(जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़)
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) भारत
मोबाइल- +91-9893520965
Rajeev Namdeo Rana lidhori
*हिंदी दोहे - सिद्ध*
सिद्ध सकल परमात्मा,अंतरयामी रूप।
खुद ही जग के भूप है ,दिखते दिव्य अनूप।।
#राना बनते सिद्ध है,जो होते है संत।
करें तपोबल से सदा,अपना कर्म अनंत।।
मंत्र सिद्ध उनको हुए,जिनमें नहीं विकार।
पर उपकारी भावना,जिनमें दिखे शुमार।।
जैन धर्म में सिद्ध की,गाथा बड़ी महान।
जन्म मरण सब छूटता,कहलाते भगवान।।
सत्य परीक्षा दे सदा, करे सिद्ध वह बात।
झूठों को बहुमत मिले ,घर बैठे सौगात।।
*** दिनांक -17.6.2025
*✍️ राजीव नामदेव"राना लिधौरी"*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक-'अनुश्रुति'त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
2-Subhash Singhai Jatara:-
घर का योगी छोड़कर,ले आए जो गिद्ध।
अब साबित वह कर रहे,है यह पूरा सिद्ध।।
मचा है अच्छा हल्ला।।
सिद्ध वही है इस जगत,रखे आचरण शुद्ध।
चर्या में शुचिता रहे,हो वाणी से बुद्ध।।
सूर्य उजला ही रहता।।
सिद्ध महात्मा हो गए,भारत भूमि महान।
देकर शुभ संदेश ही,किया जगत प्रस्थान।।
आज भी पूजे जाते।।
मंत्र सिद्ध होते जिन्हें , करते जन कल्याण।
लाखों लोगों के सदा,रहें बचाते प्राण।।
सभी जन गुण को पूजें।।
मंत्र न बिच्छू जानते,करते साँप उतार।
ऐसे लोग बनावटी,दिखते है संसार।
ढोल सब खाली रहता।।
-सुभाष सिंघई जतारा
***
3- Sr Saral tikamgarh
सिद्ध पुरुष छल द्वेष से,करते स्वयं बचाव।
तन मन में शुचिता रखें,उर में निर्मल भाव।।
त्याग तपस्या कर्म से, होते सिद्ध महान।
वे मानव कल्याण हित,साबित है वरदान।।
नकली बाबा देश में,नजर रखें ज्यों गिद्ध।
तन मन भरे विकार हैं, बे पाखंडी सिद्ध।।
सिद्ध पुरुष एकाग्र हो, लेते दृढ़ संकल्प।
बे आँधी तूफान में, धैर्य न खोते अल्प।।
सिद्धकार्य उनके *सरल*,जो होते श्रमबीर।
करते हैं दिन रात श्रम,लिखते हैं तकदीर।।
***
एस आर सरल ,टीकमगढ़
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[4] Promod Mishra Just Baldevgarh:-
सिद्ध पुरुष श्री राम से , करते भक्त पुकार ।
भवसागर से कीजिए , हमको स्वामी पार ।।
सिद्ध पीठ है शक्ति का , गिरा सती का हार ।
आल्हा पूजित शारदा , माँ मैहर दरबार ।।
जिनकी वाणी सिद्ध है , बोलें मीठे बोल ।
जैसे कोयल कंठ से , निकलें मधुरस घोल ।।
चलें भक्त गण पूजने , लिए आस्था जिद्ध ।
कार्तिकेय अवतार को , कहते बाबा सिद्ध ।।
सिद्ध संत संसार से , होने लगे विलुप्त ।
नागा साधु जगत में , पड़े आज भी गुप्त ।।
योगी साधक सिद्ध सुर , संत गुणी विद्वान ।
हैं "प्रमोद"संसार में , सरल सुमति भगवान ।।
***
-प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़ मध्य प्रदेश
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(5) शोभारामदाँगी," नदनवारा
(०१ )
मन की है इक भावना,सिद्ध करो त्रिपुरार ।
चरण पखारूँ आपके ,"दाँगी"तेरे द्वार ।।
(०२)
विघ्न हरण मंगल करन,सिद्ध करो गणराज ।
अपनें बस प्रभु राखना,"दाँगी" को धनराज ।।
(०३ )
"दाँगी"हो मम कामना,सिद्ध मंत्र हो आप ।
हे प्रभु दीनदयाल तुम,हरो दुर्गुण संताप ।।
(०४ )
पवन पुत्र हनुमान जी,करें सिया की खोज ।
सकल सिद्धश्री रामजी"दाँगी"पाए ओज ।।
(०५)
दीन बन्धु करतार से,विनय हमारी आज ।
"दाँगी"दास अनाथ हम,सिद्ध करो सरताज ।।
(०६ )
राम नाम महिमा अमिट,सिद्ध जगत आधार ।
"दाँगी"के संकट हरो,करो सुमंगल सार ।।
***
शोभारामदाँगी "इन्दु"नंदनवारा(टीकमगढ़)
[6] Dr. Renu Shrivastava Bhopal:
गणपति जी करते सदा, सिद्ध सभी के काम।
मंगलमय जीवन बने, भज लो सीता राम।।
सिद्ध पुरुष थे वे सदा, श्री राम आचार्य।
युगनिर्माणक करेंगे, तत्परता से कार्य।।
सिद्ध छवी हनुमान की, बागेश्वर है धाम।
काम सिद्ध होते सभी, जो लेता है नाम।।
पाखंडी बाबा बढ़ें, सिद्ध पुरुष अकुलाय।
मानो कलयुग आ गया, धर्म खड़ा पछताय।।
***
-डॉ. रेणु श्रीवास्तव, भोपाल
[7] Taruna khare Jabalpur :
प्रथम पूज्य गणराज हो, एकदंत महाराज।
प्रथम वंदना आपकी, सिद्ध करो सब काज।।
सच्चे मन से जो भजे, हनुमान का नाम।
संकट हरते हैं प्रभू, सिद्ध करे सब काम।।
सेवक हैं हनुमान जी,स्वामी हैं श्री राम।
राम कृपा से आपने, सिद्ध किये सब काम।।
सिद्ध पीठ हनुमान का, है बागेश्वर धाम।
अर्जी सुनते हैं प्रभू, पूरण करते काम।।
मां तेरे दरबार में, आते भक्त हजार।
सिद्ध कामना हो रही, करते जय जैकार।।
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-तरुणा 'खरे तनु' ,जबलपुर
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✍️ राजीव नामदेव"राना लिधौरी"*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक-'अनुश्रुति'त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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