(समग्र हिंदी दोहा संग्रह)
दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र)
हिन्दी दोहे
तीन दोहे
राना दोहावली- 62-63-64
बिषय- "फ़ूल"
बगिया तो महके सदा,
ये फ़ूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
महक सदा ही बांटता,
ज्यों बगिया में फ़ूल।
काम सदा ऐसे करो,
कभी न होबे भूल।।
फूल और कांटे सदा,
रहे पेड़ के पास।
फूल फूल सबने चुने,
कांटे रहे उदास।।
राना दोहावली- 68-69-70
बिषय- "सत्य"
कर न पाये बराबरी,
झूठ कभी श्रीमान।
सत्य सूर्य सम है सदा,
पाता सदा सम्मान।।
सत्य अहिंसा से अधिक,
नहीं बड़ा हथियार।
दुश्मन भी अपना बने,
पाकर मन का प्यार।।
सत्य कभी छुपता नहीं,
करो कितने प्रयास।
फसे झूठ के जाल में,
नहीं मुक्ति की आस।।
### 3-6-2020
तीन दोहे
राना दोहावली-71-72-73
बिषय- "वृक्षारोपण"
जन्मदिवस पर सोचना,
वृक्षारोपण काज।
हरियाली छाती रहे,
खुश हो सकल समाज।।
वृक्षारोपण की प्रथा,
होती है हर बार।
कागज पर ही लग गए,
पौधे कई हजार।।
वृक्षारोपण जो करे,
वह करता उपकार।
बदले में फल-फूल का,
मिलता है उपहार।।
### 4-6-2020
तीन दोहे
राना दोहावली-74-75-76
बिषय- "नेता"
नेता तो करता सदा,
झूठे वादे रोज।
जीत गया दिखता नहीं,
फिर होती है खोज।।
नेता को मौका मिले,
तब पलटी ही खाय।
पद-पैसे की चाह में,
जाने कब बिक जाय।।
नेता तो करता सदा,
घोटाले श्रीमान।
घोटाला जितना बड़ा,
उतनी होती शान।।
### 5-6-2020
राना दोहावली-77-78-79
बिषय- "नशा"
नशा मौत का नाम है,
होता ज़हर समान।
घर का सब बिक जाय है,
धन दौलत सम्मान।।
नशा न करना भूल के,
हो जीवन से प्यार।
जो करता कोई नशा,
जीवन हो बेकार।।
'राना' नशा भीषण द्वय,
तम्बाकू व शराब।
करते बहु अंगों सहित,
मुंह, यकृत भी खराब।।
### 6-6-2020
राना दोहावली-80-81-82
बिषय- "भ्रष्टाचार"
नहीं गरीबों पे दया,
करे न तनिक विचार।
लाज नहीं आती उन्हें,
करते भ्रष्टाचार।।
भ्रष्टाचार बढ़ा रहा,
कोरोना आजाब।
बढ़ती कीमत में वही,
बिकता माल खराब।।
नेताओं की ओर से,
होता भ्रष्टाचार।
अधिकारी भी मानते,
इसको शिष्टाचार।।
### 7-6-2020
राना दोहावली-83-84-85
बिषय- "निर्दोष हथिनी"
बच्चा बोला गर्भ में,
मेरा क्या है दोष।
जन्म न ले पाया यहां,
मेरी मां निर्दोष।।
कुछ होते है आदमी,
दुष्ट, नीच, शैतान।
हथिनी को वे मारके,
बनते है हैवान।।
ऐसे साक्षर से भला,
होय अनपढ़ गंवार।
मानवता को छोड़के,
करते अत्याचार।।
### 8-6-2020
राना दोहावली-86-87-88
बिषय- "शाकाहार"
रहें निरोगी वे सदा,
करते शाकाहार।
रोग पास आयें नहीं,
खुशी रहे परिवार।।
मांसाहार न कीजिए,
हो जीवन से प्यार।।
अमृत के समकक्ष है,
उत्तम शाकाहार।।
मांस खाद्य तो है सदा,
राक्षस का आधार।
धर्म भ्रष्ट हो जाय है,
करते जो आहार।।
### 9-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़
राना दोहावली-89-90-91
बिषय- "सदाचार"
सदाचार दिल में रखो,
बनते लोग महान।
इन्हीं गुणों से ही सदा,
खुश होते भगवान।।
संयम व सदाचार हो,
क्षमा दया गुण नेक।
जिसमें रहते ये सभी,
उसके सखा अनेक।।
सदाचार अपनाए जो,
पाए सबका प्यार।
दुराचारियों को सदा,
मिलती है फटकार।।
### 10-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल -9893520965
राना दोहावली-92
(प्रतिलिपि-33)
बिषय- "जीवन"
मदद करे जो भी सदा,
पाता खुशी हजार।
जीवनभर मिलता रहे,
सबका लाड-दुलार।
##11-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल -9893520965
राना दोहावली-93-94-95
बिषय- "आम"
कच्चा,पका,अचार भी,
आम जूस पी जाय।
पना बनाकर पीजिए,
लपट नहीं लग पाय।।
कच्ची अमिया देखके,
सबका जी ललचाय।
आम चुराए बाग से,
खाए मन भर जाय।।
आम दशहरी है भला,
अल्फांजो है खास।
तोता परी अधिक बड़ा,
चौसा रहे उदास।।
##12-6-2020
राना दोहावली-99-100-101
बिषय- "बेटी"
बेटा-बेटी एक हैं,
रखें आप समभाव।
ईश्वर की वे देन हैं,
घर का मिटे अभाव।।
****
आप बहू को दीजिए,
बेटी जैसा मान।
वह भी देगी मान फिर,
अपने पिता समान।।
****
बेटों से बेटी भली,
करती ऊंचा नाम।
बेटे भले न साथ दें,
बेटी आती काम।।
##14-6-2020
राना दोहावली-102-103-104
बिषय- "तारे"
तारे गिन-गिन कट गई,
बैरन बिरही रात।
भोर हुए होने लगी,
बिन बादल बरसात।।
***
रजनी तो दुल्हन बनी,
पूनम की है रात।
चंदा दूल्हा है बना,
तारों की बारात।।
***
अगणित तारे दूर पर,
मिलता नहीं प्रकाश।
एक सूर्य पर्याप्त है,
जो है अपने पास।।
***15-6-2020
राना दोहावली-105
बिषय- "फुहार"
श्याम मेघ अब आ गए,
पड़ने लगी फुहार।
सौंधी खुशबू को लिए,
बहने लगी बयार।।
##16-6-2020
राना दोहावली-106
बिषय- "चातक"
चातक पीता है सदा,
पहली बर्षा बूंद।
बिन उसके प्यासा रहे,
रहता आंखें मूंद।।
##17-6-2020
राना दोहावली-108
*योग* पर केन्द्रित कुछ दोहे
बाबा योग सिखा रहे,
करिए आप जनाब।
स्वथ्य रहोगे फिर सदा,
तन न होगा खराब।।
109
योग दिवस वादा करो,
खूब करेंगे रोज।
काया कंचन सी बने,
मुखड़े पर हो ओज।।
110
फुर्ती रहे शरीर में,
जो करता है योग।
मन प्रसन्न उसका रहे,
होगे ना फिर रोग।।
111
रोज कीजिए खूब ही,
दवा मुफ्त की योग।
जो जितना ज्यादा करे,
उतना रहे निरोग।।
### 17-6-2020
महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर
राना दोहावली-
लक्ष्मीबाई सी नहीं,
दूजी कोई वीर।
क्षण भर में करवाल से,
देती दुश्मन चीर।।
113
लक्ष्मीबाई की सदा,
चली खूब तलवार।
बिजली सी चमके जहां,
बहे खून की धार।।
114
ऐसी थी वीरांगना,
कितना करे बखान।
होती युग उपरांत है,
उन-सी वीर महान।।
115
आज दिवस बलिदान है,
मना रहे हम आप।
लक्ष्मीबाई का अमर,
रहे सदैव प्रताप।।
116
बेटी हो तो हो सदा,
ऐसी वीर महान।
काम करे ऐसा करे,
लक्ष्मी बाई समान।।
### 17-6-2020
(प्रतिलिपि-53)
राना दोहावली-53
बिषय- *मानवता*
मानवता तो छोड़ दी,
इंसानों ने आज।
धोखा दे करते रहे,
वे जंगल में राज।।
### 18-6-2020
राना दोहावली-118
गुरु की जो सेवा करे, मिले उसे सम्मान।
गुरु के ही आशीष से, बनता शिष्य महान।।
119
गुरु सदैव ही बांटता, निज सुगंध ज्यों फूल।
उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जिते जग-शूल।।
120
खुशयाली आती रहे, करो ईश का ध्यान।।
तन,मन से होगें सुखी,होगा जन कल्यान।।
121
शिक्षक सदैव बांटता, निज सुगंध ज्यों फूल।
उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जाते जग-शूल।।
दिनांक-8-9-2020
(प्रतिलिपि-58-59)
आज के दोहे- हिंदी
122
हिन्दी मेरी जान है,
हिन्दी विश्व महान।
जीवन अर्पित कर दिया,
करते हैं सम्मान।।
123
हिन्दी के कवि सूर हैं,
केशव, तुलसीदास।
पंत निराला गुप्त जी,
जय कबीर, रैदास।।
दिनांक- 14-9-2020
124 हिन्दी दोहे- राना दोहावली
कुछ नेता है दानवी, दुष्ट नीच शैतान।
गरीब को वे मारके, बनते है हैवान।।
नेता बोला वोटर से, तुम हो मेरे खास।
मामा शकुनि बना रहूं, पांसा मेरे पास।।
नेताओं की ओर से, होता भ्रष्टाचार।
डाकू बन हत्या करे, कहते शिष्टाचार।।
दिनांक- 15-9-2020
हिंदी दोहे बिषय-अहंकार
1
जिसने भी छोड़ा नहीं,
अहंकार का भाव।
उसके जीवन में सदा,
रहता है दुर्भाव।।
2
लोभ क्रोध, अरु मोह भी,
अहंकार के साथ।
यदि इनको छोड़ा नहीं,
क्षोभ रहेगा हाथ।।
3
अहंकार ने खा लिया,
राक्षस रावण राज।
अपना करके नम्रता,
मिला बिभीषण ताज।।
दिनांक- 22-9-2020
हिंदी दोहे बिषय-गांधी जी व शास्त्री जी
*१२४*
गांधी जी और शास्त्री,
दोनों वीर महान।
एक राष्ट्र का है पिता,
दूजा लाल जवान।।
*१२५*
लाल बहादुर शास्त्री,
हुए देश के लाल।
कद छोटा पर देश का,
ऊंचा कीन्हा भाल।।
*१२६*
बापू अहिंसा प्रणरत,
छोड़ा कभी न साथ।
दाण्डी यात्रा पर गए,
लाठी लेकर हाथ।।
दिनांक- 2-10-2020
(प्रतिलिपि-69-70)
बिषय-परिवर्तन
*99*
ऋतु परिवर्तन हो रहा,
करे हवा संकेत।
अब भी मानव चेत जा,
करता ईश सचेत।।
*100*
परिवर्तन होता रहा,
यह प्रकृति का काम।
इंसा खुद को ढाल ले,
तभी मिले आराम।।
दिनांक-6-10-2020
*बिषय- इंद्रधनुष*
101
इंद्रधनुष के रंग से,
किरणें कर श्रृंगार।
नृत्य करे बरसात में,
चलती मंद बयार।।
102
इंद्रधनुष सा मन हुआ,
भटके चारों ओर।
सफेद शांति के लिए,
पीला है चितचोर।।
दिनांक- 13-10-202
103- बिषय-भावना
देखें वे हैं भावना,
जिसमें जैसी पाय।
माता के दरबार में,
वैसा ही फल पाय।।
*104*
भावनाशून्य हो गया,
अब तो ये इंसान।
मुश्किल है पहचानना,
मानव या शैतान।।
दिनांक-20-10-2020
बिषय-आकांक्षा
105
सुरसा सी बढ़ती रही,
आकांक्षाएं आज।
दिल भी पागल हो गया,
मन में करती राज।।
106
आकांक्षाएं कम करें,
तभी सुखी रह पाय
जो अपने बस में नहीं,
उसको छोड़त जाय।।
दिनांक 27-10-2020
*बिषम-नदिया*
107
पत्थर को भी काटकर,
करे पुण्य के काम।
नदिया धारा से बने,
प्यारे शालिगराम।।
108
पानी सबको ही मिले,
जीव-जंतु, इंसान।
जो नदिया तट पै रहे,
वह सच्चा धनवान।।
दिनांक-3-11-2020
******
बिषय- हमसफ़र (अन्य पटल)
112-
हमसफ़र क्यों मिले नहीं,
जीवन है बेकार।
कब तक तन्हा यूं रहे,
कोइ बना लें यार।।
113
हमसफ़र की खमोशियां,
बिल्कुल नहीं सुहाय।
बढाइये नज़दीकियां,
दिल को बहुत लुभाय।।
114
हम सफ़र हि करते रहे,
हमसफ़र नहीं पाय।
भाग्य में ही नहीं लिखा,
करते रहे उपाय।।
दिनांक 5-11-2020
बिषय-सागर
115
सागर सी गहराइ हो,
तो मोती पा जाय।
तेरे प्यार कि चाह में,
दिन रैन न कट पाय।।
116
सागर से कभी न बनो,
जो खारा है खूब।
नदिया बन बहते रहो,
पावन जल है खूब।।
बिषय- भय,डर
127
भय से क्या भयभीत हो,
भय के आगे जीत।
लोग डराते है सभी,
ये दुनिया की रीत।।
128
जो जितना भी है डरा,
उतना पीछे जाय।
साहस जिसमें है भरा,
आगे बढ़ता जाय। ।
129
डरना है उनसे डरो,
जो रचते संसार।
सब उनके ही हाथ में,
वही लगाते पार।।
****दिनांक-24-11-2020
बिषय-शहीद
120
शहीद के परिवार को,
मिले उचित सम्मान।
तंगहाली न हो कभी,
रक्खे उनका ध्यान।।
131
देश सुरक्षा के लिए,
देते हैं वे जान।
उनके यह बलिदान की,
कीमत तू पहचान।।
***
दिनांक-1-12-2020
बिषय- विवाह
132-
धूमधाम से हो रहे,
ये विवाह संस्कार।
बराती नाच गा रहे,
करे खूब श्रृंगार।।
133
विवाह के सह भोज में,
होता गिद्धाचार।
कोई को मिलता नहीं,
कोई रखे अपार।।
*8-12-2020
बिषय- सम्वेदना
134
सम्वेदना दिल में रखो,
तभी मिलेगा प्यार।
दुश्मन भी बन जायेगा,
अपना पक्का यार।
135
जिसमें हो सम्वेदना,
वह मानव कहलाय।
मानव गुण ये श्रेष्ठ है,
कोई तो समझाय।।
*15-12-2020
बिषय- मंहगाई
136
मंहगाई सुरसा हुई,
जनता है बेहाल।
अफसर की चांदी हुई,
नेता मालामाल।।
137
