गजल-- दोस्त बनकर देखिए-Rajeev namdeo "Rana Lidhori"गजल-- दोस्त बनकर देखिए
दुश्मनों से दोस्त बनकर देखिए।
आप थोड़ा मुस्कुराकर देखिए।।
नफ़रतों की टूटेगी दीवार भी।
खुद को बस इंसा बनाकर देखिए।।
फिर तुम्हें दिल से वो देगा दुआ।
प्यार मुफ़लिस पर लुटाकर देखिए।।
मत करो बदनाम यूँ महबूब को।
दिल में उसको ही बसाकर दखिए।।
भूल जाओगे अजी सारा जहां।
उस्से नैना लड़ाकर देखिए।।
हर जगह ही वो तुझे मिल जाएगा।
मन से उसको ही बुलाकर देखिए।।
डूब जाये रस के भी सागर में जो।
मेरी ग़ज़लें गुनगुनाकर देखिए।।
कर सकूँ दीदार अपने चाँद का ।
'राना ज़रा जुल्फें हटाकर देखिए।।
दुश्मनों से दोस्त बनकर देखिए।
आप थोड़ा मुस्कुराकर देखिए।।
नफ़रतों की टूटेगी दीवार भी।
खुद को बस इंसा बनाकर देखिए।।
फिर तुम्हें दिल से वो देगा दुआ।
प्यार मुफ़लिस पर लुटाकर देखिए।।
मत करो बदनाम यूँ महबूब को।
दिल में उसको ही बसाकर दखिए।।
भूल जाओगे अजी सारा जहां।
उस्से नैना लड़ाकर देखिए।।
हर जगह ही वो तुझे मिल जाएगा।
मन से उसको ही बुलाकर देखिए।।
डूब जाये रस के भी सागर में जो।
मेरी ग़ज़लें गुनगुनाकर देखिए।।
कर सकूँ दीदार अपने चाँद का ।
'राना ज़रा जुल्फें हटाकर देखिए।।
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