Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 3 जून 2019

म.प्र.लेखक संघ की ‘पर्यावरण’’पर 249वीं गोष्ठी हुई









rajeev namdeo rana lidhori
म.प्र.लेखक संघ की ‘पर्यावरण’’पर 249वीं गोष्ठी हुई 
 ‘आकांक्षा’ पत्रिका के अंक-14 का हुआ विमोचन 

टीकमगढ़//2-6-2019 साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 298वीं गोष्ठी ‘‘पर्यावरण’ पर केन्द्रित कवि गोष्ठी ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिविष्णु अवस्थी जी ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में नदनवारा से पधारे गीतकार श्री शोभराम दांगी ‘इन्दु’ जी रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में कवि सीताराम राय ‘सरल’ जी रहे।
इस अवसर पर राजीव नामदेव ‘‘राना लिधौरी’’ के संपादन में विगत 14 वर्षो से प्रकाशित होने वाली पंित्रका ‘आकांक्षा’ के नवीन अंक का विमोचन किया गया। ‘आकांक्षा’ की समीक्षा पं.हरिविष्णु अवस्थी ने पढ़ी।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती वंदना कर गोष्ठी के शुभारंभ में गीत सुनाया- 
हरे पेड़ पौधे मत काटो ये धरती का शृंगार है, यही जीवन का आधार है।
वरिष्ठ गीतकार सीताराम राय ‘सरल’ ़पढा- जल बिन जा सूनी जिन्दगानी, सबने लई पहिचानी।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने ‘पानी’’ पर कविता पढ़ी- 
अभी तो पानी बोतलों में मिलता हंै,वो दिन दूर नहीं, जब वह इंजेक्शन से मिलेगा।
तब मेहमानों को पानी भी,पोलियो ड्रॅाप की तरह,बस दो बँूद ही मिलेगा।।
नदनवारा से पधारे गीतकार शोभाराम दांगी‘इन्दु’ ने पढ़ा- पर्यावरण प्रदूषण कठिन दौर में।
बडे़-बड़े रो रहे बीमार पौर में।।
बल्देवगढ़ से पधारे साहित्यकार’ यदुकुल नंदन खरे ने पढ़ा- लू की चपेट में झुलस रहे है।
  जीव जन्तु प्यासे मर रहे है।।
पलेरा के रविन्द्र यादव ने पढ़ा-बडे-बड़े शहरों में बड़ी  परेशानी है।
न कहीं पै छाया है, न  कहीं पे पानी है।।
गीतिका वेदिका ने पढ़ी- एक अंजुरि भर जीवन बचा है, हो न सचेत हम,कितने अचेत हम।।
लखौरा से पधारे बुंदेली कवि गुलाब सिंह यादव‘भाऊ’ ने पढ़ा- पेड़ लगाव प्रदूषण बचाओ रसवारी।
 हरि भूमि धरती भारत की बनाओ रसवारी।।
रामेश्वर राय ‘परदेशी’ ने सुनाया-घामन तपत जात गैलारै, हते रूख पैलां रे।।
दयाली विश्वकर्मा ने सुनाया- औढ़ चुनरिया लेके गगरिया जा रइ गोरी पनिया खों।
गढ़कुईया में गागर धर के हैंडपंप लगी चलावे खो।।
एस.आर.‘सरल’ ने सुनाया- पर्यावरण से गहरा रिस्ता मानव की समृद्धि से।
समृद्धि की खुश्बू आती मेरे वतन की मिट्टी से।।
प्रभूदयाल श्रीवास्तव ने सुनाया-पर्यावरण नसा नइ जावै जाँताँ बिरछा लगा लइयो।। 
इनके अलावा परमेश्वरीदास तिवारी, अजीत श्रीवास्तव,उमा पाराशर व अनुश्रुति नामदेव ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
गोष्ठी का संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा सभी का आभार अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ने माना।
 
- रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965
                                                  E Mail-   ranalidhori@gmail.com
                                                   Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com

कोई टिप्पणी नहीं: