महारानी लक्ष्मीबाई को शत् शत् नमन
राना दोहावली-
1
लक्ष्मीबाई सी नहीं,
दूजी कोई वीर।
क्षण भर में करवाल से,
देती दुश्मन चीर।।
2
लक्ष्मीबाई की सदा,
चली खूब तलवार।
बिजली सी चमके जहां,
बहे खून की धार।।
3
ऐसी थी वीरांगना,
कितना करे बखान।
होती युग उपरांत है,
उन-सी वीर महान।।
4
आज दिवस बलिदान है,
मना रहे हम आप।
लक्ष्मीबाई का अमर,
रहे सदैव प्रताप।।
5
बेटी हो तो हो सदा,
ऐसी वीर महान।
काम करे ऐसा करे,
लक्ष्मी बाई समान।।
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©राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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(मेरे उपरोक्त दोहे मौलिक एवं स्वरचित है।)
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