दिनांक.8.11.2015 त्ंाजी़म बज़्में अदब की मासिक नशिष्ट में अपना कलाम पढ़ते टीकमगढ़ के युवा शायर राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
मिसा तरह थीं- तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।
बडा बेदर्द आज का ये तो ज़माना है।
तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।।
सभी नेताओं ने मिल करके खाई है कसम ये भी।
हमें करके घोटाले खूब ही दौलत कमाना है।।
..राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com
मिसा तरह थीं- तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।
बडा बेदर्द आज का ये तो ज़माना है।
तमन्ना है उसी को दास्ताने ग़म सुनाना है।।
सभी नेताओं ने मिल करके खाई है कसम ये भी।
हमें करके घोटाले खूब ही दौलत कमाना है।।
..राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें