Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शनिवार, 17 जून 2023

आंचलिक सम्मेलन एवं राना लिधौरी गौरव ग्रंथ विमोचन समारोह मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ का 300वां आयोजन

‘म.प्र.लेखक संघ का 42वाँ आंचलिक सम्मेलन हुआ (राना लिधौरी गौरव ग्रंथ’ का हुआ विमोचन) स्व.पन्नालाल नामदेव स्मृति साहित्य सम्मान-2023 डॉ. एम.एल प्रभाकर (पृथ्वीपुर) को मिला टीकमगढ़ नगर के एक निजी होटल में म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ के 300वें साहित्यिक अनुष्ठान, आंचलिक सम्मेलन तथा ‘राना लिधौरी: गौरव ग्रंथ’ के विमोचन अवसर पर भव्य कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में टीकमगढ़ जिला कलेक्टर महोदय श्री सुभाष कुमार द्विवेदी जी उपस्थित रहे अध्यक्षता श्री ऋषि शृंगारी जी (भोपाल) उपाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ प्रादेशिक इकाई ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री संतोष सिंह परिहार (बुरहानपुर),श्री अरविन्द्र शर्मा (भोपाल) एवं डॉ. गण्ेाश राय (दमोह) रहे। स्वागत भाषण लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने दिया व संस्था को प्रतिवेदन सचिव रामगोपाल रैकवार ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र चसाैंरिया ने किया। इस अवसर पर स्व. श्री पन्नालाल जी नामदेव 10वीें स्मृति साहित्य सम्मान-2023 डॉ. एम.एल प्रभाकर जी (पृथ्वीपुर) को उनकी कृति ‘बुन्देली लोक नाट्य एक अनुशीलन’ पर प्रादान किया गया है जिसमें तहत उन्हें सम्मान राशि 1100रूपए,सम्मान पत्र स्मृति चिह्न, शाल श्रीफल भेंट कर सम्मपति किया गया इसी क्रम में स्व.रूपा बाई नामदेव 9ंवीं स्मृति साहित्य सम्मान गीतिका वेदिका (टीकमगढ़) को ‘दोहा महारथी सम्मान’ श्री एस.आर. सरल जी को प्रदान किया गया तथा आंचलिक सम्मान श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’,(टीकमगढ़),श्री यदुकुलनंदन खरे (बल्देवगढ़), डॉ. प्रीति ंिसंह परमार (टीकमगढ़) व श्री प्रमोद मिश्रा (बल्देवगढ़) को प्रदान किया गया। इस अवसर पर राजीव नामदेव राना लिधौरी’ के ‘राना लिधौरीः गौरव गं्रथ’ एवं रविन्द्र यादव की कृति रास्ते और मंज़िलें को विमोचन कलेक्टर महोदय एवं अतिथियों द्वारा किया गया। दूसरे चरण में एक भव्य अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजिक किया गया कवि सम्मेलन का शुभांरभ माँ सरस्वती जी की प्रतिमा पर मल्यार्पण कर सरस्वती वंदना गीतिका वेदिका ने पढ़ी- शारदे की वंदना,मैं कर रही हूँ, माँ वंदना दमोह के डॉ. गणेश राय ने ने व्यंग्य रचना पढ़ी- अपने स्वार्थ को अपनी भलाई को, खुरचन की रस मलाई को मैं प्रणाम करता हूँ।। बुरहानपुर के श्री संतोष सिंह परिहार ने रचना पढ़ी- बोल सके तो जग में, दो बोल तो मीठे बाल ले, पहले मन में तो ले,कुछ माहौल को टटोल ले।। विजावर के शायर फरीद वेग ने कलाम पढ़ा- जुबां से हो नहीं सकती अस्मत बयां भारत की। बहुत बुलंद है दुनिया में शान भारत की।। टीकमगढ़ कलेक्टर महोदय श्री सुभाष द्विवेदी जी ने माँ पर केन्द्रित मार्मिक कविता पढ़ी- एक भारतीय किशोर मन पे भविष्य के सुनहरे सपने सजाते हुए सोचा था, लेकिन सपने सपने ही रह गये। मैंने सोचा था एक अज्ञात बीमारी से पीडित माँ को विदेश इलाज कराने ले जाऊँ लेकिन यह मेरा सपना ही रह गया।। भोपाल के ख्यातिप्राप्त गीतकार ऋषि शृंगारी जी ने गीत सुनाया- मैंने जो भी गीत लिखे, सारे तेरे नाम लिखे। अपनी यादे मेरे तेरे किस्से कुछ बदनाम लिखे।। ललितपुर (उ.प्र.) के रामस्वरूप नामदेव जी ने गीत सुनाया- देखा हमने इंसानों को, ख्वाब देखते रातोें में। मींठी चुप्पी बाते कहकर, दिल बहलाते बातों।। नौगाँव की डॉ. मीनाक्षी पटेरिया ने कविता पढ़ी- मेरे सूने जीवन में हलचल भर देते हो तुम। जैसे हर अंधियारे को जगमग कर देते हो तुम।। ईसानगर के लक्ष्मीप्रसाद गुप्त ‘किंकर’ ने कविता पढ़ी- मातृ पितृ का श्रेष्ठ का, गुरुजन का सम्मान। जीवन सदा सँवारता है अमोघ वरदान।। बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने कविता सुनाई- राना श्री राजीवन जी, शुभ शुभ जन्म बधाइ। जब तक नभ रवि शशि रहें रहो सदा खुश भाइ।। मड़ावरा (उ.प्र.) के गोविन्द सिंह ‘गिदवाहा’ ने सुनाया- राम राम से राम नाम से, है हमारी शान ओरछा। आन वान बुन्देलखण्ड की है बड़ा वरदान ओरछा।। इस अवसर पर डॉ. मनोज तिवारी बड़ामलेहरा,कल्याणदास साहू,पृथ्वीपुर, रविन्द्र यादव पलेरा, डॉ. लखनलाल खरे षिवपुरी,अषोक षार्मा भोपाल, रामसहाय राय छतरपुर, भगवात नारायण रामायणी देवीनगर,रवि पाठक लिधौरा, आदि सहित स्थानीय कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएँ सुनायी। इस अवसर पर म.प्र.लेखक संघ द्वारा कलेक्टर महोदय के करकमलों द्वारा सभी कवियों ने ‘राजीव राना गौरव सम्मान’ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ का 51वाँ जन्मदिवस केक काटकर मंच पर मनाया गया। सभी ने उन्हें शुभकामनाए एवं बधाईयाँ दी। कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र चसाैंरिया ने किया। अंत में सभी का आभार रामगोपाल रैकवार ने प्रकट किया। . राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत) मोबाइल- 9893520965