मंहगाई की मार है,
पड़ती चारों ओर।
आमजन परेशान है,
मिले नहीं अब छोर।।
**22-12-2020
*तरंग*
138
रचना बनती तब नयी,
मन में उठत तरंग।
साहित्य कि बगिया खिले,
कविता रंग बिरंग।।
*139*
तुम तैयार सदा रहो,
जब भी उठे तरंग।
अगर कलम चलती नहीं,
लग जायेगी जंग।।
*29-12-*2020
*नया साल*
*140*
नये साल का कर रहे,
स्वागत है श्रीमान।
यश कीरत सम्मान हो,
होवे सब धनवान।।
*141*
नये साल में कर रहे,
बिनती ये इंसान।
कोरोना का नाश हो,
हे ईश्वर, भगवान।।
*142*
कोरोना के काल में,
मना रय नया साल।
संकट अभी टला नहीं,
कैसे हो खुशहाल।।
*143*
मास्क लगाएं चेहरे,
आंखे करती बात।
नये साल में नाचते,
बीती सारी रात।।
****
दोहा बिषय- स्वागत*
*144*
स्वागत करते पटल पे,
आप सभी का यार।
खूब मेहनत कर रहे,
हो नव सृजन अपार।
*145*
शब्द ज्ञान प्रतियोगिता,
लेकर हम है आय।
नये शब्द है ढूंढ़ के,
सम्मान पाते जाय।।
****
*प्रशंसा*
146
करो प्रशंसा खूब ही,
बड़ा करे जो काम।
वो भी खुश हो जात है।
लेगा फिर वह नाम।।
147
काम सदा ऐसे करो,
जग में होवे नाम।
सभी प्रशंसा फिर करे,
मिलते है फिर दाम।।
**12-1-2021
बिषय- समस्या
148
विकट समस्या आ गयी,
कैसे होत निदान।
कोरोना मिटवे नहीं,
आफत में है जान।।
149
बर्ड फ्लू और आ गया,
समस्या है विशाल।
मुर्गा-मुर्गी मर रहे,
मानव है बेहाल।।
150
समस्या से जो न डरे,
वो आगे बढ जाय।
ईश्वर पर विश्वास से,
हर विपदा टल जाय।
**19-1-2021
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
151
इक अकेले सुभाष ने,
बना ली नयी फौज।
डरते उनसे थे सभी,
देखो कितना ओज।।
152
नेता तो बस एक है,
सुभाष वीर महान।
उनके साहस को सदा,
माने सकल जहान।।
153
नमन करे हम तो सभी,
उनको बारम्बार।
नेता सुभाष जी यहां,
लेवे फिर अवतार।।
**25-1-2021
154
*बिषय- गणतंत्र*
भारत का गणतंत्र है,
समस्त विश्व महान।
बाबा साहब ने दिया,
अनौखा संविधान।।
*155*
भारत में सबसे बड़ा,
लागू है गणतंत्र।
अपने शासन चयन में,
जनता हुई स्वतंत्र।।
** 26*-1-2021
बिषय-पुरस्कार
156
सच्चे दिल से दें दुआ,
वही है पुरस्कार।
पीठ खुजा इक दूसरे,
ये सब है बेकार।।
157
पुरस्कार अब बिक रहे,
बोली लगती पाय।
लेने वाले खूब है,
लाइन बढ़ती जाय।।
*दिनांक-2*2*2021
बसंती दोहा
158
मां सरस्वती का करो
बसंत पंचमी ध्यान।
उनके ही परताप से,
होगा फिर कल्याण।।
159
बसंत तो बिखरा पड़ा,
देखो अपने पास।
मन की आंखे चाइए,
आया है मधुमास।।
160
बंसत रितु का आगमन,
धरती कर श्रृंगार।
राह देखती क्षितिज का,
प्रेम लेत आकार।।
14-2-2021
#प्रेम
161
प्रेम करो ऐसा करो,
मीरा सा हो ध्यान।
आयेंगे दौड़े चले ,
मुरलीधर भगवान।।
162
प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
इक दूजे के साथ में,
हर्षित हृदय समाय।।
163
बगिया तो महके सदा,
ये फूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
बिषय- विज्ञान
164-
विज्ञान तो वरदान है,
करो सही उपयोग।।
गलत दिशा में जो चले,
दे जायेगा रोग।।
165
फूल और कांटे लिए,
अनौखा है विज्ञान।
संभल संभल के तुम चलो।
देता है यह ज्ञान।।
166
अविष्कार की होड़ में,
तवाह हो रहे इंसान।
सुविधाएं दे दी सभी,
है खतरे में जान।।
***
167-
ॠषि मुनियों ने है दिया,
पुष्कर यहां विमान।।
सदा रहा सिरमौर है,
भारत विश्व महान।।
-2-3-21
बिषय- महिला/नारी
168
महिला रुप अनेक है,
करो सभी का मान।
मां,बेटी,पत्नी भली,
देवी मात समान।।
169
नारी के सम्मान का
रखो हमेशा ध्यान।
उनके ही सहयोग से,
इक दिन बने महान।।
*8-3-2021
*बिषय- गागर में सागर*
*170*
गागर में सागर भरे,
ये दोहे अनमोल।
जय बुंदेली समूह है,
अहम निभाता रोल।।
*14-3-2021*
बिषय-"सेवा"
*171*
निर्धन की सेवा करे,
मिले बहुत सा प्यार।
उनके ही आशीष से,
सुखी रहे परिवार।।
*172*
सेवा ऐसी कीजिए,
जो बन जाये मिसाल।
जन्म दिवस पर बांटिए,
धन,कंबल और शाल।।
*16-3-2021
*अतिरिक्त बिषय -खुशियाली*
173-
खुशयाली आती रहे,
करो ईश का ध्यान।।
तन,मन से होगें सुखी,
होगा जन कल्यान।।
*20-3-2021
174
बिषय- हिलोर-
काव्य रचा जब भी नया,
मन में उठी हिलोर।
सुनने वाला जब मिला,
सुना दिया घनघोर।।
175-
जब जब देखा भीड़ को,
नेता उठी हिलोर।
करवे झूठे वायदे,
वोटर लिए बटोर।।
*23-3-2021
बिषय- अनंत
176
संभावना अनंत है,
कार्यक्षेत्र विशाल।
काम लगन से कीजिए,
होगे फिर खुशिहाल।।
177-
ये वायरस अनंत है,
खुद ही करे बचाव।
दूरी,टीका, मास्क हो।
होगा दूर तनाव।।
***6*4*2021
बिषय- बालमन
178-
बालमन तो रहे सदा,
बूढ़ों के भी साथ।
बच्चों सी हरकत करें,
बेटा जोड़े हाथ।।
179
कितना भी पढ़ लिख लिया,
बालमन नहीं जात।
टोका-टाकी छोड़ के,
भजन नहीं कर पात।।
*13-4-2021
बिषय- एकता
180-
अनेकता में एकता,
भारत की पहचान।
सभी धर्म के जन यहां,
पाते है सम्मान।।
181
बनी रहे यूं एकता,
आपस में है प्यार।
रोज नया रचता रहे,
दोहों का संसार।।
**20-4-2021
बिषय- विश्व पुस्तक दिवस
182-
पुस्तक डे है आज तो,
मना रहे हम लोग।
ज्ञान बढ़ाये यहां,
मन को करे निरोग।।
183
पुस्तक सच्ची मित्र है,
दूर करती तनाव।
सभी को ज्ञान बांटती।
पाठक करे लगाव।।
184
प्रतिदिन पुस्तक इक पढ़े,
ये आदत बन जाय।
ज्ञान बढ़े,आगे बढ़े,
शीघ्र सफलता पाय।।
**23-4-2021
बिषय-धरा
185
मत उड़िये आकाश में,
धरो धरा पे पांव।
घर आंगन में नीम हो,
बैठ आम की छांव।।
186
काले बादल आय है,
पानी लाये साथ।
धरा ने स्वागत के लिए,
बढ़ा लिए है हाथ।।
**27-4-2021
बिषय -पत्रकार
187
पत्रकार करते यहां,
खबरों का व्यापार।
पैसों की दम पे यहां,
छपता है अखबार।।
188
पत्रकार भी हो गये,
पार्टी के हि गुलाम।
ख़बरें उनकी छापते,
करें उन्हें सलाम।।
189
कुछ पत्रकार भी हुए,
नहीं बिके है आज।
जो देखा छापे वही,
करे दिलों में राज।।
***4-5-2021
बिषय-आंधी
190
आंधी में उड़ जात है,
जो होते कमज़ोर।
डटकर करते सामना,
बन जाते सिरमौर।।
191
आंधी में भि खड़ा रहा,
वो तो सीना तान।
बाल न बांका कर सके,
ये मानव, शैतान।।
***18-5-2021
192
विधा:- चक्र
चक्र चले जब काल का,
दुख भी वो हर लेत।
अच्छे दिन भी आत है
खुशियां से भर देत।।
***
193
चक्र सुदर्शन जो चला,
हो गये असुर ढेर।
संत ऋषि मुनि प्रसन्न हो,
मना रहे सब खैर।।
**25-5-2021
बिषय- तंबाकू
194
तंबाकू इक है नशा,
लत खराब कहलाय।
नाश करे ये फेफड़ा,
खास-खास मर जाय।।
***
195
तंबाकू है इक दवा,
गर थोड़ी सी खाय।
गैस,अपच होती नहीं,
दांत दर्द मिट जाय।।
***1-6-2021
दोहा- "लाकडाउन-अनलाक"
196
लाकडाउन तो खुल गया,
हो गय अब आजाद।
गिरमा तोडे जा रये,
किसे करे फरियाद।।
***
197
बिना मास्क के घूमते,
निर्भय होके आज।
कोरोना जो हो गया,
मिले न कोइ इलाज।।
***
बिषय- चंदन
198
चंदन से वंदन करे,
खुश हो शालिगराम।
तुलसी जी चंदन घिसे,
तिलक लगावे राम।।
***
199
चंदन टीका है लगा,
पंडित की पहचान।
इसकी खुशबू से सदा,
महके सकल जहान।।
***
200
चंदन जैसा तुम बनो,
महके भी किरदार।
सबके मीत बने रहो,
होगी जय जयकार।।
***दिनांक-8-6-2021
बिषय-रक्तदान
201
रक्तदान तुम कीजिए,
मिले बहुत सम्मान।
दिल से फिर मिलती दुआ ,
बन जाये पहचान।।
***
202
रक्तदान से कुछ नहीं,
होता है नुकसान।
दानवीर कहलात है,
बच जाती इक जान।।
***15-6-2021
बिषय-जामुन
203
काले है तै क्या हुआ,
है मीठे रसदार।
खाते जामुन रोज तो,
होगे नहिं बीमार।।
***
204
जामुन तो जामुन भला,
गुठली भी दमदार।
सुगर बढ़ेगी फिर नहीं,
रामवाण उपचार।।
***29-6-2021
*हिन्दी दोहे बिषय- "रूप"*
205
नारि रूप के जाल में,
मत फसना तुम यार।
समय गया,पैसा गया,
फिर भी मिला न प्यार।।
***
206
रुप सदा रहता नहीं,
गुण ही आते काम।
कर्मो की पूजा यहां,
स्वीकारें श्रीराम।।
***13-7-2021
बिषय-अमृत
*207*
दोहे रस वर्षा करे,
अमृत के हो समान।
पढ़कर इनको है सभी,
भूले सकल जहान।।
***
208
अमृत गंग का नीर है,
स्वर्ग लोक पहुंचात।
भूत,पिशाच, मनुष्य को,
तुरत मुक्ति मिल जात।।
***20-7-2021
बिषय- गांव
209
महानगर बनने लगे,
अब तो सारे गांव।
ढूंढ़े से मिलती नहीं।
पेड़ों की अब छांव।।
***
210
परिवर्तन अब है गया,
गांव वों में है आज।
सरपंचों के ठाट हैं,
पटवारी का राज।।
***
बिषय- महादेव
211
महादेव महिमा महा,
महाकाल,कहलात।
नंदी,गौरा, गणेश,
गुण गाये न अघात।।
***
212
कृपा हो महादेव जी,
कष्ट हरो, हे नाथ।
नीलकंठ, जटाशंकर,
कुण्डेश्वर में नाथ।।
***3.8.202
बिषय- नाग/सांप
213
सांप आस्तीन में पले,
कब धोखा दे जाय।
बचके रहना सीखिए,
जाने कब डस जाय।।
***
214
नाग पंचमी आत ही,
बढ़ते उनके भाव।
कितना इनको पूजिये।
डसना होत स्वभाव।।
***
दिनांक-10-8-2021
बिषय-अवतार
215
जब जब बढ़ते आतंकी
लेते प्रभु अवतार।
दुष्टों को फिर मारके,
करते हैं संहार।।
***
215
नाना रूपे जन यहां
लियो धरा अवतार।
कुछ तो दुष्टता ही करे
कछू है ईश अवतार।।
***
बिषय- भुजरियां/कजलिया
*216*
देत कजलिया प्यार से,
लेते शीश झुकाय।
विजय,वीर सम्मान की,
गाथा रहे सुनाय।।
***
*217*
सावन अभी चला गया,
भादों का है मास।।
कजली का त्यौहार है,
मन में है उल्लास।।
***24-8-2021
बिषय- खेल
*218*
जीवन भी इक खेल है,
खेलो डटकर यार।
विघ्नों का कर सामना,
कभी न मानो हार।।
****
*219*
राजनीति के खेल में,
सब चलते है दांव।
घूरे के भी दिन फिरे,
बढ़ जाते हैं भाव।।
****
220
बिषय-झलक
एक झलक दिख जाय तो,
हो जीवन उद्धार।
स्वर्ग नसेनी हरि कथा,
कर दे बेड़ा पार।।
***28-9-2021
हिंदी दोहा-बिषय- खीर
221
पंगत की यह शान है
भर दोना में खीर।
बार-बार मांगत सभी,
नहिं मिलने पे पीर।।
***
*222*
भोजन में रानी बनी,
होती बढ़िया खीर।
भर-भर दोना खात है,
खावे होय अधीर।।
***
*बिषय- माता*
*223*
माता की सेवा करो,
मिले तभी सम्मान।
मां के आशीर्वाद से,
इक दिन बने महान।।
***
*224*
मात-पिता है देवता,
धरती के भगवान।
इनके त्याग व प्रेम की,
करले तू पहचान।।
***
*225*
प्रेम और तकरार तो
यह जीवन का मूल।
*भाई* से *बहिना* कहे,
*माता* *पिता* न भूल।।
***"
*226*
*पुत्र* अब तो ऐसे हुए।
करते काले काम।
*मात*- *पिता* रोते फिरे।
*भाइ* *बहिन* को दाम।।
***
227*
वोट के लिए तो यहां,
करे नोट से चोट ।
खुलेआम बिकते यहां,
मतदाता के वोट।।
**
*228*
कुर्सी पाने के लिए,
उठा रहे हथियार।
वोट की भीख मांगते,
बना रहे सरकार।।
***26-10-21
*229*
धन्य मात थी त्रीशला,
जन्म दियो भगवान।
जीने का अधिकार है,
जिनवाणी पहचान।।
***
*230*
दोहे-
अहिंसा और त्याग के,
है अद्भुत अवतार।
हम करे चरण वंदना,
सबके पालनहार।।
***
*231*
छप्पन भोजन त्याग के,
