Rajeev Namdeo Rana lidhorI

गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021

राना लिधौरी बुंदेली दोहावली समग्र (बुंदेली दोहा संग्रह)

14
बुंदेली दोहे- "फ़ूल"

बगिया तो महके सदा,
जौ फ़ूलन कौ काम।
मधुप प्रेम करत ऊये,
होत काय बदनाम।।
15
फूल और कांटे सदा,
रय रूख के पास।
फूल फूल सबनें चुने,
कांटे रये उदास।।
16
बिषय -बदरा

कारे बदरा छा गये,
बरसा कौ अनुमान।
खूब झमाझम बरसियो,
 हो रय खुशी  किसान।।
***
17
*बिषय -नीम*

द्वारे की सोभा बड़ी,
हिलें नीम की डार। जै
दातुन, हवा, दवा मिलै,
झूले झूला नार।।
***
18
बग़ैर लाकडाउन के,
पोजीटिव थे चार।
अब मिलते हैं रोज ही,
सत्रह-चौबिस यार।।
***
19
आज का बिषय-पंछी

पंछी आकें डार पै,
खाबें गदरा आम।
 मिट्ठू  बैठे पौर में,
बोलें सीताराम ‌‌।।
20
पंछी चहके आंगना,
द्वारे गाय रमाय‌।
किलकोटी बारे करें,,
वो घर स्वर्ग कहाय।।
###
21
बिषय - किसान

सबखों खाबे देत है,
खुद भूकौ रै जात।
करजा में डूबो सदा,
माल दूसरे खात।।
22
हाड तोड मेनत करै,
तबइ उपज मिल पाय।
करजा कर कारज करे,
बोज तरे दब जाय।।
23
-
कारोना की मार है,
सूका सें हैरान।
बैठे हांतन-हांत धर,
का करिए भगवान।।
24
बीज बोय ते मेन्त सें,
कर बरखा की आस।
पानी तौ बरसौ नईं,
होत किसान निराश।।
25
टप-टप अंसुवा गिरत है,
कैसो है जो साल।
साउन सूकौ कड़ गऔ,
है किसान निराश।।
*************
26

दोहा बिषय- मोर

जौ राष्ट्रीय प्रतीक है,
 सबकौ प्यारौ मोर।
नचत फिरत है डांग में,
मेह देख घनघोर।।
--27-7-2020
27
*दोहा बिषय- उजियारा*

एक दिया द्वारे धरे,
तब उजियारा होय।
मन में दीप जलाइये,
तन उजला फिर होय।।
--28-7-2020
28
आज कौ बिषय- परिवार

काम सबइ नौने करौ,
सुखी रयै परिवार।
आपुस में हंस बोल लो,
छाबै खुसी अपार।।
29
जै बुन्देली पटल है,
इक सांचौ परवार।
नित्य नियम  सें है इतै,
लगबै कवि दरबार।।
20-8-2020
-राजीव नामदेव "राना लिधौरी", टीकमगढ़
30
*दोहा बिषय- श्याम*
माधव,कान्हा, श्याम जू,
नटवर नंद किशोर।
राधा के दिल में बसे,
मुरलीधर चितचोर।।
31

जमुना तट पै  है रची,
गोप-गोपिका रास।
सुद-बुद अपनी बिसर कें,
श्माम मिलन की आस।।
--11-8-2020
32
*दोहा बिषय- गनेस जू*
पैला पूजा होत है,
जै गनेस माराज।
कष्ट हरत सुख देत हो,
पूरन होवे काज।।
33
लडुवा भाउत है तुमै,
दूबा से खुस होत।
खूब सजौ दरवार है,
जगमग हो रइ जोत‌‌ ।।
34
खूब जतन करकै थके,
श्री गनेस सें आस।
कोरोना पाछें परो,
कर दौ ई कौ नास।।
दिनांक-18-8-2020

*दोहा बिषय- छमा*
35
छमा मांगवे से कभी,
घटत नई सम्मान।
जो जन करवे है छमा,
बेई बनत महान।।
36