सोमवार, 5 जून 2023

म.प्र. लेखक संघ के समग्र साहित्यिक अनुष्ठान सम्पन्न

310th Date 7-4-2024 ‘म.प्र.लेखक संघ की 310वीं कवि गोष्ठी ‘हास्य-व्यंग्य’ पर केन्द्रित हुई:- टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 310वीं ‘कवि गोष्ठी’ ‘हास्य व्यंग्य’ पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कवि डाॅ. एन.एम. अवस्थी जी ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में कवयित्री सुश्री गीतिका वेदिका एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में कवि हरवल सिंह लोधी रहे। गोष्ठी की शुरूआत कवयित्री ने सरस्वती बंदना से की एवं यह गीत सुनाया-हे बनारस घाट तुमको सब समर्पित कर रही हूँ। हे लहर तुम गंग सारे,क्षण बिसर्जित कर रही हूँ।। राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने हास्य रचना पढ़ी - कवि ढूँढ़ ही लेते है बलि का बकरा। चाय पान नास्ते के चक्कर में वो फंस गया ससुरा।। गोविन्द्र सिंह गिदवाहा(मडावरा) (उ.प्र.) ने रचना पढ़ी-नई साल नव ब्याव। आसौं हमाऔ भव ब्याव।। कवयित्री वेदेही ने कविता सुनायी-आसमां को हरा बनादे,धरती नीली पेड़ं बैंगनी। गाड़ी ऊपर नीचे लाला कफर क्या होगा गड़बड़ झाला।। भगवत नारायण ‘रामायणी’ (देवीनगर) ने रचना पढ़ी-चल रहा चलाता रहूँ चलने में मेरी शान है। ठहर जाऊँ न कहीं, उर में यही अरमान है। यदुकुल नंदन खरे(बल्देवगढ़) के ने सुनाया-बचो इन हवाओं से कहाँ तक बचते हो। जब लड़ रहे तब शांति की बात क्यों करते हो।। प्रमोद गुप्ता ‘मृदुल’ ने सुनाया-पृथ्वी को हम माता कहते, पृथ्वी को हम शीष झुकाये। पृथ्वी का गुणगान है भारी,पृथ्वी हमको गोद बिठाये।। शायर वफ़ा शैदा ने ग़ज़ल कही - सब फ़िदा कर देंगे तुम पर आजमा कर देखलो। इक नज़र मेरी तरफ बस मुस्कुराकर देखलो।। कमलेश सेन ने रचना पढ़ी - चिड़िया रानी,चिड़िया रानी आओ खेत हमारे। वृ़क्षों के फल पकने को है,स्वाद चखों मन प्यारे।। हरबल सिंह राजपूत ने रचना पढ़ी - सबेरे से सबरये राम-राम करते ते।दूध और दही को कलेवा करते ते।। शायर अनवर खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल कही - जब ख़बर मेरे मरने की उसने सुनी। जाम पर जाम चलते रहे रात भर।। रविन्द्र यादव ने सुनाया-तुम बड़ी देर से आए हो मेरी जान यहाँ। जहाँ के शोर से उक्ता चुके थे कान यहाँ। शायर शकील खान ने ग़ज़ल कही - तुमसे मिलने आऐंगे घर,सूरज को ढल जाने दो। कर लेना बातें जी भरकर सूरज को ढल जाने दो।। प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-बैठी आन दुगइ के द्वारें रुच रुच पटियां पारें। तकता में तक तककें सूरत मन मन मुस्की मारें।। इनके अलावा कवि गोष्ठी का संचालन कमलेश सेन ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन रविन्द्र यादव ने किया। रपट-/ राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड,(भारत) मोबाइल-9893520965
309th 
 ‘म.प्र.लेखक संघ की 309वीं कवि गोष्ठी ‘नारी शक्तिकरण’ पर केन्द्रित हुई:- 

