राजीव नामदेव "राना लिधौरी" हास्य, व्यंग्यकार, ग़ज़लकार,हाइकुकार, लेखक संपादक "आकांक्षा" पत्रिका अध्यक्ष -मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ पूर्व मंत्री- अ.भा.बुंदेलखंड़ साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़ डायरेक्टर "आकांक्षा" पब्लिक स्कूल टीकमगढ़ तीन राज्यपालों द्वारा सम्मानित, शताधिक सम्मान प्राप्त। 6पुस्तकें प्रकाशित,13का, 300कवि सम्मेलन में भागीदारी पता- नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र )भारत मोबाइल +91- 9893520965 Email ranalidhori@gmail.com
Rajeev Namdeo Rana lidhorI
शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019
बुधवार, 25 दिसंबर 2019
गुरुवार, 5 दिसंबर 2019
समर्पयामि फाउण्डेशन द्वारा ‘हाइकु’ पर कार्यशाला ‘विश्व हाइकु दिवस 4-12-2019 Tikamgarh
समर्पयामि फाउण्डेशन द्वारा ‘हाइकु’ पर कार्यशाला
‘विश्व हाइकु दिवस 4-12-2019 Tikamgarh
टीकमगढ़// समर्पयामि फाउण्डेशन के परिचर्चा मंच में ‘विश्व हाइकु दिवस’ पर एक कार्यशाला व गोष्ठी आयोजित की गयी कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्जवल कर हाइकु रचना में बुन्देली के प्रथम हाइकुकार राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने सरस्वती वंदना के हाइकु पढ़े। कार्यशाला के अध्यक्ष केशव की अध्यक्षता में टीकमगढ़ जिले के विद्वान त्रय हाइकुकार राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’, रामगोपाल रैकवार एवं अभिनंदन गोइल द्वारा समीक्षा विद्वान का पद ग्रहण किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ‘हाइकु की कार्यशाला’ पर समर्पयामि फाउण्डेशन अध्यक्ष द्वारा हाइकु रखना,शिल्प एवं इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। तत्पश्चात् उमाशंकर मिश्र ने संचालन की
बागडोर संभाली। तीनों समीक्षा विद्वानों द्वारा हाइकु के जन्म, इतिहास व कम अक्षरों में प्रभावशाली बात कह देने की उपयोगिता पर वक्तव्य दिया।
कार्यशाला की समीक्षा करते हुए अभिदंन गोयइल व रामगोपाल रैकवार के अभिकल्पन अवधारणा की भूरि-भूरि प्रशंसा की, दो हायकु संग्रह ‘रजनीगंधा’ एवं नौनी लगे बुन्देली’ के सृजनकर्ता राजीव नामदेव राना लिधौरी ने बताया कि यह प्रदेश में हाइकु पर होने वाली पहली कार्यशाला है इससे पहले म.प्र. में इस प्रकार की कार्यशाला नहीं हुई है। इस कार्यशाला से हमें चार नये हाइकुकार मिले है इस प्रकार के आयोजन से और भी नये हाइकु लेखक उभर कर सामने आयंेगे। इस कार्यशाला में जहाँ प्रत्येक हाइकुकारो के हाइकुओं पर समीक्षा की गयी उन्हें हाइकु लेखन के बारीरियाँ बतायी हैं। उमापाराशर ने ऐसे कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम की संयोजिका गीतिका वेदिका ने बताया कि समर्पयामि फाउण्डेशन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिबद्ध है।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने हाइकु सुनाये-देश खतरा/गांधी जी के बंदरा/ भये पथरा।।
ढूँढे निगाहें/ कातिल यहाँ कौन/सब है मौन।।
आज का प्रैम/ अश्लीलता से भरा/ पाप का घड़ा।।
रामगोपाल रैकवार ने सुनाया- हाइकु क्या है/जीवन अनुभव/कम शब्दों में।
खस्ता करारे/काजू नहीं जनाब/नेता हमारे।।
अभिनंदन गोइल ने सुनाया- हे शारदा माँ/शीतल बहार सा/सुविचार दे
कथाकार श्री महेन्द्र भीष्म जी ने आॅन लाइन चैन्ने से हाइकु सुनाये-संग पढ़ेगे/ समता मूलक पाठ/ संग बढेगे।।
ना पाया नेह/ मुझको क्यों बनाया/ अधूरी देह।।
गीतिका वेदिका ने सुनाया- अंधेरा जीता/छिटेकती रोशनी/जीवन बीता।
ढिक लीपती/अथिति आगमन/जगायी ज्योति।।
उमाश्ंाकर मिश्र ने सुनाया-जिन्दगी नदी/बहती चली जाती/राह बनाती।
चाँद मोहम्मद आखिर ने सुनाया- नहीं रहेगा/जीवन सुखमय/किया गुनाह।
