संकलन राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
🙏 सिमसा माता🙏
ऐसा मंदिर जहां मात्र फर्श पर सोने से प्रेग्नेंट हो जाती हैं महिलाएं:- विज्ञान भी हैरान!!
विविधाताओं के देश भारत में काफी कुछ ऐसा है जो वैज्ञानिक तर्कों से हट कर आस्था के चरम का कमाल नजर आता है। अब आप इसे ईश्वर में विश्वास कहें या अंधविश्वास पर ऐसे ही विज्ञान को हैरान करते चमत्कार की कहानी सुनाता है हिमाचल में स्थित सिमसा माता का मंदिर।
दरअसल भारत के इस मंदिर में यह मान्यता है कि यहां फर्श पर सोने से महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाती …हम कोई मजाक नहीं कर रहे, ये हकीकत है। एक ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आपको बता रहें है जंहा निसंतान लोग संतान के लिए क्या क्या नहीं करते।
नवरात्रों में निसंतान महिलायें मंदिर परिसर में डेरा डालती हैं और दिन रात मंदिर के फर्श पर सोती हैं ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं माता सिमसा के प्रति मन में श्रद्धा लेकर से मंदिर में आती हैं माता सिमसा उन्हें सपने में मानव रूप में या प्रतीक रूप में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद प्रदान करती है।
लोगो का मानना है की माता सिमसा सपने में महिलाओ को फल देती है और महिलाए सपने में माता से उस फल को लेती है। इसे यह संकेत मिल जाता है की माता ने संतान का का आशिर्वाद दे दिया है। सिर्फ इतना ही नहीं होता इस फल से इस बात का पता चल जाता की महिलाओं लड़का होगा की लड़की।
मान्यता के अनुसार, यदि कोई महिला सपने में कोई कंद-मूल या फल प्राप्त करती है तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिल जाता है। यहां तक की देवी सिमसा आने वाली संतान के लिंग-निर्धारण का भी संकेत देती है।
जैसे कि, यदि किसी महिला को अमरुद का फल मिलता है तो समझ लें कि लड़का होगा। अगर किसी को सपने में भिन्डी प्राप्त होती है, तो समझें कि संतान के रूप में लड़की प्राप्त होगी। यदि किसी को निसंतान होने, धातु, लकड़ी या पत्थर की बनी कोई वस्तु प्राप्त हो तो समझा जाता है कि उसके संतान नहीं होगी। और उसके बाद भी वो महिला उस मंदिर से नहीं जाती है तो उसके शरीर में खुजली भरे लाल लाल दाग दिखने लगते है। इसलिए उसे मजबूरन वहां से जाना पड़ता है।
मंदिर के पास पत्थर जो हिलता है एक उंगली से:-
एक चमत्कार होता है यहां, सिमसा माता मंदिर के पास यह पत्थर बहुत प्रसिद्ध है। इस पत्थर को दोनों हाथों से हिलाना चाहो तो यह नही हिलेगा और आप अपने हाथ की सबसे छोटी ऊंगली से इस पत्थर को हिलाओगे तो यह हिल जायेगा।
रास्ता पंजाब से हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जाए फिर कांगड़ा से बैजनाथ फिर बैजनाथ से 25 किलो मीटर आगे किसी से भी पूछ सकते हैं मंदिर के बारे में।
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