Rajeev Namdeo Rana lidhorI

शनिवार, 28 अगस्त 2021

हरछठ बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

हरछठ (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक) संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
                         हरछठ (रक्षाबंधन)
                 (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक
          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

                                        
                हरछठ

    (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक

 संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                                  
प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

ई बुक प्रकाशन दिनांक 28-08-2021

        टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
         मोबाइल-9893520965

😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄


              अनुक्रमणिका-

अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा(म.प्र.)
03-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)
04- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
05-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़) 
06- कल्याणदास साहू "पोषक",पृथ्वीपुर(निवाड़ी)(म.प्र.)
07-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ', लखौरा टीकमगढ़
08-प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला(म.प्र.)
09-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़ (मप्र)
10-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़ (म.प्र.)
11-गोकुल यादव,बुढेरा (म.प्र.)
12- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)
13-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (म.प्र.)
14-अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (म.प्र.)
15-हरिराम तिवारी 'हरि',खरगापुर(टीकमगढ़)
16-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा, निवाडी (म.प्र.)

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

                              संपादकीय-

                           -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 

               साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
            इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे। 
          हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
  हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
           हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
     आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
      एक का और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।     
                 हमारे इस छोटे से प्रयाय से आज यह ई-बुक *हलछठ* 61वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
     यह पटल  के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 61 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 73 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब  तक पढ़ चुके हैं।
    हमारे पटल  जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 61वीं ई-बुक "हलछठ" लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों  ने बुंदेली दोहा प्रतियोगिता 25 द्वारा  दिये गये बिषय  "हरछठ" पर दिंनांक-28-8-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच पटल पर पोस्ट की गयी हैं।  अपना आशीर्वाद दीजिए।

  अतं में मैं पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
           धन्यवाद, आभार
  ***
दिनांक-28-08-2021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)

                     -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
                   मोबाइल-9893520965

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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)


*बिषय- हरछठ*

बलदाऊ इदना भये, 
खुशियां भयी अपार।
हरछठ कौ त्यौहार भी,
मना रये नर-नार।।
***

*@ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मेरी उपरोक्त रचना मौलिक एवं स्वरचित है।)

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2-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, टीकमगढ़ (मप्र)


छठवीं तिथि हर की रहै,
हरछठ कहत सुहाय।
जरिया छ्योले की छटा,
लटा कूट पुजवाय।।
***
           
-जयहिंद सिंह 'जयहिन्द',पलेरा, (टीकमगढ़)

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3-प्रदीप खरे 'मंजुल', टीकमगढ़ (मप्र)

 
हलछठ जिदना आत है, 
सबइ उपासीं रात। 
गाय दूद अरु हर जुतो,
जा दिन कोउ न खात।।
   ***
-प्रदीप खरे मंजुल,टीकमगढ़ (म.प्र.)💐
          
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04- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)


हरछठ को बलराम का, 
जन्म अष्टमी श्याम।
मथुरा मंगल गीत हों,
 उत्सव हों ब्रजधाम।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

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5-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 


 खुशी रबें जे लाड़ले,
सबके हरछठ माइ।
बलदाऊ के जनम की,
घर घर बजै बधाइ।।
         ***
           -अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़ 
                   
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06-कल्याणदास साहू "पोषक", पृथ्वीपुर, (निवाड़ी)


           
हरछठ के त्यौहार कीं , 
मिलतीं कथा तमाम ।
इस दिन ही बलराम जी ,
 अवतारे ब्रजधाम ।।
 ***
 -कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर,निवाडी़ (मप्र)
  ( मौलिक एवं स्वरचित )
             
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07-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)

गरभ गाय का शराप है,
हरछठ का त्योहार ।
पेट दरद न सग दओ,
महिला तज व्योहार।।
---
-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा (टीकमगढ़)

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08 -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला


बेटे हों हर पल सुखी,
रहैं कुशल सैं प्रान।
हरछठ-व्रत फलता रहै,
माँ साधै भगवान।।
***
        -प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे,मंडला
     
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09-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़ (मप्र)


घर घर हरछट आ गई,
 पूजा ल‌इ विस्तार।
भुंजे चना म‌उआ लटा,
की भौत‌इ भरमार।।
***
-प्रभुदयाल श्रीवास्तव, टीकमगढ़ (मप्र)

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10-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़ (म.प्र.)

हरछठ की पूजा सुनो,
घर घर हो रइ आज।
 मउआ चना लियायते,
छोड़ छाड़ सब काज।।
***
   -वीरेन्द चंसौरिया ,टीकमगढ़

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11-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)


 खैबौ है मुरका लटा,
 डुबरी धान-पसाइ।            
हमन गरीबन के घरै,
हर-छठ हरछठ घाँइ।।           
***                   
                 -गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)

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12- शोभाराम दांगी 'इंदु', नंदनवारा(म.प्र.)


दूध भैंस कौ लेत हैं,
हर सैं जुती न खांय।
लंबी उमर संतान व्रत, 
कामना लैकैं रांय ।।
-शोभाराम दाँगी 'इंदु',नंदनवारा 

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13-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़ (म.प्र.)

अप्रतियोगी दोहा-

'हलषष्ठी' हरछठ बनी, 
गौ-धन खों बिसराम।
चाँउर पसाइ के खबें,
जनम भऔ बलराम।।

***
-रामगोपाल रैकवार, टीकमगढ़



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14-अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (म.प्र.)
हरछ्ट खे हलधर भये,
ऑंठें खे गोपाल।
दाऊ!दाऊ!! रातदिन 
करें कन्हैंयालाल।।
-अवधेश तिवारी, छिंदवाड़ा (मप्र)
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15-हरिराम तिवारी 'हरि',खरगापुर(टीकमगढ़) 
बुंदेली दोहा शब्द,हरछठ "हलछठ"  अप्रतियोगी

भादौं हरछठ खां जनम, 
भयौ हरण भू भार।
बलदाऊ बलराम जू, 
शेषनाग अवतार।।
🙏🙏🌹🙏🙏

-हरिराम तिवारी 'हरि',खरगापुर(टीकमगढ़) मध्य प्रदेश

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16-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा, निवाडी (म.प्र.)


नारीं घर पूजा करें, 
निरजल करें उपास।
हलधर के पूजेचरन,
ईसें हरछठ खास।
***
-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा,निवाडी (म.प्र.)

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                 हलछठ
   (बुंदेली दोहा संकलन) ई_बुक

          संपादक - राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

प्रकाशन-जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

         ई_बुक प्रकाशन दिनांक 28-08-2021

            टीकमगढ़ (मप्र)भारत-472001
                 मोबाइल-9893520965

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