योगेन्द्र तिवारी ने सुनाया-न्याय हो कब/आश लगी है अब/जीवन खत्म।।
विशिष्ट गुप्ता ने पढा-कहना चाहा/पर कह ना पाया/सोचा बहुत।
पूरनचन्द्र गुप्ता ने हाइकु सुनाया-गीता गायन/मिलती खूब शिक्षा/ हे नारायण।
राहुल पाराशर ने सुनाया- कभी गोष्ठी/कभी कागज पर/ समीक्षा लिखी।
राजेन्द्र चतुर्वेदी ने सुनाया-सोच विचार/विशुद्ध करो यार/जग सुधरे।
इस अवसर पर कथाकार महेन्द्र भीष्म ने चैन्ने से एवं अनुभा अग्रवाल झाँसी ने भी आनलाइन आकर अपने हाइकु सुनाये।
अंत में उमा पाराशर एवं टिकू द्वारा सभी को मिट्टी के बर्तनों में अल्पाहार कराया। कार्यशाला का संचालन उमाशंकर ने किया तथा सभी आभार संयोजन एवं समर्पयामि की निर्देशिका गीतिका वेदिका ने माना।
- रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com
haiku karyashala
‘विश्व हाइकु दिवस 4-12-2019 Tikamgarh
टीकमगढ़// समर्पयामि फाउण्डेशन के परिचर्चा मंच में ‘विश्व हाइकु दिवस’ पर एक कार्यशाला व गोष्ठी आयोजित की गयी कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्जवल कर हाइकु रचना में बुन्देली के प्रथम हाइकुकार राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने सरस्वती वंदना के हाइकु पढ़े। कार्यशाला के अध्यक्ष केशव की अध्यक्षता में टीकमगढ़ जिले के विद्वान त्रय हाइकुकार राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’, रामगोपाल रैकवार एवं अभिनंदन गोइल द्वारा समीक्षा विद्वान का पद ग्रहण किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ‘हाइकु की कार्यशाला’ पर समर्पयामि फाउण्डेशन अध्यक्ष द्वारा हाइकु रखना,शिल्प एवं इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया। तत्पश्चात् उमाशंकर मिश्र ने संचालन की
बागडोर संभाली। तीनों समीक्षा विद्वानों द्वारा हाइकु के जन्म, इतिहास व कम अक्षरों में प्रभावशाली बात कह देने की उपयोगिता पर वक्तव्य दिया।
कार्यशाला की समीक्षा करते हुए अभिदंन गोयइल व रामगोपाल रैकवार के अभिकल्पन अवधारणा की भूरि-भूरि प्रशंसा की, दो हायकु संग्रह ‘रजनीगंधा’ एवं नौनी लगे बुन्देली’ के सृजनकर्ता राजीव नामदेव राना लिधौरी ने बताया कि यह प्रदेश में हाइकु पर होने वाली पहली कार्यशाला है इससे पहले म.प्र. में इस प्रकार की कार्यशाला नहीं हुई है। इस कार्यशाला से हमें चार नये हाइकुकार मिले है इस प्रकार के आयोजन से और भी नये हाइकु लेखक उभर कर सामने आयंेगे। इस कार्यशाला में जहाँ प्रत्येक हाइकुकारो के हाइकुओं पर समीक्षा की गयी उन्हें हाइकु लेखन के बारीरियाँ बतायी हैं। उमापाराशर ने ऐसे कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए शुभकामनाएँ दी। कार्यक्रम की संयोजिका गीतिका वेदिका ने बताया कि समर्पयामि फाउण्डेशन साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रतिबद्ध है।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने हाइकु सुनाये-देश खतरा/गांधी जी के बंदरा/ भये पथरा।।
ढूँढे निगाहें/ कातिल यहाँ कौन/सब है मौन।।
आज का प्रैम/ अश्लीलता से भरा/ पाप का घड़ा।।
रामगोपाल रैकवार ने सुनाया- हाइकु क्या है/जीवन अनुभव/कम शब्दों में।
खस्ता करारे/काजू नहीं जनाब/नेता हमारे।।
अभिनंदन गोइल ने सुनाया- हे शारदा माँ/शीतल बहार सा/सुविचार दे
कथाकार श्री महेन्द्र भीष्म जी ने आॅन लाइन चैन्ने से हाइकु सुनाये-संग पढ़ेगे/ समता मूलक पाठ/ संग बढेगे।।
ना पाया नेह/ मुझको क्यों बनाया/ अधूरी देह।।
गीतिका वेदिका ने सुनाया- अंधेरा जीता/छिटेकती रोशनी/जीवन बीता।
ढिक लीपती/अथिति आगमन/जगायी ज्योति।।
उमाश्ंाकर मिश्र ने सुनाया-जिन्दगी नदी/बहती चली जाती/राह बनाती।
चाँद मोहम्मद आखिर ने सुनाया- नहीं रहेगा/जीवन सुखमय/किया गुनाह।
