Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021

राना लिधौरी हिंदी दोहावली (समग्र हिंदी दोहा संग्रह) दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र)

राना लिधौरी हिंदी दोहावली
 (समग्र हिंदी दोहा संग्रह) 
दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र)
हिन्दी दोहे
तीन दोहे 
राना दोहावली- 62-63-64
बिषय- "फ़ूल"

बगिया तो महके सदा,
ये फ़ूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।

महक सदा ही बांटता,
ज्यों बगिया में फ़ूल।
काम सदा ऐसे करो,
कभी न होबे भूल।।

फूल और कांटे सदा,
रहे पेड़ के पास।
फूल फूल सबने चुने,
कांटे रहे उदास।।

राना दोहावली- 68-69-70
बिषय- "सत्य"
कर न पाये बराबरी,
झूठ कभी श्रीमान।
सत्य सूर्य सम है सदा,
पाता सदा सम्मान।।

सत्य अहिंसा से अधिक,
 नहीं बड़ा हथियार।
दुश्मन भी अपना बने,
पाकर मन का प्यार।।

सत्य कभी छुपता नहीं,
करो कितने प्रयास।
फसे झूठ के जाल में,
नहीं मुक्ति की आस।।
### 3-6-2020
तीन दोहे 
राना दोहावली-71-72-73
बिषय- "वृक्षारोपण"
जन्मदिवस पर सोचना,
वृक्षारोपण काज।
हरियाली छाती रहे,
खुश हो सकल समाज।।

वृक्षारोपण की प्रथा,
होती है हर बार।
कागज पर ही लग गए,
पौधे कई हजार।।

वृक्षारोपण जो करे,
वह करता उपकार।
बदले में फल-फूल का,
मिलता है उपहार।।
### 4-6-2020

तीन दोहे 
राना दोहावली-74-75-76
बिषय- "नेता"
नेता तो करता सदा,
झूठे वादे रोज।
जीत गया दिखता नहीं,
फिर होती है खोज‌।।

नेता को मौका मिले,
तब पलटी ही खाय।
पद-पैसे की चाह में,
जाने कब बिक जाय।।

नेता तो करता सदा,
घोटाले श्रीमान।
घोटाला जितना बड़ा,
उतनी होती शान।।
### 5-6-2020
राना दोहावली-77-78-79
बिषय- "नशा"
नशा मौत का नाम है,
होता ज़हर समान।
घर का सब बिक जाय है,
धन दौलत सम्मान।।

नशा न करना भूल के,
हो जीवन से प्यार।
जो करता कोई नशा,
जीवन हो बेकार।।

'राना' नशा भीषण द्वय,
तम्बाकू व शराब।
करते बहु अंगों सहित,
मुंह, यकृत भी खराब।।
### 6-6-2020

राना दोहावली-80-81-82
बिषय- "भ्रष्टाचार"
नहीं गरीबों पे दया,
करे न तनिक  विचार।
लाज नहीं आती उन्हें,
करते भ्रष्टाचार।।

भ्रष्टाचार बढ़ा रहा,
कोरोना  आजाब।
बढ़ती कीमत में वही,
बिकता माल खराब।‌।

नेताओं की ओर से,
होता भ्रष्टाचार।
अधिकारी भी मानते,
इसको शिष्टाचार।।
### 7-6-2020

राना दोहावली-83-84-85
बिषय- "निर्दोष हथिनी"
बच्चा बोला गर्भ में,
मेरा क्या है दोष।
जन्म न ले पाया यहां,
मेरी मां निर्दोष।।

कुछ होते है आदमी,
दुष्ट, नीच, शैतान।
हथिनी को वे मारके,
बनते है हैवान।।

ऐसे साक्षर से भला,
होय अनपढ़ गंवार।
मानवता को छोड़के,
करते अत्याचार।।
### 8-6-2020
राना दोहावली-86-87-88
बिषय- "शाकाहार"
रहें निरोगी वे सदा,
करते शाकाहार।
रोग पास आयें नहीं,
खुशी रहे परिवार।।

मांसाहार न कीजिए,
 हो जीवन से प्यार।।
अमृत के समकक्ष है,
उत्तम शाकाहार।।

मांस खाद्य तो है सदा,
राक्षस का आधार।
धर्म भ्रष्ट हो जाय है,
करते जो आहार।।
### 9-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़

राना दोहावली-89-90-91
 बिषय- "सदाचार"
सदाचार दिल में रखो,
बनते लोग महान।
इन्हीं गुणों से ही सदा,
खुश होते भगवान।।

संयम व  सदाचार हो,
क्षमा दया गुण नेक।
जिसमें रहते ये सभी,
उसके सखा अनेक।।

सदाचार अपनाए जो,
पाए सबका प्यार।
दुराचारियों को सदा,
मिलती है फटकार।।
### 10-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल -9893520965

राना दोहावली-92
(प्रतिलिपि-33)
बिषय- "जीवन"
मदद करे जो भी सदा,
पाता खुशी हजार।
जीवनभर मिलता रहे,
सबका लाड-दुलार।
##11-6-2020
राजीव नामदेव "राना लिधौरी",टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल -9893520965

राना दोहावली-93-94-95
बिषय- "आम"
कच्चा,पका,अचार भी,
आम जूस पी जाय।
पना बनाकर पीजिए,
लपट नहीं लग पाय।।

कच्ची अमिया देखके,
सबका जी ललचाय।
आम चुराए बाग से,
खाए मन भर जाय।।

आम दशहरी है भला,
अल्फांजो है खास।
तोता परी अधिक बड़ा,
चौसा रहे उदास।।
##12-6-2020
राना दोहावली-99-100-101
बिषय- "बेटी"
बेटा-बेटी एक हैं,
रखें आप समभाव।
ईश्वर की वे देन हैं,
घर का मिटे अभाव‌।।
****
आप बहू को दीजिए,
बेटी जैसा मान।
वह भी देगी मान फिर,
अपने पिता समान।।
****
बेटों से बेटी भली,
करती ऊंचा नाम।
बेटे भले न साथ दें,
बेटी आती काम।।
##14-6-2020