सादा भोजन खाय।
करुणा की मूरत बने,
प्रेमरस बरसाय।।
***
*232*
जय जिनेन्द्र तो मंत्र है,
सच्ची राह दिखाय।
द्रिग्भ्रमित कभी हो नहीं,
जीवन खुशियों पाय।।
***29-10-2021
*बिषय- दीप*
*233*
ज्ञान बढ़ाते जो सदा,
वे आगे बढ़ जात।
सदा सीखते है नया,
दीप से जगमगात।।
**
*234*
तुलसी पास दिया रखो,
जो संध्या को आप।
पाप कटे दुख दूर हो,
मिट जाये संताप।।
****2-11-2021
हिन्दी दोहा बिषय -सलाह
*235*
बिन मांगे देते सला
बनते है विद्वान।
ज्ञान बांटते वे फिरे,
खुद इससे नादान।।
*236*
सलाह उसको दीजिए
जो मांगे श्रीमान।
बिन मांगे जो दी अगर,
मिल जाये अपमान।।
*23-11-2021**
***
237
बिषय-घड़ी
घड़ी घड़ी घट भर रहा,
घर में मिलते घाव।
घमक पड़ी जब भी कभी,
होता बहुत तनाव।।
****
238
बिषय-घर
घर घर की ही बात है,
घड़ी घड़ी मिल जात।
थोड़े से ही क्रोध से,
घला घली हो जात।।
**
*239*
घर आये तो जानिये,
चुनाव आये पास।
घड़ी घड़ी कर जोड़ते,
बनते सबके खास।।
****
*240*
बिषय हिन्दी दोहा-दाता
दाता सबसे है बडा,
लेता बने गरीब।
भरे पेट भी मांगता,
अपना लिखे नसीब।।
***
*241*
दाता बन देते रहो,
दूना मिले जरूर।
पुण्य मिले अरु मान भी।
स्वर्ग पाये हुजूर।।
***14-12-21
*242*
पाला से पीले पडे,
पीपल, पालक, प्याज।
हुआ पीलिया पेड़ पे,
पवन करे तब राज।।
***
*हिंदी दोहे बिषय- इतिहास*
*243*
नया रचो इतिहास भी,
सदा रहे जो याद।
मरने के बाद भी,
बोलो जिंदाबाद।।
***
*244*
सीखो कुछ इतिहास से,
बता रहा कुछ खास।
ये तो दुर्लभ ज्ञान है,
रखिए अपने पास।।
***
*245*
सबका भी इतिहास है,
जैसे उसके काम।
कोई रावण था बना,
कोई है श्री राम।।
***
*हिन्दी दोहा-ध्यान*
*246*
मन की शांति तभी मिले
नित करिये तुम ध्यान।
टेंशन फ्री हो जात है,
मिलता गुरु का ज्ञान।।
***
*247*
ध्यान धरो धीरज धरो,
धरो धरा का ध्यान।
धुन के पक्के धुरंधर,
धोखे जाते प्रान।।
****
हिन्दी दोहा-बिषय- नर्मदा
248
बहती है मां नर्मदा,
उल्टी इसकी धार।
बने अनेकों बांध भी,
जबलपुर धुँआधार।।
***
*249*
परिक्रमा मां नर्मदा,
जो करते है लोग।
उनके मिटते है यहां,
सभी कष्ट दुख रोग।।
***
250
मुखिया मुंह मोड़े नहीं,
ममता एक समान।
मँहगाई की मार से,
माते मांगे मान।।
***
*हिंदी दोहे बिषय-मानवता*
*251*
मानवता को ढूँढता,
आज यहां इंसान।
दानवता के आचरण,
क्या करवें भगवान।।
***
*252*
मानवता को छोड़के,
पशु होता इंसान।
नफरत या धोखे मिले,
करनी का फल जान।।
***15-2-22
*बिषय-कसौटी*
*253*
खरे उतरते कौन है,
रखे कसौटी आज।
नकली सोने सी लगे,
उनकी है आवाज।।
***
*254*
कसौटी पर रखे नहीं,
आज काम को लोग।
सुविधा शुल्क मिला दिया,
और चढ़ाये भोग।।
***22-2-2022
विषय- शिवरात्रि
*255*
संभु, शिखर, शिवरात्रि में ,
लेकर शंख त्रिशूल।
शंकर संग बरात है,
भांग,सोम रस भूल।।
***
*256*
महादेव जी पार्वती
एक हो गये आज।
कष्ट हरे, सुख देत है,
होवे मंगल काज।।
***1.3.2022
257
हिन्दी दोहा बिषय-नारी
नारी तू देवी भली,
करती सबका ध्यान।
पिता,पति और भाइ का
करती हो सम्मान।।
***8-3-2022
258
हिंदी बिषय-पिचकारी
पिचकारी पिचकी पड़ी
पिया परे परदेश।
प्रेम रंग कैसे चढ़े।
पीला पहने वेश।।
***15-3-2022
*हिंदी दोहा-बिषय-मंच*
*259*
मेर मिलाय मंच मिले,
ओठ मधुर मुस्कान।
माला, मन का माल भी
शाल मिले सम्मान।।
**
*260*
कविता पढे न मंच पे
कुछ कवियों का काम।
चुटकुले ,नौटंकी करे,
लेते ऊंचे दाम।।
***
*261*
हिन्दी दोहा-टेसू
टेसू टहनी पै खिले,
टेरत रऔ बसंत।
महुआ टपके पेड़ से,
अमिया होवे संत।।
***
*262*
टेसू आग लगा दयी,
भौंरा हैं बतियात।
महुआ असुवा रय बहा,
टपके सारी रात।
***
*263*
हिन्दी दोहा बिषय- नास्तिक
खुद कौ ईश्वर मानता,
है बिल्कुल नादान।
नास्तिक क्या है जानता,
ईश्वर की पहचान।।
***
*264*
किसी धर्म आस्था नहीं
नहीं कोइ भगवान।
नास्तिक की इस सोच से,
इंसां है हेंरान।।
****
*बिषय-महावीर*
एक दोहे में हनुमानजी के सात नाम
*265*
फाल्गुन सखा, महावली,
***16-4-2022
महावीर, हनुमान।
उदधिक्रमण, रामेष्ट जू,
अंजनीसुत महान।।
***
रफ कार्य
बिषय- हिंदी दोहा धोखा
*266*
धोखा, धमकी धौंस भी,
देते धंधेबाज।
धूमिल इज्ज़त कर रहे,
धड़के धड़कन आज।
*267*
धोखा वे तो खा गये,
चमक देखकर आज।
सब कुछ नकली मिल रहा,
बदमाशों का राज।।
****
बुंदेली दोहा बिषय-सूरज
*268*
सूरज आंख दिखा रहा,
लस्त पड़े सब लोग।
बरस रही है आग भी,
घेर रहे है रोग।।
***
*269*
सूरज की गर्मी बढ़ी,
प्यासा मानव होय।
आग बरसती है यहां,
नीचे पानी खोय।।
***
270*
मिर्ची ज्यादा डाल के, सब्जी लेत बचाय |
होटल वाले चतुर बन , चालाकी अपनाय।।
***
हिन्दी बिषय-मिर्ची
*271*
मिर्ची उसको ही लगे, अभिमानी हो ज्ञान |
समझाना माने नहीं, खुुद का करे बखान ||
***
हिन्दी दोहा बिषय- झुनझुना
*272*
देते रहते झुनझुना
झंडा लेकर लोग।
करें नाक में दम सदा
जिनको कुर्सी रोग।।
***
*273*
बातों के दें झुनझुना
लुभा रहे भरपूर।
चरणों में लोटे फिरे,
होने को मशहूर।।
***
*274*
लिए झुनझुना झूमते,
बजा रहे दिन रात |
ताकत पूरी झोंकते ,
करें तंत्र पर घात ||
*** 7-6-2022
हिन्दी दोहा- शब्द-वट (बरगद)
*275*
वट जैसा व्यक्तित्व हो,
हो आकार विशाल।
लोग सभी पूजें यहां,
होकर स्वयं निहाल ।।
***
*276*
वट सावित्री की कथा
देती यह है ज्ञान।
वृक्षों में बसते सदा ,
आकर खुद भगवान ||
***
*277*
वट पीपल की डालियाँ ,
पत्ता- पत्ता राम ।
पूजन करती नारियाँ ,
माने उसमें श्याम ||
**14-6-2022
हिन्दी दोहे बिषय-दया
दया,प्रेम से सब मिले, जीवन में सुख चैन।
प्रभु के चरणों में सदा, अपने रखिए नैन।|
जहाँ दया भंडार है , वहाँ कृपा भगवान |
जिस दर यह बिखरी रहे , जगत करे सम्मान ||
सदा दया दिल में बसा , दो पग चलिये आप |
#राना पद रज एक दिन , बन जायेगी छाप ||
दया धर्म सबने कहा , अलग न कोई पंथ |
संतो की वाणी पढ़ो , भरे पड़े है ग्रंथ ||
***
*हाजिरी:-*
*हिन्दी दोहा बिषय- टोपी*
***
तिरछी टोपी को लगा , युवक बढ़ाते शान।
खुद को राजा मानते, निर्धन क्या धनवान।।
***
भाँति - भाँति की टोपियाँ , देख लीजिए आप |
पहनावें में सिर दिखे , अब तो सबको हाप ||
***
टोपी लगा सफेद ही, करते काले काम।
जनता पर टोपी घुमा , जीना करें हराम।।
***
बिषय-घुटन
जहाँ आपको हो घुटन , रिश्ते भरें खटास |
#राना मेरी सोच है , रहो न उनके पास ||
जहाँ बिता दी जिंदगी , #राना घुटकर खास |
घुटन त्यागकर चल पड़ो, मिले सफलता खास ||
बेचैनी देती घुटन , जहाँ हवा प्रतिकूल |
उसी दिशा में हो गमन , #राना समझों भूल |
***
*राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
हिंदी दोहा बिषम-धुन
*1*
उनकी धुन #राना नमन,
जिनके अद्भुत काम |
उनमें से ही एक थे ,
जिनका नाम कलाम ||
*2*
भगतसिंह- आजाद का ,
#राना है सम्मान |
आजादी की धुन लिए ,
स्वयं हुए बलिदान ||
*3*
#राना जिसको धुन लगे ,
अच्छा हो वह काम |
मंशा पूरण जानिए ,
रक्षा करते राम ||
*4*
सुनगुन चुन -चुन धुन चुने ,
#राना रुनझुन होय |
तनतन मन बनठन रहे ,
झुनझुन नौंनों सोय ||
****
*हिंदी दोहे- बिषय- मंत्र*
*1*
मूल मंत्र #राना रखो , विद्या विनय विवेक |
बाधाएँ सब दूर हों ,मिले सफलता नेक ||
***
*2*
#राना मंत्र न जानता , पर रखता मुस्कान |
बन जाता है मंत्र यह , उन्नति का सौपान ||
***
*3*
सभी मित्र भी मंत्र है , #राना बोले बोल |
जय बुंदेली मंच में , आप सभी अनमोल ||
***
हिंदी दोहा- बिषय- लकीर
*1*
#राना कहता आज है , होना नहीं अधीर |
नहीं मिटाना अन्य की, जो भी दिखे लकीर ||
*2*
अपनी बनी लकीर का , #राना करिए ख्याल |
दूजों की भी देखकर, रखना नहीं मलाल ||
*3*
#राना अपने कर्म से , बनती रहे लकीर |
छोटी हो या वह बड़ी , रखो न इसकी पीर ||
*4*
आओं सब इस मंच की , कर दें बड़ी लकीर |
सृजन करें #राना यहाँ , सब बुंदेला वीर ||
***
दिनांक-9-8-2022
हिंदी दोहा बिषय- तिरंगा
*1*
जहाँ तिरंगा देखता , जुड़ते #राना हाथ |
जन गण मन के गीत पर , उन्नत रखता माथ ||
*2*
नौ अगस्त व्यालीस को , #राना था आव्हान |
गोरो भारत छोड़ दो , सुनो तिरंगा गान ||
*3*
त्याग और बलिदान का , #राना यह प्रतिमान |
प्रगति चक्र अरु शांति का , आज तिरंगा शान ||
*4*
बना तिरंगा भी कफ़न , जो भी हुआ शहीद |
जिसको यह सौभाग्य है , #राना सभी मुरीद ||
***
दिनांक-9-8-2022
बिषय- मद
जब नृप रावण कंस को , मद का चढ़ा बुखार |
कृष्ण राम ही कर सके , #राना तब उपचार ||
#राना मद में लोग अब , भूल गए व्योहार |
ठोकर खाकर भी कभी , करते नहीं सुधार ||
#राना मद से जो भरा , समझाना बेकार |
भूला रहता स्वयं में, लड़ने को तैयार ||
मद की मटकी है बड़ी , सिर में नही समाय |
#राना रस बनकर जहर, बहकर बाहर आय ||
मद के देखे हाल है , पागलपन के दौर |
#राना अपने भूलकर , पकड़े दूजे ठौर ||
*** 16-8-2022
*हिंदी दोहे- बिषय-बस्ता*
*1*
#राना बस्ता मानिए , माँ शारद उपहार |
बच्चे जाते थामकर , शिक्षा मंदिर द्वार ||
*2*
#राना बस्ता में भरा , सभी मनोरथ भान |
पुस्तक धारी शारदे , देती सबको ज्ञान ||
*3*
अक्षर - अक्षर ज्ञान के , हीरा-मोती-लाल |
बस्ता में यह सब रखे , #राना रखना ख्याल ||
*4*
#राना बस्ता आज भी , पढ़ता रहता खोल |
अब पुस्तक पुरुषार्थ की,जहाँ कर्म भूगोल ||
*5*
बच्चे के बस्ता भरा , गणित और भूगोल |
#राना का बस्ता कहे , कर्म किताबें खोल |।
*** दिनांक-22-8-2022
हिंदी दोहे बिषय- पुस्तक
*1*
मैं तो पुस्तक पढ़ रहा , मन की आँखें खोल |
मातु शारदे सार दे , #राना को अनमोल ||
***
*2*
पुस्तक पढ़कर ज्ञान की ,करे कर्म जब खोट |
#राना अंधा जानिए , दर-दर खाता चोट ||
****
*3*
पुस्तक में ज्ञानी लिखें , वचन सदा अनमोल |
#राना करता ग्राह है , लिखे हुए सब बोल ||
***
*4*
हीरा - मोती-लाल है , हर शब्दों मे ज्ञान |
#राना पुस्तक मानता, ईश्वर का प्रतिमान ||
***
*5*
#राना जो कुछ आज है , हासिल आज मुकाम |
पुस्तक ही मस्तक रही , जिसका है परिणाम ||
***दिनांक-30-8-2022
हिंदी दोहा- बिषय- #शिक्षक
*1*
#राना शिक्षक मानता ,होते सदा विकास |
विद्यादानी भावना , रखते अपने पास ||
***
*2*
शिक्षक सागर जानिए , उठती ज्ञान हिलोर |
#राना छूकर देखिए , होकर भाव विभोर ||
***
*3*
वर्तमान गुरुदेव है , पद शिक्षक आसीन |
#राना अब शाला कहें , गुरुकुल थे प्राचीन ||
***
*4*
#राना शिक्षक ज्ञान का, दिखता हमको ताज |
सदाचार को बाँटता , रहता ऋणी समाज ||
***
हिन्दी बिषय- शेर
*1*
#राना होते शेर दिल , भारत वीर जवान |
दुश्मन आकर सामने , बन जाता है श्वान ||
