Rajeev Namdeo Rana lidhorI

बुधवार, 26 सितंबर 2018

‘‘राना लिधौरी’ भोपाल में करेगें ‘प्रादेशिक ग़ज़ल गोष्ठी’ का संचालन


kavi sammelan‘‘राना लिधौरी’ भोपाल में करेगें ‘प्रादेशिक ग़ज़ल गोष्ठी’ का संचालन

टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ जिला इकाई अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ दिनांक 30 सितम्बर 2018 को हिन्दी भवन भोपाल में दोपहर दो बजे से म.प्र.लेखक संघ भोपाल द्वारा आयोजित प्रादेशिक ग़ज़ल गोष्ठी में टीकमगढ़ जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘राना लिधौरी’ अपनी गजलोें की प्रस्तुति देगे।
म.प्र. लेखक संघ के जिला अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि इस गजल गोष्ठी में प्रदेश से चुने हुए गजलकार शामिल हो रहे है जिसमें हसन मुरैनवी मुरैना, अरूण अपेक्षित शिवपुरी, रफीक नागौरी उज्जैन, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’टीकमगढ़, सुरेन्द्र श्रीवास्तव विदिशा, संतोष जैन बैतूल, विजय सक्सैना ‘वियोगी’ रतलाम,जय कृष्ण चांडक हरदा,दिनेश ‘व्याकुल’ हरदा, श्री शफी लोदी ‘रतलामी’,हरिवल्लभ शर्मा,दिनेश मालवीय ‘अश्क’,डाॅ. राजश्री रावत भोपाल ने प्रमुख है गोष्ठी में मुख्य अतिथि रायसेन के वरिष्ठ शायर अबरार नगमी होंगे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्कार बटुक चतुर्वेदी जी भोपाल करेगे एवं गोष्ठी का संचालन युवा शायर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़ करेंगे।

रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिला अध्यक्ष-म.प्र.लेखक संघ
 टीकमगढ़ मोबाइल-9893520965

मंगलवार, 25 सितंबर 2018

‘म.प्र.लेखक संघ’ ने ‘देवकी नंदन मिश्र को दी श्रद्धांजलि

‘म.प्र.लेखक संघ’ ने ‘देवकी नंदन मिश्र को दी श्रद्धांजलि
म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़ ने ‘आंचालिक सम्मान’ से सम्मानित किया था।

  टीकमगढ़//नगर की वरिष्ठ कवि पं. श्री देवकी नंदन मिश्र ‘नंदन’ जी के निधन पर एक शोकसभा आयोजित की तथा दो मिनिट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा को अपनी श्र्द्धाजंलि दी। म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि वे उन्होंने ने अनके काव्य एवं महाकाव्यों की रचना कि है। म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़ इकाई ने उन्हें सन् 2004 में ‘आंचालिक सम्मान’ से सम्मानित किया था। उनका कृति मधुबाला बहुत चर्चित रही है। 
सचिव रामगोपाल रैकवार ने कहा कि उनकी रूचि धर्म के प्रति अधिक थी इसीलिए उनकी अधिकांश पुस्तकें धार्मिक है। पं.हरिविष्णु अवस्थी ने कहा कि वे स्वंताय सुखाय लिखते थे।
 परमेश्वरीदास तिवारी ने कहा कि- उन्होंने अनेक खण्ड काव्यों की रचना कि है। वे एक भक्त कवि थे।
  श्र्द्धाजंलि देनेवाले साहित्यकारों में प्रमुख रूप से राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,, विजय मेहरा,परमेश्वरी दास तिवारी, पं.हरिविष्णु अवस्थी, रामगोपाल रैकवार,अजीत श्रीवास्तव, हाजी ज़फ़रउल्ला खा ‘ज़़फर’,गुलाब सिंह भाऊ, विजय मेहरा आर.एस शर्मा, भारत विजय बगेरिया, सियाराम अहिरवार,शिवचरण उटमालिया, आदि साहित्यकार उपस्थित रहे।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
, अध्यक्ष म.प्.लेखक संघ,
                                         टीकमगढ़,मोबाइल-9893520965,







शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

कहानी - "इंतज़ार"

"इंतज़ार", को प्रतिलिपि पर पढ़ें : https://hindi.pratilipi.com/story/Z5GMxKotIY5q&utm_source=android&utm_campaign=content_share भारतीय भाषाओँ में अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और दोस्तों से साझा करें, पूर्णत: नि:शुल्क

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

पत्रिका समीक्षा- आकांक्षा’ अंक-13 (2018)

पत्रिका समीक्षा- आकांक्षा’ अंक-13 (2018) 