राना दोहावली-102-103-104

बिषय- "तारे"
तारे गिन-गिन कट गई,
बैरन बिरही रात।
भोर हुए होने लगी,
बिन बादल बरसात।।
***
रजनी तो दुल्हन बनी,
पूनम की है रात।
 चंदा दूल्हा है बना,
तारों की बारात।।
***
अगणित तारे दूर पर,
मिलता नहीं प्रकाश।
एक सूर्य पर्याप्त है,
जो है अपने पास।।
***15-6-2020

राना दोहावली-105
बिषय- "फुहार"
श्याम मेघ अब आ गए,
पड़ने लगी फुहार।
सौंधी खुशबू को लिए,
बहने लगी बयार।।
##16-6-2020

राना दोहावली-106
बिषय- "चातक"
चातक पीता है सदा,
पहली बर्षा बूंद।
बिन उसके प्यासा रहे,
रहता आंखें मूंद।।
##17-6-2020

राना दोहावली-108
*योग*  पर केन्द्रित कुछ दोहे
बाबा योग सिखा रहे,
करिए आप जनाब।
स्वथ्य रहोगे फिर सदा,
तन न होगा खराब।।
109
योग दिवस वादा करो,
खूब करेंगे रोज।
काया कंचन सी बने,
मुखड़े पर हो ओज।।
110
फुर्ती रहे शरीर में,
जो करता है योग।
मन प्रसन्न उसका रहे,
होगे ना फिर रोग।।
111
रोज कीजिए खूब ही,
दवा मुफ्त की योग‌।
जो जितना ज्यादा करे,
उतना रहे निरोग।।
### 17-6-2020
महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर
राना दोहावली-
लक्ष्मीबाई सी नहीं,
दूजी कोई वीर।
क्षण भर में करवाल से,
देती दुश्मन चीर।।
113
लक्ष्मीबाई की सदा,
चली खूब तलवार।
बिजली सी चमके जहां,
बहे खून की धार‌।।
114
ऐसी थी वीरांगना,
कितना करे बखान।
होती युग उपरांत है,
उन-सी वीर महान।।
115
आज दिवस बलिदान है,
मना रहे हम आप।
लक्ष्मीबाई का अमर,
रहे सदैव प्रताप।।
116
बेटी हो तो हो सदा,
ऐसी वीर महान।
काम करे ऐसा करे,
लक्ष्मी बाई समान।।
### 17-6-2020
(प्रतिलिपि-53)
राना दोहावली-53
बिषय- *मानवता*
मानवता तो छोड़ दी,
इंसानों ने आज।
धोखा दे करते रहे,
वे जंगल में राज।।
### 18-6-2020

राना दोहावली-118

गुरु की जो सेवा करे, मिले उसे सम्मान।
गुरु के ही आशीष से, बनता शिष्य महान।।
119
गुरु सदैव ही बांटता, निज सुगंध ज्यों फूल।
उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जिते जग-शूल।।
120
खुशयाली आती रहे, करो ईश का ध्यान।।
तन,मन से होगें सुखी,होगा जन कल्यान।।
         121
शिक्षक सदैव बांटता, निज सुगंध ज्यों फूल।
उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जाते जग-शूल।।
      दिनांक-8-9-2020
(प्रतिलिपि-58-59)
आज के दोहे- हिंदी
122
हिन्दी मेरी जान है,
हिन्दी विश्व महान।
जीवन अर्पित कर दिया,
करते हैं सम्मान।।
  123
हिन्दी के कवि सूर हैं,
केशव, तुलसीदास।
पंत निराला गुप्त जी,
जय कबीर, रैदास।।
दिनांक- 14-9-2020
124 हिन्दी दोहे- राना दोहावली
कुछ नेता है दानवी, दुष्ट नीच शैतान।
गरीब को वे मारके, बनते है हैवान।।

नेता बोला वोटर से, तुम हो मेरे खास।
मामा शकुनि बना रहूं,  पांसा मेरे पास।।

नेताओं की ओर से, होता भ्रष्टाचार।
डाकू बन हत्या करे, कहते शिष्टाचार।।
दिनांक- 15-9-2020

