गुणात्मक समीक्षा- ‘आकांक्षा’ वार्षिक पत्रिका
अंक-14 वर्ष-14 सन्-2019 (जल विशेषांक)
संपादक:-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
समीक्षक:- अजीत श्रीवास्तव
प्रकाशन वर्षः- सन् 2019
प्रकाशन-म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़
सहायोग-100रु. पेज-64
निरंतर म.प्र.लेखक संघ टीकमगढ़ की संस्था द्वारा यह पत्रिका श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ के संपादन में कीर्तिमान बनाये हुए है, नव अंक ‘जल विशेषांक’’ के है, यह इस जून 2019 में विमोचित होकर जल चेतना देता अंक सिद्ध हुआ है। इस कृति का समग्र अध्ययन बहुत कुछ बताता है, जो जल के गुणों का ही अद्भुद बखान काव्य एवं गद्य में हुआ है।
जल महत्व- पानी है अनमोल, कुदरत का उपकार, जल,जल तो जल है, जल महिमा, जल बिन को है, जल ही जीवन है जैसी कविताएँ रेखांकित करती है तो सवाल उठता है कि जल तत्व है क्या, इस पर भी नजर आवश्यक है-
जल तत्व क्या है- जल जीवन की आन, जल को आज बचाना है, पानू की बचत, दो ग़ज़लें, जल क्या है?, जल की आशा, पानी की परेशानी, अगली सदी में पानी, जलाधार जैसी कवितायें खूबी से बखान करती एवं समझाईस देती हैं। जो पुरा महत्व पर पानी के लिए श्रेष्ठ रचनायें भी आई है।
जल का शास्त्रीय रुप- पानी रखता है पानी, मानव शरीर में जल, जल का महत्व, जमुना जल, पावस गीत, बरसे अबीर, पानी,गंगा बेतवा, बदरा बरसे, जैसी श्रेष्ठ रचनायें बहुत सुंदर ढंग से इस पंचतत्व में के ‘जल’ का शास्त्रीय कार्यो का निरूपण करती हैं।
जल संरक्षण- जल को संरक्षित रखने के कई कवियों ने नूतन भावभरी रचनायें दी हैं, ‘कनक’ की ग़ज़ल, दूषित गंगा, बुन्देली गीत, दोहे पानीदार, मुक्तक जल रेत नदी बचाओ, जल संरक्षण, पर्यावरण पानी की त्रासदी, व्यंग्य पानीदार पानी, जैसी सुंदर शब्दावलियाँ हमें चेतावनी देती हुई सतर्क करती हैं।
नव जल चिंतन- ऐसा भी नहीं है कि इस पर लोग बेखबर हो जल चिंतन हो भी रहा है तो पत्रिका में जल
प्रबंधन के पुराधा बुन्देलखण्ड जल परियोजना, चेतावनी,बुंदेली गीत, जलावाद विश्वासघात, हम आरेछा के, राज जी का गीत,धरा,वसंत, ऐसी रचनायें जल पर चिंतन और चिंता प्रकट कर पाठकों को झंझकोरती व प्रेरित करती हैं।
स्पुट रचनायें- पत्रिका में अन्य रचनायें भी है डाॅ. रूखसाना सिद्दीकी गज़ल,हायकू, पानी, शहीदों के प्रति,धूप के टुकड़े,देशप्रेम गीत,नशा मुक्ति, गजल-गीत श्री के.के पाठक के जो पाठकों का मनोरंजन एवं जल से पृथक ध्यान खींचतीं है। उन्हें एक रस से बाहर खींच राहत देने का भी कार्य करती हैं, यह संपादन का कौशल है।
विशिष्ट रचनायें- श्री सीताराम राय ‘सरल’ जी की 25 रचनाओं का एक परिशिष्ठ भी है जो कि एक कवि का समग्र मस्तिष्क पठन कराता है, यह बानगी लेखक/कवि का समग्र प्रस्तुत करने में सक्षम होता है। कवि की गायकी,ज्ञान, चिंतन एवं विषय प्रवेश, सोच, विशालता सब बताता है। वंदना से शुरू हो प्रकृति चित्रण, शृंगार के गीत, होरी,गणेश कँुवरि (इतिहास), बेटी बचाओ (समस्या), बुन्देलखण्ड धरती से जुड़ी रचनाओं के साथ आशावादी दृष्टिकोण की तमाम रचनायें है जो जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं।
यह अंक तारीफे काबिल बन पड़ा है, कलेवर प्रकृति से (पत्थरों) से जीवन मुख्य पृष्ट पर बहुत कुछ कहता है, पूरी टीकमगढ़ ईकाई, सपंादक मंडल इस पत्रिका के जल अंक के लिए बाधाई के पात्र है। ऐसे अंक संग्र्रहणीय होने से दस वर्ष से अधिक उम्र तक तो संरक्षित होते ही हैं। गुणों से, सोच से, चिंतन से, गेम, संगीतिक काव्य किसे श्रेष्ठ नहीं लगता, या मन को नहीं लुभाता।
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समीक्षक- अजीत श्रीवास्तव
राजीव सदन, नायक मोहल्ला,
टीकमगढ़(म.प्र.) मोबाइल-8827192845