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 309वीं ‘कवि गोष्ठी’ ‘नारी सशक्तिकरण’ पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में दिनांक- 3-3-2024 को आयोजित की गयी है। 
कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कवि उमाशंकर मिश्र ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में कवयित्री श्रीमती मीरा खरे’ एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में कवयित्री मीनू गुप्ता व हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र’ रहे।
 गोष्ठी की शुरूआत कौशल किशोर चतुर्वेदी ने सरस्वती बंदना से की एवं यह गीत सुनाया- प्यार से पालो कलेजे का है,टुकड़ा बेटियाँ। माँ ही मंदिर,माँ ही मस्जि़्द माँ ही गुरुद्वारा।। राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सरस्वती जी पर दोहे पढ़े - महिला रूप अनेक है, करो सभी का मान। माँ,बेटी पत्नी भली,देवी मात समान।। कवयित्री मीरा खरे ने रचना पढ़ी-कोमल है कमज़ोर नहीं तू, शक्ति का नाम ही नारी है। जग को जीवन देने वाली,मौत भी तुझसे हारी है।। कवयित्री मीनू गुप्ता ने कविता सुनायी-शब्द ऐसे होते, जो मरहम लगाते है। पर शब्द कुछ घाव कर जाते हैं।। खरगापुर के रामबिहारी सक्सेना ने पढ़ा-है गणित सैन्य क्या मधुमास की। प्रस्फुटित हर कली आज पलाश की। रामगोपाल रैकवार ने रचना पढ़ी-नारी घर की शान है, नारी घर की आन। नारी देवी मानकर, नारी का सम्मान।। बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने सुनाया-जब तक है नारी ई जग में, तब तक दुनियादारी है। कलमेश सेन ने रचना पढ़ी - सुगंध सी है घर के आँगन में चंदन सी बेटिया। आये कोई द्वार पे तो स्वागत में अभिनंदन सी बेटिया।। प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-जबसें आए बंसत पाँबने,करबे खो पहुँनाई, फूले फिरत फूल ,भौरन की बजन लगी शहनाई।। उमाशंकर मिश्र ने सुनाया-ज़िन्दगी एक नदी, आद्योपांत। कहीं कलकल,कहीं शांत।। रविन्द्र यादव ने सुनाया- रास्ते है तुमसे और मंज़िल हे तुसमे माँ। ये चल रही जो ज़िन्दगी, हर सिससिलें है तुमसे माँ। वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- नारी से सुंदर जगत खूब करो सम्मान। घर की शोभा है बनी है वहघर की शान।। एस.आर. सरल ने सुनाया- कउँ पेश करें दमदारी, नर सेै कम नई नारी।। प्रमोद गुप्ता ने पढ़ा- बिटिया हे, अनमोल रतन धन, बिटिया के पग घर पर जावे।बगिया लागे उपवन।। हाजी ज़फ़र ने कलाम पढ़ा- न नाम दुनियाँ में न चाहूँ धन और दौलत को। मुझे वर दे यही माता, नमन करूँ अपने भारत को।। बल्देवगढ़ के यदुकुल नंदन खरे ने सुनाया-दुनियाँ के कुछ लोग जमीं पर क्या करते हैं। निर्धनता के बीच यहाँ कैसे रहते है।। कविगोष्ठी का संचालन रविन्द्र यादव ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन एस.आर.सरल जी ने किया। 
 --000-- रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ मोबाइल-9893520965