संपादक-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी
समीक्षक- अजीत श्रीवास्तव 
प्रकाशक- म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़ 
सहयोग राशि- 100/रु., पेज-64
किसी साहित्यिक संस्था से निरंतर तेरह वर्षो तक एक पत्रिका प्रकाशन, वहीं भी छोटे से जिले से,संपादक की कुशलता ही प्रदर्शित करता हैं इस अवधि में कई श्रेष्ठ विशेषांकों को भी प्रकाशित किया गया जो समयानुसार चर्चित रहे। प्रस्तुत अंक जो ‘गौ-माता’ विशेषांक है, समय की मांग भी है। एक चेतना की जरूरत है।
यह कृति गाय माँ की आरती से प्रारंभ होकर ‘गाय बचेगी तो राष्ट्र बचेगा’’ तक विस्तृत, विभिन्न पहलूओं पर प्रहार करती हुई विस्तृत हुई है। पत्रिका कामधेनु के चित्र से सुसज्जित चैसठ पृष्ठ तक हैल्दी कदकाठी में है। रचनाकारों ने वेदोक्त गाय चिंतन से लेकर वर्तमान तक का कालखंड शब्दों में रचा है। उक्त पत्रिका में 44-45 रचनाकर शामिल है जिसमें प्रतिष्ठित,लब्ध प्रतिष्ठित एवं युवा शामिल हुए हैं, कविता अधिक है गद्य कम है पर है सब सार्थक।
कत्लखाने, मरती गाय,दया करो,ममता की मारी, खतरे में है जीव जहान, कवितायें गौधन के विनाश पर चिंता प्रकट करती है, वहीं तमाम कवितायें गौ की महिमा भी बयान करती हैं। रचनाकारों  की तारीफ इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इस पुस्तक में एक विषयगत होने पर भी उन्होंने कविता के विभिन्न स्वरूप पर रचनाकर्म संपादित किया है जैसे- आरती,दोहा,नई कवितायें, चालीसा,ग़जल, बुन्देली गारी, हाइकु, चैकडिया, अर्चना, कुंडलिया, मुक्तक, गीत, लघुकथा, लेख-आलेख, चिंतन जैसी विद्याओं पर साहित्य रचा गया है।
कवियों में इंदु जी,भाऊ जी, यदुकुल नंदन जी, बिंदु जी,ज़फर जी,आनंद जी,रैकवार जी,शुक्ला जी, चंसौरिया जी की रचनाएँ श्रेष्ठ हैं, हालाकि समस्त कवियों की रचनायें अपने-अपने भाव लिए हुए हैं। विभिन्न सोच बिखेरती हुई रचनाएँ पत्रिका में व्यापक उद्देश्य की पूर्ण रूप से पूर्ति करती हैं। गाय की व्यथा धेनू कविता करूणार्द्र कर देती है- 
आज पराई हो गई,बसत हती टपरा में। 
खेत खरया में चरन जात तह, नदिया सपरन में।
अयान जी का एक दोहा देखिए- गौ हत्या अब रोकिये,हो बूचडखाने बंद।
 पानी बन जायेंगे,गर यही चला छल छंद।।
श्रीमती इन्दु सिन्हा कहतीं हैं- कहने का हमें पाला जाता है, 
                   फिर क्यों हमें सड़कों पर छोड़ा जाता है।
हाजी ज़फरउल्ला खां का ये शेर देखे- सब जानवर में सीधी ही तो सिर्फ गाय है।
सादा है उसका खाना ही चारा जो खाय है।।
एक व्यंग्य सुमन मिश्राा झांसी को देखिए- गौमाता की आजकल,पूजा करता कौन।
कुत्ता घर की शान है ग्वाला है सब मौन।।
इसी तरह प्रेरक,प्रेरणास्प्रद रचनाएँ पाठकों को विचार बाँटती हैं, अनवर साहिल जी ग़ज़ल हमें रूलाती है तो ऋषि वर्मा तो गौ सृष्टि का आरंभ है, शुभारंभ है, गौ मानवता की पोषक है,दानवता को हानिकारक है, कहकर सब कुछ कह देते हैं। पुस्तक का गौ सेवा अंक अद्भुद है एवं शहरी लोगों को भी सोचने पर मजबूर करता है, जीव है तो हम हैं, सुबह से माँ का दूध,गाय का दूध, जीवों का आधार आहार रहा है। 
          पुस्तक तमाम संस्थागत जानकारियाँ देती है एवं ठोस कार्य करने को प्रमाणित करती दस्तावेज है। इसका देशव्यापी स्तर फैलाव संपादन कुशलता दर्शित करता है।  
अंत में- सतयुग द्वापर त्रेता से अब तक ऋषियों ने की है। 
 गाय की सेवा से जग सृष्टि अनुशासित की है।।
 
  अजीत श्रीवास्तव (एडवोकेट)
‘राजीव सदन’,नायक मोहल्ला,
 टीकमगढ़(म.प्र.) 


