Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 19 नवंबर 2015

राना लिधौरी’ को मिला ‘साहित्य सृजन सम्मान-2015’ -अशोकनगर

राना लिधौरी’ को मिला ‘साहित्य सृजन सम्मान-2015’ 




rajeev namdeo rana lidhori

टीकमगढ़/    /नगर के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार,कवि-शायर एवं म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ को उनकी रचनाधर्मिता एवं सतत् सृजन शीलता के लिए मध्यप्रदेश लेखक संघ की जिला इकाई अशोकनगर द्वारा 35 वें आंचलिक साहित्यकार सम्मान 2015 में ‘’साहित्य सृजन सम्मान 2015 से सम्मानित किया। राना लिधौरी को स्मृति चिह्न श्रीफल,श्री शाल एवं आकर्षक सम्मान पत्र भैंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भोपाल से श्री राधावल्लभ आचार्य प्रदेशाध्यक्ष, योगेश शर्मा, अरविन्द्र चतुर्वेदी, राकेश वर्मा ‘हेरत’ मंचासीन थे।
गौरतलब होे कि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ की पुरस्कृत पुस्तक ‘नौनी लगे बुन्देली’ विश्व में बुन्देली का प्रथम हाइकु संग्रह है। राना की ‘अर्चना’,‘रजनीगंधा’,‘नौनी लगे बुंदेली’एवं राना का नज़ऱाना’’ चार पुस्तकें छप चुकी है एवं अनेक पत्र पत्रिकाओं का संपादन कर चुके है,वर्तमान में आप टीकमगढ़ जिले की एकमात्र साहित्यिक पत्रिका ‘आंकाक्षा’ का सफल संपादन विगत नौ वर्षो से करते आ रहे है तथा साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक संघ के टीकमगढ़ के जिलाध्यक्ष के पद पर विगत 11वर्षौ से सुशोेभित है। इस उपलब्धि पर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ को नगर के साहित्यकारों एवं शुभचिंतकों ने बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ दी।                             
                           
रपट-     राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
  अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
  मोबाइल-9893520965






रविवार, 8 नवंबर 2015

तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है- राजीव नामदेव राना लिधौरी, टीकमगढ़

दिनांक.8.11.2015 त्ंाजी़म बज़्में अदब की मासिक नशिष्ट में अपना कलाम पढ़ते टीकमगढ़ के युवा शायर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
मिसा तरह थीं- तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।

बडा बेदर्द आज का ये तो ज़माना है।
तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।।
सभी नेताओं ने मिल करके खाई है कसम ये भी।
हमें करके घोटाले खूब ही दौलत कमाना है।।


    ..राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
        संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
       अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
      शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
       पिनः472001 मोबाइल-9893520965
        E Mail-   ranalidhori@gmail.com
     Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com   


‘दीपावली’ पर केन्दित नयी ग़ज़ल-दीप दिल में जला दीजिएं’’‘निर्दलीय’’ सा.पत्र (भोपाल)

आप सभी मित्रों को मेरी तरफ से धनतेरस एवं दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
‘‘निर्दलीय’’ सा.पत्र (भोपाल)
 संपादक-कैलाश श्रीवास्तव ‘आदमी’
वर्ष-44,
.अंक- 1-7 नवम्वर 2015 में पेज-06 पर
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़  (म.प्र.)की
‘दीपावली’ पर केन्दित
ग़ज़ल-दीप दिल में जला दीजिएं’’

रविवार, 1 नवंबर 2015

म.प्र.लेखक संघ ने 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ पर केन्द्रित हुई Date-1-11-2015


rajeev namdeo rana lidhoriम.प्र.लेखक संघ ने 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ पर केन्द्रित हुई   Date-1-11-2015

  टीकमगढ़//‘ गायत्री शक्तिपीठ बानपुर दरवाजा,टीकमगढ़ में नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ की 203वीं गोष्ठी ‘बाल साहित्य’ केन्द्रित आयोजित की गयी
 जिसके मुख्य अतिथि कुण्डेश्वर के प्रसिद्ध बाल साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी रहे व
अध्यक्षता भारत विजय बगेरिया ने की
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में हाजी अनकर रहे।
सर्वप्रथम सीताराम राय ने सरस्वती वंदना‘ की -
स्वर की सरिता बहा शारदे। ज्ञान की जोत जगईयों।
मन वीणा झंकृत हो स्वर से,सरगत ज्ञान सजइयों।।
ततपश्चात गुणसागर सत्यार्थी ने अपने वक्तव्य में कहा कि -आज बाल साहित्य बहुत कम लिखा जा रहा है। बाल साहित्य लिखने का मूल उद्देश्य बाल जिज्ञासा को पूरा कराना होना चाहिए।
 ग्राम घुवारा से पधारे कवि राहुल चहुल चढार ने कविता पढ़ी-
       आज कभी जब रातों सहसा ही उठ जाता हूँ।
    डर जाता हूँ  माँ मैं जब तुमको नहीं पाता हूँ।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बाल कविता ‘पँूछ हमारी होती’ सुनायी-
 सोचो प्यारी होती पँूछ हमारी होती।
 किसी किसी की पतली होती और किसी की झबरी होती।।

 ग्राम लखौरा से पधारे बुन्देली कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढ़ा -
‘चिडि़या चुहू -चुहू कर गारई।
तितली आसमान में छारई।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने कविता बच्चों पर केन्द्रि चुटकुले सुनाये।
सियाराम अहिरवार ने कविता पढ़ी- सीढ़ी लगा गगन चढ़ जाऊँ।
तारे तोड़कर लाऊँ।
 गूँथकर धागों में तारों को माला एक बनाऊँ।।
शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र ने ग़ज़ल पढ़ी-
वे देखो हाथी आया है। बच्चों ने शोर मचाया है।
  कुछ उसके पीछे चलते है। पर डर तो दिल में समाया है।।
्रग्राम कुण्डेश्वर के बाल साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी ने गीत गाया-
आओ मिलकर झूला झूले,झूल झूलकर बादल झूले।
बादल कुछ नीचे आ जाएँ,हम भी अपनी पेंग बढ़ाएँ।।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने सुनाया- चींटी बोली हाथी से रस्ता मेरा साफ करो,
 हाथी बोला हाँ,हाँ दीदी,अब गुस्ताखी माफ करो।।
भारत विजय बगेरिया ने कविता पढ़ी-
ठंड़ी आई ठंडी आई, बच्चों से उठायी रजाई।
बड़ों ने झटपट आग जलाई।।
बी.एल जैन ने कविता पढ़ी- कैसा अनोखा ये संसार है।
रमता इसी में आदमी बार बार है।
इनके आलावा आर.एस शर्मा,पीएल.कड़ा(कुण्डेश्वर), प्रकाश तिवारी (कारी),गोमती कुशवाहा आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
 गोष्ठी संचालन पूरनचन्द्र गुप्ता ने किया एवं
सभी का आभार प्रदर्शन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
     अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
    मोबाइल-9893520965,