 

‘म.प्र.लेखक संघ की 308वीं कवि गोष्ठी ‘बसंत’ पर केन्द्रित हुई:-date-18-2-2024

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 308वीं ‘कवि गोष्ठी’ बसंत पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है।
 कवि गोष्ठी की अध्यक्षता बुजुर्ग शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में बुन्देली कवि प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ एवं विषिष्ट अतिथि के रूप में शायर शकील खान रहे। 
गोष्ठी की शुरूआत वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती बंदना ने यह गीत सुनाया गीत सुनाया- 
आया बसंत लेकर खुशबू भरी हवाएँ। 
भँवरे भी गुनगुनाएँ चलो हम भी गीत गाएँ।।

 राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सरस्वती जी पर दोहे पढ़े - रयी सरस्वती की कृपा,जुर गए ‘राना’ मित्र। 
बुन्देली भाषा बने, सब भाषन में इत्र।।

 रामगोपाल रैकवार ने रचना पढ़ी- 
तजने को तैयार है वृक्ष जो अपने पात।
 तब जाकर मिलती उसे बासंती सौगात।

 कलमेश सेन ने रचना पढ़ी - 
सबका मन हर्षाया, देखों बसंत फिर आया।

 प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-
चैक पुरे आँगन में, द्वारे बंद गए बंदरवारे।
 संगै सबइ समाज कै, जे रितुराज पधारे।। 

रविन्द्र यादव ने सुनाया-
जो झूठ सच को बराबर समझते,
वो क्या जाने आँखों का मतलब।। 

शकील खान’ ने ग़ज़ल पढ़ी-
जबसे मौसम बसंत का आया। 
प्यार सबके दिलो में छाया।। 

एस.आर. सरल ने सुनाया- 
भौंरा फलन पै मड़राने,रार कलन पैं ठाने।। 

डी.पी. शुक्ला ने सुनाया-
बेला अब बसंत की आई। 

हाजी ज़फ़र ने कलाम पढ़ा- 
न नाम दुनियाँ में न चाहूँ धन और दौलत को।
 मुझे वर दे यही माता, नमन करूँ अपने भारत को।। 

इनके अलावा डाॅ. मैथिलीशरण श्रीवावास्त (पृथ्वीपुर),गोविन्द्र सिंह गिदवाहा (मड़बरा),सत्येन्द्र जैन एवं सीताराम जी ने कवि गोष्ठी का लाइव रसास्वादन किया। 

कवि गोष्ठी का संचालन कमलेश सेन ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन लेखक संघ के सचिव रामगोपाल रैकवार’ ने किया। 

अंत में आचार्य श्री 1008 विद्यासागर महाराज के निधन एवं युवा कवि कमलेश सेन के चाचा श्री घनश्याम सेन ‘नेता’ के निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर सभी ने अपनी श्रद्धांजलि दी। 
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 रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ 
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड,(भारत) मोबाइल-9893520965
307
date7.1.2023