छमा लराई रोकती,
गम्म खाय है सार।
विपटा टरत है सभी,
बाकी सब बेकार।।
दिनांक-24-8-2020
*दोहा बिषय- करम*
*37
करम करो ऐसे करौ
बन जाबे प्रमान।
यश कीरत अरु धन बढै,
ऐन मिलै सनमान।।
      *38*
पुन्न करम हरदम करौ,
जीसें, सब सुग पाय।
सरग नसैनी फिर मिलै,
जीव मुक्त हो जाय।।
दिनांक-25-8-2020
दोहा बिषय- बलिदान*
*39*
वीरन के बलिदान कौ,
काँ लौं करें बखान।
उनके सत्करमन बनी,
भारत की पैचान।।
*40
करज चुका कें भूम कौ,
बन गय वीर महान।
कोटिन उनै प्रनाम है, 
धन्य धन्य बलिदान।।
दिनांक-31-8-2020
दोहा बिषय- पुरखन*
*41*
पुरखन के आशीष से,
वंश बेल बढ़ जात।
रहते हम सुख चैंन से,
दुःख विपदा टर जात।।
 *42*
पितृपक्ष में श्राद्ध करे,
रखते है कागौर।
धरम पुन्न करकै उने,
जल ढारत है भोर।।
दिनांक-1-9-2020
दोहा बिषय- सिस्य*
*43*
सिस बेइ नोने लगे,
रखत गुरु कौ ध्यान।
तन मन से सेवा करें,
जे धरती भगवान।।
 *44
सिस्य बनो ऐसे बनो,
गुरु कौ बढ़े मान।
उनके ही आशीष सें,
बनती है पैचान।।
दोहा बिषय- जिनगानी*
*45*
जिनगानी ऐसे जियो,
बन जाए इतिहास।
यश कीरत अरु धन बढ़े,
कभऊ न रय उदास।।
 *46
जिनगानी है मोम सी,
 गल कें रोज नसात।
करम लेख जो पास है,
वे नईं मेटे जात।।
*दिनांक-15-9-2020
दोहा बिषय- जुंदैया*
*47
चकवा-चकवी चांद खों,,
तकें जुन्दैया रात।
चंदा लै कें  आ गऔ,
तारन की बारात।।
   *48*
रात दमकती हीर सी,
होत जुंदैया रात।
गैलारे भटके नईं,
अपने घर खों जात।।
*दिनांक-21-9-2020
दोहा बिषय- सरद रितु*
*49*
सरद रितु के आतइनंइ
छाउन लगौ खुमार।
पटरे कमरा लोइ सें,
होन लगौ है प्यार।।
   *50*
हौन लगौ दिन दूबरौ,
मुटा गई है रात।
पानी अब काटन लगो,
सीतल रितु है आत।।
*दिनांक-28-9-2020
दोहा बिषय- धरती*
*51*
धरती में बढ़ने लगौ,
ऐनई अत्याचार।
जनी मांस हैरान है,
अब लो प्रभु अवतार।।
   *52*
ईसुर ने भी कर दऔ,
धरती में बदलाव।
करनी कौ फल भोगिए,
काय आत है ताव।।
*दिनांक-5-10-2020
*बिषय- आगी, अग्नि*
   *53*
प्रेम अगन न बुझाइयो,
रखियो हिरदय पास।
पूरन हुइयै काऊ दिन,
पीय मिलन की आस।।
*54*
प्रेम अगन को जोत में,
यूं न दिल तुम जलाव।
दोई तरफ समान हो,
तभइ चैंन तुम पाव।।
55
प्रेम हृदय प्रतिबिंब है,
मन के भाव जगाय।
आग लगी है भीतरे,
कैसै जे बुझ पाय।।
*दिनांक-12-10-2020
*56 नवराते*
नवराते में कर रये,
पूजा है दिन-रात।
उपास रय सारे दिना,
गरबा खेले रात।।
*बिषय- दसरय*
57
दसरय कि जै राम जी,
बब्बन खौं सम्मान।
मातन खौं  परनाम है।।
सखा खौं चले पान।
58
दसरय आज मनाइये,
मन कौ रावन मार।
तन कै बारे का हुऐ,
भीतर नइ बैठार।।
दिनांक 26-10-2020
बिषय-डांग
59
डांग हमाय होत है,
जीवै कौ आधार।
इनसें ही सिंगार है,
धरती मां कौ प्यार।।
60
डांग अब तो बचे नहीं,
कर दय सब बरवाद।
विरछा ऐन लगाइयो,
फिर से हो आबाद।।
दिनांक-9-11-2020
बिषय-गैल
61
सूदी गैल चलो सदा,
मिले भौत सम्मान।
जो तुम टेढे़ होत हो,
परे कष्ट में जान।।
62
गैल-गैल में मच रओ,
होरी कौं हुरदंग।
कोऊ रंग डार रओ,
कोऊ पी रव भंग।।
दिनांक 16-11-2020

बिषय-कतकारी
63
कतकारी ढूंढ़त फिरै, 
कितै मिले भगवान।
कान्हा तो भीतर पिंडे,
दिल में बैठे जान।।
64
कतकारी गाती फिरे,
मधुर स्वर में गान।
प्रभु करत लीला भली,
हो रइ वे हेंरान।।
दिनांक-30-11-2020
बिषय- जाडौं
65
जाडें के आतनइं,
छाउन लगौ खुमार।
पल्ली, कमरा, लोइ सें,
होन लगौ है प्यार।।
66
लगतइ नौनो घाम है,
जाड़े के दिन आत।
दिन तनकइ से होत है,
बड्डी होती रात।।