*2*
#राना देखे शेर को , रखे सजगता पास |
निज मस्ती में घूमता , होता नहीं उदास ||
*3*
करो शेर सा सामना , #राना सब आसान |
गीदड़ भभकी से नहीं , मत डरना श्रीमान ||
*4*
तेवर रखना शेर-से , दुश्मन दल को देख |
पन्ने हो इतिहास के , #राना खीचों रेख ||
*5*
शेर जहाँ पर पग रखे , बनते वहाँ निशान |
#राना अब तो शेर का , है चिंह्रो तक मान ||
*6*
(विश्व में शेर किसी न किसी संगठन का प्रतीक चिंह्र मिल जाता है )
***
हिन्दी दोहे बिषय -गरबा
*1*
#राना गरबा धूम है , माता रानी द्वार |
आरति वंदन से करें , नवदुर्गा सत्कार ||
*2*
क्वांर माह के हैं लगे , नवराते सुख धाम |
#राना गरबा खिल रहा ,लगे सुहानी शाम ||
*3*
गरबा खेल सहेलियाँ , मचा रहीं है धूम |
माता के पंडाल में , रहीं भक्ति से झूम ||
*4*
माता सुख दिन दीजिए , #राना की अरदास |
करते गरबा आरती , आकर तेरे पास ||
***
-दिनांक 29-10-2022
मन में छवि हरि की बसी , राधा हुई निहाल |
सोते में भी जागरण , #राना दिखे कमाल ||
मीरा को भी देख लो , #राना दृश्य कमाल |
पति की छवि में देखती , वंशीधर गोपाल ||
ईश्वर की छवि देखिए , जहाँ सत्य ईमान |
#राना सच है बोलता , कर लीजे पहचान ||
अपनी छवि निज हाथ में , कर्म कीजिए नेक |
#राना जग वंदित करे , झुके माथ हर एक ||
शंकर छवि अवधूत है , भोला पाया नाम |
महादेव #राना कहे , करता सदा प्रणाम ||
बेटी मन से लाडली , बेटा लगे प्रकाश |
#राना दोनों दीप है , घर में भरें उजास ||
छोटी नातिन लाडली , सब करते पुचकार |
#राना चढ़ती अंक में , पाती बहुत दुलार ||
बेटी होती लाडली , बेटा पाते लाड़ |
#राना दोनों साथ जब , चढ़ ले पिता पहाड़ ||
अब तो #राना लाडली , बेटी करती काम |
पिता और परिवार का , ऊँचा करती नाम ||
सोच बदलिए आप अब , #राना सुनो सलाह |
बेटी होती लाडली , घर मेंं लाती वाह ||
#राना उँगली देखिए , सबके अलग प्रकार |
पर रहती है साथ में , जैसे घर परिवार ||
पाँचों उँगली जब मुड़े , मुक्का है तैयार |
#राना ताकत दो गुनी , बन जाती तलवार ||
नाम कनिष्ठा मध्यमा , है अनामिका नाम |
#राना जानो तर्जनी , और अँगूठा ज्ञान ||
सिर्फ एक उँगली उठे , पीछे हौवें चार |
#राना कहता आपसे , होता यहाँ प्रहार ||
उँगली नहीं उठाइये , तथ्य परख लो ज्ञान |
#राना तब परिणाम का , सोचों कुछ अनुमान
योग भोग में देखता , #राना अंतर एक |
भोग राग का चिन्ह है , योग ध्यान है नेक ||
पावनता मन में रहे , #राना लगता ध्यान |
ध्यान जहाँ पर है लगा , वहाँ प्रकट भगवान ||
भटकन है यदि ध्यान में , #राना सब बेकार |
नहीं हाथ कुछ भी लगे , जहाँ कामना द्वार ||
#राना की यह सोच है , चिंतन हो बलवान |
महायोग होता अमर , कहलाता जो ध्यान ||
कहती पत्नी गौर से , दीजे #राना ध्यान |
रासन मेवा सब्जियाँ , लाओ घर सामान ||
सभी साँप अब डर गए , मानव का विष देख |
#राना ऐसा काटते , मिटे कभी मत रेख ||
जहर उगलता आदमी , साँप हुआ भयभीत |
#राना से वह कह उठा , उल्टे है अब गीत ||
#राना जंगल नष्ट है , बामी मटियामेट |
साँप शरण अब मांगता , मत करना आखेट ||
दंत हीन विष हीन है , साँप अकेले आज |
मानव में आया जहर , #राना बिगड़े काज ||
सभी तरह के साँप है , छोटे बड़े मझोल |
नेताओं के रूप में , #राना है भूगोल ||
धना साँप को देखकर , बोली हे श्रीमान |
#राना तीखा अब जहर , रखते है इंसान ||
***
*हिंदी दोहा बिषय- साँप*
सभी साँप अब डर गए , मानव का विष देख |
#राना ऐसा काटते , मिटे कभी मत रेख ||
जहर उगलता आदमी , साँप हुआ भयभीत |
#राना से वह कह उठा , उल्टे है अब गीत ||
#राना जंगल नष्ट है , बामी मटियामेट |
साँप शरण अब मांगता , मत करना आखेट ||
दंत हीन विष हीन है , साँप अकेले आज |
मानव में आया जहर , #राना बिगड़े काज ||
सभी तरह के साँप है , छोटे बड़े मझोल |
नेताओं के रूप में , #राना है भूगोल ||
धना साँप को देखकर , बोली हे श्रीमान |
#राना तीखा अब जहर , रखते है इंसान ||
***दिनांक-4-7-2023
हिन्दी दोहा प्रदत्त शब्द- अनुज
सदा साथ यदि दे अनुज , सहज लगे संसार |
मिलता उसको ज्येष्ठ से , #राना अनुुपम प्यार ||
सदा लखन से हों अनुज , ज्येष्ठ बने श्री राम |
#राना तब परिवार है , सच में तीरथ धाम ||
दूर अगर होवे अनुज , ज्येष्ठ रहे कमजोर |
#राना संकट के समय , जुड़ी न रहती डोर ||
अनुज कभी यदि रूठता , यह उसका अधिकार |
यहाँ ज्येष्ठ का धर्म है , #राना बाँटे प्यार ||
अनुज रूठता जब कभी , जल्दी जाता मान |
सदा ज्येष्ठ है मानते , #राना उनको शान ||
***दिनांक- 11.7.23
*हिन्दी दोहा प्रदत्त विषय - ऊबड़ -खाबड़*
कभी नहीं अच्छे रहें , ऊबड- खाबड़ बोल |
#राना जीवन में सदा ,रहे न इनका मोल ||
ऊबड़ -खाबड़ काम की , बेतुक है तुकतान |
#राना कहता है यहाँ , लेते सब पहचान ||
ऊबड़- खाबड़ कर्म से , गलत सभी परिणाम |
#राना जग में यह सदा , व्यर्थ करें बदनाम ||
ऊबड़ - खाबड़ राह में , कंकर पत्थर ढ़ेर |
ठोकर से बचना सभी , #राना चलना हेर ||
फैलाते है रायता , #राना कुछ श्रीमान |
ऊबड़-खाबड़ ज्ञान से , बनते जो विद्वान ||
*एक हास्य दोहा -*
ऊबड़ - खाबड़ मत लिखो , पत्नी देती ज्ञान |
रासन को लिख लीजिए, घर लाएँ सामान ||😉😇
*** दिनांक-18-7-2023
एक हास्य दोहा -
कहे धना लेखन पढ़ो , नहीं निकालो बींग |
#राना कागज पर पढ़ें , घर में नइयाँ हींग || 😉🙆♂️😂
*** दिनांक- 1-8-2023
*हिंदी दोहा दिवस , विषय - प्रहार*
#राना कर सकती कलम , जाकर वहाँ प्रहार |
जहाँ व्यवस्था लूट का , करती हो व्यापार ||
अब प्रहार दिखते नहीं , #राना है बकवास |
संसद के अब शोर में , भौंचक रहे विकास ||
जाति धर्म के नाम पर , चलते यहाँ प्रहार |
नहीं प्यार की बात है , #राना बस तकरार ||
बार - बार घटना घटे , नहीं करें उपचार |
#राना बस भाषण चलें , जिसमें दिखे प्रहार ||
#राना हम सबको सुनें , भाषण लच्छेदार |
सत्ता और विपक्ष में , #राना चलें प्रहार ||
*एक हास्य दोहा -*
#राना सोता मैं रहा , फिर भी हुआ प्रहार |
उठ बैठा में छींक दे , सूँघा मिर्च बघार || 🙋
***दिनांक.8.8.2023
दिनांक - 15 अगस्त 2023 , मंगलबार , स्वतंत्रता दिवस पर
पटल के सभी मित्रों को , स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई , शुभकामनाएँ 💐💐💐🌷🌷🌹🙋
हिंदी दोहा दिवस - विषय - सुराज
#राना सबकी कल्पना , आशा करते लोग |
देखूँ हिन्दुस्तान में , हो सुराज का योग ||
गाँधी का सपना रहा , आजादी के बाद |
हो सुराज इस देश में , #राना करता याद ||
रामराज की बात में , है सुराज बुनियाद |
#राना भी यह चाहते , गूँजे इसका नाद ||
#राना वादे बाँटकर , आता नहीं सुराज |
हमें देश में चाहिए , सही नियत के काज ||
क्रमशा: बढ़े विकास तब , #राना नहीं सुराज |
अमन चैन सद्भाव ही , है सुराज का ताज ||
एक हास्य दोहा -
पत्नी कहती आ रहा, घर में आज सुराज |
#राना चुप्पी साधना , पूरे दिन तुम आज || 🙆♂️😇
***
*हिन्दी दोहा विषय- लालची*
#राना देखा लालची , बस पैसौ का मीत |
दौलत पाकर मानता , है अब मेरी जीत ||
देख लालची द्रब्य को , लालच के भर नैन |
हथियाकर ही मानता , #राना तब ही चैन ||
बुरी बला लालच कहा , #राना सुनता कौन |
करे अनसुनी लालची , जानबूझकर मौन ||
रोता है तब लालची , जब घाटे का काम |
नहीं एक के दो बने , #राना टूटें दाम ||
राम चरण के लालची , #राना दें मुस्कान |
करते रहते है भजन , और ईश गुणगान ||
*एक हास्य दोहा -*
#राना तुम हो लालची , पत्नी रखे विचार |
कितना भी तुम लिख चलो, भरे नहीं भंडार || 🙏😉
***दिनांक-22-8-2023
*हिंदी दोहा दिवस - प्रदत्त शब्द - *अभियान*
#राना जीवन में सदा , करना है उत्थान |
चंद्रयान -सा तब रखो , अपने उर अभियान ||
सफल आप #राना रहें , रखना कर्म प्रधान |
चंद्रयान-सी साधना , क्रमिक रखो अभियान ||
चंदा मामा टूर है , नहीं दूर यह गान |
#राना मोदी बोलते , देख सफल अभियान ||
बढ़ते #राना है कदम , विकसित कर विज्ञान |
पहुँचें सूरज शुक्र पर , ठान लिया अभियान ||
#राना भारत नम्र है , नहीं करे अभिमान |
चंद्रयान से पर बढ़े , ग्रह खोजी अभियान ||
*एक हास्य दोहा - *
पत्नी बोली प्रेम से , भैया है शिवराज |
#राना टिकटें चाँद की , माँगों उनसे आज ||
***
हिन्दी दोहा विषय- चार कदम
चार दिना की जिंदगी , चार कदम के खेल |
#राना अब सत्कर्म की ,जल्दी पकड़ो रेल ||
चार कदम #राना चलो , करो चार की खोज |
हो जाएगें सैकड़ों , स्वर्णिम होगा ओज ||
चार कदम अच्छे रहें , बन जाते सब काम |
चलते ही जब गिर पड़े , #राना तब बदनाम ||
चार कदम के आचरण , कर देते पहचान |
#राना भी अनुमान ले , यह कैसा इंसान ||
चार कदम चलते नहीं ,और न पकड़ें हाथ |
कहने के यह मित्र है, छोड़ो #राना साथ ||
अकल अजीरण भी सदा, #राना होते मित्र |
चार कदम चलते नहीं , बातें करें विचित्र ||
एक हास्य दोहा -
चार कदम कहकर हुई , #राना बहुत खरीद |
बोझा हम ही ढ़ोयगें , पत्नी को उम्मीद || 🙏😇
**** दिनांक-12.9.2023
*हिंदी दोहा दिवस विषय - शब्द*
#राना ने देखी सदा , यहाँ शब्द की धार |
लाता सुंदर प्यार है , अथवा यह तकरार ||
यहाँ महाभारत हुआ , शब्द बने थे तीर |
#राना तब परिणाम भी , सुना बहुत गम्भीर ||
शब्द शहद रस बोलिए , कहते संत सुजान |
मिश्री -सी #राना लगे ,तब मिलता सम्मान ||
शब्द आपके भी सदा , बतलाते व्यक्तित्व |
निर्धारण #राना करें , कैसा रहे कृतित्व ||
जुड़े शब्द से शब्द जब , बनें वाक्य संज्ञान |
यही वाक्य #राना सदा , रहते अमर जहान ||
*एक हास्य दोहा -*
शब्द पकड़ पत्नी कहे , #राना कर लो ध्यान |
तम्हें खेल में *हार* दे , सो लाओ श्रीमान ||
**दिनांक-19.9.2023
*हिंदी दोहा दिवस , विषय - शक्ति*
लगी लखन को शक्ति जब ,युद्ध क्षेत्र मैदान |
लाए थे संजीवनी , #राना तब हनुमान ||
जहाँ शक्ति का वास हो , होवें साथ विवेक |
#राना यहाँ निहारना , शुभमय काज अनेक ||
शक्ति प्रदर्शन भी करें, #राना यहाँ समूह |
कभी उग्रता देखकर ,काँपे सबकी रूह ||
चार लोग मिलकर जहाँ , #राना करते गान |
मिले शक्ति से शक्ति जब , होता अभियुत्थान ||
दिखलाना भी चाहिए , निजी शक्ति हो पास |
#राना जीवन में सदा , दें यह खूब उजास ||
*** दिनांक-26.9.23
विषय - सनातन / सनातनी (कोई भी प्रयोग कर सकते है)
सनातनी #राना सदा , है भारत की भूम |
वंदन करते सब यहाँ , माटी लेते चूम ||
सुने सनातन नाम जब , लेते नाक सिकोड़ |
#राना यह सब दुग्ध में, नींबू रहे निचोड़ ||
यदि सनातनी आपके, है पुरखों पर छाप |
#राना तब जाना कहाँ, जहाँ छिपेगें आप ||?