हिंदी दोहे बिषय-अहंकार
1
जिसने भी छोड़ा नहीं,
अहंकार का भाव।
उसके जीवन में सदा,
रहता है दुर्भाव।।
  2
लोभ क्रोध, अरु मोह भी,
अहंकार के साथ।
यदि इनको छोड़ा नहीं,
क्षोभ रहेगा हाथ।।
3
अहंकार ने खा लिया,
राक्षस रावण राज।
अपना करके नम्रता,
मिला बिभीषण ताज।।
दिनांक- 22-9-2020
हिंदी दोहे बिषय-गांधी जी व शास्त्री जी
*१२४*
गांधी जी और शास्त्री,
दोनों वीर महान।
एक राष्ट्र का है पिता,
दूजा लाल जवान।।
*१२५*
लाल बहादुर शास्त्री,
हुए देश के लाल।
कद छोटा पर देश का,
ऊंचा कीन्हा भाल।।
*१२६*
बापू अहिंसा प्रणरत,
छोड़ा कभी न साथ।
दाण्डी यात्रा पर गए,
लाठी लेकर हाथ।।
दिनांक- 2-10-2020
(प्रतिलिपि-69-70)
बिषय-परिवर्तन
*99*
ऋतु परिवर्तन हो रहा,
करे हवा संकेत।
अब भी मानव चेत जा,
करता ईश सचेत।।
*100*
परिवर्तन होता रहा,
यह प्रकृति का काम।
इंसा खुद को ढाल ले,
तभी मिले आराम।।
दिनांक-6-10-2020
*बिषय- इंद्रधनुष*
101
इंद्रधनुष के रंग से,
किरणें कर श्रृंगार।
नृत्य करे बरसात में,
चलती मंद बयार।।
102
इंद्रधनुष सा मन हुआ,
भटके चारों ओर।
सफेद शांति के लिए,
पीला है चितचोर।।
दिनांक- 13-10-202
103- बिषय-भावना
देखें वे हैं भावना,
जिसमें जैसी पाय।
माता के दरबार में, 
वैसा ही फल पाय।।
*104*
भावनाशून्य हो गया,
अब तो ये इंसान।
मुश्किल है पहचानना,
मानव या शैतान।।
दिनांक-20-10-2020
बिषय-आकांक्षा
105
सुरसा सी बढ़ती रही,
आकांक्षाएं आज।
दिल भी पागल हो गया,
मन में करती राज।।
106
आकांक्षाएं कम करें,
तभी सुखी रह पाय‌
जो अपने बस में नहीं,
उसको छोड़त जाय।।
दिनांक 27-10-2020
*बिषम-नदिया*
107 
पत्थर को भी काटकर,
करे पुण्य के काम।
नदिया धारा से बने,
प्यारे शालिगराम।।
108
पानी सबको ही मिले,
जीव-जंतु, इंसान।
जो नदिया तट पै रहे,
वह सच्चा धनवान।।
दिनांक-3-11-2020
******
बिषय- हमसफ़र (अन्य पटल)
112-
हमसफ़र क्यों मिले नहीं,
जीवन है बेकार।
कब तक तन्हा यूं रहे,
कोइ बना लें यार।।
113
हमसफ़र की खमोशियां,
बिल्कुल नहीं सुहाय।
बढाइये नज़दीकियां,
दिल को बहुत लुभाय।।
114
 हम सफ़र हि करते रहे,
हमसफ़र नहीं पाय।
भाग्य में ही नहीं लिखा,
करते रहे उपाय।।
दिनांक 5-11-2020
बिषय-सागर
115
सागर सी गहराइ हो,
तो मोती पा जाय।
तेरे प्यार कि चाह में,
दिन रैन न कट पाय।।
116
सागर से कभी न बनो,
जो खारा है खूब।
नदिया बन बहते रहो,
पावन जल है खूब।।
बिषय- भय,डर
127
भय से क्या भयभीत हो,
भय के आगे जीत।
लोग डराते है सभी,
ये दुनिया की रीत।।
128
जो जितना भी है डरा,
उतना पीछे जाय।
साहस जिसमें है भरा,
आगे बढ़ता जाय। ।
129
डरना है उनसे डरो,
जो रचते संसार।
सब उनके ही हाथ में,
वही लगाते पार।।
****दिनांक-24-11-2020
बिषय-शहीद
120
शहीद के परिवार को,
मिले उचित सम्मान।
तंगहाली न हो कभी,
रक्खे उनका ध्यान।।
131
देश सुरक्षा के लिए,
देते हैं वे जान।
उनके यह बलिदान की,
कीमत तू पहचान।।
***
दिनांक-1-12-2020
बिषय- विवाह
132-
धूमधाम से हो रहे,
ये विवाह संस्कार।
बराती नाच गा रहे,
करे खूब श्रृंगार।। 
133
विवाह के सह भोज में,
होता गिद्धाचार।
कोई को मिलता नहीं,
कोई रखे अपार।।
*8-12-2020
बिषय- सम्वेदना
134
सम्वेदना दिल में रखो,
तभी मिलेगा प्यार।
दुश्मन भी बन जायेगा,
अपना पक्का यार।
135
जिसमें हो सम्वेदना,
वह मानव कहलाय।
मानव गुण ये श्रेष्ठ है,
कोई तो समझाय।।
*15-12-2020
बिषय- मंहगाई
136
मंहगाई सुरसा हुई,
जनता है बेहाल।
अफसर की चांदी हुई,
नेता मालामाल।।
137
मंहगाई की मार है,
पड़ती चारों ओर।
आमजन परेशान है,
मिले नहीं अब छोर।।
**22-12-2020
*तरंग*
138
रचना बनती तब नयी,
मन में उठत तरंग।
साहित्य कि बगिया खिले,
कविता रंग बिरंग।।
*139*
तुम तैयार सदा रहो,
जब भी उठे तरंग।
अगर कलम चलती नहीं,
लग जायेगी जंग।।
*29-12-*2020
*नया साल*
*140*
नये साल का कर रहे,
स्वागत है श्रीमान।
यश कीरत सम्मान हो,
होवे सब धनवान।।
*141*
नये साल में कर रहे,
 बिनती ये इंसान।
कोरोना का नाश हो,
हे ईश्वर, भगवान।।
*142*
कोरोना के काल में,
मना रय नया साल।
संकट अभी टला नहीं,
कैसे हो खुशहाल।।
*143*
मास्क लगाएं चेहरे,
आंखे करती बात।
नये साल में नाचते,
बीती सारी रात।।
****
दोहा बिषय- स्वागत*
*144*
स्वागत करते पटल पे,
आप सभी का यार।
खूब मेहनत कर रहे,
हो नव सृजन अपार।
*145*
शब्द ज्ञान प्रतियोगिता,
लेकर हम है आय।
नये शब्द है ढूंढ़ के,
सम्मान पाते जाय।।
****
*प्रशंसा*
146
करो प्रशंसा खूब ही,
बड़ा करे जो काम।
वो भी खुश हो जात है।
लेगा फिर वह नाम।।
147
काम सदा ऐसे करो,
जग में होवे नाम।
सभी प्रशंसा फिर करे,
मिलते है फिर दाम।।
**12-1-2021
बिषय- समस्या
148
विकट समस्या आ गयी,
कैसे होत निदान।
कोरोना मिटवे नहीं,  
आफत में है जान।।
149
बर्ड फ्लू और आ गया,
 समस्या है विशाल।
मुर्गा-मुर्गी मर रहे, 
मानव है बेहाल।।
150
समस्या से जो न डरे,
वो आगे बढ जाय।
ईश्वर पर विश्वास से,
हर विपदा टल जाय।
**19-1-2021
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
151
इक अकेले सुभाष ने,
बना ली नयी फौज।
डरते उनसे थे सभी,
देखो कितना ओज।।
152
नेता तो बस एक है,
सुभाष वीर महान।
उनके साहस को सदा, 
माने सकल जहान।।
153
नमन करे हम तो सभी,
उनको बारम्बार।
नेता सुभाष जी यहां,
लेवे फिर अवतार।।
**25-1-2021
154
*बिषय- गणतंत्र*
भारत का गणतंत्र है,
समस्त विश्व महान।
बाबा साहब ने दिया,
अनौखा संविधान।।
*155*
भारत में सबसे बड़ा,
लागू है गणतंत्र।
अपने शासन चयन में,
जनता हुई स्वतंत्र।।
** 26*-1-2021
बिषय-पुरस्कार
156
सच्चे दिल से दें दुआ,
वही है पुरस्कार।
पीठ खुजा इक दूसरे,
ये सब है बेकार।।
157
पुरस्कार अब बिक रहे,
बोली लगती पाय।
लेने वाले खूब है,
लाइन बढ़ती जाय।।
*दिनांक-2*2*2021
बसंती दोहा
158
 मां सरस्वती का करो 
बसंत पंचमी ध्यान।
उनके ही परताप से,
होगा फिर कल्याण।।
159
बसंत तो बिखरा पड़ा,
देखो अपने पास।
मन की आंखे चाइए,
आया है मधुमास।।
160
बंसत रितु का आगमन,
धरती कर श्रृंगार।
राह देखती क्षितिज का,
प्रेम लेत आकार।।
14-2-2021
#प्रेम
161