बिषय-हार
67
बहा पसीना हार में,
पानी घाइं किसान।
हीरा से दमकन लगै,
हार खेत खरयान।।
68
मैनत में पाछै नहीं,
रितु कोनउ हो चाय।
सूखा या बरसात भी,
तोउ नईं घबराय।।
*14-12-2020
बिषय-कूंडों
69
संजा बैरा होत ही,
रय कूंडें में ताप।।
दद्दा कक्का हांकते,
सुन रय सब चुपचाप।।
70
कैउ मांस बचात है,
कूंडों जब जल जात।
जाडौ भगतइ दूरसें,
कठन रात कड जात।।
दिनांक 21-12-2020
*बब्बा*
71
बब्बा-बाई को करो,
रोजउ तुम परनाम।
इनकी सेवा से मिलै,
परम पुण्य है धाम।।
72
बब्बा बैठे तापते,
कूंडे के है पास।
बीते सालन की किसा,
बतिया रय है खास।।
दिनांक 28-12-2020
*बिषय अफरा*
73
अफरा ऐन चढ़ो उनै,
लिखवै ऊंटपटांग।
छंद तनक नइ जानते,
लिख रय हैं वे रांग।।
74
रोजउ सोशल मीडिया,
डारत कविता चार।
खुदइ खों बडौ मानते,
बाकी सब बेकार।।
75 
कौनउ की पढ़त नइयां,
अपनी सूटें जात।
कालजयी कैसे लिखें,
वे नईं समज पात।।
दिनांक 4-1-2021
*बुडकी*
76-
बुडकी आतइ खूबई,
हो लडुवन कौ दाव।
तिल,गुड के लडुवा बने,
सपर खौर के खाव।।
77
बुडकी पे एनई परी,
जाड़े कौ है तोर।
सूरज बदरा में दुकौ,
हवा करत है सोर।।
****11-1-2021
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस
78
इक अकेले सुभाष ने,
बना लईती फौज।
डरत हते उनसें  सभी,
देखो कितनौ ओज।।
79
नेता तो बस एकई,
सुभाष वीर महान।
उनकें साहस कौ सदा, 
माने सकल जहान।।
80
नमन करे सबई जने 
उनकौ बारम्बार।
नेता सुभाष जू इते
लेवैं फिर अवतार।।
**25-1-2021
बिषय- मुरका
81
मुरका में गुन भौत है,
मिलै शक्ति भरपूर।
जाड़े में खाओ मुरा,
कैउ रोग हो दूर।।
82
मुरका  खाव मुरा मुरा,
मनकौ खूबइ भात।
गांवन में मिल जात है,
जो देखे ललचात।।
**1-2-2021
बिषय- बिन्नू (मोंडी)
83
मोंडा़-मोंड़ी एक है,
करो न ईमें भेद।
पूजौ देवी मान कें,
कै रय सबरे वेद।।

84
बिन्नू घर की शान है,
बिन्नू घर की लाज।
दोउ घरन सोभा बढ़े,
करवै सारे काज।।

85
काम करे रोटी बनैं,
बिन्नू की पैचान।
दोई कुल रोसन करै,
होती ईस समान।।
***
सं.-*बसंती दोहा*
86
मात सरसुती कौ करौ,
बसंत पंचमी गान।
उनकेई आसीस सें
होबै जग कल्यान।।
87
बिखरौ परो बसंत है,
देखौ अपने पास।
मन की आँखन देखिए,
छाऔ है मधुमास।।
88
रितु बसंत कौ आगमन,
धरनी कौ सिंगार।
तकत बाट आकास की,
प्रेम लेय आकार।।
15-2-2021
बिषम- कलेबा
89-
करो कलेवा भोर से,
मटा,महेरी साथ।
रोटी डुबरी दूद सें,
सूटे दोनो हात।।
90
कुंवर कलेवा नेंग खौ,
पूरौ कर दो आज।
सोने की इक चैन खौ,
मचल गये माराज।।
*22-2-2021
बिषम- गदा
91
ईमानदार है गदा,
करत सदा है काम।
रंग रूप कौ देखकै,
काय करत बदनाम।।
92
सूदो सादो है गदा,
कामचोर नइ होत।
जितना भी धर दो वज़न,
खुसी खुसी से ढोत।।
6-3-2021
बिषय-पाउने
93-
दो दिन तक रै कैं गये,
भले पाउने मान।
दस दिना जो घरे धरे,
आफ़त में है जान।।
94
देव होत है पाउने,
उनकौं हो सम्मान।
खुस हो दे आसीस तो,
होत भौत कल्यान।।
* 7-3-2021
*बिषय- 'पनिहारी'*