भोजन पानी आचरण , सनातनी परिवेश |
#राना इसका केन्द्र है, सुंदर भारत देश ||
राम राज्य की कल्पना , सनातनी आधार |
#राना भारत देश है , जो कर दे साकार ||
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
*हिन्दी दोहा विषय - चरित्र*
जब चरित्र बिकने लगे , धन की हो भरमार |
#राना तब होने लगे , पापों का व्यापार ||
पुष्प लगानें जब लगें , अपने ऊपर इत्र |
#राना खुश्बू का वहाँ, होता पतन चरित्र ||
सत्य कृत्य के शुचि वचन , होते सदा पुनीत |
#राना इनके भाव से , हो चरित्र की जीत ||
जैसी संगत नर करे , हो #राना बदलाव |
तब चरित्र होता प्रकट , बतलाता है भाव ||
यदि चरित्र उज्ज्वल रहे , नर बनता गुणवान |
#राना रखता पास है , सदा श्रेष्ठ सम्मान ||
*एक हास्य दोहा - *
#राना पत्नी से कहे , तुम घर में हो इत्र |
बोली वह यह सूँघना , सीखा कहाँ चरित्र || ? 🙏😇
***दिनांक-3-10-2023
*हिन्दी दोहा विषय - सनातन / सनातनी*
सनातनी #राना सदा , है भारत की भूम |
वंदन करते सब यहाँ , माटी लेते चूम ||
सुने सनातन नाम जब , लेते नाक सिकोड़ |
#राना यह सब दुग्ध में, नींबू रहे निचोड़ ||
सनातनी यदि आपके, पुरखा रखते छाप |
तब बचकर जाना कहाँ, जहाँ छिपेगें आप ||?
भोजन पानी आचरण , सनातनी परिवेश |
#राना इसका केन्द्र है, सुंदर भारत देश ||
राम राज्य की कल्पना , सनातनी आधार |
#राना भारत देश है , जो कर दे साकार ||
***दिनांक-10-10-2023
*हिन्दी दोहा विषय - जगत*
चले जगत को देखने , #राना लेकर मित्र |
नजर हमारी साफ थी , लगे सभी तब इत्र ||
जहाँ जगत भी आपसे , चाहे जब सम्मान |
#राना अच्छा देखकर , देना तब प्रतिदान ||
श्रेष्ठ बुरे #राना यहाँ , सागर भरा अथाह |
और जगत से भी उन्हें , मिलती सदा पनाह ||
देख जगत को लोग भी , बदलें अपनी राह |
मेरा अच्छा हो सदा , #राना सबकी चाह ||
सतयुग से कलियुग चला , मिले देखने दौर |
दिखे जगत में हैं अलग , #राना सबके ठौर ||
एक सामान्य तंज
नया जगत #राना लिखे , बजते अद्भुत ढ़ोल |
शोर गोल में खो गये , #राना मीठे बोल ||
****दिनांक-17-10-2023
*हिन्दी दोहा विषय - ठसक*
आज दशहरा पर सुनो , अन्यायी परिणाम |
रावण की #राना ठसक , नष्ट किए प्रभु राम ||
ठसक नहीं #राना रखो , जिसमें हो अभिमान |
रावण जैसी आपको , बुरी मिले पहचान ||
ठसक यहाँ किस बात की , जाना खाली हाथ |
यहाँ कर्म का फल सदा , #राना रहता साथ ||
ठसक जहाँ गुमराह हो , होता है नुकसान |
कह सकते #राना यहाँ , डूबे सब अभिमान ||
ठसक ठहरकर दे सदा , #राना गहरी चोट |
चंगुल में यह फाँसकर , मन में लाती खोट ||
कंस हुआ रावण हुआ , देखो इनकी ओर |
ठसक गई #राना कहे , ले बदनामी शोर ||
एक हास्य दोहा -
धना ठसक दिखला रहीं , #राना रहा निहार |
नैनों से वह पूछती , कैसा है शृंगार || 😇🙋
दिनांक-24-10-2023
*हिंदी दोहे :- नम्रता*
#राना जिनमें नम्रता , वह जन होते खास |
बात सहज वह बोलते , जिसमें रहे उजास ||
नेता रखते नम्रता , जोड़ें दोनों हाथ |
#राना समय चुनाव का , झुकें सभी दर माथ ||
रखे शिष्य जो नम्रता , गुरु को देता मान |
मिलता #राना है उसे , जग का सुंदर ज्ञान ||
पुष्प रखें शुभ नम्रता , भ्रमर पिये मकरंद |
#राना बनकर वह शहद , जग को दे आनंद ||
सज्जन रखते नम्रता , वाणी रखें मिठास |
#राना को दुर्जन दिखे , जग को देते त्रास ||
एक हास्य दोहा -
धना दिखाकर नम्रता , बतलाती कुछ काम |
जब तक #राना है जुटा, वह करती आराम || 🤭
***दिनांक-5-3-2024
हिंदी दोहावली - कौड़ी
कौड़ी- दमड़ी क्रम रहा ,धेला पाई याद।
पैसा-आना भी चले,#राना बहु तादाद।।
रखता जो भी आदमी ,कौड़ी की पहचान।
सुखी रहे #राना जगत ,पाता है सम्मान।।
कौड़ी का भी मूल्य है, #राना को अंदाज।
मिलता उसको मान भी, जग देता आवाज।।
लाख टका की बात का ,अब दो कौड़ी मोल।
समय- समय की बात यह,#राना सुनता बोल।।
कौड़ी -कौड़ी जोड़ता,श्रम करता मजदूर।
पर हालत सुधरें नहीं ,#राना भी मजबूर।।
दो कौड़ी के लोग अब,राजनीति परिवेश।
#राना मुखिया बन गए,चंगुल में ले देश।।
*एक फागुनी दुमदार दोहा -*
धना कहे अब चंगला, #राना खेलो साथ।
पत्थर पर खाने सजे,कौड़ी लाई हाथ।।
बात में फागनु की तह।
रंग का आलम का यह।।
***दिनांक-12-3-2024
हिन्दी दोहा -अवनि
जहाँ अवनि से लोग सब , रखते हैं बुनियाद |
जग में उनके काम भी , #राना हों आबाद ||
रावण जब चलने लगा , छोड़ अवनि की लीक |
अंत हुआ #राना यहाँ , कारज हुए न नीक ||
जहाँ अवनि सम्मान हो , मिले विरासत ज्ञान |
#राना बनता देश वह , जग में बड़ा महान ||
सदा अवनि पर ही बने, ऊँचे भव्य मकान |
नहीं हवा में बन सकें , #राना किले जहान ||
जन्म अवनि को मान दे , बनकर उसके पूत
दुनिया में वह नाम कर , #राना हों मजबूत ||
एक हास्य दोहा -
धना अवनि पर बैठकर , बना रही नमकीन |
कहती #राना धोइए , बर्तन है कुल तीन ||
***दिनांक-19-3-2024
हिन्दी दोहे:-ठिठोली
कभी ठिठोली देखते , बन जाती है भूल |
और कहीं पर रस भरे , #राना खिलते फूल ||
एक ठिठोली विष्णु भी , जब नारद से कीन्ह |
#राना तब अभिशाप ने, कष्ट अनेकों दीन्ह ||
सुनते है रतनावली , #राना थी फटकार |
यही ठिठोली कर गई , तुलसी का उद्धार ||
नहीं ठिठोली हो सहन , उनसे रहना दूर |
करती उल्टी घात है , #राना वह भरपूर ||
मित्र ठिठोली जब करें , बनो नहीं गम्भीर |
#राना सब स्वीकारिए , दूर कीजिए पीर ||
एक हास्य दोहा
धना कहें #राना सुनो , करूँ ठिठोली आज |
शादी के कुछ पूर्व के , हमें सुना दो राज || 🤑🤓🙋
***26.3.2024
*हिंदी विषय - झूला*
#राना मीठी बाँसुरी , बजा रहे है श्याम |
झूला बैठी राधिका , सुनती है अविराम ||
नंदलाल भी हँस रहे , #राना झूला देख |
गेह यशोदा धाम में , मुस्कानों की रेख ||
पीत वसन तन पर सजे , मोर पंख है भाल |
#राना अनुपम दश्य है , झूला पर गोपाल ||
लीलाधर लीला करें , #राना देखे रास |
बैठें राधा श्याम जूू , झूला पर है पास ||
झूला है जिस डाल पर , #राना दिखे प्रसन्न |
जोड़ी राधा श्याम की , कहता सदा अभिन्न ||
*एक हास्य दोहा -*
झूला #राना है लगा , धना कराती याद |
दद्दा मौरे आय हैं , चलो पीठ पर लाद ||🤓🤑
****
हिंदी दोहा-जन्मदिन
आता जिसका जन्मदिन , मिलते शुभ संदेश |
#राना मंगल हो सदा , सुखी रहे परिवेश ||
देते सब शुभकामना , मिले बधाई गान |
#राना शुभ हो जन्मदिन ,रहे सदा सम्मान ||
भगवानों के जन्मदिन , दिवस कहें अवतार |
शीष झुका #राना सभी , करते जय जयकार ||
जिसका आता जन्मदिन , करता पूजा पाठ |
मंदिर जा आशीष ले , समझें उस दिन ठाठ ||
सबके सुखमय जन्मदिन , हो #राना शुभ काज |
मंगलमय जीवन रहे , हो फूलों के साज ||
एक हास्य दोहा -
धना कहे #राना सुनो , मुझको करो निहाल |
जब भी आए जन्मदिन , कंगन दो हर साल ||🙆♂️🙋🤑
~~दिनांक-9-4-2024
हिंदी दोहा विषय - सत्संग
#राना जब सत्संग हो,भाग लीजिए आप।
कहो -सुनो चिंतन करो, छोड़ो अपनी छाप।।
चलते जब सत्संग हैं,लहराता शुचि ज्ञान।
#राना जिसमें खोजता,जीवन की पहचान।।
#राना कभी न छोड़ता, जब मिलता सत्संग।
लौटा करता गेह में,लेकर नई उमंग।।
दुर्जन खोजे घात को, सज्जन चाहे ज्ञान।
#राना देखे साधु को, सदा जपे भगवान।।
दुर्जन भी सत्संग से, कभी रखे मत चाह।
#राना टेड़ी चाल रख, उल्टी पकड़े राह।।
एक हास्य दुमदार दोहा -
धना कहे अब हो रहा, सखियों का सत्संग।
परिचर्चा का है विषय, "सीखें पतिगण ढ़ंग"।।🤑🤔
मुख्य अतिथी है "राना"।
सभी अब मित्रो आना।।🤑
*** दिनांक-16.4.24
*हिंदी दोहे - विषय -भूल*
#राना करना माफ सब, परिचित से हो भूल।
त्रुटियाँ जब स्वीकार हो, तब मत देना तूल।।
हो जाती जब भूल है, देती खुद को कष्ट।
#राना करती यह कभी, संबंधो को नष्ट।।
पछताबा हो भूल का, स्वीकारो सब दोष।
#राना आगे हो नहीं, रखना है बस होश।।
गुस्से में भी आदमी, करता ऐसी भूल।
होता नहीं सुधार तब,#राना उगते शूल।।
कभी कहीं कुछ भूल से, मिल जाता है खास।
#राना फिर भी भूल को, कभी न रखना पास।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कहे #राना सुनो,भूल हुई है आज।
करना है उपवास अब, नहीं पिसा है नाज।।
*** दिनांक-23.4.2024
बुंदेली दोहा विषय - संकल्प
#राना का संकल्प है, बुंदेली उत्थान।
भाषा-संस्कृति की रहे,दुनिया में पहचान।।
(संस्कृति = 4 )
देखा है संकल्प से ,आगे मिलती राह।
ईश्वर भी करता सदा ,#राना पूरी चाह।।
लाँघे सागर भी यहाँ ,वीर बली हनुमान।
रामदूत संकल्प का ,#राना देखा भान।।
एक लक्ष्य संकल्प लें ,#राना जो हों काम।
जीत सदा झोली गिरे ,दिखे कृपा श्री राम।।
नहीं जहाँ संकल्प है ,दिशा हीन है राह।
#राना उनकी देखता ,रहे अधूरी चाह।।
एक हास्य दोहा -
धना कहे #राना सुनो ,मेरा है संकल्प।
रसगुल्ले ज्यादा चखूँ ,रोटी खाऊँ अल्प।।🤑
*** दिनांक-30-4-2024
*हिंदी दोहा विषय - बात*
#राना सुनकर बात जब, मन पर पड़े प्रभाव।
समझो सारी वेदना ,यहीं मिटेगें घाव।।
बात न खाली जायगीं ,यदि है शुचिता कथ्य।
रखते निज पहचान है ,'राना' हरदम तथ्य।।
मूरख की चर्चा करो, बेमतलब सब बात।
#राना उसकी मित्रता ,दे सकती है घात।।
बात वहाँ पर कीजिए ,जहाँ गुणी दो चार।
मूरख की महफिल सजे, #राना ठनती रार।।
गहराई हो बात में,मिलता है सम्मान।
#राना इस संसार में,बन जाती पहचान।।
*एक हास्य दोहा -*
#राना से पत्नी कहे ,सुनिए मेरी बात |
चलन शहर का सीखिए ,छोड़ यहाँ देहात ||🤭
*** दिनांक-7-5-2024
हिंदी दोहा - "अक्षय"
#राना की यह भावना,अक्षय लेखन धार।
बनी रहे चिरकाल तक,सबको हो उपहार।
जग में अक्षय कुछ नहीं,पर #राना संज्ञान।
सदा रहेगें कर्म फल,भक्ति बने वरदान।।
रावण सुत अक्षय सुना,दिया पाप का साथ।
नहीं नाम तब दे सका,मरण काल में हाथ।।
अक्षय त्रयी वैशाख में,शुक्ल पक्ष का भान।
सभी मुहूर्त जानिए,#राना हैं शुभ गान।।
अक्षय करना काम है,#राना जहाँ विचार।
उनसे कहता हूँ सदा,बस करिए उपकार।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कहे#राना सुनो,अक्षय तेरे काम।
पर क्यों खर्चा हो गए,हमें दिए जो दाम।।
🤑😂 *** दिनांक-14-5-2024
*हिंदी दोहे -लपट/लू*
ज्येष्ठ माह #राना लगा,है गर्मी उत्कर्ष।
लू से अब होने लगा,प्राणी का संघर्ष।।
पशु पक्षी जल खोजते,शुष्क हुए हैं ताल।
लू के झंझावत चलें,#राना सब बेहाल।।
लू चलती जब दोपहर,तन पर पड़ती मार।
#राना खोजे छाँव तब,एक यही उपचार।।
#राना की है प्रार्थना, सुन लीजे भगवान।
लू से कभी न त्रस्त हो,कोई कभी किसान।।
#राना मानव से कहे ,यह भी एक निदान।
हरे वृक्ष से लू घटे,रखना इतना ज्ञान।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कहे राना सुनो ,करो न तिल का ताड़।