प्रेम करो ऐसा करो,
मीरा सा हो ध्यान।
आयेंगे दौड़े चले ,
मुरलीधर भगवान।।

162

प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
इक दूजे के साथ में,
हर्षित हृदय समाय।।

163

बगिया तो महके सदा,
ये फूलों का काम।
मधुप प्रेम करता उसे,
होता क्यों बदनाम।।
बिषय- विज्ञान
164-
विज्ञान तो वरदान है, 
करो सही उपयोग।।
गलत दिशा में जो चले,
दे जायेगा रोग।।
165
फूल और कांटे लिए,
अनौखा है विज्ञान।
संभल संभल के तुम चलो।
देता है यह ज्ञान।।
166
अविष्कार की होड़ में,
तवाह हो रहे इंसान।
सुविधाएं दे दी सभी,
है खतरे में जान।।
***
167-
ॠषि मुनियों ने है दिया,
पुष्कर यहां विमान।।
सदा रहा सिरमौर है,
भारत विश्व महान।।
-2-3-21
बिषय- महिला/नारी
168
महिला रुप अनेक है,
करो सभी का मान।
मां,बेटी,पत्नी भली,
देवी मात समान।।
169
नारी के सम्मान का
रखो हमेशा ध्यान।
उनके ही सहयोग से,
इक दिन बने महान।।
*8-3-2021
*बिषय- गागर में सागर*
*170*
गागर में सागर भरे,
ये दोहे अनमोल।
जय बुंदेली समूह है,
अहम निभाता रोल।।
*14-3-2021*
बिषय-"सेवा"
*171*
निर्धन की सेवा करे,
मिले बहुत सा प्यार।
उनके ही आशीष से,
सुखी रहे परिवार।।
*172*
सेवा ऐसी कीजिए,
जो बन जाये मिसाल।
जन्म दिवस पर बांटिए,
धन,कंबल और शाल।।
*16-3-2021
*अतिरिक्त बिषय -खुशियाली*
173-
खुशयाली आती रहे, 
करो ईश का ध्यान।।
तन,मन से होगें सुखी,
होगा जन कल्यान।।
*20-3-2021
174
बिषय- हिलोर-
काव्य रचा जब भी नया,
मन में उठी हिलोर।
सुनने वाला जब मिला,
सुना दिया घनघोर।।
175-
जब जब देखा भीड़ को,
नेता उठी हिलोर।
करवे झूठे वायदे,
वोटर लिए बटोर।।
*23-3-2021
बिषय- अनंत

176
संभावना अनंत है,
कार्यक्षेत्र  विशाल।
काम लगन से कीजिए,
होगे फिर खुशिहाल।।
177-
ये वायरस अनंत है,
खुद ही करे बचाव।
दूरी,टीका, मास्क हो।
होगा दूर तनाव।।
***6*4*2021
बिषय- बालमन
178-
बालमन तो रहे सदा,
बूढ़ों के भी साथ।
बच्चों सी हरकत करें,
बेटा जोड़े हाथ।।

179
कितना भी पढ़ लिख लिया,
बालमन नहीं जात।
टोका-टाकी छोड़ के,
भजन नहीं कर पात।।
*13-4-2021
बिषय- एकता
180-
अनेकता में एकता,
भारत की पहचान।
सभी धर्म के जन यहां,
पाते है सम्मान।।
181
बनी रहे यूं एकता,
आपस में है प्यार।
रोज नया रचता रहे,
दोहों का संसार।।
**20-4-2021
बिषय- विश्व पुस्तक दिवस
182-
पुस्तक डे है आज तो,
मना रहे हम लोग।
ज्ञान बढ़ाये यहां,
मन को करे निरोग।।
183
पुस्तक सच्ची मित्र है,
दूर करती तनाव।
सभी को ज्ञान बांटती।
पाठक करे लगाव।।
184
प्रतिदिन पुस्तक इक पढ़े,
ये आदत बन जाय।
ज्ञान बढ़े,आगे बढ़े,
शीघ्र सफलता पाय।।
**23-4-2021
बिषय-धरा
185
मत उड़िये आकाश में,
धरो धरा पे पांव।
घर आंगन में नीम हो,
बैठ आम की छांव।।
186
काले बादल आय है,
पानी लाये साथ।
धरा ने स्वागत के लिए,
बढ़ा लिए है हाथ।।
**27-4-2021
बिषय -पत्रकार
187
पत्रकार करते यहां,
खबरों का व्यापार।
पैसों की दम पे यहां,
छपता है अखबार।।
188
पत्रकार भी हो गये,
पार्टी के हि गुलाम।
ख़बरें उनकी छापते,
करें उन्हें सलाम।।

189
कुछ पत्रकार भी हुए,
नहीं बिके है आज।
जो देखा छापे वही,
करे दिलों में राज।।
***4-5-2021
बिषय-आंधी
190
आंधी में उड़ जात है,
जो होते कमज़ोर।
डटकर करते सामना,
बन जाते सिरमौर।।

191

आंधी में भि खड़ा रहा,
वो तो सीना तान।
बाल न बांका कर सके,
ये मानव, शैतान।।
***18-5-2021
192
विधा:- चक्र

