Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 6 नवंबर 2023

म.प्र.लेखक संघ की ‘दिवाली’ पर केन्द्रित 305वीं आनलाइन कविगोष्ठी

 ‘म.प्र.लेखक संघ की ‘दिवाली’ पर केन्द्रित 305वीं आनलाइन कविगोष्ठी हुई:- 

 टीकमगढ़ नगर की सर्वाधिक सक्रिय साहित्य संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 305वीं कवि गोष्ठी, आनलाइन गोष्ठी दीपावली पर केन्द्रित आयोजित की गई जिसमें अध्यक्षता श्री सुभाष सिंघई जी (जतारा) ने की एवं मुख्य अतिथि संतोष कुमार ‘माधव’ कबरई (महेाबा) व विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती नीलांजलि पाण्डे (झाँसी) एवं कल्याण दास साहू ‘पोषक’(पृथ्वीपुर) रहे।
 कवि गोष्ठी का संचालन म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने दिया। 
 कवि गोष्ठी का शुभांरभ सरस्वती वंदना से कु.आंकाक्षा नामदेव ने किया- हे शारदे माँ हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमे तार दे माँ। जतारा के वरिष्ठ कवि सुभाष सिंघई जी ने बुंदेली दोहा सुनाए- हाल चाल सब न्यारो है बुधुआ सबको प्यारो है। कनवा राजा सगुन देख रऔ,दिया तरे अँदयारौं है।। कबरई महोबा के संतोष कुमार ‘माधव’ ने कविता सुनाई- आओ मित्रों नवाचार कर,गीत लिखें दीवाली में। दुश्मन के दिल प्रीत जगाकर,जीत लिखें दीवाली में।। राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने व्यंग्य सुनाए- जब दिवाली आयी लोगों को लक्ष्मी जी की फिर याद आयी। तिजौरी से निकालकर पूजा, ले न जाये कहीं कोई दूजा।। निवाड़ी की आशा रिछारिया ने सुनाया-छोटे-छोटे बोल करुँगा बातें प्यारी। दादा जी की पीठ करुँगा एक सवारी।। बल्दवेगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने गीत सुनाया- मौसम की मीठी बानगी आनंद लाएगी,जब तिमिर हरन तिरिया दीपक जलाएगी। झाँसी की नीलांजलि पाण्डे ने सुनाया-ऐसा दीप जलाएँगे,कश्मीर से कन्याकुमारी ज्योतिर्मय बनाएँगे। सीमा की हर एक चौकी को हम दीपों जगमगाएँगे।। नदनवारा के शोभाराम दांगी ‘इन्दु’ ने सुनाया-आ गई आज दिवाइ कलिया घी के दिया जलालो। राम लखन सीता सग लौटे खुशियाँ खूब मनालो।। पृथ्वीपुर के आशाराम वर्मा ‘नादान’ ने सुनाया-दीप से दीप जलाओ यारो, जगमग होय दिवाली। भूखे को भरपेट खिलाओ, जगमग होय दिवाली।। निवाड़ी के अंजनीकुमार चतुर्वेदी ने सुनाया-सारे जग के धनवानों का है गरीब से मेल नहीं। कैसे मने दिवाली उनकी जिनके घर में तेल नहीं।। नैगुवा से रामनंद पाठक ‘नंद’ ने सुनाया - दरसन चित्रकूट के पाए,हृदय कमल हरसाए। तुलसीदास घिसें चंदन,रघुनंदन तिलक लगाए।। पृथ्वीपुर के कल्याणदास साहू ‘पोषक’ ने बुन्देली रचना पढ़ी- भैया! मन कौ कूरा उवारौ, हुइयै भौत उवारौ। काम, क्रोध मद लोभ मोह की, रगदा खों फटकारौ।। कमलेश सेन ने सुनाया - आई दिवारी करो तैयारी राम लला खौ आने है। चौदह वरस बिताए वन में अब घर में दिया जलाने है।। / राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड,(भारत) मोबाइल- 9893520965

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