95
पनिहारिन पानी भरे,
कमर रई लचकाय।
हिरनी सी कूंदत फिरे।
दिल घायल हो जाय।।

96
पनिहारिन गगरी धरै,
पानी छलकत जाय।
तीर चलाय नैनन सें,
दिल जौ मचलत जाय।।
दिनांक 15-3-2021
97- अदरक
दऔ मेंक है चींक  कैं,
कर दव है बर्वाद।।
बंदरा तौ जाने नई,
का अदरक कौ स्वाद।।
21-3-2021
बिषय-दमकत
98-
इतै-उतै बमकत फिरै,
करवै घर के काम।
बिजुरी सी दमकत कभी,
बिगर जाय जब काम।।
99-
नारी तो हीरा सदा,
दमकत रय भगवान।
इनकी मेंनत सैं भये,
घर कौ है कल्यान।।
*22-3-2021
100-
दोहा- ततूरी
लगे ततूरी तान के, तापर जौ है घाम।
ताती ताती लू चले,का करवे हे राम।।
*27-3-2021

बिषय बुंदेली दोहे -होरी

101
होरी ऐसी खेलियौ,
ज्यौ राधा गोपाल।
मन से मन हैं रंग गऔ,
गालन लगी गुलाल।।

102
 होरी सी तौ नंहि लगै,
गाल होय ना लाल।
कारै,पीरे या हरे,
या फिर लगे गुलाल।।

103
रओ न होरी कौ मजा,
न लगतई त्यौहार।
कोविड सें बचने अगर,
घर बैठो सब यार।।
104*बुंदेली दोहा- मूसल
घरन घरन में रय सदा
जौ घातक  हथियार।
मूसर -मूसर से धुने ,
महिला कौ अधिकार।।
*3-4-2021

बिषय- बरा
105
बरा दई में लोर कें,
गोरों सों कडयात।
नोन,मिरच सें खाइये,
तबियत खुस हो जात।।

106-
कच्ची पंगत बरा बिना,
होत अधूरी पाय।
सबई खौं नोने लगे,
एनइ मसके जाय।।
**5-4-2021

* सप्लीमेंट्री-*
१०७
किलकोटी करवे लगै, इक दूजे को लोग।
व्यंग करत चूकत नहीं, जौ कैसों है रोग।।
१०८
*हाल - बेहाल*
मौ फुलाय वे फिर रये, दे दो कछु तो ज्ञान।
कौनउ की मानत नहीं,का होगा भगवान।।
*11-4-2021
१०९
बिषय- पुतरिया

हम सब हैं कठपुतलियां,
डोर रखे वो हात।
जब चाये, तब तान ले,
रये न सांसें सात।।
*१२-४-२०२१

बिषय-ठलुआ

११०

ठलुआई करते रये,
जै ठलुअन कौं काम।
लगुआ-भगुआ संग है,
साथ आलसीराम।।

१११

ठलुआ बैठे पास में,
करवैं टाइमपास।
देवे बारौं राम है,
करवे वे तौ आस।।
***१९-४-२०२१
श्री राममय दोहे

११२

हिम्मत कभउ न हारियों,
सुमिरत रइयों राम।
धैर्य धरौं धीरज धरौ,
भली करेंगे राम।।

११३


राम नाव महिमा बड़ी,
करदे बेड़ा पार।
राम नाव जपते रहो,
खुशियां मिलें अपार।।

११४

कष्ट हरे,सुख पात है,
जो ध्यावै श्री राम।
परम धाम पावै वहीं,
मिलता है आराम।।
***२१-४-२०२१
११५
बिषय- सिर्री

नौने सिर्री जै मिले,
सबइ खौ देत मात।
सिर्री के सिरमौर है,
जय हो मेरे भ्रात।।
116
बिषय- चंट
चपल चंचला नार हो,
चंट चतुर चालाक।
चौतरफा चमकत रये,
करदे सीना चाक।।
**
दो बुंदेली-दोहे

117

ब्यां-बरात सुपने भईं,
पंगत नईं नसीब।
फिर भी बउ घर आ गई,
होत वो खुशनसीब।।

118

काम बंद खाबै नईं,
फूटइ गऔ नसीब।
दोउ पाट के बीच में,
पिस रऔ है गरीब।।

*28-4-2021
बिषय- कुलाट

119

नेता अरु बदरा सभी,
खात रहत कुलाट।
जीने चना,टका दये,
ऊकी टोरत खात।।

120

कोरोना है काल सौ,
खड़ी कर रओं खाट।
का करे कछु न कै सकें,
लोग खा रय कुलाट।।
*** 3-5-2021