चक्र चले जब काल का,
दुख भी वो हर लेत।
अच्छे दिन भी आत है
खुशियां से भर देत।।
***
193
चक्र सुदर्शन जो चला,
हो गये असुर ढेर।
संत ऋषि मुनि प्रसन्न हो,
मना रहे सब खैर।।
**25-5-2021
बिषय- तंबाकू
194
तंबाकू इक है नशा,
लत खराब कहलाय।
नाश करे ये फेफड़ा,
खास-खास मर जाय।।
***
195
तंबाकू है इक दवा,
गर थोड़ी सी खाय।
गैस,अपच होती नहीं,
दांत दर्द मिट जाय।।
***1-6-2021

दोहा- "लाकडाउन-अनलाक"
196
लाकडाउन तो खुल गया,
 हो गय अब आजाद।
गिरमा तोडे जा रये,
 किसे करे फरियाद।।
***
197
बिना मास्क के घूमते, 
निर्भय होके आज।
कोरोना जो हो गया, 
 मिले न कोइ इलाज।।
***
बिषय- चंदन
198
चंदन से वंदन करे,
खुश हो शालिगराम।
तुलसी जी चंदन घिसे,
तिलक लगावे राम।।
***
199
चंदन टीका है लगा,
पंडित की पहचान।
इसकी खुशबू से सदा,
महके सकल जहान।।
***
200
चंदन जैसा तुम बनो,
महके भी किरदार।
सबके मीत बने रहो,
होगी जय जयकार।।
***दिनांक-8-6-2021
बिषय-रक्तदान
201
रक्तदान तुम कीजिए,
 मिले बहुत सम्मान।
दिल से फिर मिलती दुआ ,
बन जाये पहचान।।
***

202

रक्तदान से कुछ नहीं,
 होता है नुकसान।
दानवीर कहलात है,
बच जाती इक जान।।
***15-6-2021
बिषय-जामुन
203
काले है तै क्या हुआ,
है मीठे रसदार।
खाते जामुन रोज तो,
होगे नहिं बीमार।।
***
204
जामुन तो जामुन भला,
गुठली भी दमदार।
सुगर बढ़ेगी फिर नहीं,
रामवाण उपचार।।
***29-6-2021

*हिन्दी दोहे बिषय- "रूप"*

205
नारि रूप के जाल में,
मत फसना तुम यार।
समय गया,पैसा गया,
फिर भी मिला न प्यार।।
***
206
रुप सदा रहता नहीं,
गुण ही आते काम।
कर्मो की पूजा यहां,
स्वीकारें श्रीराम।।
***13-7-2021
बिषय-अमृत
*207*
दोहे रस वर्षा करे,
अमृत के हो समान।
पढ़कर इनको है सभी,
भूले सकल जहान।।
***
208
अमृत गंग का नीर है,
स्वर्ग लोक पहुंचात।
भूत,पिशाच, मनुष्य को,
तुरत मुक्ति मिल जात।।
***20-7-2021
बिषय- गांव
209
महानगर बनने लगे,
अब तो सारे गांव।
ढूंढ़े से मिलती नहीं।
पेड़ों की अब छांव।।
***
210
परिवर्तन अब है गया,
गांव वों में है आज।
सरपंचों के ठाट हैं,
पटवारी का राज।।
  ***
बिषय- महादेव
211
महादेव महिमा महा,
महाकाल,कहलात।
नंदी,गौरा, गणेश,
गुण गाये न अघात।।
***
212
कृपा हो महादेव जी,
कष्ट हरो, हे नाथ।
नीलकंठ, जटाशंकर,
कुण्डेश्वर में नाथ।।
***3.8.202
बिषय- नाग/सांप

213

सांप आस्तीन में पले,
कब धोखा दे जाय।
बचके रहना सीखिए,
जाने कब डस जाय।।
***

214

नाग पंचमी आत ही,
बढ़ते उनके भाव।
कितना इनको पूजिये।
डसना होत स्वभाव।।
***
दिनांक-10-8-2021
बिषय-अवतार

215

जब जब बढ़ते आतंकी
लेते प्रभु अवतार।
दुष्टों को फिर मारके,
करते हैं संहार।।
***
215

नाना रूपे जन यहां
लियो धरा अवतार।
कुछ तो दुष्टता ही  करे
कछू  है ईश अवतार।।

***

बिषय- भुजरियां/कजलिया
*216*
देत कजलिया प्यार से,
लेते शीश झुकाय।
विजय,वीर सम्मान की,
गाथा रहे सुनाय।।
***
*217*
सावन अभी चला गया,
भादों का है मास।।
कजली का त्यौहार है,
मन में है उल्लास।।
***24-8-2021

बिषय- खेल
*218*
जीवन भी इक खेल है,
खेलो डटकर यार।
विघ्नों का कर सामना,
कभी न मानो हार।।
****
*219*
राजनीति के खेल में,
सब चलते है दांव।
घूरे के भी दिन फिरे,
बढ़ जाते हैं भाव।।
****
220
बिषय-झलक

एक झलक दिख जाय तो,
हो जीवन उद्धार।
स्वर्ग नसेनी हरि कथा,
कर दे बेड़ा पार।।
***28-9-2021

हिंदी दोहा-बिषय- खीर
221
पंगत की यह शान है
भर दोना में खीर।
बार-बार मांगत सभी,
नहिं मिलने पे पीर।।
***
*222*
भोजन में रानी बनी,
होती बढ़िया खीर।
भर-भर दोना खात है,
खावे होय अधीर।।
***

*बिषय- माता*
*223*
माता की सेवा करो, 
मिले तभी सम्मान।
मां के आशीर्वाद से, 
इक दिन बने महान।।
                       ***
*224*
मात-पिता है देवता, 
धरती के भगवान।
इनके त्याग व प्रेम की, 
करले तू पहचान।।
                        ***
*225*
प्रेम और तकरार तो
यह जीवन का मूल।
*भाई* से *बहिना* कहे,
 *माता* *पिता* न भूल।।
***"
*226*
 *पुत्र* अब तो ऐसे हुए।
करते काले काम।
*मात*- *पिता* रोते फिरे।
*भाइ* *बहिन* को दाम।।
***
227*
 वोट के लिए तो यहां,
करे नोट से चोट ।
खुलेआम बिकते यहां,
मतदाता के वोट।।
**
*228*

