Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 6 जुलाई 2023

Laxmi Prasad mistri rama smrati vyakhayan and। kavi sammelan Tikamgarh, sahitya acadmi Bhopal

 ‘रमा’ की स्मृति में हुआ व्याख्यान व कवि सम्मेलन
 साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, का भव्य आयोजन 

 टीकमगढ़/ साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्,मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग का द्वारा बुंदेली गौरव गान लक्ष्मी प्रसाद मिस्त्री ‘रमा’ की स्मृति में व्याख्यान माला एवं कवि सम्मेलन का अयोजन किया गया इस गरिमामय कार्यक्रम की वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिविष्णु अवस्थी जी ने की जबकि मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ. विकास दवे जी रहे, जबकि व्याख्यान वरिष्ठ बंुदेली कवि श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ जी ने दिया। प्रथम सत्र में श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ जी ने लक्ष्मी प्रसाद मिस्त्री ‘रमा’ की स्मृति प्रसंग अपना व्याख्यान दिया और श्री रमा जी की रचनाओं का सुमधुर कंठ से वाचन किया। अपने अध्यक्षीय उद्वोधन में पं. हरिविष्णु अवस्थी जी ने बताया कि रमा जी को बुन्देली माटी का लाड़ला रचनाधर्मी माना जाता है। ये मुंशी प्रेमचन्द्र के समकालीन माने जाते है। अपने स्वागत भाषण में निदेशक डाॅ. विकास दवे जी ने कहा कि- श्री लक्ष्मी प्रसाद मिस्त्री ‘रमा’ जी हमारे बुन्देलखण्ड के ऐसे साहित्यकार रहे है जिन्होंने अपना सारा जीवन लोक संस्कृति एवं बोलियों में लगा दिया है। परन्तु इन्हें भूला दिया गया है साहित्य अकादमी ने ऐसे विस्मृत साहित्यकार को स्मरण करने के लिए यह आयोजन टीकमगढ़ में किया है। दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसका संचालन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया कवि सम्मेलन का शुभारभ्ंा-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने सरस्वती वंदना से किया मेरी माँ मुझको वर देना करूँ मैं ज्ञान की बाते। जुवाँ पर नाम तेरा हो कलम शान की बातें।। युवा श्री रविन्द्र यादव (पलेरा) ने रचना पढ़ी-दुनिया में कुछ लोग बहुत ही अच्छे है। दुनिया को बदनाम नहीं कर सकते हम।। डाॅ. गणेश राय (दमोह) ने बुन्देनी में हास्य रचनाएँ सुनाकर खूब वाहवाही लूटी- तुम ई में न परो... अंधकार बस्ती को मिटाबै के लानें, घर हमें अपनों तिनका-तिनका जलाने। कौर दूसरे के मुँह कौ छीन के, थाली हमें अपनी व्यंजनों की नई सजाने।। श्री राजेन्द्र विदुआ (टीकमगढ़) ने बुन्देली रचना सुनाई- बुन्देलखण्ड की गौरवगाथा कालौं जात बखानी। अंग्रेजन पे भारी पड गव, बुन्देली पानी। श्री रामगोपाल रैकवार (टीकमगढ़) गीत पढ़ा- सावन के वदरा रैय रैय वरस रय। श्री नितेश व्यास (बेगमगंज) ने रचना सुनाई- बहुत मजा आत है कुमार चंदन भोपाल ने रचना पढ़ी- सारे तीरथ माँ के चरणों में चारों धाम मिले। श्री मोहक नायक (ओरछा) ने राम पर केन्द्रित रचना पढ़ी। जनता एवं सुधी श्रोताओं ने देर रात तक कवि सम्मेलन का लुत्फ उठाया । अंत में साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ. विकास दवे जी ने आज के कार्यक्रम की सफलता पर ं स्थानीय संयोजक मैं राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ को हार्दिक बधाई दी। /

 राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ 
 संपादक ‘आकांक्षा’ (हिन्दी) पत्रिका संपादक ‘अनुश्रुति’ (बुन्देली) पत्रिका अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन पीठ, टीकमगढ़ कोषाध्यक्ष-श्री वीरेन्द्र केशव साहित्य परिषद् शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.) पिनः472001 मोबाइल-9893520965

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