विनम्र निवेदन
जा पोथी अपुन खौ कैसी लगी कृपया कमेन्ट बॉक्स में जरुर लिखिए।
आपको जो भी रचनाएं भौतइ नोनी लगी हो उनके रचनाकारों की प्रसंशा में दो शब्द लिखिए जै हमाय लाने भौत अमूल्य होत है तथा आत्मिक सुख प्रदान करत हैं।
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स्वथ्य रय नौने रय ज इ कामना के साथ
जै राम जी,
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-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'