306th ‘म.प्र.लेखक संघ की ‘बुदेली’ पर केन्द्रित 306वीं आनलाइन कविगोष्ठी हुई:- 
date-3-12-2023 टीकमगढ़ नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्य संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 306वीं कवि गोष्ठी, आनलाइन गोष्ठी ‘वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ’़ के संयुक्त तत्वावधान में ‘बुन्देली’ पर केन्द्रित आयोजित की गई जिसमें अध्यक्षता श्री एएस.आर.सरल (टीकमगढ़) ने की एवं मुख्य अतिथि डाॅ. आर.बी. पटेल(छतरपुर) व विशिष्ट अतिथि के रूप में अंजनी कुमार चतुर्वेदी (निवाड़ी) रहे। कवि गोष्ठी का संचालन म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने दिया। कवि गोष्ठी का शुभांरभ सरस्वती वंदना से कु.आंकाक्षा नामदेव ने किया- हे शारदे माँ हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमे तार दे माँ। तू सुर की हे देवी संगीत तुझसे हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे।। नैगुवाँ से रामनंद पाठक ‘नंद’ ने सुनाया-देश और प्रदेश में लोहा इनका सबने माना है। आन वान बुन्देलखण्ड की सच पूछो तो राना है।। छतरपुर से डाॅ आर.बी. पटेल ने इक्कीसवीं सदी की संताने कविता सुनाई- आपस में बैठे ये कैसे बतयारय। सांसी-सांसी हम सबखां बतारय।। टीकमगढ़ के राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने ग़ज़ल पढ़ी- मैं तुमरौ लतरौदा माते, हो माटी को लोंदा। महल अटार हमें का करने साजौ अपनो घरौंदा।। जतारा के वरिष्ठ कवि सुभाष सिंघई जी ने बुंदेली दोहा गीतिका सुनाई- मिलत उयै वरदान है, जी घर गइया रात। लगतइ जैसे गेह में, देवी मइया रात। निवाड़ी की आशा रिछारिया ने सुनाया-जिज्जी जाड़े की रुत आई। निकरन लगी रजाई। हरे धना की खुशबू फैली,मैथी पालक नयी नवेली।। पृथ्वीपुर के कल्याणदास साहू ‘पोषक’ ने ‘मच्छर’ पर बुन्देली रचना पढ़ी- जितै-जितै है गंदगी जादां उतइ दिखात। शहर होय ये गाँव होय। सबइ जगां उतरात।। टीकमगढ़़ की डाॅ. प्रीति ंिसंह परमार ने गीत सुनाया- भुनसारे सें कड़ गए,अब लो लोटे नइँयाँ, मोड़ी-मोड़ा भूखे बैठे, गुट्टा में रोटीनइँयाँ नदनवारा के शोभाराम दांगी‘इन्दु’ने सुनाया-साइँयाँ दरस करा दो मोखां चलो चित्रकूट से धाम। विराजे कामतानाथ,सबकी पीर हरैं।। निवाड़ी के अंजनीकुमार चतुर्वेदी ने सुनाया-जाड़ौ परौ भौत, हत्यारौ,नैंया जाबे वारौ। सूखी लकरें लगा-लगा कें, जम केंकोंडों बारौ।। टीकमगढ़़ के एस.आर. ‘सरल’ने सुनाया- दरूवन की पंच्यात,उनै हम का कै दयँ। जिने गड़े ना बात उनै हम का कै दयँ।। टीकमगढ़़ कमलेश सेन ने सुनाया - करो खूब गर्राट जू फिर नइ राने ठाठ जू। जब आये घोर बुढ़ापो तक पकरे रानेखाट जू।। रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com
305th date.5.11.2023

‘गांधी जयंती’ व ‘विश्व शाकाहार दिवस’ पर कवि गोष्ठी हुई:- ‘म.प्र.लेखक संघ का 304वाँ साहित्यिक अनुष्ठान:-

