Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 12 जनवरी 2020

म.प्र.लेखक संघ की 256वीं कवि गोष्ठी विवेकानंद जयंती पर Date 12-1-2020

                   म.प्र.लेखक संघ ने की विवेकानंद जयंती पर कवि गोष्ठी- 
(म.प्र.लेखक संघ की 256वीं कवि गोष्ठी) Date 12-1-2020
(स्वामी विवेकानंद पर केन्द्रित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगायी़)

टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की बेनर तले स्वामी विवेकनंद जयंती पर कवि गोष्ठी डे केयर राजमहल परिसर आयोजित की गयी। अध्यक्षता  वरिष्ठ साहित्यकार श्री बी.एल जैन ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि अवध बिहारी श्रीवास्तव रहे जबकि विशिष्ट अतिथि देवीनगर से पधारे कथावाचक एवं साहित्यकार भगवत दास ‘रामायणी’ रहे। इस अवसर पर बी.एल. जैन द्वारा स्वामी विवेकानंद जी पर केन्द्रित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगायी जिसे सभी ने खूब सराहा। विदवानों द्वारा विवेकानंद पर अपने विचार प्रकट किये गये ततपश्चात् एक सरस कवि गोष्ठी हुई।
माँ सरस्वती की वंदना के पश्चात् कवि सीताराम राय ‘सरल’ ने रचना पढ़ी-
विवेकानंद ने अलख जगाई, जग में परचम दयो फहराई।।
  देवीनगर से पधारे साहित्यकार भगवत दास ‘रामायणी’ पढ़ा-मेरा उजड रऔ सिंगार,तुमरी माता रइ पुकार।।
नदनवारा के गीतकार शोभराम दांगी ‘इन्दु’ ने गीत पढ़ा- रमुआ के नन्ना सें मनटोला कैरव।
ंिहंद के ज्वानन ने होरा सौ भूंज दऔ।।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने विवेकानंद पर हाइकु सुनाये- 
तुम्हें वंदन/युवाओं के आदर्श/विवेकानंद।
महापुरुष/शत् शत् नमन/विवेकानंद।।
                      युवा दिवस/तुम्हें समर्पित /मनाते हम।।
बल्देवगढ़ से पधारे यदुकुल नंदन खरे ने पढ़ा- दोस्तों में जीरों से बात करता हूँ।
लेकिन सो को भी मात करता हँू।।
रामगोपाल रैकवार गीत ने पढ़ा- पूस की उरैयाँ गुर पग रही है। ओरी की ओली र्सउर लग रही है।
सियाराम अहिरवार ने बुंदेली रचना पढ़ी- कांप रइ है मोई देइया। ठंड के मारे जाड़े में।
आग बार के कानो तापों माव पूस के जाड़े में।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा-देश के जवानों तुमकों मेरा सलाम। नया साल मुबारक नये साल का सलाम।।
अनवर खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल पढ़ी- ज़माना नाम से जिसके रहे सदियों तलक रोशन।
    दुआ करन कि हर घर में विवेकानंद हो बेटे।।
रामेश्वर राय ‘परदेशी’ ने पढ़ा- सत् चरित्र प्रबुद्ध शुद्ध मन, बुद्धि प्रखर प्रचड हो।
घर-घर का बच्चा बच्चा स्वामी विवेकानंद हो।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने कहा- स्वामी विवेकानंद अपने देश की शान है, वे भारत की पहचान है।।
अवध बिहारी श्रीवास्तव ने पढ़ा- भारत का मीठा-मीठा पानी है। भारत की मीठी-मीठी बानी है।।
बी.एल जैन ने कहा- जवानी का यह मतलब नहीं कि तुम होश खो दो।
इनके अलावा अजीत श्रीवास्तव, डी.पी.यादव, घनश्याम दास तिवारी, पूरन चन्द्र गुप्ता ‘पूरन’, प्रदीप त्रिपाठी, एस.आर.‘सरल’बालमुकुन्द प्रजापति डे केयर संचालक आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायीं। गोष्ठी का वीरेन्द्र चंसौरिया ने किया तथा सभी का आभार रामगोपाल रैकवार ने माना।
- रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.) मोबाइल-9893520965















kavi sammelan By Rajeev namdeo rana lidhori

कोई टिप्पणी नहीं: