कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ. कामिनी ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त जी के नाती अमृत जी उपस्थित रहे संचालन संयोजक रवीन्द्र सत्यार्थी ने किया। इस अवसर पर बुन्देली का अ.भा.कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया।
गौरतलब हो कि राना लिधौरी की अब तक 5 बुन्देली एवं 4 हिन्दी में पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है एवं 13 पुस्तकों का संपादन करते हुए 137 ‘ई बुकों’ का संपादन एवं प्रकाशन कर चुके हैं। टीकमगढ़ जिले से प्रकाशित होने वाली एकमात्र साहित्यक पत्रिका ‘‘आकांक्षा’’ का प्रकाशन विगत 18 सालों से नियमित करते आ रहे हैं। कुल सालों से ‘अनुश्रुति’ नाम से एक बुन्देली की त्रैमासिक ई पत्रिका का भी नियमित प्रकाशन कर रहे है।
‘राना लिधौरी द्वारा ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि गं्रथ का प्रकाशन किया गया है, जो कि बहुत चर्चा में है। राना लिधौरी के हिन्दी एवं बुन्देली ब्लाग को अब तक 84 देशों के लगभग डेढ़ लाख पाठक पढ़ चुके हैं। इसके पूर्व राना लिधारी को उनकी कृति ‘लुक-लुक की बीमारी’ बुंदेली (़गद्य व्यंग्य संग्रह) तत्कालीन राज्यपाल मध्यप्रदेश मान.आनंदी बेन पटेल द्वारा सन् 2018 में भोपाल में 5000रूपए शांति देवी पुरस्कार से सम्मानित किया था। तीन राज्यपाल सहित देशभर से लगभग 170 सम्मान प्राप्त ‘राना लिधौरी’ हिन्दी एवं बुन्देली में साहित्य के लिए समर्पित राना लिधौरी आजकल खूब सुर्खियों में है।
हाल की में उनका ‘राना लिधौरीः गौरव ग्रंथ 426 पेजों में प्रकाशित हुआ है।
इस उपलब्धि पर राना लिधौरी को जिले में साहित्यकारों ने बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ दी है जिसमें प्रमुख रूप से पं. हरिविष्णु अवस्थी, श्री रामगोपाल रैकवार, एन.डी.सोनी विजय मेहरा,प्रमोद मिश्रा,उमाश्ंाकर मिश्रा, शील चन्द्र जैन, चाँद मोहम्मद,सुभाष सिंघई,डाॅ. प्रीति ंिसंह परमार,प्रदीप खरे, कैलाश श्रीवास्तव आदमी, अनिल अयान,डाॅ. राज गोस्वामी,मीरा खरे,एस.आर.सरल,कमलेश सेन,रविनद्र यादव,वीरेन्द्र चंसौरिया,विद्या शरण खरे,डाॅ. रेणु श्रीवास्तव, सहित अनेक साहित्यकार हैं।
रपट -राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
संपादक-‘अनुश्रुति’ बुन्देली त्रैमासिक ई पत्रिका
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