कुर्सी पाने के लिए,
उठा रहे हथियार।
वोट की भीख मांगते,
बना रहे सरकार।।
***26-10-21

*229*
धन्य मात थी त्रीशला,
जन्म दियो भगवान।
जीने का अधिकार है,
जिनवाणी पहचान।।
***
*230*
दोहे-
अहिंसा और त्याग के,
है अद्भुत अवतार।
हम करे चरण वंदना,
सबके पालनहार।।
***
*231*
छप्पन भोजन त्याग के,
सादा भोजन खाय।
करुणा की मूरत बने,
प्रेमरस बरसाय।।
***
*232*
जय जिनेन्द्र तो मंत्र है,
सच्ची राह दिखाय।
द्रिग्भ्रमित कभी हो नहीं,
जीवन खुशियों पाय।।
***29-10-2021
*बिषय- दीप*
*233*
ज्ञान बढ़ाते जो सदा,
वे आगे बढ़ जात।
सदा सीखते है नया,
दीप से जगमगात।।
**
*234*
तुलसी पास दिया रखो,
जो संध्या को आप।
पाप कटे दुख दूर हो,
मिट जाये संताप।।
****2-11-2021

हिन्दी दोहा बिषय -सलाह
*235*
बिन मांगे देते सला
बनते है विद्वान।
ज्ञान बांटते वे फिरे,
खुद इससे नादान।।
*236*
सलाह उसको दीजिए
जो मांगे श्रीमान।
बिन मांगे जो दी अगर,
मिल जाये अपमान।।
*23-11-2021**
***
237
बिषय-घड़ी

घड़ी घड़ी घट भर रहा,
घर में  मिलते घाव।
घमक पड़ी जब भी कभी,
होता बहुत तनाव।।
****
238
बिषय-घर
घर घर की ही बात है, 
घड़ी घड़ी मिल जात।
थोड़े से ही क्रोध से,
घला घली हो जात।।
**
*239*
घर आये तो जानिये, 
चुनाव आये पास।
घड़ी घड़ी कर जोड़ते,
बनते सबके खास।।
****
*240*
बिषय हिन्दी दोहा-दाता

दाता सबसे है बडा,
लेता बने गरीब। 
भरे पेट भी मांगता,
अपना लिखे नसीब।।
***
*241*
दाता बन देते रहो,
दूना मिले जरूर।
पुण्य मिले अरु मान भी।
स्वर्ग पाये हुजूर।।
***14-12-21

*242*
पाला से पीले पडे,
पीपल, पालक, प्याज।
हुआ पीलिया पेड़ पे,
पवन करे तब राज।।
***
*हिंदी दोहे बिषय- इतिहास*
*243*
नया रचो इतिहास भी,
सदा रहे जो याद।
मरने के बाद भी,
बोलो जिंदाबाद।।
***

*244*

सीखो कुछ इतिहास से,
बता रहा कुछ खास।
ये तो दुर्लभ ज्ञान है,
रखिए अपने पास।।
***

*245*

सबका भी इतिहास है,
जैसे उसके काम।
कोई रावण था बना,
कोई है श्री राम।।
***
*हिन्दी दोहा-ध्यान*
*246*
मन की शांति तभी मिले
नित करिये तुम ध्यान।
टेंशन फ्री हो जात है,
मिलता गुरु का ज्ञान।।
***
*247*
ध्यान धरो धीरज धरो,
धरो धरा का ध्यान।
धुन के पक्के धुरंधर,
धोखे  जाते प्रान।।
****
हिन्दी दोहा-बिषय- नर्मदा
248
बहती है मां नर्मदा,
उल्टी इसकी धार।
बने अनेकों बांध भी,
जबलपुर धुँआधार।।
***
*249*
परिक्रमा मां नर्मदा,
जो करते है लोग।
उनके मिटते है यहां,
सभी कष्ट दुख रोग।।
***
250
मुखिया मुंह मोड़े नहीं,
ममता एक समान।
मँहगाई की मार से,
माते मांगे मान।।
***
*हिंदी दोहे बिषय-मानवता*

*251*
मानवता को ढूँढता,
आज यहां इंसान। 
दानवता के आचरण, 
क्या करवें भगवान।। 
***
*252*
मानवता को छोड़के, 
पशु होता इंसान। 
नफरत या धोखे मिले, 
करनी का फल जान।। 
***15-2-22
*बिषय-कसौटी*
*253*
खरे उतरते कौन है,
रखे कसौटी आज।
नकली सोने सी लगे,
उनकी है आवाज।।
***
*254*
कसौटी पर रखे नहीं,
आज काम को लोग।
सुविधा शुल्क मिला दिया,
और चढ़ाये भोग।।
***22-2-2022
विषय- शिवरात्रि
*255*
संभु, शिखर, शिवरात्रि में , 
लेकर शंख त्रिशूल।
शंकर संग बरात है,
भांग,सोम रस भूल।।
***

*256*

महादेव जी पार्वती
एक हो गये आज।
कष्ट हरे, सुख देत है,
होवे मंगल काज।।
***1.3.2022
257
हिन्दी दोहा बिषय-नारी

नारी तू देवी भली,
करती सबका ध्यान।
पिता,पति और भाइ का
करती हो सम्मान।।
***8-3-2022
258
हिंदी बिषय-पिचकारी

पिचकारी पिचकी पड़ी
पिया परे परदेश।
प्रेम रंग कैसे चढ़े।
पीला पहने वेश।।
***15-3-2022

*हिंदी दोहा-बिषय-मंच*
*259*
मेर मिलाय मंच मिले,
ओठ मधुर मुस्कान। 
माला, मन का माल भी
शाल मिले सम्मान।।
**
*260*
कविता  पढे न मंच पे
कुछ कवियों का काम।
चुटकुले ,नौटंकी करे, 
लेते ऊंचे दाम।। 
***
*261*
हिन्दी दोहा-टेसू

टेसू टहनी पै खिले,
टेरत रऔ बसंत।
महुआ टपके पेड़ से,
अमिया होवे संत।।
***
*262*
टेसू  आग लगा दयी,
भौंरा हैं बतियात।
महुआ असुवा रय बहा,
टपके सारी रात।
***
*263*
हिन्दी दोहा बिषय- नास्तिक