मेरी अम्मा आ रहीं ,जो लू देगीं झाड़।।
🤑😂🙏 दिनांक-21.5.24
हिंदी दोहे -कालनेमि
कालनेमि को मारकर,चले गए हनुमान।
पर कलयुग में गा रहा,#राना यह फिर गान।।
मरे दैत्य पर देखते, जिंदा रहे प्रतीक।
कालनेमि के रूप में,#राना रखते लीक।।
कालनेमि दोषी बना,था रावण आदेश।
#राना अब भी देखता,आज यही परिवेश।।
कालनेमि संसार में, यत्र तत्र सर्वत्र।
#राना कुछ तो सामने,खुले आम लें शस्त्र।।
कालनेमि करते सदा,#राना कठिन प्रहार।
इनके बचकर ही रहो,या दो इनको मार।।
एक हास्य दोहा
धना कहे #राना सुनो ,कालनेमि मँहगाइ।
सबके घर में घुस रही,बनके भली लुगाइ ||
🤑🤑🤑 दिनांक-28.5.2024
*हिंदी दिवस- पुरवाई *
पहली बारिश से चले , पुरवाई मनुहार |
शीतलता आभाष हो , #राना लगे बहार ||
बुझे धरा की प्यास भी , बूँदें गिरतीं भूम |
पुरवाई #राना चले , हर पत्तों को चूम ||
बादल उड़ते वेग से , पुरवाई को थाम |
#राना तब बरसात में , मेघ लगे सब श्याम ||
पुरवाई #राना करे , मौसम में बदलाव |
लगता सभी सुहावना , भरें ग्रीष्म के घाव ||
झुलसे #राना ताप से , रहने का परिवेश |
पुरवाई आगाज तब , हरता तन का क्लेश ||
एक हास्य दोहा -
धना कहे #राना सुनो , पुरवाई संदेश |
नई साड़ियाँ लाइये , बदलें हम परिवेश ||
🤗*** दिनांक-4-6-2024
*हिंदी दोहा बिषय -धर्म-
धर्म मार्ग #राना चलो,मिलता है परिणाम।
अच्छे को अच्छा मिले, सुखद सभी अंजाम।।
बुरे कर्म #राना सदा ,मन में लाते खोट।
धर्म सदा ही मेंटता, जग में खाई चोट।।
कर्म अमर उनके हुए, जहाँ धर्म था साथ।
#राना ईश्वर ने वहाँ, यश दीन्हा है हाथ।।
कर्म नेक रखते सदा ,#राना हृदय प्रसन्न।
रखे धर्ममय आचरण,वह नर कभी न खिन्न।।
#राना जग में कर्म गति ,उजली धुँधली रैन।
जहाँ धर्म से चैन है,बुरी करे किबैचैन।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कहे #राना सुनो, धर्म कर्म शुभ आज।
मदद हमारी कीजिए ,छीलो आकर प्याज।।
*** दिनांक-11.6.2024
*हिंदी दोहे:- प्राण*
श्वास प्राण का ही दिखे,सर्व प्रथम आधार।
पानी भोजन भी करे,#राना कुछ संचार।।
पंच तत्व से तन बना,जिसमें रहते प्राण।
कमी एक की जब दिखे,#राना पाता त्राण।।
कोमलता ही चाहता,#राना तन का प्राण।
पर अवसर पर वह बने,कर्मों से पाषाण।।
परख सभी महसूस भी,कर लेता है प्राण।
#राना चलता देखता,चलें कहाँ से बाण।।
प्राण सभी के जानते,क्या होते प्रारूप।
कहाँ अँधेरी शाम है,और कहाँ पर धूप।।
*एक हास्य दोहा-*
धना कहे #राना सुनो , प्राण बचा लो आज |
आ रय रिश्तेदार है,संग कराओ काज ||
🤔*** दिनांक-18.6.2024
हिंदी दोहा विषय - काल (मृत्यु)
आने का दिन एक है , जाने का दिन एक।
#राना आकर काल भी ,कार्य पूछता नेक।।
कहता #राना काल है ,यहीं छोड़ सब कर्म।
ले जाऊगाँ साथ में ,बस मैं तेरे धर्म।।
काल कहे चल साथ में ,लिए कर्म की साख।
#राना तन कीमत नहीं ,जो दो मुठ्ठी राख।।
आत्म-तत्व को जानना ,कहे काल अविराम।
अंत समय #राना यहाँ, करना है विश्राम।।
जन्म-मरण को जान ले, कहे काल यह छंद।
जिसने जाना राज को,#राना है आनंद।।
*एक हास्य दोहा*
धना कहे #राना सुनो ,दूर अभी है काल।
लाओ तुम तो आज ही ,पाँच पसेरी दाल।।
***
*हिंदी दोहे विषय - हर्ष*
#राना रखना हर्ष को,इसके बिन जग सून।
मुख पर छाती कालिमा,ठंडा रहता खून।।
#राना अच्छे कर्म से ,मन में आता हर्ष।
जग से मिलता मान है,बनते शुचि आदर्श।।
नहीं छिपे मुख पर कभी,जब आता है हर्ष।
मिली सफलता आपको,#राना का निष्कर्ष।।
रहता हर्ष विषाद है,#राना इस संसार।
सदा एक-सा जो रहे,उसको मिलता प्यार।।
#आते जब त्यौहार हैं,#राना देखे हर्ष।
पूजा करते देव की,करें भाव से दर्श।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कहे #राना सुनो ,मेरा है निष्कर्ष।
अवसर पाते आज ही,घर के धो लो फर्श।।
***1-7-2024
*हिंदी दोहे -कलंक*
जब कलंक #राना लगे ,दूर भागते लोग।
कहते संगत है बुरी,माने सभी कुयोग।।
खोटा होता काम जब,तब कलंक का दाग।
#राना दामन पर लगे,जैसे शोला आग।।
कुल कलंक भी हैं सुने,चलें पीढ़ियाँ चार।
#राना ताना मारने ,रहते लोग उधार।।
जब कलंक घर को लगे ,सहभागी हो पूत।
#राना रोता है पिता ,याद करे यमदूत।।
काला कहा कलंक को ,धवल रहे यश गान।
#राना करते लोग है,इसी तरह पहचान।।
*एक कड़वाँ दोहा*
धना कहे #राना सुनो,नेता हिंदुस्तान।
ले कलंक वह शीष पर,पाते क्यो सम्मान।।
*** दिनांक- 9.7.2024
*बुंदेली दोहा -बिषय-नतैत (रिश्तेदार)*
#राना घरै नतैत हौं,चैल-पैल तब रात।
खातिरदारी हौत है,घर के सब मुस्कात।।
घर में परै नतैत हौं,खूब बनत पकवान।
चढ़ी करैया रात है,#राना रत मुस्कान।।
पूजत जिनके पाँव है, हौबें अगर नतैत।
तब #राना ऐसौ लगत,आइ फसल हौ चैत।।
आत पुरा के लोग हैं,हाल-चाल सब लैत।
चिलम तमाकू है भरत #राना उनखौ दैत।।
यैड़ा अगर नतैत हौ,मौं खौ सब बिचकात।
आ गवँ कासै है घरै ,#राना नँईं पुसात।।
*एक हास्य दोहा -*
धना कात #राना सुनौ,घर नतैत है आय।
पूरौ आ गवँ मायकौ,मौरौ मन मुस्काय।।
🤑 दिनांक-13-7-2024
***
*हिंदी दोहे विषय - मंगल*
सत्य सनातन से सदा,रक्षा करें त्रिदेव।
मंगल ही मंगल करें,#राना धवल स्वमेव।।
#राना संकट सत्य पर,भगवन लें अवतार।
जन का शुभ मंगल करें,दुष्टों का संहार।।
सत्य बात जब हम कहें,#राना रहता ओज।
शुभ मंगल सब चाहते,करें तथ्य की खोज।।
मिलता मंगल राह पर,#राना दिव्य प्रकाश।
आता है संतोष धन,होता है आभाष।।
मंगल जहाँ विचार हों,पास न आती हार।
#राना यह सब देखकर,करे नमन हर बार।।
धना कहे #राना सुनो,मंगल दिन है आज।
मंगल पर मंगल गुने,आज सभी आवाज।।
***दिनांक-16-7-2024
मंगलवार-23-7-24को हिंदी-199- पंडित
हिंदी विषय - पंडित
#राना पंडित खोजता , पर मिलता है शोर |
कपटी इस संसार में , दिखें लगाते जोर ||
पंडित बनकर लोग भी , करते ऐसे कृत्य |
चुभते मन को शूल-से, #राना लगते नृत्य ||
पंडित का सम्मान भी , #राना करते लोग |
पर अभिमानी हौ जहाँ , दिखते वहाँ कुयोग ||
पंडित बनकर सब कहें, मुख तक रहता ज्ञान |
पर करने के नाम पर , #राना चुप है गान ||
कुछ तो पंडित नाम पर , #राना दिखें मजाक |
दाग देखतइ दूसरन , पर बनते खुद पाक ||
एक हास्य दोहा-
पंडित खुद को मानती , धना लगे पुरजोर |
#राना देती ज्ञान है , , करो काम घनघोर ||🙆♂️🤭
~***~
*** दिनांक-23-7-2024
*हिंदी दोहे विषय -पीपर*
#राना पीपर देख कैं,झुका लैत है शीष।
मानत मन से देव है,श्रृद्धा से जगदीश।।
पीपर के पत्ता लखौ,#राना शुभ आकार।
नाड़ी रेखा देह की,दिखतीं अपरम्पार।।
पीपर पूजत सब जनै,करत कामना आन।
#राना मन से मानतइ,हर पत्ता भगवान।।
#राना पूजत सब जनै,बरिया पीपर आम।
हवन कुंड में छेवला,नागर मोथा काम।।
बरिया पीपर कै तरैं, #राना जलते दीप।
देवकृपा खौं मान कै,राखैं हृदय समीप।।
*एक विशेष दोहा*
धना कहै मोरी सुनौ,मौरे पीपर आप।
परी आपसे भाँवरें,जिनकी #राना छाप।।
*** दिनांक-28-7-2024
*हिंदी दोहे-पौधारोपण*
#राना की विनती सुनो,कर लीजे शुभ काज।
पौधारोपण कीजिए,दो सबको आबाज।।
हरित क्रांति हो सदा,#राना कीजे धूम।
पौधारोपण कीजिए,पावन माटी चूम।।
पौधारोपण आज है,#राना जग में प्रश्न।
रखवाली से वह बढ़े,कर लेना तब जश्न।।
पौधारोपण हो रहा,आगे आए लोग।
#राना पूरा मिल रहा,सरकारी सहयोग।।
है भविष्य अब सोचता,पौधारोपण आज।
#राना भी अब स्वर मिला,करता है आगाज।।
*** दिनांक-30-7-2024
*हिंदी दोहे - ग्रहण*
ग्रहण पड़े शशि सूर्य पर,#राना की तब सोच।
सबके जीवन में सदा ,कोई रहती लोच।।
ग्रहण लगेगा भाग्य पर,यदि हों खोटे कर्म।
#राना मानव भूलता,जब भी अपना धर्म।।
धारण कीजे धैर्य को,ग्रहण हटे चुपचाप।
#राना संकट सब कटें,अडिग रहे वस आप।।
#राना इस संसार में, बनते हैं संयोग।
कुछ तो सुखमय ही बनें,लगे ग्रहण कुछ रोग।।
ग्रहण आप भी कीजिए,साधु संत विचार।
दया दान मानव धर्म,#राना सँग उपकार।।
***दिनांक -1-10-2024
*हिंदी विषय - सुप्रभात*
सुप्रभात मंगल करो,कहकर जय सियराम।
#राना दिनचर्या मधुर,करना अच्छे काम।।
सुप्रभात लगती मधुर,चलती मंद समीर।
कलरव पंछी भी करें,#राना रहे न पीर।।
सुप्रभात सबका करो,लेकर प्रभु का नाम।
अभिवादन मंगल रहे,#राना यह शुभ काम।।
हाथ जोड़ ग्रीवा झुका,अभिवादन शुभ प्रीति।
#राना इतना जानता, सुप्रभात की रीति।।
सुप्रभात #राना करे,आप करें स्वीकार।
जय बुंदेली के इस पटल,सबका है मनुहार।।
*** दिनांक -15-10-2024
-हिंदी दोहे -नारियल*
सदा चढ़ाते फोड़ते,#राना प्रभु दरबार।
कहते उसको भोग सब,बने नारियल सार।।
मंगल होता है कलश,#राना करता मान।
रखें नारियल हम सभी,गणपति का धर ध्यान।।
पका नारियल सूखता,कच्चा पानीदार।
#राना दोनों शुभ रहें,चढ़े ईश दरबार।
पूजा में भी नारियल,शामिल करते लोग।
#राना उसको फोड़कर,बना देय सब भोग।।
श्रीफल माने नारियल,#राना मंगल मीत।
करें समर्पित प्रभु चरण,फिर माँगे हम जीत।।
*** दिनांक -22-10-2024
*हिंदी विषय - धन*
#राना धन की लालसा,कहलाती है रोग।
लोभी बनकर आदमी,करे न जब उपयोग।।
#राना धन सब चाहते,धन का है संसार।
धन ही सब कुछ है नहीं,इस पर करो विचार।।
आता जाता धन रहे,#राना टिके न पास।
फिर भी महिमा यह रखे,अपनी ही कुछ खास।।
धन भी होता धन्य है,दें गरीब को दान।
#राना खुद संतोष हो,और मिले सम्मान।।
धनवानो की बस्ती में,दिखा नहीं संतोष।
#राना इस संसार में,तब धन को क्यों दोष।।
*एक हास्य दोहा -*
#राना से कहती धना,हम भी धन कहलात।
खर्चा हम ही हैं करत,तुम काहें भरमात।।
*** दिनांक -29-10-2024
*हिंदी दोहा - विषय - उत्सव*
#राना उत्सव रोज है,तुलसी पौध समीप।
अर्चन बंदन कीजिए,सदा जलाओ दीप।।
श्री गणेश जी शुभ सुबह,उत्सव खुद हरि नाम।
खुशी दिवाली जानिए,#राना है पैगाम।।
#राना उत्सव जानिए,मिलें मित्र जब चार।
चर्चा अनुभव की करें ,गुण लगते उपहार।
उत्सव होते प्रेम के ,माने सब संसार।
नामकरण से जानते,पर सबमें है प्यार।।
#राना इतना जानता,उत्सव से संकेत।
रहकर हर्ष विभोर सब,मन को रखना श्वेत।।
*** *5-11-2024
*हिंदी दोहे - कदंब*
है कदंब का वृक्ष शुभ,कहते ग्रंथ विशिष्ट।
#राना दर्शन कीजिए,करिए नष्ट अनिष्ट।।
शेषनाग बलराम का, है कदंब आशीष।
#राना छाया में रहे, राधा-हरि जगदीश।।
लीलाएँ #राना सुनी,राधारानी श्याम।
शुभ कदंब तरुवर तले,रहीं सुहानी शाम।।
#राना बैठी राधिका,साथ बिराजे श्याम।
तब कदंब भी पुष्प शुभ,गिरा रहा अविराम।।
राधारानी श्याम ने,तरु कदंब स्वीकार।
रखा पुष्प का मान है,#राना करे विचार।।
*** दिनांक -12-11-2024
हिंदी दोहे विषय - करुणा
करुणा जिसके पास है,वह नर देव समान।
सदा सराहे जग सदा,करता #राना गान।।
करुणा उपजे जब हृदय,होकर भाव विभोर।
