Date-23-10-2017 Tikamgarh (mp)
‘‘स्व.चतुर्भज पाठक की पुण्य तिथि मनायी गयी’’
पाठक जी ‘बुन्देलखण्ड के थे महात्मा गाँधी’’-राना लिधौरी
टीकमगढ़// स्व.श्री चतुर्भज पाठक स्मृति न्यास द्वारा स्थानीय तालदरवाजा स्थित सर्वोदय सदन में स्व.चतुर्भज पाठक की 36वीं पुण्य तिथि मनायी गयी। जिसकी अध्यक्षता म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’ ने की। इस अवसर पर पाठक जी के व्यक्तित्वएवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया एवं उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग सुनाये गये कवियों एवं साहित्यकरों ने उन्हें अपनी श्रृद्धांजलि दी। श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने उद्वोधन में श्रीमती मनोरमा शर्मा ने कहा कि-‘‘स्व.पाठक जी में दूसरों को क्षमा करने एवं क्रोध पर नियंत्रण करने की असीमित शक्ति थी उन्होंने न किसी को दबाया और न किसे से दबे।’’ आर.एस.शर्मा ने कहा कि-‘‘वे जिंदगी भर भलाई एवं परोपकार के कार्यो में व्यस्त रहे। उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया। उनकी आत्मीयता एवं अपनत्व की भावना आज भी सभी को रूलाती है।
काव्यमय श्रृद्धांजलि देते हुए राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने पढ़ा-
सर्वोदय की खूब चलाई ‘राना’ उनने आँधी।
पाठक जी ‘बुन्देलखण्ड के थे महात्मा गाँधी।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- समानव सेवा का व्रत लेकर। वहीं करेंगे जो ठानंेगे।।
ग्राम लखौरा से पधारे बुंदेली कवि गुलाब सिंह भाऊ ने सुनाया-कै दिन करो बहाने,
सखी री एक दिन सासुरे जाने।ं।
सीताराम राय ने पढ़ा- आप सरिस ढूँढ़ों कहाँ जाई, तब तुऐ तनय होव में आई।।
डी.पी.शुक्ला ने पढ़ा- नहीं करते थे वे आराम। ऐसे महापुरूष को मेरा शत्-शत् प्रणाम।
विजय पाठन ने कहा कि- करो तुम काम कुछ ऐसा कि दुनिया प्यारे दे तुमको।। इस मौके पर बी.के सक्सेना, राजीव नामदेव,विजय सिंह,एस.के सिंह, एस.आर.बादल,रामश्री चन्सौरिया, ए.के. अवस्थी, आर.एस.चतुर्वेदी, के.एल. राजपूत, जी.आर. नामदेव, बी.के.शर्मा आदि सहित अनके साहित्यकार,कवि एवं गणमानय नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया ने किया तथा सभी का। आभार आर.एस.शर्मा ने व्यक्त किया।
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी‘‘
अध्यक्ष-म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़
rajeev namdeo rana lidhori
‘‘स्व.चतुर्भज पाठक की पुण्य तिथि मनायी गयी’’
पाठक जी ‘बुन्देलखण्ड के थे महात्मा गाँधी’’-राना लिधौरी
टीकमगढ़// स्व.श्री चतुर्भज पाठक स्मृति न्यास द्वारा स्थानीय तालदरवाजा स्थित सर्वोदय सदन में स्व.चतुर्भज पाठक की 36वीं पुण्य तिथि मनायी गयी। जिसकी अध्यक्षता म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’ ने की। इस अवसर पर पाठक जी के व्यक्तित्वएवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया एवं उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग सुनाये गये कवियों एवं साहित्यकरों ने उन्हें अपनी श्रृद्धांजलि दी। श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए अपने उद्वोधन में श्रीमती मनोरमा शर्मा ने कहा कि-‘‘स्व.पाठक जी में दूसरों को क्षमा करने एवं क्रोध पर नियंत्रण करने की असीमित शक्ति थी उन्होंने न किसी को दबाया और न किसे से दबे।’’ आर.एस.शर्मा ने कहा कि-‘‘वे जिंदगी भर भलाई एवं परोपकार के कार्यो में व्यस्त रहे। उन्होंने कभी किसी का दिल नहीं दुखाया। उनकी आत्मीयता एवं अपनत्व की भावना आज भी सभी को रूलाती है।
काव्यमय श्रृद्धांजलि देते हुए राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने पढ़ा-
सर्वोदय की खूब चलाई ‘राना’ उनने आँधी।
पाठक जी ‘बुन्देलखण्ड के थे महात्मा गाँधी।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- समानव सेवा का व्रत लेकर। वहीं करेंगे जो ठानंेगे।।
ग्राम लखौरा से पधारे बुंदेली कवि गुलाब सिंह भाऊ ने सुनाया-कै दिन करो बहाने,
सखी री एक दिन सासुरे जाने।ं।
सीताराम राय ने पढ़ा- आप सरिस ढूँढ़ों कहाँ जाई, तब तुऐ तनय होव में आई।।
डी.पी.शुक्ला ने पढ़ा- नहीं करते थे वे आराम। ऐसे महापुरूष को मेरा शत्-शत् प्रणाम।
विजय पाठन ने कहा कि- करो तुम काम कुछ ऐसा कि दुनिया प्यारे दे तुमको।। इस मौके पर बी.के सक्सेना, राजीव नामदेव,विजय सिंह,एस.के सिंह, एस.आर.बादल,रामश्री चन्सौरिया, ए.के. अवस्थी, आर.एस.चतुर्वेदी, के.एल. राजपूत, जी.आर. नामदेव, बी.के.शर्मा आदि सहित अनके साहित्यकार,कवि एवं गणमानय नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन वीरेन्द्र कुमार चंसौरिया ने किया तथा सभी का। आभार आर.एस.शर्मा ने व्यक्त किया।
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी‘‘
अध्यक्ष-म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़
rajeev namdeo rana lidhori