सोमवार, 10 सितंबर 2018

मडवैया ‘अमृत महोत्सव’ एंव पुस्तक विमोचन समारोह सम्पन्न 9-9-2018 Tiakamgarh mp













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मडवैया ‘अमृत महोत्सव’ एंव पुस्तक विमोचन समारोह सम्पन्न
  (झाँसी, ललितपुर,छतरपुर,बिजावर,नदनवारा,कुण्डेश्वर से आये साहित्यकार)

टीकमगढ़/ स्थानीय भगवान महावीर बाल संस्कार केन्द्र टीकमगढ़ के सभागार में अखिल भारतीय बुन्देलखण्ड साहित्य एंव संस्कृति परिषद जिला इकाई टीकमगढ़ के तत्वाधान में संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश मडवैया का अमृत महोत्सव सम्पन्न हुआ एंव अभिनन्दन गोइल की पुस्तक ‘ओरछा राज्य में स्वतंत्रता आंदोलन’ का विमोचन किया गया।
ख्यात कवि एंव लेखक कैलाश मडवैया के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुए समारोह की अध्यक्षता वयोवृद्ध बुन्देली साहित्यकार डा. दुर्गेश दीक्षित ने की। विशिष्ट अतिथियों मंे टीकमगढ़ विधायक माननीय श्री के. के. श्रीवास्तव जी, राधौगढ़ शासकीय महाविधालय के प्राचार्य जवाहरलाल द्विवेदी जी एंव झाॅसी के साहित्यकार प्रताप नारायण दुबे जी रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ माॅ सरस्वती के चित्र पर अतिथियों द्वारा माल्यार्पण एंव दीप प्रज्जवलन से हुआ। सरस्वती वंदना श्रीमती सुधा खरे ने प्रस्तुत की एंव कैलाश मडबैया जी द्वारा रचित बुन्देलखण्ड गान आकाशवाणी कलाकार सत्यनारायाण तिवारी ने मुधुर कंठ से प्रस्तुत किया । 
अतिथियों के स्वागत पश्चात परिषद की टीकमगढ़ इकाई के अध्यक्ष अभिनन्दन गोइल ने स्वागत भाशण देते हुए मुख्य अतिथि कैलाश मडवैया के व्यक्तित्व एंव कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके बुन्देली गद्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान हेतु सराहना की।
  इस अवसर पर अतिथियो द्वारा ओरछा राज्य में स्वतंत्रता आंदोलन पुस्तक का विमोचन सम्पन्न हुआ। पुस्तक की समीक्षा राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने प्रस्तुत की।
कैलाश महवैया के विपुल साहित्य की विवेचना करते हुए परिषद इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष रामगोपाल रैकवार ने कहा कि मडवैया जी हिन्दी और बुन्देली मे धर्म, खण्ड काव्य, ललित निबंध, महानाटय, यात्रा वृतान्त, अनुवाद, समीक्षा, पुरातत्व, इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम आदि विषयों पर तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों के प्रणेता है। इकाई का प्रतिवेदन परिषद् के महामंत्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने प्रस्तुत किया।
इसके पश्चात नगर की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा मडवैया जी के अमृत महोत्सव के अवसर पर उनका शाल श्री फल एंव स्मृति चिन्हों द्वारा सम्मान किया गया। जिनमें जिला अभिभाषक संध के अध्यक्ष रधुवीर सिंह तोमर, भारत विकास परिषद के अध्यक्ष शीलचंद्र जैन, पाठक मंच के अध्यक्ष कौशल किशोर भटट सहित राजेन्द्र अध्यवर्यु, ओ.पी. त्रिपाठी, डाॅ. नरेन्द्र जैन, देवेन्द्र पोतदार, महेन्द्र पोतदार, अशोक गोइल, डाॅ. सुनीत जैन, ऋशभ गोइल, पवन घुवारा, अशोक जैन मास्टर साहब महावीर बाल संस्कार के महामंत्री मनोज मडवैया आदि अनेक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सम्मानित किया।
अमृत महोत्सव में बोलते हुए स्थानीय विधायक के के श्रीवास्तव ने मडवैया जी के बुन्देली भाषा में किये गये रचनात्मक कार्यो की प्रशंसा की साथ ही विमोचित पुस्तक ओरछा राज्य में स्वतंत्रता आंदोलन को ओरछा राज्य का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बताया। कार्यक्रम अध्यक्ष डाॅ. दुर्गेष दीक्षित ने मडवैया के बुन्देली गघ के विकास में महत्वपूर्ण योगदान को बताते हुए उन्हें बुन्देली का भारतेन्दु हरिषचन्द्र कहा। कार्यक्रम को विषिश्ट अतिथि जवाहर लाल द्विवेदी प्राचार्य राधौगढ महाविधालय एंव झाँसी के साहित्यकार प्रताप नारायण दुवे ने सम्बोधित किया।
अमृत महोत्सव मे ललितपुर से आये कवि सुदेश सोनी, पं. शीलचन्द्र शास्त्री, छतरपुर से सुनील अवस्थी बिजावर एंव डाॅ.जगदीश रावत छतरपुर, शोभाराम दंागी नदनवारा उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त स्थानीय साहित्यकारो मे एन. डी. सोनी, व्ही. के. मेहरा, जफरउल्ला खां ‘जफर’, डाॅ. रूखसाना सिद्धिकी, प्रभुदयाल श्रीवास्तव, परमेश्वरीदास तिवारी,पूरनचंद्र गुप्ता, भारत विजय बगैरिया, अवधविहारी श्रीवास्तव, अवधविहारी खरे, हरेन्द्रपाल सिंह, गुलाब सिंह यादव, सीताराम राय, गिरीश तैलं,,आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया। 

