Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 7 अगस्त 2023

म.प्र.लेखक संघ की 302वीं कवि गोष्ठी‘देश भक्ति व राष्ट्रप्रेम’पर केन्द्रित हुई

Date-6-8-2023 Tikamgarh (M.P.) ‘म.प्र.लेखक संघ की 302वीं कवि गोष्ठी‘देश भक्ति व राष्ट्रप्रेम’पर केन्द्रित हुई टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 302वीं ‘कवि गोष्ठी’ राष्ट्रभक्ति व देश प्रेम पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ बुंदेली कवि श्री प्रभुदयाल श्रीवास्तव ‘पीयूष’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में व्यंग्यकार श्री रामगोपाल रैकवार जी रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि श्री सियाराम अहिरवार रहे। कवि गोष्ठी का शुभारंभ वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती बंदना के पश्चात् यह गीत सुनाया गीत सुनाया- मेरे देश की कहानी बहुत है सुहानी। मेरे देश की आजादी वीरों की कुर्बानी।। उमाकशंकर मिश्र ने रचना सुनायी-कतरा कतरा हमारा वतन के लिए। अपना जीवन ही सारा वतन के लिए।। राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने शेर पढ़े - देश रक्षा के लिए खून बहाने की जगह। लहू हम दंगे-फंसादों में बहा देते है।। रामगोपाल रैकवार ने रचना पढ़ी-न बोलों बोल तुम कड़वे, जो बोलो प्यार से बोलो। जुबाँ से फल से बरसें ये ही करतार से बोलो।। मड़ाबरा़ के गोविन्द्र सिंह गिदवाहा ने रचना सनुायी- तन-मन को अर्पन कर, मर मिटे जो वतन पर। हम फहराते है तिरंगा, उन शहीदो को नमन कर।। अंचल खरया ने कविता पढ़ी-सावन आई बहार छाई, हर गलियन में फूल खिले। नदिया आई नाले लाई, हर गलियन में कीच मिले।। सियाराम अहिरवार ने कविता सुनाई- जिसने दी कुर्बानी अपनी हिंद धरा की माटी पर। उसने मरते दम तक खायी गोली अपनी दाती पर।। देवीनगर के भगवत नारायण ‘रामायणी’ ने सुनाया-साफ-सफाई करने वाली का मन व्याकुल था। माँ के संबंोधन वह भुला सकें यह मुश्किल था। प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-सब देशन सै रे, अरे न्यारों लगै हो भारत है ईकौ नाव। माथें मुकुट बँदो अरे हिमगिरि कौ, उर सागर पखारत पाँव।। कलमेश सेन ने रचना पढ़ी - धोती कुर्ता पंचा, पैरों देशी जो परिधान है। बांध सुआपा मूंड से कसलो जेई अपनी शान है।। रविन्द्र यादव ने सुनाया- वतन के वास्ते जीना जरूरी है मगर। वतन के वास्ते मरना इबादत है।। चाँद मोहम्मद अखिर’ ने ग़ज़ल पढ़ी-जब सदा आती है हक़ पे जाँ लुटाने के लिए। दिल मलचले है हमारे सर कटाने के लिए।। कौशल किशोर चतुर्वेदी ने कविता पढ़ी- तूने सब कुछ दिया है हमें ये वतन। देंगे खुशियाँ सभी को करें ये जनत।। शकील खान’ ने ग़ज़ल पढ़ी-राह में अपने वतन की सर कटाना चाहिए। वक्त पड़ने पर हमें सरहद पे जाना चाहिए। स्वप्निल तिवारी ने सुनाया- हम शिलालेख में दबे हुए नाम, पुकारे माँ भारती।। कविगोष्ठी का संचालन रविन्द्र यादव ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।  राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत) मोबाइल- 9893520965

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