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सोमवार, 29 अगस्त 2022

mp urdu acadmi ka silsila program in tikamgarh

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म.प्र.उर्दू अकादमी का ‘सिलसिला’ कार्यक्रम टीकमगढ़ में हुआ-

टीकमगढ़// देश की आजादी के 75वर्ष के अवसर पर अमृत महोत्सव के अंतर्गत म.प्र. उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद् ,संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों पर नवोदित रचनाकारों पर आधारित ‘तलाशे जौहर’ कार्यक्रम सम्पन्न होने के  बाद अब जिला मुख्यालयों पर स्थापित एवं वरिष्ठ रचनाकरों के लिए ‘सिलसिला’ के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किय जा रहे है। 
              इस कड़ी का छटा कार्यक्रम टीकमगढ़ में 28 अगस्त 2022 को दोपहर एक बजे से ‘शेर व अदबी नशिस्त’ का आयोजन जिला समन्वय चाँद मोहम्मद ‘आखिर’ के सहयोग  से किया गया।
       उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेंहदी के अनुसार उर्दू अकादमी द्वारा अपने जिला समन्वयकों द्वारा प्रदेश के सभी जिलो में सिलसिला कार्यक्रम के तहत उन जिलों के आजादी का अमृत महोत्सव के तहक ‘सिलसिला’ के अंतर्गत व्याख्यान, विमर्श व काव्य गोष्ठियाँ आयोजित की जा रही है। जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाली गोष्ठियों में संबंधित जिलो के अंतर्गत आने वाले गाँवों,तहसीलों,बस्तियों इत्यादि क ऐसे रचनाकारों को आमंत्रित किया गया जिन्हें अभी तक आकदमी के कार्यक्रमों में प्रस्तुति का अवसर नहीं मिला है अथवा कम मिला है। इस सिलसिले के चार कार्यक्रम भोपाल,खण्डवा विदिशा और धार में आयोजित हो चुके हैं 
            इसी क्रम में यह कार्यक्रम टीकमगढ़ में आयोजित किया गया है। टीकमगढ़ जिले के समन्वयक चाँद मोहम्मद आखिर ने बताया कि टीकमगढ़ में आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में 16 शायरों व वक्ताओं ने शिरकत की। 
        कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर कारी अखलाक ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में अब्दुल चौधरी एवं  विशिष्ट अतिथि के रूप डॉ. नरेन्द्र मोहन अवस्थी,श्री हरि विष्णु अवस्थी व हाजी ज़फरउल्ला खाँ ‘जफर’ उपस्थित रहे।
जिन शायरों ने कलाम पेश किये उनके अशआर इस प्रकार से है-
कारी अखलाक ने पढ़ा- 
बुलंद इतना जहाँ में परचमे हिंदोस्तां कर दे।
सजा कर चाँद तारे इस जमीं केा आसमां कर दे।।
हाजी ज़फ़र ने कलाम पढ़ा-
 झंडा हमारे देश का सबसे महान है।
 झंडे की आन बान बहुत आली शान है।।
उमाशंकर मिश्रा ने ग़ज़ल पढ़ी- 
क़तरा-क़तरा हमारा वतन के लिए।
अपना जीवन ही सारा वतन के लिए।।
अब्दुल रऊफ ने कलाम पढ़ा-
 खुदा गर हौंसला देता तो हम यही करते।
चिराग बनके ज़माने में रोशनी करते।।
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ कलाम पढ़ा-
 देश रक्षा के लिए खून बहाने के जगह।
लहू हम दंगे फंसादों में बहा देते है।।
शिवचरण उटमालिया ने पढ़ा- 
इस जहां का बादशाह हिंदोस्तां हो जयेगा।
आग बरसाता है जो गर्के निशान हो जायेगा।।
साबरा सिद्दीकी ने पढ़ा- 
हमारे मुल्क का नीचा कभी परचम नहीं होगा।
क़लम हो जायेगा लेकिन कभी सर ख़म नहीं होगा।।
वफ़ा शैदा ने कलाम पेशा किया- 
मेरा भारत है देशों में बढ़िया, 
जिसको कहते हैं सोने की चिड़िया।।
प्रेम के यहाँ बहते दरिया, 
भर लो अपने दिलों की गगरिया।।
अनवर खान ‘साहिल’
मुशायरों में लबों पे सबके ग़ज़ल की खुशबू महक रही है।
सभी जुबानों में सबसे ज्यादा हमारी उर्दू महक रही है।।
इमरान जतारवी ने कलाम पेश किया- 
सिपाही सरहदों पर रात दिन बेदार रहते है।
वतन पर जान देने के लिए तैयार रहते है।।
गीतिका वेदिका ने पढ़ा- 
सजी ये घाटियाँ ये वन पर्वत और सब नदियाँ।
मेरा जीवन हुआ हैधन्य कि भारत है मरो घर।।
जुनैद जैदी ने पढ़ा- 
ऐसा नहीं हे हम बढ़ी आसानी सेमर जायेंगे।
इक रोज़ हम अपनी किसी नादानी से मर जायेंगे।।
रामगोपाल रैकवार ने पढ़ा- मील के संग रहगुजर होते।
मंज़िलों से न बेखबर होते।।
बसीर फराज़- इसकी आजादी पे कुर्वा हो गए कितने फराज़,
ये वतन उनके लहू से आज भी गुलज़ार है।
अशोक पटसारिया ने पढ़ा-
दुनिया की सेर करके देखी है हमने नादां।
है जान से भी प्यारा हिन्दोस्तां हमारा।।
रविन्द्र यादव ने पढ़ा- हकीकत से जो लोग वाकिफ नहीं है, उन्हें किस्सागो की कहानी मुबारक।।
शेरी नशिस्त का संचालन चाँद मोहम्मद 'आखिर' ने किया तथा सभी आभार उमाशंकर मिश्र द्वारा व्यक्त किया गया।
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रिपोर्टर- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
संपादक-‘अनुश्रुति’ बुन्देली त्रैमासिक ई पत्रिका
अध्यक्ष-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
पूर्व महामंत्री-अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद
  शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत) मोबाइल-9893520965    

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