टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 5किलोमीटर दूरी पर कुंवरपुरा गांव के अंतिम छोर फर चामुंडा देवी जी मंदिर है।
मूर्ति का प्राचीन लगती है। मंदिर की जीर्णोद्धार कुछ समय पहले ही किया गया है। रास्त भी कच्चा है चार पहिया वाहन नीं जा सकते है।
चामुंडा देवी जी मंदिर के पास ही 200मीटर की दूरी पर एक अदभुत मंदिर है जिसे वहां के निवासी बिंध्यवासिनी मंदिर कहते है है। यह मूर्ति बहुत प्राचीन है और इसमें चार दृष्य अंकित है।
ऐसा प्रतीत होता है कि यह सती का मंदिर रहा होगा। क्योंकि मूर्ति के सबसे पहले भाग ऊपर सूरज,चंदा और हाथ का चित्र बना है । उसी के नीचे दूसरे दृश्य में महिलाएं शंकर जी को जल चढ़ा रही है। तीसरे चित्र में घनुष बान लिए युद्ध का चित्रण किया गया है। सबसे नीचे एक महिला लेटी है और एक पुरुष उसकी एक टांग खींच रहा है।
2 टिप्पणियां:
Jai chamunda devi ji
जय चामुंडा माता की
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