Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 3 अक्टूबर 2016

‘गांधी जयंती पर हुई म.प्र.लेखक संघ की 215वीं कवि गोष्ठी) 2-10-2016





‘गांधी जयंती पर हुई म.प्र.लेखक संघ की 215वीं कवि गोष्ठी)
टीकमगढ़//‘ गायत्री शक्तिपीठ बानपुर दरवाजा मेंं साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ की 215 वीं कवि गोष्ठी विष्व अहिंसा दिवस व ‘गांधी जंयती गीत’ पर केन्द्रित आयोजित की गयी
जिसके मुख्य अतिथि अभिनंदन गोइल रहे व
अध्यक्षता बल्देवगढ़ से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार कोमल चन्द्र बजाज ने की,जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में बी.एल जैन साहब रहे।
सर्वप्रथम म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने हाइकु विधा में सरस्वती बंदना पढी-
हे माँ शारदे, बुद्धि विवेक तू दे,ज्ञान से भर दे।
हे माँ शारदे, गल्तियों को मेरी तू, क्षमा कर दे।।
युवा कवि रवीन्द्र यादव ने कविता पढ़ी-
भूल जाओगे अपनी ही दुनिया में जाना। रवि कभी गोष्ठी में आकर तो देखो।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा-सत्य अहिंसा नारा जिनका,रहा उम्र भर प्यारा,
दे कुर्बानी ली आजादी याद करे जग सारा।।
गण्ेश पन्नालाल शुक्ला ने पढ़ा-
गजब कर दिया मोदी जी गजब कर दिया।
घर में घुसकर दुश्मन को भुसा कर दिया है।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमल चन्द्र बजाज ने सुनाया-
होते हे अवतरित धरा पर। महावीर,राम कृष्ण,गौतम गांधी।
रामगोपाल रैकवार ने गीत सुनया-
अहिंसा परम धर्म है और कर्मयोग भी,
दुष्टो के लिए करेंगे किन्तु बल प्रयोग भी।।
शत्रु दृष्टि डाली तो नेत्र फोड़ देंगे हम।
जहरीले नागों के दंत तोड़ देंगे हम।।
वीरेन्द्र चंसोरिया ने गीत पढ़ी-
जय जवान, जय किसान जय हिन्दुस्तान,
थल,वायु, नौसेना भारत की शान।।
दीनदयाल तिवारी ने रचना पढ़ी-
जब तक रोया नहीं बालक पिलाती दूध नहीं माता।
योगेन्द्र तिवारी ‘योगी’ ने पेरोडी सुनाया-
जब नेता अपने चमचो संग डाले जहाँ पे डेरा,वो भारत देश है मेरा।
डी.पी. शुक्ला ने कविता सुनायी-
सत्य अहिंसा से आजादी खुशहाल किया चमन है।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने पढ़ा-
सुनना चाहे मुझसे आये सीखे वो हिन्दी,
हिन्दी भाषा ही भारत में बने राष्ट्रभाषा हिन्दी।।
अभिनंदन गोइल ने पढ़ा-
निश दिन के पापाचारों से धरती कराहती है,
अवतरण करो फिर से बापू माता पुकारती है।।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा-
प्रभु मुझे असत्य से सत्य की ओर ले जा,
तमस से ज्योति की ओर लेजा।
बी.एल जैन ने पढ़ा-बापू के गले की हम माला बनेंगे।
उनके गले से हम लिपटे रहेगें।।
अजीत श्रीवास्तव ने कहा कि-
महान आदमी तो एक ही हुआ जिसे महात्मा गांधी कहते है।
वी.के. मेहरा ने कहा-महात्मा गांधी शांति के पुरोधा थे,
उन्होंने सत्य और अहिंसा के रास्ते देश को आजादी दिलायी थी।
गोष्ठी संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा
सभी का आभार संस्था के सचिव रामगोपाल रैकवार ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,

कोई टिप्पणी नहीं: