंदेली शब्द कोष तो विद्वानो के आ गए थे , पर एक कमी थी " बुंदेली दोहों का  विषय वार कोई कोष  नहीं थी , पर यह भी कमी पूरी करने का श्री गणेश हो गया है , प्रथम भाग प्रकाशित हो चुका है 

इस कोश में विषय युक्त बुंदेली दोहों के साथ , दोहा छंद में दोहा विधान है , समकल विषम कल , दग्धाक्षर, अनुस्वार , अनुनासिक, 
काव्य के प्रमुख दोष , इत्यादि सभी सरल भाषा में दोहा छंद से ही अवगत कराया गया है , 

इस बुंदेली दोहा कोश में 70 कवियों के विषय वार दोहे है एवं 8 पुराने एवं स्थापित बुंदेली दोहाकारों के दोहे धरोहर के अंतर्गत दिये गये है।
एक- एक दोहे में विषय शब्द के अलावा , कवि की कलम से अनेक बुंदेली शब्दों का रसास्वादन पाठकों को आनंदित करता है ,

315 पृष्ठों का यह दोहा कोश प्रकाशित है , सम्पादक श्री राजीव नामदेव "राना लिधौरी" जी है  व जे टी एस पब्लिकेशन दिल्ली है एवं  मूल्य 700रु.सजिल्द  है।
यह बुंदेली दोहा कोष पठनीय है  एवं शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रकाशन पर आदरणीय राना लिधौरी जी को हार्दिक बधाई 🌹
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समीक्षक-सुभाष सिंघई 
              जतारा टीकमगढ़ (म.प्र.)

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