योगेन्द्र तिवारी ने सुनाया-न्याय हो कब/आश लगी है अब/जीवन खत्म।।
विशिष्ट गुप्ता ने पढा-कहना चाहा/पर कह ना पाया/सोचा बहुत।
पूरनचन्द्र गुप्ता ने हाइकु सुनाया-गीता गायन/मिलती खूब शिक्षा/ हे नारायण।
राहुल पाराशर ने सुनाया- कभी गोष्ठी/कभी कागज पर/ समीक्षा लिखी।
राजेन्द्र चतुर्वेदी ने सुनाया-सोच विचार/विशुद्ध करो यार/जग सुधरे।
इस अवसर पर कथाकार महेन्द्र भीष्म ने चैन्ने से एवं अनुभा अग्रवाल झाँसी ने भी आनलाइन आकर अपने हाइकु सुनाये।
अंत में उमा पाराशर एवं टिकू द्वारा सभी को मिट्टी के बर्तनों में अल्पाहार कराया। कार्यशाला का संचालन उमाशंकर ने किया तथा सभी आभार संयोजन एवं समर्पयामि की निर्देशिका गीतिका वेदिका ने माना।
- रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965
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haiku karyashala
रविवार, 1 दिसंबर 2019
म.प्र.लेखक संघ के कवि सम्मेलन न समां बांधा- Date 1-12-2019 Tikamgarh (M.P.)255th
kavi sammelan tikamgarh म.प्र.लेखक संघ के कवि सम्मेलन न समां बांधा- Date 1-12-2019 Tikamgarh (M.P.)
(भोपाल, सागर,पृथ्वीपुर,जतारा,बल्ेदवगढ़ से पधारे कवि)
अमर शहीद नारायणदास खरे को किया याद
255th kavi gosthi
टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की बेनर तले वीर रस पर कवि सम्मेलन ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़ में आयोजित किया गया। अध्यक्षता भोपाल से पधारे युवा कवि श्री मुकेश कबीर ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पृथ्वीपुर से आये कवि डाॅ. राजेश पाठक रहे व विशिष्ट अतिथि जतारा से पधारे ओज कवि श्री महेन्द्र चैधरी व सागर से पधारे प्रो. डाॅ. राम राज उपाध्याय रहे।
माँ सरस्वती की बंदना के पश्चाात् कवि सीताराम राय ‘परदेशी’ ने रचना पढ़ी-
भारत खों आजाद करावे जान की दई कुर्वानी,
अमर शहीद नारायण दास जी हो गई अमर कहानी।।
भोपाल से आये कवि मुकेश कबीर पढ़ा- बेटियों को बचायेगा कौन, जब रेप करने वाले विधायक हुए।
जतारा के ओज कवि’ महेन्द्र चैधरी ने वीर रस में पढ़ा- जहाँ वृद्धाआश्रम में माता को छोड़ दिया जाता।
जन्म जननी से नाता पल में तोड़ दिया जाता।।
जहाँ जुएँ में दाब लगा देवी का चैसर गोटी में।
जहाँ इज्ज़त भी बिक जाती है भूख मिटाने रोटी में।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ग़ज़ल सुनायी-
देश रक्षा के लिए खून बहाने की जगह,लहू हम दंगे फंसादों में बहा देते है।।
हम तो सहते है ज़माने के सितम हँस-हँसकर,हम नहीं हो जिन्हें हालात रूला देते है
बल्देवगढ़ से पधारे यदुकुल नंदन खरे ने पढ़ा- जन जीवन में प्रीति जगाने, कब आओगे मरे राम।।
शिवचरण उटमालिया ने ग़ज़ल पढ़ी-कहीं पे दिल नहीं लगता है, दिलरूबा के बगैंर।
कहाँ पे ढूँढ़ने जाऊँ उसे, पता के बगै़र।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- मानव बनकर धरा धाम पर आये थे श्रीराम।
जो उनके आदर्श निभाये,पूर्ण होये सब काम।।
दयालीराम विश्वकर्मा ने पढ़ा- आ गए राम विवाह के लाने, न इतनों घबराने।।
पूरन चन्द्र गुप्ता ‘पूरन’ ने पढ़ा- चले गुरू संग विश्वामित्र के धनुष यज्ञ मण्डप छाये।
तोड़ा धनुष राम ने जबही सिय स्वयंवर वर लाये।।
इनके अलावा डाॅ.राम राजा पाठक सागर, डाॅ. प्रतिमा यादव भोपाल, डाॅ. राजेश पाठक पृथ्वीपर, डाॅ. एन.एम. अवस्थी, पं.हरिविष्णु अवस्थी, विजय मेहरा, राजीव नामदेव, अजीत श्रीवास्तव,कौशल किशोर भट््ट, डाॅ. हरिहर यादव, आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायीं। ग़ज़ल गोष्ठी का संचालन अजीत श्रीवास्तव ने किया तथा सभी का आभार विजय मेहरा श्रीवास्तव ने माना।
- रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965
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