रपट-राजीव नामदेव राना लिधौरी’
महामंत्री अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् टीकमगढ़

रविवार, 2 सितंबर 2018

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हुआ कवि सम्मेलन’









tikamgarh kavi sammelan श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हुआ कवि सम्मेलन’
(अशोकनगर,छतरपुर,गाडरवाडा,लखौरा से आये कवि)

टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 239वीं गोष्ठी ‘‘राष्ट्रभाषा हिन्दी’’ एवं ‘श्री कृष्ण जन्माष्टमी’’ पर कविसम्मेलन  ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता छतरपुर से पधारे डाॅ.जे.पी.रावत ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में गाडरवाडा से पधारे डाॅ. महेन्द्र कुमार नामदेव एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में हाजी जफरउल्ला खां जफर टीकमगढ़ एवं अशोकनगर से पधारी कवयित्री तृप्ति रैकवार रही।
 सरस्वती बंदना कर कविसम्मेलन का आगाज सीताराम राय ने किया-वीणा वादिनी वर दे...
 अशोकनगर से आयीं कवयित्री  तृप्ति ने गीत पढ़ा- कृष्ण पालनहार थे मोरे प्यारे लाल थे,
मोरे मुख से अब कहा नहीं जाये।
छतरपुर से आये कवि डाॅ जेपी.रावत ने सुनाया-
कूलन में कलियन कछारन में कुंजन में, कलिया कलीन खिलकंत है।े
लखौरा केे  कवि गुलाब सिंह भाऊ ने पढ़ा-हिन्दी भाषा हिन्दुस्तान की जासे से हिन्द महा है। हिन्दी भाषा भाषा राष्ट्र बना दो हम सबकी जा जान है।
संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने ग़ज़ल पढ़ी-
जो राम और रहीम हो गये,उनके ऊँचे दाम हो गयंे
जिन्होंने समझा प्यार को वो यहाँ घनश्याम हो गये।।
शायर  अनवर खान साहिल ने पढ़ा- कटघरे में खड़ी इंसाफ मांगती हिन्दी।
है द्योतक सद्भाव एकता भारत के सम्मान की।।
मोहिनी रैकवार ने पढ़ा- प्यारी माँ मुझको को तेरी दुआ चाहिए।
शायर  अनवर खान साहिल ने पढ़ा- कटघरे में खड़ी इंसाफ मांगती हिन्दी।
है द्योतक सद्भाव एकता भारत के सम्मान की।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने पढ़ा- जलाया है मिलन दीपक तुम्हारे नाम का गिरधर।
चले आओ मेरे गिरधर चले जाना दर्शन देकर।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- न्यौतो नई करने तें कर गये नाहक में,आफर में पर गये।
पूरन चंद्र गुप्ता ने पढ़ा-हिन्दी बने राष्ट्र की भाषा है सबकी यह आशा।
हाजी ज़फ़रउल्ला खा ‘ज़फ़र ने ग़ज़ल सुनायी- फिरते है लोग प्यासे मिलता नहीं हे खाना।
पूछे भी नहीं कोई क्या आ गया जमाना।।
रामेश्वर राय परेदेशी ने पढ़ा-हिन्दी नहीं हिन्दुओं की ये भाषा हिन्दुस्तान की।ं
   इनके आलावा दयाली विश्वर्मा, डी.पी.यादव, व्ही.व्ही बगेरिया, एम.एल.पाल, आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी। कवि सम्मेलन का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा सभी का आभार राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’ने किया।
रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष- म.प्र. लेखक संघ
टीकमगढ़ (म.प्र.)मोबाइल-9893520965