121-
बिषय- *कुतका*
कुतका बेइ दिखात है,
 जो भूलत ऐसान।
ऐसे धोखेबाज की, 
करलो तुम पैचान।।
***9-5-2021
बिषय-कुलांट
122
परै करौंटा लेट है,
मिलै न तनकउ चैंन।
नींद अबै आतीं नहीं,
जागे सारी रैन।।

123-

टैम करौंटा लेट है,
सो कुलाट खा जात।
राजा, रंक, फकीर भी,
पल में बदलत जात।।
** दिनांक-10-5-21
****
बिषय- खरयाट

124

अब तो खूबइ हो रऔ,
दम सें है खरयाट।
अस्पताल बन माफिया,
टोरे दे रय खाट।‌।

125

बनके ये यमदूत तो,
कर रय है खरयाट।
नकली दवाइ बेचके,
मौत रये है बांट।।

**17-5-2021
सप्लीमेंट्री दोहा-
बिषय- तिडी- बिडी
126
तिड़ी-बिड़ी कर देत है,
सबके जै अनुमान।
जाने की के भाग सें,
मिलवें जो सम्मान।।
**22-5-2021

बिषय-नैंनू
127
नैंनू भौतइ नैक है,
खाऔ चाय लगाव।
नैनू से कड़ जात है।
भीतर के भी भाव।।

128

नैनू जैसो रूप है,
नैनन में बस जात।
नैनू खौं नटराज तो,
नखरे नाच दिखात।।
**24-5-2021

129
दये दौंदरा देत है,
कोराना है आज।
लूट मची चहुं ओर है,
हो रव गुंडाराज।।
**29-5-2021

बिषय- छैल-छबीली
130
छैल छबीली छोरियां,
करती हैं छल,छंद।
छोरे छलतइ जात हैं,
छमिया करती दंद।।
*31-5-2021
****
बिषय-पथरा
*131*
पथरा से सिर मारते,
सिर फूटो वे रोय।
उको कछू बिगरै नई,
तुमाई हानि होय।।
***
132
पथरा से वे हो गये,
नइ पिघले वे जात।
जितनइ प्यार दऔ उनै,
उतनइ वे गर्रात।।
**7-6-2021

*133*
जनी मांस तो हो गये,
पथरा के हैं आज।
कौनउ कौ अब भय नहीं,
कर रय निर्भय राज।।
***7-6-2021
*134*
बिषय- पैजनिया-

पैजनिया झंकार तो,
करतइ दिल पै वार।
मधुर ध्वनि सुनते जितै,
झूमत मन के तार।।
***12-6-2021

*बिषय-पंगत*

*135*
पंगत में तो सूटिये,
खीर,बरा अरु भात।
सन्नाटे के साथ में,
पुड़ी मींड के खात।।
***

*136*

पंगत बैठी हो रई,
बैठे सौ-पचास।
एक संगे सब जीमते,
खाते हर्सोल्लास।।
***12-7-2021***

*बुंदेली दोहा बिषय- तलैया*

*137*
ताल-तलैया खो गये,
अतिक्रमण कि चपेट।
कागज में ही बन गये,
अफसर भरते पेट।।
****
*138*

तलैया में सपरतते,
ढोर,जनी अरु मांस।
अब तो सूखी है डरी,
उत ठाडी है कांस।।
**19-7-2021**

*बिषय-मगौरा*
*139*
मूंग मगौरा भात है,
बसकारे में ऐन।
चटनी संगे खात है।
सूटे दिन अरु रैन।।
***
*140*
डढयाने फिर तेल के,
मिलत बजारे खूब।
बेइ मगौरा धर दये,
नहीं बिके दिन डूब।।
**26-7-2021
*सप्लीमेंट्री/अप्रतियोगी*
141
*बिषय- बिजुरी*
बिजुरी सी चमकत फिरें,
ऊकी मुइयां गोल।
मुस्काके जब  बोलतीं,
मीठे लागे बोल।।
***30-7-2021


बुंदेली दोहा-

बिषय-चौमासा

142

चौमासों कैसे कड़े,
ठलुआ बैठे आज।
काम सबइ चौपट भये,
कैसे होवे काज।।
***

143

धरती कर सिंगार है,
चौमासे के आत।
हरियाली छाती वहां,
पानी बरसो जात।।

****दिनांक-2-8-2021
अप्रतियोगी/सप्लीमेंट्री दोहा
144
उरवतिया नौनी लगे,
मोती कैसी धार।
मन मोरों मझधार में,
कैसे लगवे पार।।
**7-8-2021
बिषय-आदिवासी
145
आदिवासी समाज है,
भौतइ पिछड़ौं आज।
अफसर,नेता लूटते,
करते उनपै राज।।
***
146
आदिवासी जंगल में,
दुनिया से है दूर।
रहत वे तंगहाल है।
शौषण कौ मजबूर।।
***
9-8-2021
147
*बिषय- झंडा*

