vanmali srajan peeth Tikamgarh
वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की ‘कथा कोश’ पर हुई कथा गोष्ठी’ Date-31-3-2019
Tiakamgarm (M.P.)
टीकमगढ़// रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वकला एवं संस्कृति केन्द्र भोपाल द्वारा संचालित वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की ‘‘कथा गोष्ठी’’,‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कथाकारा डाॅ.रूखसाना सिद्दीकी ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में बल्देवगढ़ से पधारे वरिष्ठ कहानीकार श्री यदुकुल नंदन खरे जी रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप के रंगकर्मी एवं कथाकारा गीतिका वेदिका रहीं।
सरस्वती बंदना कर गोष्ठी का शुभांरभ करते हुए सीताराम राय ‘सरल’ ने गीत पढ़ा-
हे माँ वीणा वादिनी वर दे, अज्ञान घटा,जला ज्योति ज्ञान कर दे।
सर्वप्रथम वनमाली सृजन पीठ केन्द्र टीकमगढ़ के अध्यक्ष एवं संयोजक राजीव नामदेव ‘राना
लिधौरी’ ने केन्द्र के प्रमख उद्देश्य,के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वनमाली सृजन केन्द्र में कथाओं पर केन्द्रित गोष्ठियाँ आयोजित की जायेगी,जिसमें नगर के कथाकारों को एक सशक्त मंच मिलेगा तथा उनकी कहानियों को विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने का अवसर प्रदाय किये जायेगे, केन्द्र द्वारा एक पुस्तकालय स्थापित किया जायेगा,जिसमें लेखकों की पुस्तकों के अलावा वर्तमान में प्रकाशित प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकायें भी पढ़ने को मिलेगी।
‘कथा मध्यप्रदेश’ कहानी खण्ड-1 की समीक्षा हाजी ज़फ़रउल्ला खा ‘ज़फ़र’ ने की उन्होंने कहा कि-‘म.प्र.कथा कोश’ में इंसान के जीवन से जुड़ी कथाओं का कोश है। कोश में प्रकाशित अधिकांश कथायें उस समय के सामाजिक परिवेश,दशा एवं समस्याओं को प्रदर्शित करती है।’
श्री अजीत श्रीवास्वत ने अपनी समीक्षा में कहा कि-‘शोध पर शोध को लुभाती कथा कोश’,दाम थोड़ा अधिक है लेकिन कृति अनोखी बन पड़ी है।’
श्री आर.एस.शर्मा ने कहा कि-‘यह कोश नई पीढ़ी को भाषा और संवाद से जोड़े रखे, इस दृष्टि से सम्पादक श्री संतोष चैबे जी का प्रयास सराहनीय है।’
‘कथा मध्यप्रदेश’ कहानी खण्ड-2 की समीक्षा करते हुए अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने कहा कि- ‘‘सौ सालों के कथा इतिहास को 6 खण्डों में लगभग 200 कथाओं के साथ-साथ 35 लेखों प्रकाशन किया गया है जो कि एक बहुत की श्रम साध्य कार्य है इस क्रमिक शोध कार्य हेतु श्री संतोष चैबे जी सहित पूरा संपादक मंडल बधाई का पात्र है।’’
कालेज के पूर्व प्राचार्य डाॅ. एन.एम. अवस्थी ने कहा कि- ‘‘इस कोश में श्रेष्ठ कहानियों को प्रकाशित किया गया है ये कहानियाँ इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी।गीतिका वेदिका ने कहानी ‘जलगाँव’ कहानी सुनायी। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी ने कहा कि-‘‘ये कथाकोश कहानियों का उपवन है। कहानियाँ समाज का दर्पण होती है। पं.हरिविष्णु अवस्थी ने कहा कि- कहानियाँ मनुष्य के जीवन में अमिट छाप छोड़ती है। ये मनुष्य का जीवन होती है। बल्देवगढ़ से पधारे यदुकुल नंदन खरे ने कहा कि- ‘‘कहानियों वर्तमान घटनाओं पर केन्द्रित होती है इसमें देशकाल का अपना एक महत्व होता है।’’
इसमें अलावा परमेश्वरी दास तिवारी,वीरेन्द्र चंसौरिया,विजय मेहरा,रन्विद्र यादव,विकास नापित,राजेश्वर पाराशर ‘राज’ आदि ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी का संचालन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने किया तथा सभी का आभार परमेश्वरी दास तिवारी ने माना।
-- -राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष एवं संयोजन-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
टीकमगढ़ मोबाइल-9893520965
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