#राना कुछ हम कर सकें,आती वहाँ हिलोर।।
करुणा झलके नैन से, बहे अश्रु की धार।
उसका कोमल है हृदय ,#राना करे विचार।।
करुणा सदा निरीह पर,करती है उपकार।
#राना भी यह देखता,बहे प्रेम की धार।।
दया दान सब दूर हों,हिंसक जहाँ विचार।
करुणा की आशा नहीं ,#राना तब संसार।।
*** दिनांक -19.11.2024
हिंदी दोहा विषय -भविष्य ( हिंदी दिवसों पर अपने सृजन में खड़ी हिंदी का प्रयोग कर अपनी लेखनी खड़ी हिंदी नें भी सशक्त करें ) 🙏
#राना इतना जानिए,है भविष्य निज कर्म।
करनी की भरनी रहे,यह कहता है धर्म।।
आज हमारे कर्म ही,हैं भविष्य आधार।
ब्याज सहित ही फल मिलें,#राना कहे विचार।।
करिए सभी अतीत पर,अपने जरा विचार।
है भविष्य वह आज का, #राना कर स्वीकार।।
आज कर्म को धर्म का,#राना समझ प्रमाण।
वर्तमान की नीव से, है भविष्य निर्माण।।
#राना की विनती सुनो,रखिए कर्म प्रधान।
जिसमें नैतिकता रहें, है भविष्य के मान।।
*** दिनांक -26-11-2024
*हिंदी दिवस विषय - बुखार*
शीत उष्ण में तन रहे,#राना मौसम मार।
अंग-अंग पीड़ा लगे,चढ़ता खूब बुखार।।
यह तन झुलसे ताप से,दे बुखार कुछ ठंड।
#राना लेता जब दवा,निकले स्वेद प्रचंड।।
बारिस में तन भींगता,छींक करे कुछ शोर।
#राना हुआ जुखाम तब,है बुखार का जोर।।
जब बुखार जाता नहीं,तन होता कमजोर।
#राना घर के सोचते,है इलाज किस ओर।।
नेता जी को चढ़ गया,आकर खूब बुखार।
#राना कारण जानिए,मिली चुनावी हार।।
*** दिनांक -3-12-2024
*हिंदी -दोहे 219- *सभा*
#राना होवे जब सभा,चले ज्ञान की बात।
सीखो समझो चार गुण,मानो सब सौगात ।।
जहाँ सभा में आपके,स्वीकृत हों प्रस्ताव।
अभिवादन #राना करो,हों विनम्र शुभ भाव।।
सभा देखते आजकल,मच जाता संग्राम।
हैं प्रयोग कटु शब्द के,#राना नहीं विराम।।
सभा वही शालीन है,सुने परस्पर बात।
आदर सँग सत्कार की,#राना हो सौगात।।
निर्णय करती जब सभा,बहुमत के प्रस्ताव।
तब सबको स्वीकार हों,#राना सुंदर भाव।।
***दिनांक -18-12-2024
हिन्दी दोहा -
विषय - पढ़ाई
#राना जिसने है किया,जीवन में उत्थान।
दिया पढ़ाई में सदा,उन लोगों ने ध्यान।।
जिसका यह उद्देश्य था,#राना पाना ज्ञान।
करी पढ़ाई खूब है,बना एक अभियान।।
चढ़ें सफलता के शिखर,जिनका रहता ध्येय।
सफल मनोरथ वह करें,#राना रहें अजेय।।
शिक्षा के फल भी मिलें,जहाँ पढ़ाई रेख।
हर्षित होता मन सदा,#राना यह सब देख।।
सदा पढ़ाई से मिले,#राना हमको सीख।
मिलता जिनको ज्ञान है,नहीं माँगते भीख।।
***
*हिंदी दोहे - हृदय*
रखो हृदय में प्यास तुम,पीने को रस राम।
#राना आए गेह में , सदा सुहानी शाम।।
सदा भक्ति रस पीजिए,आकर इस संसार।
#राना चाहत यह बसे ,रहे हृदय में प्यार।।
निर्मल जल-सा जब हृदय, हो #राना रस धार।
ऐसे नर संसार में , सदा बाँटते प्यार।।
कौन हृदय रखता नहीं ,और न रखता प्यार।
पर#राना जो मद रखें ,करें गलत व्यवहार।।
हृदय जानता नीति को ,और प्रेम के खेल।
#राना संगत दुष्ट की,सदा बिगाड़े मेल।।
*** दिनांक -24-12-2024
*हिंदी दोहा - गप्प*
गप्प मारकर चल दिए,#राना लम्बरदार।
बैठा बनियाँ दे रहा,सबको आज उधार।।
कभी गप्प भी सत्य हो,देखे ऐसे हाल।
#राना जीत चुनाव की,लाए नत्थूलाल।।
कभी सत्य को गप्प कह,करते लोग कमाल।
सूरज #राना है हरा,कहें चंद्र को लाल।।
गप्प मारना है कला,गप्पी बड़े प्रवीन।
नई वस्तु को कह उठें,#राना यह प्राचीन।।
#राना बैठे गेह में,गप्प सुनें मन मार।
गप्पी बना गवाह खुद,कहता सच्ची यार।।
***
*हिंदी दोहा - विश्व*
विश्व नियम #राना सुनो,मिलते हैं परिणाम।
करनी की भरणी मिले,सुखद-दुखद अंजाम।।
कटु विचार #राना सदा,मन में लाते खोट।
देखा है यह विश्व में,आकर देते चोट।।
कर्म विश्व में हों अमर,जहाँ नियत है साफ।
#राना ईश्वर ने यहाँ,किए कष्ट सब माफ।।
नेक कर्म रखते सदा,#राना हृदय प्रसन्न।
बुरे जहाँ है विश्व में,करते रहते खिन्न।।
#राना देखी विश्व में,उजली धुँधली रैन।
अच्छी देती चैन है ,बुरी करे बैचैन।।
***दिनांक - 7-1-2025
हिंदी दोहे - कुंभ (मेला)
#राना आया पर्व है,करो,कुम्भ स्नान।
जयकारा भी गंग का,बोलो सब श्रीमान।।
(स्नान का उच्चारण भार-5 है,(अस्नान)
मेला लगते कुम्भ के,होते बारह साल।
चार तीर्थ #राना बने ,अद्भुत बड़े विशाल।।
अमरत मंथन से प्रकट,भरा हुआ था कुम्भ।
#राना देवो को मिला,घटा दैत्य का दम्भ।।
#राना चलिए आप सब,आज मनाए हर्ष।
मेला माने कुम्भ सम,जय कुंडेश्वर दर्श।।
#राना श्रद्धा कुम्भ की,देती पुण्य प्रताप।
पर अच्छे ही आचरण , रखिएगा वस आप।।
.***दिनांक -14-1-2025 महाकुंभ
*हिंदी दोहे विषय - मूर्ति*
जहाँ मूर्ति को पूजते,मंदिर कहते लोग।
ध्यान सभी #राना करें,माने सुखद सुयोग।।
भव्य मूर्ति हम सब कहें,जब-जब देखे संत।
#राना मिलता ज्ञान है,जिनसे हमें अनंत।।
तीर्थ धाम में मूर्ति भी,मिलती हमें अनेक।
#राना लगतीं भव्य है,करते जन अभिषेक।।
एक मूर्ति भी जब हृदय,कर लेता स्वीकार।
सदा मिलें उससे प्रखर,#राना सुखद विचार।।
दिव्य अलौकिक मूर्ति के,जब हो दर्शन पान।
#राना तब संतोष का,कर देता मन गान।।
*** दिनांक -21-1-2025
*हिंदी दोहे बिषय - #दही*
मथे यशोदा जब दही,बैठें नंदकिशोर।
#राना माखन देखकर,हाथ करें उस ओर।।
दही बिलोती गोपियाँ,प्रातकाल की धूप।
चंद्र बिंदु शुभ भाल पर,#राना सभी अनूप।।
दही भरें जब गोपियाँ,मटकी बोले बोल।
#राना रखना कृष्ण को,कुछ माखन अनमोल।।
दुग्ध जमे बनता दही,फिर माखन घृत रूप।
#राना समझें उच्च कृत,लगते सभी अनूप।।
मृदु स्वभाव रखता दही ,#राना गुण भंडार।
सज्जन कुल गिनती गिनो,और करो सब प्यार।।
*** दिनांक- 28-1-2025
हिंदी दोहे विषय - मलाई
चूल्हे पर जब दूध का,आए जरा उबाल।
निकल मलाई दे उठे,#राना अपनी ताल।।
मिले मलाई आजकल,राजनीति में खूब।
#राना जमकर खाइए,पूर्ण करें मंसूब।।
माल मलाई है जहाँ,मक्खीं आती पास।
बैसइ #राना हाल है ,सब नेतन को खास।।
आज मलाई देखते,राजनीति की हाट।
#राना बंदर बाँट में,रहे सभी है चाट।।
कहाँ मलाई है नहीं, #राना करे विचार।
छीनो या सेवा करो,या कर लो व्यापार।।
***दिनांक-4-2-2025
हिंदी दोहे विषय - विमल
मानवता के नाम पर,#राना मिलें उसूल।
जहाँ विमल शुभ फूल है,उगते पास न शूल।।
मानवता खोजें कहाँ,और विमल मन फूल।
इनका दिव्य प्रकाश है,#राना चढ़े न धूल।।
सूरज चोरी कब हुआ,उजला दिव्य प्रकाश।
#राना ऐसा मन विमल,बना जगत में खाश।।
मन जब हो जाता विमल,निर्मल बहती धार।
पावन होती देह है,#राना इस संसार।।
नदी गंग रहती विमल,पावन माने लोग।
#राना करे नहान जब,कटते पातक रोग।।
**दिनांक -11-2-2025
***
*हिंदी दोहे विषय - सुगंध*
#राना गंध सुगंध की,उड़ती रहे वयार।
इसी तरह गुण की सदा,खुश्बू उड़े अपार।।
है सुगंध का मोल भी,बन जाता जब इत्र।
गुण भी सब अनमोल हों,कहते#राना मित्र।।
है सुगंध शुचि ज्ञान में,#राना शुभ सौगात।
संत समागम से मिले,सबको सुंदर बात।।
हवन और पूजन जहाँ,उड़ती वहाँ सुगंध।
वेद ऋचाएँ गूँजती,#राना बन मकरंद।।
ईश्वर से करता विनय,#राना के अब छंद।
जो भी पढ़ते मित्र हों,उनको लगें सुगंध।।
*** दिनांक -18-2-2025
*हिंदी दोहे - लोहा*
#राना लोहा देखता,और साथ उपयोग।
मजबूती आधार यह,कहते हैं सब लोग।।
रेल कृषि विज्ञान के,#राना सब सामान।
जिनको कहते यंत्र है,लोहा को वरदान।।
चितरंजन में रेल का,होता है निर्माण।
#राना लोहा दे वहाँ,कैसे मेरे प्राण।।
#राना जब निर्माण हो,बनें भवन स्तम्भ।
#मजबूती से देखना,लोहा का भी दम्भ।।
#राना इस संसार में,लोहा का आयाम।
विस्तृत और विशाल है,इसका सब परिणाम।।
*** दिनांक - 25-2-2025
*हिंदी दोहे बिषय -सभ्य*
#राना वह नर सभ्य हैं,रखें सभ्यता पास।
दीन दुखी के पास में,रखते सदा उजास।।
रखते पास विनम्रता,सदा सभ्य ही लोग।
#राना बोली रख मधुर,हरते मन के रोग।।
बातचीत भी सभ्य रख,करते है जो काम।
रहे सफलता पास तब ,#राना तब अविराम।।
मिलें सभ्य से सभ्य जब , करें सभ्य ही बात।
#राना गंदे लोग ही,रचते रहते घात।।
#राना चर्चा में रहें,सदा सभ्य ही लोग।
देते सब सम्मान.है,मानें उन्हें सुयोग।।
*** दिनांक - 4-3-2025
*हिंदी दोहे- -खजूर*
लम्बे ऊँचे झाड़ के,होते पेड़ खजूर।
#राना मीठे है जहाँ,फल जिसमें भरपूर।।
हैं खजूर सब दल भरे,ताकत में बलवान।
लगते भी स्वादिष्ट है,#राना सुनो सुजान।।
बोली सुनते आम सब,यह है पिंड खजूर।
खाते इसको शूरमा,#राना रंक हूुजूर।।
सर्दी का मौसम रहे,वैद्य कहें सुन वीर।
#राना सुनो खजूर की,गुण जैसी तासीर।।
खाते इसको प्रेम से,#राना रुचिकर स्वाद।
कहते ताकत मिल रही,पहलवान उस्ताद।।
*** दिनांक -11-3-2025
*हिंदी दोहे- बिषय-भव्य*
भव्य जीव संसार में,अच्छा करते काम।
करें लोक कल्याण भी,सँग में #राना नाम।।
राम लला दर्शन करे,#राना अनुपम भव्य।
पूजा अर्चन भी किया,बना ध्यान एकलव्य।।
भव्य ओरछा धाम है,#राना करे प्रणाम।
यहाँ राजसी वेश में ,रहते राजाराम।।
भव्य जीव हम मानते,#राना सुनो शहीद।
जिनका सब वंदन करें,होते लोग मुरीद।।
#राना भारत भव्य है,जो है मेरा देश।
सभी जातियाँ धर्म मय, सुखद रखें परिवेश।।
*** दिनांक -18-3-2025
हिंदी दोहे बिषय - वीर
बहुत वीर है देश में ,भरा पड़ा इतिहास।
नाम शिवाजी एक है,#राना मुझको खास।।
छत्रसाल जू वीर थे, बुंदेलों की शान।
लड़े मुगल से खूब थे,#राना रख पहचान।।
कुँवर सुनो हरदौल थे,#राना वीर जवान।
किया पराजित था मुगल,कुश्ती के दौरान।।
#राना थी वीरांगना,रानी लक्ष्मी वीर।
अंग्रेजों से वह लड़ी,बनकर के रणधीर।।
#राना हम सब वीर हैं,बुंदेली है आन।
रखते पूरे देश में,अपनी कुछ पहचान।।
*** दिनांक -25.3.2025
*हिंदी दोहे -( आकांक्षा / इच्छा / चाहत / मनोकामना /मंशा )*
#राना आकांक्षा सुनो,जय बुंदेली मंच।
कृपा सदा देते रहें,गणपति शिवा विरंच।।
#राना यह भी सोचता,बिना चाह कब राह।
आकांक्षा जिनके हृदय,उनको मिले पनाह।।
आकांक्षा से ही बने,आगे की शुचि राह।
#राना दृड़ संकल्प जो,उनकी होती वाह।।
आकांक्षा पावन जहाँ,#राना सुंदर कर्म।
जीवन है तब सार मय,निकट रहेगा धर्म।।
चाह रखो मत वाह की,कर्म करो बस आप।
आकांक्षा दे आपको,#राना सुंदर छाप।।
***दिनांक -1-4-2025
हिंदी दोहे - -विमान
था विमान पुष्पक सुना,मालिक रहा कुबेर।
छीना रावण ने उसे,#राना कर अंधेर।।
देव विश्वकर्मा सुनो,निर्मित किया विमान।
ब्रम्हा जी को भेंट कर,#राना बने महान।।
ब्रम्हा जी के पास में,आए देव कुबेर।
तब विमान पुष्पक उन्हें,#राना देते हेर।।
आकृति #राना मोर-सी,पुष्पक रहा विमान।
अग्नि वायु के तेज से,उड़ता रहा जहान।।
रावण जब मारा गया,#राना आया काम।
ले विमान पुष्पक उड़े,अवधपुरी को राम।।
*** दिनांक -8-4-2025
हिंदी दोहे - विषय -मर्म (भेद, रहस्य , स्वरूप)