झंडा देश कि शान है, 
है हमाव अभिमान।
सौ दार नमन आपको, 
वीर शहीद जवान।।
***14-8-2021


*148*
*बिषम-पठौनी*

पाप पठौनी बांद के,
ऊपर जाते लोग।
कर्मो का फल पात है,
बुढ़ापौं रये भोग।।
***
-149*
लात पठौनी कैसई,
टका नई है पास।
बिटिया  ल्यावे जान है,
रतई  भौत उदास।।
***
बिषय-साउनी
*150*
सावन सुंदर साउनी,
समदी लै कें आय।
पाती कितै दुकी धरी,
समदन खोजत राय।।
***
*151*
समदी लै के आ गये,
सजी साउनी आज।
दौर दौर समदन करे,
घर भीतर के काज।।
*** 23-8-2021
*बिषय-नंद*
*153*
आनंद मिले नंद खो,
भये जो नंदलाल।
खुशियां मिलतइ खूब है,
 कर लीला गोपाल।।
***
*154*
नंद के जैइ लाडले,
कहाय माखन चोर।
उल्हाना देती सखी,
पाछे  दुके किशोर।।
***30-8-2021
*सप्लीमेंट्री दोहा/अप्रतियोगी*
155

*बिषय- कँइँया*

कँइँया लेके लाल कौ,
काम करत मजदूर।
जनी-मांस दोऊ लगे,
पइसा सें मजबूर।।
***
*बिषय-मास्साब*

*156*
मास्साब की सेवा करो,
मिलतई नंबर ऐन।
उनके फिर आसीस सें,
सुखी रये दिन-रैन।।
***
*157*
पढ़ावो धरम भूल कै,
ओरई करत काम।
इस्कूल जातई नई,
घरै करत आराम।।
***6-9-2021
*बिषय-छमाबानी*

*158*

रोजउ पाप कमा रये,
इक दिन जोरे हात।
का इक दिन ही मांगवे,
छमादान मिल जात।।
***

*159*

काम ऐसे करो नहीं,
छमा मांगते आज।

सच के संग चलो सदा,
करो दिलों पै राज।।
***13-9-2021

*बुंदेली दोहे बिषय- गडेलू*

160
खाय गडेलू रोजऊ,
रोग लिगा नहिं आय।
तुरतइ वजन घटात है,
काया कल्प दिखाय।।
***

161

नोनी सब्जी होत है,
सस्ती में मिल जात।
खाय गडेलू प्रेम सें,
कैउ रोग मिट जात।।
***27.9.2021
-बिषय-चुगला*
162-
चुगला खों चुगले बिना ,
मिलवे तनक न चैन।
बना चौगुना देत है, 
काटे कटे न रैन।।
*2*10-2021

बुंदेली दोहा-163
*बिषय-कागौर*

जीते जी पूछी नहीं
मरे रखत कागौर।।
शान दिखावे ऐन है,
भरी दिखा रइ पोर।।
***
164
साल भरे धूरा चढी,
तस्वीरों पे आज।
रख कागौर कछू जने,
फूल चढ़ा रय आज।।
***4.10.2021
165
*बिषय-झा़की*

मां की झांकी है,सजी, 
देखो तो चहु ओर।
माता की आराधना,
करत हो गयी भोर।।
***


*166*
बुंदेली दोहा-मिलौनी

है मिलौनी सभी कछू
दिल नइ सके मिलाय।
जो दिल उनसे मिल गया,
सबइ काम बन जाय।।
***
*167*
लीद मिलौनी है धना,
दूद यूरिया पाय।
चाय में बुरादा मिला
घ्यू डालडा मिलाय।
 ***
अप्रतियोगी-
बुंदेली दोहा - दसरय
168
सबइ जनन खों पोंचवे,
दसरय कौ प्रणाम।
एसई प्रेम बनो रये,
बनो रये सम्मान।।
****
*169*
रावन बरतइ देख कै,
सोचो तो श्रीमान।
पाप करे कौ फल मिलो,
भुगतइ सब इंसान।।
***16-10-2021

*बुंदेली दोहे- बिषय-करौंटा*
*170*
टैम करौंटा लेत है,
न तुम रऔ उकलात।
बुरे दिना कड़ जात है,
नोने दिन फिर आत।।
***
*171*
आज करौटा लेत है,
पल-पल में इंसान।
कछु भरोसा नईं रओ,
कब मिल जै शैतान।।
***
*172*
सोउत में जब डर लगे,
लेय करौंटा सोय।
बर्रौटी आवे नईं,
तान पिछौरा सोय।।
***18-10-2021