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 304वीं ‘कवि गोष्ठी’‘गांधी जयंती व विश्व शाकाहार दिवस पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता बुजुर्ग शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ गीतकार शोभाराम दांगी ‘इंदु’ (नदनवारा) रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि यदुकुल नंदन खरे (बल्देवगढ़) रहे। कवि गोष्ठी का शुभारंभ कौशल किशोर चतुर्वेदी ने सरस्वती बंदना के पश्चात् यह रचना सुनायी- करती है फरियाद ये धरती कई हजारों साल।  तब होता है पैदा कोई गांधी जैसा लाल।।  मड़ाबरा़ के गोविन्द्र सिंह गिदवाहा ने सुनाया -राष्ट्र महात्मा गांधी को,जन-जन करता है नमन। लहराता तिरंगा देखकर,पुलकित होता है तन मन।। राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने शाकाहार पर दोहे सुनाएँ -रहे निरोगी वे सदा, जो करते शाकाहार। रोग पास आये नहीं, खुशी रहे परिवार।। बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने पेरोड़ी गीत  पढ़ा-जहाँ जाति धर्म पर लोग लड़े, निज माता-पिता की ध्यान नहीं..। नदनवारा के शोभाराम दंागी ने पेरोड़ी सुनाई-पल-पल में मुस्कान अगर है सुंदर गौरव जान। एक तू ही मुस्कान जगत में, मुस्कान बिना हैरान।। बल्देवगढ़ के यदुकुल नंदन खरे ने रचना सुनायी- यह चारों ओर पड़े कूड़े-कर्कट के ढे़र, गलियों और चैराहों तक में दिखाई देते है। रविन्द्र यादव पलेरा ने कविता सुनाई-हिंदू इसाई सिख,मुस्लामान नहीं हो,           तुम कुछ भी नहीं हो, अगर इंसान नहीं हो।। रामगढ़ के रामसहाय राय ने कविता पढी- अहिंसा का आज पालन नहीं हो रहा है। आज इंसा को ये क्या हो रहा है।। हाजी ज़फ़रउल्ला खां‘जफ़र ने ग़ज़ल सुनायी-माँगे दुआ मालिक से हम, खुशहाल हो मेरा वतन। सब कुछ हमें देती जमीं, सबकी मदद करता गगन।। बल्देवगढ़ के ब्रजमोहन दुवे ने रचना पढ़ी-ज्ञानी सुनो लगाकर ध्यान, राजा रानी बने किसान।। बिना बीज के पैदा कर दी है संतान।। सियाराम अहिरवार ने कविता सुनाई-बेटी को अभिशाप न समझो, बेटी भाग्य विधाता है। एस.आर. सरल ने सुनाया- पढ़त अहिंसा रोज है, सुनत अहिंसा रोज। उपदेशक ही बन रहे,अब समाज पर बोज।। द्वारिका प्रसाद शुक्ला ने कविता पढ़ी- सत्य अहिंसा से मिला हमको यह जनतंत्र।  गौरों को झुकना पड़ा फूँका ऐसा मंत्र। अनवर खान साहिल ने ग़ज़ल पढ़ी-उन्हें दो रोटी भारी लग रही थीं, वो अपनी माँ को बाहर छौड़ आए थे वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत पढ़ा-राम नाम का सुमिरन कर, जीवन पर लगा ले रे मन।। कमलेश सेन ने कविता सुनाई- जीवन के आदर्शो में पिता, मेरे संघर्षो में। तन से छाप छलकती उनकी संसो के इन तारों में।। ओमप्रकाश तिवारी कक्का’ ने पढ़ा-कक्का जीवन में सदा बोलो मीठे बोल,  जीभ हौंठ एकाग्र कर पहले लो वो तौल।। विजय मेहरा ने ‘समझदार आदमी’ व्यंग्य रचना पढ़ी। इनके अलावा प्रभुदयाल श्रीवास्तव,बिशाल कड़ा,स्वप्निल तिवारी, शालिनी सिंह,दयाली विश्वकर्मा ,अजीत सिंह आदि ने भी रचनाएँ सुनाई। कविगोष्ठी का संचालन कमलेश सेन ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया। ---0000---- रपट  राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ संपादक ‘आकांक्षा’ (हिन्दी) पत्रिका संपादक ‘अनुश्रुति’ (बुन्देली) पत्रिका अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन पीठ, टीकमगढ़ कोषाध्यक्ष-श्री वीरेन्द्र केशव साहित्य परिषद् शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.) पिनः472001 मोबाइल-9893520965 E Mail-   ranalidhori@gmail.com Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com
date-3-9-2023

 ‘म.प्र.लेखक संघ की 303वीं कवि गोष्ठी ‘शिक्षक दिवस व राज भाषा हिन्दी’ पर केन्द्रित हुई:-

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 303वीं ‘कवि गोष्ठी’ शिक्ष दिवस एवं राष्ट्रभाषा पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। 
कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि यदुकुलनंदन खरे (बल्देवगढ़) रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि रामगोपाल रैकवार एवं द्वारिका प्रसाद शुक्ला रहे।

 कवि गोष्ठी का शुभारंभ प्रमोद गुप्ता ने सरस्वती बंदना के पश्चात् यह रचना सुनायी- पढ़ो नित रामायण, सुनो नित रामयण, रामचरित मानस है, श्री राम का अयन।। 
मड़ाबरा़ के गोविन्द्र सिंह गिदवाहा ने रचना सुनायी-ंिहंदी हमारी शान है अक्षर-अक्षर में ज्ञान है। राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने दोहे सुनाएँ -शिक्षक सदैव बाँटता, निज सुगंध ज्यों फूल। उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जाते जग शूल।।

 रामगोपाल रैकवार ने दोहे पढ़े - हिंदी हमारी, अस्मिता,हिंदी से है प्यार। ंिहंदी हमारी शान है, हिंदी हो व्यवहार।। बल्देवगढ़ के यदुकुल नंदन खरे ने रचना सनुायी-आदमी अब बोना नहीं प्रयोग कर रहा हैं, अंतरिक्ष की ओर बढ़ रहा है। बम्हौरी के आयुष सिंह दांगी ने कविता सुनाई- भारत का अभिमान है ंिहंदी, भारत माँ की शान है ंिहंदी।। 

बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने गीत पढ़ा- पढ़ लिखकर घर स्वर्ग बनाएँ हम, हरें देश में तम। आज स्कूल चले हम,आज स्कूल चले हम।। 

प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-हिंदंी पे हमको दिए रत्न बहुत भरपूर, मीरा,पंत कबीर से, तुलसी केशव सूर।। हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र ने ग़ज़ल सुनायी- दुनिया न कर सकी वो करके दिशा दिया है। दिखलाई ज़फ़र सबको हिंदोस्तान की ताकत।। 
मीरा खरे ने कविता पढ़ी- जन-जन की भाषा है ंिहंदी, भारत की आशा है ंिहदी। जिसने पूरे देश को जोड़ा, वेा मजबूत कड़ी है ंिहदी।। मीनू गुप्ता ने कविता पढ़ी- हिंदी से मुस्कान है मीनू की, हिंदी से पहचान है मीनू की।। रश्मि शुक्ला ने कविता पढ़ी- वह कविता, कविता भी क्या। जिसमें प्यार का भाव न हो।। शकील खान’ ने ग़ज़ल पढ़ी-जितनी प्यारी लगती माँ-बहनों के माथे पे ंिबंदी। उतनी ही अच्छी लगती है पढ़ने लिखने में हिंदी।। अंचल खरया ने कविता पढ़ी-हर कदम आपका करेगे हे गुरुवर तेरे लिए। ज्ञान लिया है गुणगान करेगे हे गुरुवर तेरे लिए।। स्वप्निल तिवारी ने सुनाया- रात के अँधेरे से क्या डरना। ये वक़्त बीत जाने दो।। 

रामगढ़ के राम सहाय राय,डी.पी.शक्ला ‘सरस’,डी.पी.यादव, दयाली विश्वकर्मा आदि ने भी रचनाएँ सुनाई। कविगोष्ठी का संचालन प्रमोद गुप्ता ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन विजय मेहरा ने किया। 
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 रपट / राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड,(भारत) मोबाइल- 9893520965 000000000000000000000----------xxxxxxxx--------

---------- Date-6-8-2023 Tikamgarh (M.P.)

 ‘म.प्र.लेखक संघ की 302वीं कवि गोष्ठी‘देश भक्ति व राष्ट्रप्रेम’पर केन्द्रित हुई 

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 302वीं ‘कवि गोष्ठी’ राष्ट्रभक्ति व देश प्रेम पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ बुंदेली कवि श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में व्यंग्यकार श्री रामगोपाल रैकवार जी रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि श्री सियाराम अहिरवार रहे। कवि गोष्ठी का शुभारंभ वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती बंदना के पश्चात् यह गीत सुनाया गीत सुनाया- मेरे देश की कहानी बहुत है सुहानी। मेरे देश की आजादी वीरों की कुर्बानी।। उमाकशंकर मिश्र ने रचना सुनायी-कतरा कतरा हमारा वतन के लिए। अपना जीवन ही सारा वतन के लिए।। राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने शेर पढ़े - देश रक्षा के लिए खून बहाने की जगह। लहू हम दंगे-फंसादों में बहा देते है।। रामगोपाल रैकवार ने रचना पढ़ी-न बोलों बोल तुम कड़वे, जो बोलो प्यार से बोलो। जुबाँ से फल से बरसें ये ही करतार से बोलो।। मड़ाबरा़ के गोविन्द्र सिंह गिदवाहा ने रचना सनुायी- तन-मन को अर्पन कर, मर मिटे जो वतन पर। हम फहराते है तिरंगा, उन शहीदो को नमन कर।। अंचल खरया ने कविता पढ़ी-सावन आई बहार छाई, हर गलियन में फूल खिले। नदिया आई नाले लाई, हर गलियन में कीच मिले।। सियाराम अहिरवार ने कविता सुनाई- जिसने दी कुर्बानी अपनी हिंद धरा की माटी पर। उसने मरते दम तक खायी गोली अपनी दाती पर।। देवीनगर के भगवत नारायण ‘रामायणी’ ने सुनाया-साफ-सफाई करने वाली का मन व्याकुल था। माँ के संबंोधन वह भुला सकें यह मुश्किल था। प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-सब देशन सै रे, अरे न्यारों लगै हो भारत है ईकौ नाव। माथें मुकुट बँदो अरे हिमगिरि कौ, उर सागर पखारत पाँव।। कलमेश सेन ने रचना पढ़ी - धोती कुर्ता पंचा, पैरों देशी जो परिधान है। बांध सुआपा मूंड से कसलो जेई अपनी शान है।। रविन्द्र यादव ने सुनाया- वतन के वास्ते जीना जरूरी है मगर। वतन के वास्ते मरना इबादत है।। चाँद मोहम्मद अखिर’ ने ग़ज़ल पढ़ी-जब सदा आती है हक़ पे जाँ लुटाने के लिए। दिल मलचले है हमारे सर कटाने के लिए।। कौशल किशोर चतुर्वेदी ने कविता पढ़ी- तूने सब कुछ दिया है हमें ये वतन। देंगे खुशियाँ सभी को करें ये जनत।। शकील खान’ ने ग़ज़ल पढ़ी-राह में अपने वतन की सर कटाना चाहिए। वक्त पड़ने पर हमें सरहद पे जाना चाहिए। स्वप्निल तिवारी ने सुनाया- हम शिलालेख में दबे हुए नाम, पुकारे माँ भारती।। कविगोष्ठी का संचालन रविन्द्र यादव ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया। 

  राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत) मोबाइल- 9893520965

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300th 15.6.202233

‘पर्यावरण पर हुई म.प्र.लेखक संघ की ‘कवि गोष्ठी’ हुई 

 (म.प्र. लेखक संघ का 299वाँ साहित्यिक अनुष्ठान सम्पन्न)

 अवध बिहारी श्रीवास्तव की पुस्तक रामराजाय दोहावली’’ का विमोचन हुआ 

 टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 299वीं कवि गोष्ठी एवं साहित्यिक यात्रा ‘पर्यावरण’ पर केन्द्रित आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ बुंदेली कवि श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव जी ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश शासन श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव जी रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठि कवि श्री अवधबिहारी श्रीवास्तव जी रहे।

 इस अवसर पर अवधबिहारी श्रीवास्तव जी की कृति ‘रामराजाय दोहावली’’ का विमोचन अतिथियों एवं लेखक संघ के पदाधिकारियों द्वारा किया गया। 
 मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश शासन श्री ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि म.प्र. लेखक संघ बधाई का पात्र है कि उन्होंने इस दर्शनीय एवं प्राकृतिक छटा से भरपूर मनमोहन स्थल मडखेरा के सूर्य मंदिर परिसर में ‘पर्यावरण’ पर केन्द्रित कवि गोष्ठी आयोजित की है और कहा कि -‘आज रवि और कवि दोनांे एक साथ है। कवि गोष्ठी का शुभारंभ प्रमोद गुप्ता ने सरस्वती वंदना कर यह रचना से किया - सीमा पै जवान और खेत में किसान है, जै तो हमारे हाँ भारत की शान है। रामगोपाल रैकवार ने रचना सुनाई- वृक्ष देवता तुल्य हैं, वृक्षारोपण धर्म। एक वृक्ष सो पुत्र सम, वेद विदित सत्कर्म।। प्रदीप खरे ‘मंजुल’ ने चैकड़िया सुनायी- चलके बिरछा हरे लगइये, घनी छाँव में रइये।। बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने सुनाया-पशुओं से तुलना कर पशु इंसान हो गए। मानव क्यों आज हैवान हो गए।।
 टीकमगढ़ के म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने‘ पर्यावरण पर केन्द्रित दोहे सुनाए- ऐसे ही सुधरा रहे, पर्यावरण जनाब। प्रदूषण को बढ़ा सभी, करो न इसे खराब।। महानगर बनने लगे, अब तो सारे गाँव। ढूँढ़े से मिलती नहीं, वृक्षों की अब छाँव।। मड़ावरा के गोविन्द सिंह ‘गिदवाहा’ ने सुनाया-राम राम से राम नाम से, है हमारी शान ओरछा। आन वान बुन्देलखण्ड की है बड़ा वरदान ओरछा।। अनवर खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल पढ़ी- फूलों में जो रंगत है ऐसा लोग कहते हैं, सब तेरी इनायत है ऐसा लोग कहते है।। शकील खान ने ग़ज़ल पढ़ी- फूलों कैसे चाहत के फिर खिलेंगें दुनिया में। जब दिलों में नफ़रत है लोग एसेा कहते हैं।। अवध विहारी श्रीवास्तव ने कविता पढ़ी- श्री राम राजा की शोभा अप्रतिम है अनुपम । शोभा सिंधु सर्वस्व हैं, भक्तों के है सर्वोत्तम।। प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने रचना सुनाई- बंशी बाजी कृष्ण की, कालिन्दी के फूल। खिंची आय है गोपियाँ, तन की सुध बुध भूल।। रामगढ़ के राम सहाय राय ने रचना पढ़ी-हम बीते समय को सुधार रहे हैं, हम आने वाले समय की तैयारी में है। इनके अलावा गुलाब सिंह यादव ‘भाउ’ एवं ओमप्रकाश विदुआ, ने भी अपनी रचनाएँ सुनाई। कवि गोष्ठी का संचालन प्रमोद गुप्ता ‘मृदुल’ ’ने किया तथा सभी का आभार श्रीकांत श्रीवास्तव एडवोकेट मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने माना।
  राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत) मोबाइल- 9893520965