1 -राजीव_नामदेव "#राना_लिधौरी" #टीकमगढ़
2 -आशा रिछारिया जिला निवाड़
3 -शोभारामदाँगी
4-आशाराम वर्मा "नादान "
5-मनोज कुमार, गोण्डा, उत्तर प्रदेश
6-गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी टीकमगढ़
7-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष
8 अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
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1*राजीव_नामदेव "#राना_लिधौरी" #टीकमगढ़*
*कविता :- चंद्रयान-3*
हे चंद्रयान तुम बने महान।
मान गया तुम्हें सकल जहान।।
देखा दुनिया ने यह अभियान।
चांद पर पहुंचा जब चंद्रयान।।
करके सफल आज अभियान।
इसरो ने बढ़ाई भारत की शान।।
अब बांटेगा भारत का प्रज्ञान।
सारे विश्व को चंद्र-ज्ञान।।
अब नंबर वन हम कहलाये।
भारत को दी एक नयी पहचान।।
देखते ही रह गये रूस, जापान।
अमेरिका,चीन और पाकिस्तान।।
वैज्ञानिकों तुम्हें करते नमन।
वन्देमातरम, जय हिन्दुस्तान।।
***दिनांक-23-8-2023
© *राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष #वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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2-आशा रिछारिया जिला निवाड़ी
आज है नया विहान,
जा पहुंचा चंद्र यान।
मामा की देख डगर,
भारती ले हाथ डोर।
रक्षाबंधन संवार,
आ पहुंची भ्रात द्वार ।
रिश्तों का प्रेम जोड़,
भाई को लिया खोज।
उठती जन जन हिलोर,
हर्ष का न ओर छोर।
विक्रम की बढ़ी शान,
तीन रंग का निशान।
ध्वज का आकाश छोर,
झूम झूम करे शोर।
गुंजित हो राष्ट्र गान,
अपना भारत महान।
आशा रिछारिया जिला निवाड़ी 🙏🏻
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झंड़ा चंद्रयान लहराया ,इसरो ने गौरव पाया ।
अमरीका जापान रूस के,दिल पर ये झटका आया ।।
मिली कामयाबी भारत को,इसरो ने चंद्रा पाया ।
दाँगी"प्रसन्न हुए सुनकर ये, इतिहासिक नाम कराया ।।
मचगइ खलबलि दुनियां भर में,
सो पहुँचे चंद्र थ्री में ।
अमरीका जापान रूस की,
इसरो प्रथम भारत में ।।
अद्भुत अदम्य रग दिखलाया ,
जब पहुँचे चंद्रयानी में ।
इसरो मेहनत लाई रंग,
"दाँगी"खुशी भई मन में ।।
. शोभाराम दाँगी,
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4 आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर
( चंद्रयान 3 की सफल लेंडिंग )
चंदा मामा कभी दूर था , अब है पास हमारे।
आज खुशी से झूम रहे हैं , नन्हे मुन्ने प्यारे।।
चंद्रयान पहुंचा चंदा पर , जग में मान बढ़ाया।
वहां तिरंगा बड़ी शान से, लहर लहर लहराया।।
वर्षों के तप से इसरो ने , बड़ी सफलता पाई।
नाम किया भारत का ऊॅंचा,अब मेहनत रॅंग लाई।।
मेहनत कर दिन रात जिन्होंने, अपनी नींद गमाई।
उनको दिल से बहुत- बहुत ही , देता आज बधाई।।
आशाराम वर्मा "नादान " पृथ्वीपुर
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5-मनोज कुमार:
इक नया मोड़
वही गर्दिश रास्तों के
वही बाहें रास्तों तक
वही साँसे रास्तों तक
वही भीगी तमन्नाएँ,
यादें मेरी उसकी तरफ़,
खींचती हुई, आँखों में डुबोती हुईं
मुट्ठियों में आशाएँ बाँधती हुईं
इक आधी आरजू उसमें,
इक आधी आरजू मुझमें।।
- मनोज कुमार
गोण्डा, उत्तर प्रदेश
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6-गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी टीकमगढ़
विधा-मनहरण घनाक्षरी छंद🙏
🌹🌹चंद्रमा 🌙 पर चंद्रयान🌹🌹
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चंद्र-माँ ने चंद्रमा पै भेज दिया चंद्रयान,
धरती के साथ-साथ चाँद भी मुदित है।
करते हैं बातचीत दोनों अब प्रतिपल,
सारे जग का ही लाभ इसमें निहित है।
इसरो विज्ञानियों ने किया यह कारनामा,
काम था कठिन सारे जग को विदित है।
बड़ी ही सहजता से चंद्रयान लैंड हुआ,
जिसे देख-सुनकर दुनिया चकित है।।
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✍️गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी टीकमगढ़
मनहरण घनाक्षरी विषय चन्द्रमा
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7- प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
रूसी यान लूना नष्ट,
पुतिन को हुआ कष्ट,
नासा भी तो बैठ गया,
देखो मन मार के।
इसरो के दक्ष हाथ,
धन्य धन्य सोमनाथ,
साथ लाए वैज्ञानिक,
दिन ये बहार के।
करके अनूठा काम,
भारत का किया नाम,
चन्द्रमा की भूमि पर,
विक्रम उतार के।
पहुँचा है चंद्रयान ,
पूर्ण हुआ अभियान,
गारहे गौरव गान ,
प्रज्ञान निहार के। ।
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- प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
वीर छंद (आल्हा)
धन्न धन्न श्री सोमनाथ जू,
इसरो के तुम वीर प्रधान।
धन्न तुमारे संगी साथी ,
पूरौ करो चन्द्र अभियान।
चन्द्र यान दो बेर चूक गए,
तौउ न तुमने मानी हार।
अबकी बेर दक्षिणी ध्रुव पै,
विक्रम खों है दऔ उतार।
समर समर कें विक्रम उतरे,
बिल्कुल सांत और चुपचाप।
मोदी जू जुड़ गय विदेश सें,
दई बधाई छोड़ी छाप।
नाव करो भारत कौ ऊंचौ,
चंदा पै झंडा दव गाड़।
अमरीका जापान रूस सब,
देखत रै गय आंखें फाड़।
संत सरीसे मोदी जू ने,
जब सें बाग डोर लइ थाम,
हटी तीन सौ सत्तर धारा
,बनन लगे सब बिगरे काम।
मंदिर भब्ब राम कौ बन रव,
हो रय सफल सबइअभियान,
जय जवान उर जय किसान सँग,
जय विज्ञान जयति प्रज्ञान।
ऐसी विजय मिली हम सब खों,
मन में फूले नईं समायँ,
आज तिरंगा के नैंचें सब,
मिल कें झूमें नाचें गायँ। ।
प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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8-अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
"पहुँचा यान चाँद के घर में"
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दिनांक- 24 अगस्त 2023
पहुँचा यान चाँद के घर में, मन है रंग बिरंगा।
फहरा दिया चाँद पर हमने, पावन सुखद तिरंगा।।
आज चाँद पर, लगा तिरंगा, दुनिया को दिखलाया।
शास्त्र खगोल, सकल दुनिया को,
हमने ही सिखलाया।।
हमने बता दिया दुनिया को,
हम हैं सबसे आगे।
जो भारत से वैर मानते,
वे हैं बड़े अभागे।।
चंद्रयान दो विफल हुआ था,
सतत तभी से जागे।
कठिन परिश्रम से हो पाए,
हम दुनिया से आगे।।
वैदिक में विज्ञान समाया,
करके सिद्ध बताया।
चंद्रयान- तीन पहुँचाकर,
झंडा है फहराया।।
सामूहिक प्रयास से हमने,
बड़ा काम कर डाला।
पहुँच गए दक्षिणी भाग पर,
बने विश्व में आला।
आजादी की अमृत बेला,
अब साकार हुई है।
चंद्रयान ने, जा चंदा की,
पावन देह छुई है।।
समाधान ईंधन का होगा,
नूतन ज्ञान मिलेगा।
मन के मानसरोवर में ही,
सुंदर कमल खिलेगा।
हिंद देश के वैज्ञानिक हैं,
सब देशों से न्यारे।
मिली सफलता चंद्रयान में,
हैं आँखों के तारे।।
किया कठोर परिश्रम हमने,
यह शुभ दिन पाया है।
आज तिरंगे को चंदा पर,
हमने फहराया है। ।
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स्वरचित एवं मौलिक
- अंजनी कुमार चतुर्वेदी श्रीकांत निवाड़ी
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