Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 2 अगस्त 2021

बिजुरी (बुंदेली दोहा संकलन) ई-बुक संपादन-राजीव नामदेव'राना लिधौरी'टीकमगढ़ (म.प्र)


                             बिजुरी
                 (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                  
                            बिजुरी
                 (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक

          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                                  
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

ई बुक प्रकाशन दिनांक 31-07-2021
        टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
         मोबाइल-9893520965

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


              अनुक्रमणिका-

01- डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
02-सीताराम तिवारी 'दद्दा', टीकमगढ़,(म.प्र.)
03-डां संध्या श्रीवास्तव, दतिया,(म.प्र.)
04-श्याम मोहन नामदेव देरी,(म.प्र.)
05-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
06-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
07-संजय श्रीवास्तव, दिल्ली (मबई)
08-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़) 
09- कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
10- एस. आर. 'सरल', टीकमगढ़ (मप्र)
11- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
12-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा टीकमगढ़
13-परम लाल तिवारी,खजुराहो(म.प्र.)
14-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा(म.प्र.)
15-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला(म.प्र.)
16-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर(म.प्र.)
अप्रतियोगी
17- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
18-रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट
19--हरिराम तिवारी 'हरि' ,खरगापुर(टीकमगढ़)
😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

1-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा

बिजुरी

 कान्हा कारो मेघ सो ,
राधा बिजुरी रूप। 
जुगल छवि हिय में बसी,
जैसे छिटकी धूप।।
     -***

-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा


😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

2-सीता राम तिवारी दद्दा टीकमगढ़(मप्र)


बिजुरी चमकै अटा पै,
आधी रात डराय। 
धक-धक छाती करत है,
तनक न मोय सुहाय।।
***
-सीताराम तिवारी 'दद्दा', टीकमगढ़


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3-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया(म.प्र.)

बिजुरी चमकी जी डरौ,
प्रियतम आये याद।
सतरंगी मन हो गयौ,
प्रेम भयौ आबाद।। 
            -डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया

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04-श्याम मोहन नामदेव,देरी, टीकमगढ़(म.प्र.)

अम्बर अँसुआ ढार रय,
 बिजुरी आँख दिखाय।
गरज-गरज  कें  बादरा,  
बिजुरी  खाँ धमकाय।।

✍️ श्याम मोहन नामदेव*देरी, टीकमगढ़,

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5-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)

     
 बैरन बन गइ बिजुरिया ,
चित में परै न चैंन।
पिया आँय परदेश सें,
फूलै तबै पुरैंन।।

              ###
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)

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6-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
 
बिजुरी सी दमके धना,
जिया पलोटें खाय। 
जिया जरै जो नहिं मिलै, 
गोरी लफ लफ जाय।।
-***
-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़ (म.प्र.)💐

           
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7- संजय श्रीवास्तव, मवई (दिल्ली)


*मन की बिजुरी उजरतन,  
झक्काटो खिच जात।
 बाहर भीतर सब जगाँ,
उजियारो हो जात।।              

    संजय श्रीवास्तव, मवई
     २६-७-२१😊दिल्ली

   😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

8-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 


 रेशम की साड़ी डटें,
कमर गुड़इयन दार।           
बिजुरी जैसी चमक रइ,
गोटा लगी किनार।।
         ***

           -अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़ 
                   
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9-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)


           

बिजली रानी के बिना , 
परै न अबतौ चैन ।
दिल भौतइ बेचैन रत , 
तड़फत है दिन-रैन ।।

 ***
 -कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
  ( मौलिक एवं स्वरचित )
             
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10-एस. आर. सरल, टीकमगढ़ (मप्र)


 काम दंद बिजुरी बिना,
ठप्प सबइ हो जात।
बिजुरी के उजयाय सै,
दिन सी हो गइ रात।।
       ###
     -एस आर सरल,टीकमगढ़      
        
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11-रामेश्वर प्रसाद गुप्त, बड़ागांव, झांसी


चरवाहे घर खों चले, 
बिजुरी चमके जोर।
बादर आये देख कें, 
दओ पोतला फोर।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
          

12-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)

जीवन के सब चल रहे,
बिजुरी से सुकसार।
मानुष की अब जानहे,
सबकी प्रान अधार।।
---
-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)

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13--परम लाल तिवारी,खजुराहो


बादर में बिजुरी चमक,
लखकर भओ विश्वास।
अब प्यासो मैं मरो नहि,
बँधी पपीहा आस।।

-परम लाल तिवारी,खजुराहो

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14-रामानंद पाठक 'नंद', नैगुवा


बजत नगाडे तान कें,
बदरा जब आ जाय।
चमके विजुरिया नभ में,
घोर घटा जब छाय।।
**
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा

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15-  -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला

बूँदें,बिजुरी,बाढ़ सब,
हैं बरसा के अंग।
नदियों,नारों,खेत में,
हैं पानी के रंग।।
-        -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
     
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

16-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर

सावन महीनें घटा उठत है, 
गरजें बदरा घोर।
 दमक बिजुरिया करे उजारो, 
ज्यों चंदा चहुंओर।।
-राम बिहारी सक्सेना, खरगापुर

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अप्रतियोगी

17-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)


**राना बुंदेली दोहावली बिषय-बिजुरी*

*सप्लीमेंट्री/अप्रतियोगी*

*बिषय- बिजुरी*

बिजुरी सी चमकत फिरें,
ऊकी मुइयां गोल।
मुस्काके जब  बोलतीं,
मीठे लागे बोल।।
***30-7-2021

*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*

*@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मेरी उपरोक्त रचना मौलिक एवं स्वरचित है।)

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18--रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट

*/सप्लीमेंट्री/अप्रतियोगी*

कबौ बिजुरिया आत है, 
कबौ गुल्ल होय जात।
आंख मिचौनी करत रय, 
बनते काम नशात।।

-रामलाल द्विवेदी,चित्रकूट

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूहटीकमगढ़😄😄😄

19-हरिराम तिवारी 'हरि' ,खरगापुर जिला टीकमगढ़

बिजुरी सम श्री राधिका, 
घन सम हैं घनश्याम।
एक बरन दोउ मिल भऐ, 
शोभा है अभिराम।।
****
हरिराम तिवारी 'हरि' 
खरगापुर जिला टीकमगढ़ मध्य प्रदेश

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄




                             बिजुरी
                 (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक

          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

         ई_बुक प्रकाशन दिनांक 31-07-2021
            टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
                 मोबाइल-9893520965

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4 टिप्‍पणियां:

साहित्य-मूल्यांकन || Sahitya-Mulyankan ने कहा…

शानदार 👍👍

Unknown ने कहा…

बहुत बढिया राजीव भाई
#बुंदेलखंड_की_लोक_कला_संस्कृति_और_साहित्य का संगम
Please visit and share
https://www.bundeliijhalak.com/

Unknown ने कहा…

आदरणीय राजीव नामदेव जी, दोहे पढ़कर आनंद आ गया। आपके प्रयासों की सार्थकता को कोटि कोटि शुभकामनाएं।
यहां पर,यह देखने में आया कि, दोहे नाम की नायाब विधा की आत्मा को बरकरार रखा गया,ना कि केवल मात्राओं की गणना की औपचारिकता का निर्वाह हुआ।
सभी विद्वतजनों को सादर अभिवादन।

Anshu ने कहा…

Vary nice