कौन जानता मर्म है,#राना उसका खेल।
कभी वियोगी दे बना,कभी करा दे मेल।।
#राना ने यह भी सुना,कर्म मर्म बलवान।
कथा सुनी है भीलनी,अर्जुन तीर कमान।।
कभी कर्म था आपका,रहा मर्म अंजान।
आज उदय में आ गया #राना फल अनुदान।।
आज आप लिख लीजिए,मिलता है संदेश।
मिले कर्म के मर्म से,#राना हर परिवेश।।
समय न खोना चाहिए,#राना बोले बोल।
हार जीत का मर्म है,किया कर्म अनमोल।।
*** दिनांक -15-4-2025
हिंदी दोहे विषय - उदित
.#राना कहता आपसे,उदित करो शुभ कर्म।
इसके पहले आपको,पड़े निभाना धर्म।।
हर कामों के धर्म हैं,जिनको कहें उसूल।
#राना होते है उदित,उसी तर्ज पर फूल।।
अंतराल से मित्र जब,आकर दे सम्मान।
आज उदित कैसे हुए,हँसता #राना आन।।
अस्ताचल के बाद ही,सदा उदित हो भान।
#राना यह संसार का,सबसे सुंदर गान।।
अब गुदड़ी के लाल भी,करते बहुत कमाल।
#राना होकर वह उदित,जग में देते ताल।।
*** दिनांक -22-4-2025
*✍️ -राजीव नामदेव "राना लिधौरी"*
संपादक "आकांक्षा" हिंदी पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
हिंदी दोहे समग्र दिनांक-29.4.2025 से
हिंदी दोहे विषय - प्रपंच
बिन बारिश ही बिजलियाँ,करती ध्वस्त मकान।
जब प्रपंच बादल बनें,#राना सिर पर आन।।
क्या प्रपंच दुश्मन रचें,जो रचते निज यार।
हाथ काटते हैं प्रथम,फिर#राना उपचार।।
रहे चींखते हम सभी, पहलगाम षड्यंत्र।
#राना पाक प्रपंच था,मिला सभी था तंत्र।।
बिन बादल बरसात हो,मेंढक बोलें टर्र।
हैं प्रपंच #राना सुनों,निकलेगें यह सर्र।।
धुआँ लगा उठने शहर,हैं प्रपंच की आग।
#राना कर तू सामना,लगा न लेना दाग।।
हर प्रपंच में आदमी,जब होते दस बीस।
#राना खुलता राज है,दाँत हँसें बत्तीस।।
मुड- मुड़कर भी देखता,#राना जहाँ प्रपंच।
वहीं हार उसको मिलें,बात कहूँ सौ टंच।।
***
*हिंदी दोहे- चाह*
#राना रखता चाह है,जय बुंदेली मंच।
कृपा सदा देते रहें,शंकर महा विरंच।।
#राना यह भी सोचता,बिना चाह कब राह।
यह मन का संकल्प है,चाहें ईश पनाह।।
बनती अपनी चाह से,आगे की भी राह।
#राना दृड़ संकल्प हो,मिलती सदा पनाह।।
चाह रखो सब शुभ सदा,#राना सुंदर कर्म।
जीवन है तब सार मय,पास रहेगा धर्म।।
चाह रखो मत वाह की,कर्म करो बस आप।
दुनिया देखे आपकी, #राना सुंदर छाप।।
*** दिनांक -6.5.2025
हिंदी दोहे -रस्सी
#राना रस्सी जिंदगी,लोग रहे हैं झूल।
एक सिरे पर रस लगा,दूजे पर है धूल।।
#राना रस्सी राम की,पकड़ें हैं जो लोग।
भवसागर वह पार कर,करें मोक्ष का योग।।
बिना गाँठ रस्सी जहाँ,हर धागे की शान।
मध्य गाँठ #राना लगे,दाग और अपमान।।
भरा कुवाँ में नीर है,पर #राना बेकार।
जल ऊपर लाए सदा,रस्सी का उपकार।।
रस्सी के उपयोग हैं,रहती यह हर गेह।
गृहणी और किसान सब,#राना करते नेह।।
*** दिनांक -13.5.2025
*देवी अहिल्याबाई पर केंद्रित दोहे:-*
नाम अहिल्या बाइ का,अमर हुआ है नाम।
कर्म क्षेत्र सब मालवा,किए शौर्य के काम।।
दूर दृष्टि रख पास में,किया न्याय से राज्य।
किया मालवा एक था,नहीं हुआ अभिभाज्य।।
कुशल प्रशासन आपका,चर्चित था चहुँ ओर।
षडयंत्रों के बीच में,रचीं सुहानी भोर।।
***
शहर राज बाड़ा बना,देखो सब इंदौर।
अद्भुत मिलता शिल्प है, दिखते जिसके ठौर।।
कई मार्ग मिलते यहाँ,जो भी है सब खास।
बाडा कहता राज्य का,अब भी सब इतिहास।।
संघर्षो की जिंदगी,रही हमेशा साथ।
पति वियोग के बाद में,सुदृढ़ किए निज हाथ।।
खुद काँटों -सी जिंदगी,पर जनता को फूल |
देतीं रहीं अहिल्या,सुख सबको अनुकूल।।
नमन आपको कर रहा,शत शत बार प्रणाम।
नाम अहिल्या यश लिए,अमर रहेगा नाम।।
***
*हिंदी दोहे -गाँठ*
#राना मन की गाँठ का,मिटता नहीं निशान।
जिंदा रहती है सदा,चुप रखती पहचान।।
गाँठ नहीं खुद खोलना,यह मन का दस्तूर।
आसपास #राना दिखें,उसको बहुत फितूर।।
मानव मन में बाँधता,गाँठ बहुत मजबूत।
#राना कभी न खोलता,अंदर भय का भूत।।
कौन गाँठ कैसी लगे,रचे समय का चक्र।
#राना मुश्किल खोलना,गति भी होती वक्र।।
गाँठ न ज्ञानी पालते,रखे हृदय को साफ।
करें प्रेम से बात भी,त्रुटियाँ करते माफ।।
*** दिनांक -20.5.2025
*हिंदी दोहे-- सिंदूर (आपरेशन सिंदूर)*
#राना चर्चा हर गली,आप्रेशन सिंदूर।
काँपा पाकिस्तान है,दिखता अब मजबूर।।
बैल मुझे आ मार ले,सुनी कहावत धूम।
करनी पाकिस्तान की,करती गर्दन चूम।।
#राना यह सिंदूर है,रखता खुद में ओज।
बहनों का यह तेज है,भारत की यह खोज।।
समझा पाकिस्तान ने,क्या होता सिंदूर।
बना स्वयं वह आज हैं,दुनिया में लंगूर।।
मात शक्ति सिंदूर से,जब करती है गान।
पर्वत जाते है पिघल,#राना रहती आन।।
*** दिनांक -2.6.2025
*हिंदी दोहे- चूना-
#राना चूना हो चला,अब भारी बदनाम।
लोग लगाते हैं जहाँ,होता काम तमाम।।
चूना कत्था जब मिलें,खिलते दोनों साथ।
पान बाइ के संग में, लाल करें निज हाथ।।
#राना कटनी जाइए,चूना मिले खदान।
जाता पूरे देश में,खाते सब इंसान।।
#राना चूना ही लगे , होता जहाँ सयान।
तीन अठन्नी कब मिलें, रुपया एक निशान।।
बहुउपयोगी है खनिज,चूना आता काम।
डिस्टेम्पर बनते सभी,और दवा में नाम।।
*** दिनांक -10.6.2025
हिंदी दोहे बिषय- गंगा महिमा
गंगा जल पावन रहे, सदा करें कल्याण।
'राना' शुचिता नीर से, पावन होते प्राण।।
महादेव के शीश पर, हर गंगा है नाम।
'राना ' इस उपमान से, करते सभी प्रणाम।।
गंगा भारत देश में, देती है संदेश।
'राना' पावन खुद बनो, भक्ति मार्ग परिवेश।।
ब्रह्म कमंडल -विष्णु पग, शिवा शीश श्रृंगार।
'राना' तारण को प्रकट, मां गंगा अवतार।।
गंगा, यमुना,शारदे, जहां मिलन अनुभाग।
'राना' जानो तीर्थ वह, पावन राज प्रयाग।।
गंदी हम गंगा करें, रखते कभी न ख्याल।
मानव के इस कृत्य पर 'राना' रखें मलाल।।
गंगा जी के नाम का, बनता बजट करोड़।
'राना' होता लापता, यहां वहां ले मोड़।।
***
*हिंदी दोहे -- सिद्ध*
सिद्ध सकल परमात्मा,अंतरयामी रूप।
खुद ही जग के भूप है ,दिखते दिव्य अनूप।।
#राना बनते सिद्ध है,जो होते है संत।
करें तपोबल से सदा,अपना कर्म अनंत।।
मंत्र सिद्ध उनको हुए,जिनमें नहीं विकार।
पर उपकारी भावना,जिनमें दिखे शुमार।।
जैन धर्म में सिद्ध की,गाथा बड़ी महान।
जन्म मरण सब छूटता,कहलाते भगवान।।
सत्य परीक्षा दे सदा, करे सिद्ध वह बात।
झूठों को बहुमत मिले ,घर बैठे सौगात।।
*** दिनांक -17.6.2025
*हिंदी दोहे-- 'दोष'*
दोष निकालें बैंठकर,देख दूसरे लोग।
अपने फिर क्यों ढाँकते,कैसे अंदर भोग।।
दोष निकाले लोग जब,दोषी करें करार।
वह बनते गुणवंत हैं,रहते पैर पसार।।
दोष सभी में हैं भरे,अवगुण रहते अंश।
पर होते जब काम शुभ, हट जाते तब दंश।।
#राना गया बजार में,गुण मिलते किस ओर।
मिलते नहीं खरीद में,मुफ्त मिलें हर ठोर।।
दोषी के भी दोष भी,हो जाते हैं माफ।
जिस दिन #राना वह करें,अपने मन को साफ।।
*** दिनांक -23.6.2025
*हिंदी दोहे- बिषय-लक्ष्य*
#राना का वस लक्ष्य है,और एक ही गान।
बुंदेली बोली सदा,पाए अभियुत्थान।।
बिना लक्ष्य का आदमी,बिन नकेल का बैल।
बिन लगाम घोड़ा जहाँ,तीनों लगें ढकैल।।
लक्ष्य साधकर छोड़ते,जब कमान से तीर।
सही निशाना ही लगे,जीते सब रणवीर।।
पहुँचाता अंजाम तक,रहे लक्ष्य जब नेक।
उदाहरण बनते जगत,सदा एक से एक।।
#राना जिनका लक्ष्य है,हरना जग संताप।
वह जीवन में जानिए,कभी करे न पाप।।
*** दिनांक -1-7-2025
*हिंदी दोहे- विषय अनुमान*
बहुत लोग अब सीखकर,लिखते सही विधान।
नहीं असर कुछ पर दिखे, #राना का अनुमान।।
बार- बार भी टोकना,उचित नहीं श्रीमान।
सरल बड़ा है सीखना,'राना' का अनुमान।।
बहुत समय भी हो गया,खुद करिए अनुमान।
दोहा क्यों होते गलत,सोचों खुद श्री मान।।
करें शीघ्रता पोस्ट को,#राना का अनुमान।
नहीं निरीक्षण खुद करें,लेखक जी श्रीमान।।
हिंदी बुंदेली दिवस,इतना रखिए ध्यान।
शब्द चयन बैसे करें,लिखें सभी श्रीमान।।
नहीं किसी पर तंज है,और नहीं अनुमान।
सदा समीक्षा मानिए,बोला यहाँ विधान।।
कलन - यति जब हो सही,मात्रा भार विधान।
दोहा खुद ही बोलता,#राना का अनुमान।।
*** दिनांक -8-7-2025
हिंदी दोहे -चौराहा
गाँव शहर के मार्ग सब,अपना करें मिलान।
#राना चौराहा बनें , निश्चित इतना जान।।
चलते जाते लोग है,कोई भी हो राह।
पर चौराहा स्वागत करे,देगा सदा पनाह।।
चौराहा विकसित जहाँ,सुंदर बनते मोड़।
लगे मूर्ति भी बीच में,बड़ी जगह कुछ छोड़।।
चौराहा होता जहाँ ,अपनी रखता शान।
नामकरण उसको मिले,जो होता पहचान।।
चौराहा की बात भी,बहुत फैलती दूर।
इसीलिए #राना कहे,चौराहा है नूर।।
***
*हिंदी दोहे बिषय- राजनीति*
राजनीति #राना करो,पर हों ऐसे काम।
युग में होवें आपका,सभी दिशा में नाम।।
अब नेता के नाम पर,दिखते खोटे काम।
इसीलिए तो हो गई,राजनीति बदनाम।।
चमचा पाते लाभ है,राजनीति मैदान।
पर गरीब पिसते रहें ,करें हिंद जय गान।।
जनता के उत्थान की,हर दिन होती बात।
राजनीति के नाम पर,मिलती उसको घात।।
राजनीति परिवार को,बहुत करे आबाद।
करें बपोती लोग हैं,जैसे हो जयजाद।।
*** दिनांक -22.7.2025
हिंदी दोहे बिषय- मरघट
धधक रही ज्वाला कहे, मैं हूँ मुक्ति धाम।
मरघट मेरा गेह है,मैं हूँ अंतिम शाम।।
#राना मरघट गेह है, जहाँ मृत्यु का वास।
जहाँ जले यह तन वहाँ ,है मुकाम कुछ खास।।
जग नश्वर ही जानिए,देता मरघट ज्ञान।
मन वैरागी कुछ बने, सब समझे इंसान।।
मरघट ने देखे सदा,अच्छे-अच्छे वीर।
आए खाली हाथ है,छोड़ सभी तकदीर।।
मरघट से भय मत रखो,#राना लो संज्ञान।
शरण मिले आगे यहाँ,शिव शंकर भगवान।।
*** दिनांक -29.7.2025
*हिंदी दोहा- चतुर*
गली-गली में घूमते #राना चतुर सुजान।
तीन अठन्नी माँगते ,रुपया एक प्रदान।।
चतुराई उनकी चले,जिनको रहता ज्ञान।
मूर्ख चतुर खो बैठता,रखा हुआ सामान।।
चतुर चला ठगने जगत,सबको विधि बतलाय।
उल्टा ठगकर आ गया,अपनी मूड़ मुड़ाय।।
चतुर ठगाया जात है,कहते यह सब लोग।
चतुराई की चासनी,हरती कब है रोग ||?
राना जितने हैं चतुर,अपना देवें ध्यान।
नहीं फटे में टाँग दें,करने को नुक़सान।।
*** दिनांक -5.8.2025
*हिंदी दोहे- बिफर - मित्र*
मुख पोथी पर कर रहा,#राना उन्हें प्रणाम।
बुंदेली साहित्य के,मित्र यहाँ सुखधाम।।
मित्र गिराते हैं सदा, कटुता की सब छाप।
बातें करते प्रेम से,रखें न मन में ताप।।
#राना सबका मित्र है ,रखता सुंदर माप।
रखता भी सम्बंध है,आदर की दे छाप।।
हो जाता जिस मित्र को,अक्ल अजीर्ण रोग।
तब उसके उपचार का,बनता कभी न योग।।
नहीं मित्र सब एक से, है कुछ कड़वी बात।
पहले बनते खास है, फिर दे जाते घात।।
*** दिनांक -12.8.2025
✍️ © राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
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