बिजुरी
-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)
(बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिजुरी
(बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक
संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 31-07-2021
टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
मोबाइल-9893520965
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
अनुक्रमणिका-
01- डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
02-सीताराम तिवारी 'दद्दा', टीकमगढ़,(म.प्र.)
03-डां संध्या श्रीवास्तव, दतिया,(म.प्र.)
04-श्याम मोहन नामदेव देरी,(म.प्र.)
05-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
06-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
07-संजय श्रीवास्तव, दिल्ली (मबई)
08-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
09- कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
10- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़ (मप्र)
11- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
12-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा टीकमगढ़
13-परम लाल तिवारी,खजुराहो(म.प्र.)
14-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा(म.प्र.)
15-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला(म.प्र.)
16-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर(म.प्र.)
अप्रतियोगी
17- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
18-रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट
19--हरिराम तिवारी 'हरि' ,खरगापुर(टीकमगढ़)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
1-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
कान्हा कारो मेघ सो ,
राधा बिजुरी रूप।
जुगल छवि हिय में बसी,
जैसे छिटकी धूप।।
-***
-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
2-सीता राम तिवारी दद्दा टीकमगढ़(मप्र)
बिजुरी चमकै अटा पै,
आधी रात डराय।
धक-धक छाती करत है,
तनक न मोय सुहाय।।
***
-सीताराम तिवारी 'दद्दा', टीकमगढ़
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3-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया(म.प्र.)
बिजुरी चमकी जी डरौ,
प्रियतम आये याद।
सतरंगी मन हो गयौ,
प्रेम भयौ आबाद।।
-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया
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04-श्याम मोहन नामदेव,देरी, टीकमगढ़(म.प्र.)
अम्बर अँसुआ ढार रय,
बिजुरी आँख दिखाय।
गरज-गरज कें बादरा,
बिजुरी खाँ धमकाय।।
✍️ श्याम मोहन नामदेव*देरी, टीकमगढ़,
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5-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)
बैरन बन गइ बिजुरिया ,
चित में परै न चैंन।
पिया आँय परदेश सें,
फूलै तबै पुरैंन।।
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-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)
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6-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़ (म.प्र.)💐
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7- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)
*मन की बिजुरी उजरतन,
झक्काटो खिच जात।
बाहर भीतर सब जगाँ,
उजियारो हो जात।।
संजय श्रीवास्तव, मवई
२६-७-२१😊दिल्ली
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8-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
कमर गुड़इयन दार।
बिजुरी जैसी चमक रइ,
गोटा लगी किनार।।
***
-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
10-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)
-एस आर सरल,टीकमगढ़
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
11-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी
चरवाहे घर खों चले,
बिजुरी चमके जोर।
बादर आये देख कें,
दओ पोतला फोर।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)
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12-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)
जीवन के सब चल रहे,
बिजुरी से सुकसार।
मानुष की अब जानहे,
सबकी प्रान अधार।।
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😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
13--परम लाल तिवारी,खजुराहो
बादर में बिजुरी चमक,
लखकर भओ विश्वास।
अब प्यासो मैं मरो नहि,
बँधी पपीहा आस।।
-परम लाल तिवारी,खजुराहो
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14-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा
बजत नगाडे तान कें,
बदरा जब आ जाय।
चमके विजुरिया नभ में,
घोर घटा जब छाय।।
**
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
15- -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
बूँदें,बिजुरी,बाढ़ सब,
हैं बरसा के अंग।
नदियों,नारों,खेत में,
हैं पानी के रंग।।
- -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
16-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर
सावन महीनें घटा उठत है,
गरजें बदरा घोर।
दमक बिजुरिया करे उजारो,
ज्यों चंदा चहुंओर।।
-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर
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अप्रतियोगी
17-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
**राना बुंदेली दोहावली बिषय-बिजुरी*
*सप्लीमेंट्री/अप्रतियोगी*
*बिषय- बिजुरी*
बिजुरी सी चमकत फिरें,
ऊकी मुइयां गोल।
मुस्काके जब बोलतीं,
मीठे लागे बोल।।
***30-7-2021
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
*@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मेरी उपरोक्त रचना मौलिक एवं स्वरचित है।)
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18--रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट
*/सप्लीमेंट्री/अप्रतियोगी*
कबौ बिजुरिया आत है,
कबौ गुल्ल होय जात।
आंख मिचौनी करत रय,
बनते काम नशात।।
-रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूहटीकमगढ़😄😄😄
19-हरिराम तिवारी 'हरि' ,खरगापुर जिला टीकमगढ़
बिजुरी सम श्री राधिका,
घन सम हैं घनश्याम।
एक बरन दोउ मिल भऐ,
शोभा है अभिराम।।
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हरिराम तिवारी 'हरि'
खरगापुर जिला टीकमगढ़ मध्य प्रदेश
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