‘‘भक्ति सागर’’ का हुआ विमोचन
म.प्र. लेखक संघ का हुआ ‘कवि सम्मेलन’
(बल्देवगढ़,जतारा,नदनवारा,मडखेरा,सिमरा,लखौरा,पठा,कुण्ड़ेश्वर से आये कवि)
टीकमगढ़//नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था ‘म.प्र.लेखक संघ’ जिला इकाई टीकमगढ़ का 228वाँं कवि सम्मेलन ‘अंिहंसा एवं ‘वृद्ध जन’ पर केन्द्रित डे केयर राजमहल परिसर में आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि टीकमगढ़ कलेक्टर श्री अभिजीत अग्रवाल जी रहे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प.हरिविष्णु अवस्थी ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचासयत अध्यक्ष श्री पर्वतलाल अहिरवार,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राकेश गिरि गोस्वामी,पं.हरिदास जी महाराज मंचासीन रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कलेक्टर महोदय श्री अभिजीत अग्रवाल द्वारा ‘म.प्र.लेखक संघ’ द्वारा प्रकाशित कवि श्री सीताराम राय ‘सरल’ की पुस्तक ‘भक्ति सागर’ का विमोचन किया गया। तत्पश्चात म.प्र. लेखक संघ द्वारा ‘कवि सम्मेलन’हुआ जिसका शुभारंभ
वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती वंदना करते हुए यह रचना पढ़ी-
चारों ओर अंधेरा है माया ने घेरा है।
ज्ञान का दिया मन में जला दीजिए।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि यदुकल नंदन खरे ने सुनाया-
इस तरह स्थिति में अंहिसा का सहारा है।
लोगों के लिए यही सहारा है।।
नदनवारा से पधारे गीताकर शोभाराम दांगी‘इन्दु’ ने सुनाया-
बेई मिट्टी बेई खान हते भौतउ ज्वान।
रामकृष्ण गौतम गांधी की राखें रइयों आन।।
जतारा से पधारे युवा कवि महेन्द्र चैधरी ने सुनाया-
शीश काटकर तड़फाया जाता है वीर जवानों को।
आ जाती है नींदे कैसे सत्ता के प्रधानों को।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमल चन्द्र बजाज ने पढ़ा-
बापू आये सूर्यबनकर धर प्रभात का रूप।
आजादी के जल उठे दीपक दिव्य स्वरूप।।
लखौरा से पधारे बुन्देली कवि गुलाब ंिसंह यादव ‘भाऊ’ने पढ़ा-
पाप की जड़ नाग फांस है मनुवा।
हिंसा छोड़ अपननो अंहिसा है अनुवा।।
जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बुजुर्गो पर ग़ज़ल पढ़ी -
जिस घर में बुजुर्गो का सम्मान नहीं होता।
उस घर में कभी ईश्वर मिहरवान नहीं होता।।
सीताराम राय ने सुनाया- अँगना में चाँद प्यारा त्रिशिला की गोद आया।
धरती मगन है सब ओर रंग छाया।।
सिमरा से पधारे कवि रविन्द्र यादव ने पढ़ा- माँ बहन कि लाज बनो मेरा सपना है।
रोते हुए की मुस्कान बनों मेरा सपना है।।
मडखेरा से पधारे कवि जमुना नामदेव ने पढ़ा- रोम-रोम में गाय के बसे देव महादेव।
लक्ष्मी सदैव विष्णु वसे पूजा करो सदैव।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- गजब जमाना आया भैया बन जाये कुछ बात।
सियाराम अहिरवार ने पढ़ा- उखडन से उपजी नीरसता मन जीवन से ऊब गया,
नहीं रहा उद्देश्य दृढ़ तो मन जीवन से टूट गया।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा- धर्म और धंधे एक हो गये सचिन संचिदाननंद हो गये।।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने पढ़ा- देखो तुम न इतै खों देखों तनक उतै खौ देखो।
इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष अभय प्रताप ंिसंह यादव, कपूर चन्द्र घुवारा,राजेन्द्र पस्तोर, भगवानदास वर्मा, डाॅ.दुर्गेश दीक्षित,टी.सी शर्मा, विजय मेहरा,रामगोपाल रैकवार,अजीत श्रीवास्तव,हाजी जफ़र उल्ला खां जफर,एन.डी.सोनी, दयाली विश्वकर्मा, रामेश्वर राय परदेशी, बाल मुकुन्द प्रजापति डे केयर, पूरनचन्द्र गुप्ता,दीनदयाल तिवारी, प्रभुदयाल गुप्ता साहित भारी संख्या में जन समूह आदि उपस्थित रहा। गोष्ठी का संचालन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया तथा सभी आभार गीतकार सीताराम राय ‘सरल’ ने माना। ---
रिपोर्ट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,टीकमगढ़
अध्यक्ष- म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़
मोबाइल-9893520965