खुद कौ ईश्वर मानता,
है बिल्कुल नादान।
नास्तिक क्या है जानता,
ईश्वर की पहचान।।
***
*264*
 किसी धर्म आस्था नहीं
नहीं कोइ भगवान।
नास्तिक की इस सोच से,
इंसां है हेंरान।।
****
*बिषय-महावीर*
एक दोहे में हनुमानजी के सात नाम
*265*
फाल्गुन सखा, महावली,
***16-4-2022
महावीर, हनुमान।
उदधिक्रमण, रामेष्ट जू, 
अंजनीसुत महान।।
***
रफ कार्य 
बिषय- हिंदी दोहा धोखा
*266*
धोखा, धमकी धौंस भी,
देते धंधेबाज।
धूमिल इज्ज़त कर रहे,
धड़के धड़कन आज।
*267*

धोखा वे तो खा गये,
चमक देखकर आज।
सब कुछ नकली मिल‌ रहा,
बदमाशों का राज।।
****
बुंदेली दोहा बिषय-सूरज 

*268*

सूरज आंख दिखा रहा,
लस्त पड़े सब लोग।
बरस रही है आग भी,
घेर रहे है रोग।।
***
*269*

सूरज की गर्मी बढ़ी,
प्यासा मानव होय।
आग बरसती है यहां,
नीचे पानी खोय।।
***

270*
मिर्ची ज्यादा  डाल के, सब्जी लेत  बचाय | 
होटल वाले चतुर बन  , चालाकी अपनाय।।
***
हिन्दी बिषय-मिर्ची
*271*
मिर्ची उसको ही लगे,  अभिमानी  हो  ज्ञान |
समझाना माने नहीं,   खुुद का  करे बखान  ||
***
हिन्दी दोहा बिषय- झुनझुना

*272*
देते रहते झुनझुना 
झंडा लेकर लोग।
करें नाक में दम सदा 
जिनको  कुर्सी  रोग।।
***

*273*

बातों के दें  झुनझुना
लुभा रहे भरपूर।
चरणों में लोटे फिरे,
होने  को मशहूर।।
***

*274*

लिए झुनझुना झूमते,
बजा रहे दिन रात |
ताकत पूरी झोंकते , 
करें तंत्र पर घात ||
*** 7-6-2022
हिन्दी दोहा- शब्द-वट (बरगद)

*275*
वट जैसा व्यक्तित्व हो,
हो आकार विशाल।
लोग सभी पूजें यहां,
होकर स्वयं निहाल ।।
***
*276*
वट सावित्री की  कथा 
देती यह  है ज्ञान।
वृक्षों में बसते सदा , 
आकर खुद भगवान ||
***
*277*
वट पीपल की डालियाँ , 
पत्ता- पत्ता  राम ।
पूजन करती नारियाँ , 
माने उसमें  श्याम ||

**14-6-2022
हिन्दी दोहे बिषय-दया

दया,प्रेम से सब मिले,   जीवन में सुख चैन।
प्रभु के चरणों में सदा,  अपने रखिए नैन।|

जहाँ   दया  भंडार  है , वहाँ   कृपा   भगवान |
जिस दर यह बिखरी रहे , जगत करे  सम्मान ||

सदा दया दिल में बसा , दो पग चलिये आप |
#राना पद रज  एक दिन , बन जायेगी छाप ||

दया धर्म सबने कहा , अलग   न  कोई  पंथ |
संतो  की  वाणी  पढ़ो ,   भरे  पड़े   है  ग्रंथ ||

***
*हाजिरी:-*
*हिन्दी दोहा बिषय- टोपी*
***
तिरछी टोपी को लगा , युवक बढ़ाते  शान।
खुद को राजा मानते, निर्धन क्या  धनवान।।
***
भाँति - भाँति की टोपियाँ , देख लीजिए आप |
पहनावें में  सिर दिखे , अब तो   सबको  हाप ||
***
टोपी लगा  सफेद ही,  करते काले काम।
जनता पर टोपी घुमा ,  जीना करें  हराम।।
***
बिषय-घुटन
जहाँ  आपको  हो  घुटन , रिश्ते  भरें   खटास |
#राना मेरी   सोच  है ,   रहो न   उनके  पास ||

जहाँ बिता दी जिंदगी , #राना   घुटकर  खास |
घुटन त्यागकर चल पड़ो, मिले सफलता खास  ||

बेचैनी    देती  घुटन , जहाँ   हवा    प्रतिकूल  |
उसी दिशा में हो गमन , #राना  समझों  भूल |
***
*राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
हिंदी दोहा बिषम-धुन

*1*
उनकी धुन #राना नमन, 
जिनके अद्भुत काम |
उनमें से  ही  एक थे  , 
जिनका   नाम कलाम ||
*2*
भगतसिंह- आजाद का  ,
#राना  है    सम्मान |
आजादी की धुन  लिए  , 
स्वयं  हुए   बलिदान ||
*3*
#राना  जिसको धुन लगे , 
अच्छा हो वह काम |
मंशा     पूरण   जानिए ,  
 रक्षा    करते    राम ||
*4*
सुनगुन चुन -चुन धुन चुने , 
#राना रुनझुन होय‌ |
तनतन मन बनठन रहे , 
झुनझुन   नौंनों   सोय‌  ||
****
*हिंदी दोहे- बिषय- मंत्र*

                  *1*
मूल मंत्र #राना रखो , विद्या विनय विवेक |
बाधाएँ  सब  दूर  हों ,मिले  सफलता नेक ||
                      ***
                    *2*
#राना  मंत्र न जानता , पर रखता  मुस्कान |
बन जाता  है मंत्र यह , उन्नति   का  सौपान  ||
                    ***
                    *3*
सभी मित्र  भी मंत्र है  , #राना  बोले  बोल |
जय बुंदेली मंच में , आप   सभी  अनमोल ||
                  ***
हिंदी दोहा- बिषय- लकीर
*1*
#राना   कहता  आज है , होना  नहीं  अधीर |
नहीं मिटाना अन्य‌ की,  जो भी  दिखे लकीर ||
*2*
अपनी बनी लकीर का , #राना करिए  ख्याल |
दूजों   की  भी  देखकर, रखना  नहीं  मलाल ||
*3*
#राना  अपने  कर्म  से  , बनती   रहे  लकीर |
छोटी हो या वह बड़ी , रखो  न   इसकी  पीर ||
*4*
आओं  सब इस मंच की , कर दें बड़ी लकीर |
सृजन  करें #राना   यहाँ , सब   बुंदेला   वीर  ||
***
दिनांक-9-8-2022

