Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 23 अगस्त 2021

मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 275वीं कवि गोष्ठी एवं सम्मान समारोह-दिनांक-22-08-2021

कवयित्री शारदा ओझा (गुना) के सम्मान में हुई कविगोष्ठी*

*(म.प्र.लेखक संघ का 275वाँ संयुक्त आयोजन)*

कवयित्री शारदा ओझा(गुना) को म.प्र.लेखक संघ का ‘साहित्य श्री सम्मान-2021’

टीकमगढ़// नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ एवं ‘हिन्दी सेवा समिति टीकमगढ़’़ के संयुक्त तत्वावधान में ‘कवयित्री श्रीमती शारदा ओझा (गुना) के सम्मान में ‘एक सरस काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।

 शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़ में भारत विजय बगेरिया के निवास पर 275वीं कवि गोष्ठी एवं सम्मान समारोह किया गया जिसकी अध्यक्षता श्री प्रभुदयाल जी श्रीवास्तव (टीकमगढ़) ने की व मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवयित्री श्रीमती शारदा ओझा(गुना) रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि श्री अनंदी लाल विश्वकर्मा रहे। 
इस अवसर पर म.प्र. लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा कवयित्री श्रीमती शारदा ओझा (गुना) को ‘‘साहित्य श्री सम्मान-2021’’सें सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्रीमती शारदा ओझा,गुना की पुस्तक ‘भजन मंजरी’ का विमोचन किया गया।
द्वितीय चरण में कवि गोष्ठी का संचालन व हिन्दी सेवा समिति के सचिव डी.पी.शुक्ला ‘सरस’ ने किया तथा सभी का आभार हिंदी सेवा समिति नगरअध्यक्ष भारत विजय बगेरिया नेे किया।
सरस्वती वंदना के पश्चात् वीरेन्द्र चंसौरिया ने यह गीत पढ़ा-जय जबान जय किसान जय हिदुस्तान।
विश्व में है भारत की अलग पहचान।।
जिनके बलिदानों से देश ये महान।
उनका हृदय से  करते सम्मान।।  
टीकमगढ़ से म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ग़ज़ल सुनायी-- 
देश रक्षा के लिए खून बहाने की जगह,लहू हम दंगे फ़सादों में बहा देते है। हम तो सहते ज़माने के सितम हँस-हँस के, हम नहीं वो जिन्हें हालात रूला देते हैं।।
टीकमगढ़ से भारत विजय बगेरिया नेे सुनाया- टीकमगढ़ में रहता नाम भारत विजय रखता हूँ।
एक छोटे दिल में सारा हिन्दुस्तान रहता हूँ।
टीकमगढ़ से प्रभुदयाल श्रीवास्तव नेे सैरा सुनाया- झूला झूलत कुंज बिहारी, उर बृषभान दुलारी।
श्याम सलोने श्याम सखा संग, सोहत श्यामा प्यारी।।
लखौरा से श्री गुलाब सिंह यादव‘भाउ’ने गीत पढ़ा-लहर लहर लहराये तिरंगा जा भारत की शान है।
तन मन करो निछावर अपने तब तक भीतर प्रान।
टीकमगढ़ से श्री डी.पी. शुक्ला ने सुनाया-मेरी चाँद सी बहिना को, इन मतारों का मिले सहारा है।
नद की बहती धार जहाँ, मिले पति-पत्नी को एक किनारा है।
इनके अलावा श्री उमाकांत तिवारी,माधुरी बगेरिया, ए.पी. ंिसंह,अनंदी लाल विश्वकर्मा, भविष्य ओझा,सोनू सिंह परिहार,उर्मिला झा,मालती देवी, आदि ने रचनाएँ एवं विचार प्रकट किये।
- रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
  अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
पिनः472001 मोबाइल-9893520965
      E Mail-   ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com

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