म.प्र. लेखक संघ का हुआ ‘कवि सम्मेलन’
(बल्देवगढ़,जतारा,नदनवारा,मडखेरा,सिमरा,लखौरा,पठा,कुण्ड़ेश्वर से आये कवि)
टीकमगढ़//नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था ‘म.प्र.लेखक संघ’ जिला इकाई टीकमगढ़ का 228वाँं कवि सम्मेलन ‘अंिहंसा एवं ‘वृद्ध जन’ पर केन्द्रित डे केयर राजमहल परिसर में आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि टीकमगढ़ कलेक्टर श्री अभिजीत अग्रवाल जी रहे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार प.हरिविष्णु अवस्थी ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचासयत अध्यक्ष श्री पर्वतलाल अहिरवार,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष राकेश गिरि गोस्वामी,पं.हरिदास जी महाराज मंचासीन रहे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कलेक्टर महोदय श्री अभिजीत अग्रवाल द्वारा ‘म.प्र.लेखक संघ’ द्वारा प्रकाशित कवि श्री सीताराम राय ‘सरल’ की पुस्तक ‘भक्ति सागर’ का विमोचन किया गया। तत्पश्चात म.प्र. लेखक संघ द्वारा ‘कवि सम्मेलन’हुआ जिसका शुभारंभ
वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती वंदना करते हुए यह रचना पढ़ी-
चारों ओर अंधेरा है माया ने घेरा है।
ज्ञान का दिया मन में जला दीजिए।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि यदुकल नंदन खरे ने सुनाया-
इस तरह स्थिति में अंहिसा का सहारा है।
लोगों के लिए यही सहारा है।।
नदनवारा से पधारे गीताकर शोभाराम दांगी‘इन्दु’ ने सुनाया-
बेई मिट्टी बेई खान हते भौतउ ज्वान।
रामकृष्ण गौतम गांधी की राखें रइयों आन।।
जतारा से पधारे युवा कवि महेन्द्र चैधरी ने सुनाया-
शीश काटकर तड़फाया जाता है वीर जवानों को।
आ जाती है नींदे कैसे सत्ता के प्रधानों को।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमल चन्द्र बजाज ने पढ़ा-
बापू आये सूर्यबनकर धर प्रभात का रूप।
आजादी के जल उठे दीपक दिव्य स्वरूप।।
लखौरा से पधारे बुन्देली कवि गुलाब ंिसंह यादव ‘भाऊ’ने पढ़ा-
पाप की जड़ नाग फांस है मनुवा।
हिंसा छोड़ अपननो अंहिसा है अनुवा।।
जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बुजुर्गो पर ग़ज़ल पढ़ी -
जिस घर में बुजुर्गो का सम्मान नहीं होता।
उस घर में कभी ईश्वर मिहरवान नहीं होता।।
सीताराम राय ने सुनाया- अँगना में चाँद प्यारा त्रिशिला की गोद आया।
धरती मगन है सब ओर रंग छाया।।
सिमरा से पधारे कवि रविन्द्र यादव ने पढ़ा- माँ बहन कि लाज बनो मेरा सपना है।
रोते हुए की मुस्कान बनों मेरा सपना है।।
मडखेरा से पधारे कवि जमुना नामदेव ने पढ़ा- रोम-रोम में गाय के बसे देव महादेव।
लक्ष्मी सदैव विष्णु वसे पूजा करो सदैव।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- गजब जमाना आया भैया बन जाये कुछ बात।
सियाराम अहिरवार ने पढ़ा- उखडन से उपजी नीरसता मन जीवन से ऊब गया,
नहीं रहा उद्देश्य दृढ़ तो मन जीवन से टूट गया।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा- धर्म और धंधे एक हो गये सचिन संचिदाननंद हो गये।।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने पढ़ा- देखो तुम न इतै खों देखों तनक उतै खौ देखो।
इसके अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष अभय प्रताप ंिसंह यादव, कपूर चन्द्र घुवारा,राजेन्द्र पस्तोर, भगवानदास वर्मा, डाॅ.दुर्गेश दीक्षित,टी.सी शर्मा, विजय मेहरा,रामगोपाल रैकवार,अजीत श्रीवास्तव,हाजी जफ़र उल्ला खां जफर,एन.डी.सोनी, दयाली विश्वकर्मा, रामेश्वर राय परदेशी, बाल मुकुन्द प्रजापति डे केयर, पूरनचन्द्र गुप्ता,दीनदयाल तिवारी, प्रभुदयाल गुप्ता साहित भारी संख्या में जन समूह आदि उपस्थित रहा। गोष्ठी का संचालन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया तथा सभी आभार गीतकार सीताराम राय ‘सरल’ ने माना। ---
रिपोर्ट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,टीकमगढ़
अध्यक्ष- म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़
मोबाइल-9893520965
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