हिंदी दोहा बिषय- तिरंगा

*1*
जहाँ   तिरंगा   देखता , जुड़ते    #राना हाथ |
जन  गण मन के गीत पर , उन्नत रखता माथ ||
*2*
नौ अग‌स्त व्यालीस को , #राना था  आव्हान |
गोरो  भारत   छोड़  दो , सुनो  तिरंगा   गान ||
*3*
त्याग और  बलिदान का , #राना यह प्रतिमान |
प्रगति चक्र अरु शांति का , आज तिरंगा शान ||
*4*
बना  तिरंगा भी कफ़न , जो भी हुआ शहीद |
जिसको यह सौभाग्य है , #राना सभी मुरीद ||
***
दिनांक-9-8-2022

बिषय- मद
जब नृप रावण कंस को , मद का चढ़ा बुखार |
कृष्ण राम ही कर सके , #राना   तब उपचार ||

#राना मद में लोग अब , भूल   गए   व्योहार |
ठोकर खाकर भी कभी , करते नहीं    सुधार ||

#राना  मद  से   जो  भरा , समझाना   बेकार |
भूला  रहता   स्वयं  में,   लड़ने  को   तैयार ||

मद की मटकी है बड़ी , सिर  में  नही  समाय |
#राना रस  बनकर जहर, बहकर बाहर आय ||

मद के   देखे  हाल  है , पागलपन   के   दौर  |
#राना   अपने   भूलकर , पकड़े   दूजे   ठौर ||
*** 16-8-2022
*हिंदी दोहे- बिषय-बस्ता*
*1*
#राना   बस्ता   मानिए , माँ   शारद   उपहार |
बच्चे  जाते   थामकर   , शिक्षा   मंदिर  द्वार  ||
*2*
#राना बस्ता में भरा , सभी  मनोरथ  भान  |
पुस्त‌क धारी   शारदे  , देती  सबको  ज्ञान ||
*3*
अक्षर - अक्षर    ज्ञान   के , हीरा-मोती-लाल |
बस्ता में यह सब रखे , #राना  रखना ख्याल ||
*4*
#राना  बस्ता आज  भी , पढ़ता रहता खोल |
अब  पुस्तक पुरुषार्थ की,जहाँ  कर्म भूगोल ||
*5*
बच्चे के  बस्ता  भरा , गणित   और   भूगोल |
#राना  का बस्ता  कहे , कर्म  किताबें  खोल |।
*** दिनांक-22-8-2022

हिंदी दोहे बिषय- पुस्तक
*1*
मैं तो  पुस्तक पढ़ रहा , मन की आँखें खोल |
मातु  शारदे  सार   दे , #राना को   अनमोल ||
***
*2*

पुस्तक पढ़कर ज्ञान की ,करे  कर्म जब खोट |
#राना अंधा जानिए ,    दर-दर   खाता  चोट ||
****
*3*

पुस्तक में ज्ञानी लिखें , वचन सदा अनमोल |
#राना करता ग्राह है , लिखे   हुए सब बोल ||
***
*4*

हीरा - मोती-लाल है  , हर शब्दों मे ज्ञान |
#राना पुस्तक मानता, ईश्वर का प्रतिमान  ||
***
*5*

#राना  जो कुछ आज है , हासिल आज मुकाम |
पुस्तक ही मस्तक रही , जिसका   है   परिणाम ||
***दिनांक-30-8-2022

हिंदी दोहा- बिषय- #शिक्षक

            *1*
#राना  शिक्षक मानता ,होते सदा विकास |
विद्यादानी  भावना , रखते   अपने   पास ||
                  ***
*2*

शिक्षक सागर जानिए , उठती ज्ञान हिलोर |
#राना  छूकर देखिए , होकर भाव विभोर ||
                      ***
*3*

वर्तमान   गुरुदेव है , पद  शिक्षक आसीन |
#राना अब शाला कहें  , गुरुकुल थे प्राचीन ||
                       ***
*4*

#राना शिक्षक ज्ञान का, दिखता हमको  ताज  |
सदाचार  को   बाँटता ,  रहता   ऋणी समाज ||
                     ***

हिन्दी बिषय- शेर
*1*
#राना  होते   शेर दिल , भारत वीर जवान |
दुश्मन आकर सामने , बन जाता   है श्वान ||

*2*
#राना  देखे शेर को , रखे सजगता पास |
निज मस्ती में घूमता   , होता नहीं उदास ||

*3*
करो शेर सा सामना , #राना  सब  आसान |
गीदड़  भभकी से नहीं , मत   डरना श्रीमान ||

*4*
तेवर रखना शेर-से , दुश्मन दल को देख |
पन्ने हो इतिहास के ,  #राना खीचों रेख ||

*5*
शेर जहाँ पर  पग रखे  , बनते   वहाँ  निशान |
#राना अब तो शेर का  , है  चिंह्रो तक  मान ||
*6*
(विश्व में शेर  किसी न किसी संगठन का प्रतीक चिंह्र मिल जाता है )
***
हिन्दी दोहे बिषय -गरबा
*1*
#राना गरबा धूम  है , माता   रानी   द्वार |
आरति   वंदन से करें , नवदुर्गा  सत्कार  ||

*2*
क्वांर माह के हैं लगे , नवराते  सुख  धाम  |
#राना गरबा खिल रहा ,लगे सुहानी शाम ||

*3*

गरबा   खेल  सहेलियाँ , मचा रहीं है धूम |
माता के पंडाल में , रहीं  भक्ति  से   झूम ||

*4*

माता सुख दिन दीजिए , #राना की अरदास |
करते   गरबा  आरती ,  आकर  तेरे   पास ||
***
-दिनांक 29-10-2022
राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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