बुंदेली दोहा बिषय- करवाचौथ
*173*

करवाचौथ मना रईं,
कर सोला सिंगार।
चांद देख शरमा रओ,
गौरी मुस्की मार।।
***
*174*
चांद परीक्षा लेत है,
पत्नी रहत उपास।
बादर में दुक जात है,
जैसै खेलत रास।।
***24-10-2021

बुंदेली दोहा बिषय-गतरा (टुकड़ा)
*175*
गतरा गतरा कर दये,
देश के सबइ भाग।
वोट खौं वे अलापते,
पने बेसुरे राग।।
***
*176*
टुकड़े-टुकड़े गैंग ने,
कर लय सबइ उपाय।
बार न बाकौ कर सके,
गतरा-गतरा पाय।।
***25-10-2021
* बुंदेली दोहा सभी-2 दिनांक- 10-2023 बिषय ताठी ,24-4-2023 टाठी तकी गरीब की , देखो उनकौ नाज | #राना कैसौ खात है , कातन। आबें लाज || घौरत सतुआ नाम पै , बें बिरचुन कौ ढ़ेर | #राना टाठी में धरै , लडुआँ उसले बेर || टाठी में सब खात है , टाठी करें न भेद | कछू जनै पत्तल समझ ,करतइ #राना छेद || टाठी भरके ईश खौ , सबइ लगातइ भोग | #राना करतइ कामना , मिटै जगत से रोग ||हो #राना टाठी हौ भरी , रखियौ ईसुर लाज | दीन दुखी सब देखियौ , करियौ उनके काज || *** बिषय - अस्नान दिनांक- 29-4-2023 करत सबइ अस्नान है , फिर पूजा खौ जात | ईसुर के दरसन करत , #राना भोग लगात || जातइ है जब मरगटा , मुरदा जितै जलात | करत लौट अस्नान है , फिर घर #राना आत || गंगा में अस्नान से , सबइ पाप कट जात | पुन्य मिलत #राना कहत , पौथीं यै बतलात || बुड़की के अस्नान में , तिली बदन चिपकात | रगड़- रगड़ #राना सबइ , तन कौ मैल छुटात || मन की गंगा है बड़ी , चंग करौ अस्नान | #राना रखियौ साफ पर , करबैं खौं कल्यान || 1म ई 2023 बिषय-अठबाइ धना बना अठबाइ खौं , गौरी पूजन जाय | #राना श्रद्धा भाव से , जौरत हाथ चढ़ाय || छोटी -छोटी हौत हैं , जो बनती अठबाइ | #राना मैदा या कनक , की होती उसनाइ || #राना चुरतीं तेल घी , खिलती चंदा नाइ | पूजा की थरिया सजै , धरै धना अठबाइ || देवी भी अठबाइ खौं , करती है स्वीकार | प्रेम भाव #राना तकैं , करती सबसे प्यार || सभी अठबाइ है बनी , देबै उम्दा भोग | घर में सुख साता रयै , #राना रयै न रोग || *** बिषय -गों में (मन में) दिनांक 6-5-2023 जिनने गों में दे लई , कौनउँ सुन कै बात | #राना जब अटकौ परै , पूरी गुर्र भजात || गों में आकै हैं भरत , कौनउँ चुभते बोल | #राना बनत गुड़ैल बैं , हौत रार को डोल || शूपनखा की नाक ने , गों में दे लइ बात | कान भरे रावण लिगाँ , #राना भव आघात || गों में ठानै लोग भी , बनतइ करिया नाग | दुशमन खौं डसबै फिरै , #राना लैकें झाग || तिरिया गों में देत जब , आ जातइ तूफान | #राना उगलत देर से , हिलतइ सबइ मचान || एक हास्य दोहा- गों में दैकें है धना , फुला रयी है गाल | #राना जौरे हाथ है , उगलत नईं सवाल || *** 8-5-2023 बिषय- लुकत भड़या सबरै है लुकत , पुलिस देख भग जात | जैसै जुगनू दिन उगै , #राना नईं दिखात || लेनदार खौं देख कै , देनदार भग जात | #राना सामैं से डरै , लुकत फिरत दिन रात || लुकत लडैयाँ वन फिरै , शेर जितै दिख जाय | जैसे #राना बर्र भी , बिच्छू से घबराय || लुकत फिरत माते गयै , छिप गय देख पियाँर | बनी कहावत यैई पै , #राना कात सवाँर || लुकत फिरैं संसार में , हौय न ऐसे काम | #राना छाती ठौक कै , सबइ भजौ हरि नाम || काय लुकत #राना कहै , तनक सामने आव | प्रतिभा जो ईसुर दई , खुलकै सबइ सुनाव || *** 13-5-2023 बिषय -कक्का #राना कक्का जो बनत , घर से मिलतइ मान | गाँव भरे में फैलतइ , फिर ऊकी पहचान || कक्का हुक्का पी रयै , बैठे ठलुआ चार | राजनीति में बन रयै , #राना लम्बरदार || आऔ कक्का बैठ लौ , #राना मीठे बोल | बुंदेली तासीर के , शब्द बड़े अनमोल || कक्का की सबरै सुनत , गुनत सबइ है बात | #राना इनखौ जानियौ , घर में हैं सौगात || कक्का सबरै जानतइ , #राना जितने पेंच | खैचें जितै लकीर खौ , तनिक मिले ना रेंच || *** बिषय - निन्नै 15-5-2023 निन्ने कभउँ न जाइये ,गरमी कौ हो घाम | झकर चले से लू लगै , #राना झुलसे चाम || निन्ने पेट न जात है , #राना खेत किसान | करत कलेवा पैल है , फिर करतइ प्रस्थान || निन्ने पेट न हौत है , करौ भजन गौपाल | बनी कहावत खूब है ,#राना जानत हाल || निन्ने चक्कर आत है , #राना हौवें रोग | खा पीकै लेना दवा , लिखै डाक्टर योग || निन्ने कभउँ न जाइये , #राना बाहर आप | चार ठौल फटकार कै , भरौ पेट को नाप || *** बिषय -ठट्ठ 20-5-2023 ठट्ट लगौ की बात कौ , #राना तनिक बताव | ठलुआ ठाड़ै काय है , का कर रय बतकाव || ठट्ट लगौ नेता जुरै , #राना आव चुनाव | पुटया रय बातें करैं, दै रय सबखौं भाव || ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ अब तीन दोहे , कल रात से चर्चा में आए दो हजार के नोट की बैंक खुलत ही घुस गयौ , #राना भारी ठट्ट | दो हजार कै नोट खौं , भजवाँ रय सब चट्ट || लाल नोट भजवाँउनै , #राना है आबाज | हाथन लय लहरात सब , ठट्ट बैंक में आज || एक हास्य 😇🙏 गुड़ी मुड़ी पुड़िया खुली , धना बिदै गइ गट्ट | दो हजार के नोट लय , #राना घुस रय ठट्ट || *** बिषय भटिया* 22-5-23 पैलउँ भटिया है जलत , जीपै चढ़त कढाव | बनतइ सब पकवान हैं , #राना घर में ब्याव || मइना लगतइ जून कौ , जैसे भटिया हौय | #राना लू की आँच से , जीव बचै ना कौय || पैलउँ भटिया थी खुदत , अब लोहे की आत | गैस सिलेन्डर है लगौ , जल्दी से जल जात || लपट उठै भटिया जलै , चढै करइयाँ आन | कुशल अगर #राना हुआ , उम्दा हौ पकवान || धना अगर भटिया बनै , मौं से काड़ै झार | #राना सरल उपाय है , करौ नई तकरार ||😇🙏 *** बिषय- नौ तपा 27+5-2023 #राना लगतइ नौ तपा , आसमान से आग | चैकत ठाड़ौ है बदन , पैर ततूरी दाग || अच्छे तप लैं नौ तपा , #राना अच्छौ होत | कात सयाने चूँ उठैं , तब बसकारौ रोत || #राना कातइ आपसे , चले तपा की थाप | बाँध मुड़ी से तौलिया , घर में बैठौ आप || सन्नाटो खिच जात है , #राना दुपहर होत | आँग चैकतइ नौ तपा , बदन पसीना ढोत || #राना जौरत हाथ है , मन के द्वारे खोल | अच्छे तप लैं नौ तपा , हौ बारिस कौ डोल | *** बिषय- गर ई दिनांक 29-5-2023 गरई कहत न बात है , बने फिरत सरपंच | #राना फाँकत वह दिखै , गाड़ें अपनौ मंच || गरई हती न कछु उतै , कौनउँ #राना बात | बेमतलब पंगा हतौ , जीपै जुरी जमात || गरइ बात जब -जब दिखै , लोग देंय सम्मान | लिपी पुती उतरात है , #राना सब इस्थान || गरइ बात भी संत जी , कहे सदा अनमोल | ईसुर चाने हौंय तौ , मन के दौरे खौल || एक हास्य गरइ गड़इ #राना मिली , भव तौ मोरौ ब्याव | दातुन कुल्ला खौ करन , पानी भरकैं आव || *** बिषय सिंदुरिया -3-6-2023 शनिवार #राना गानौ सब धरौ , सिंदुकिया लइ चाप | चली धना है मायकै , भरै खुशी की थाप || सिंदुकिया हर घर मिलै , रखतीं धनाँ समार | गानौ गुरिया सब धरै , #राना करै निहार || सिंदुकिया में भी धना , धरतीं जूड़ा हार | बखत परै #राना करैं , तन कौ बें श्रृंगार || सिंदुकिया भी सेठ कै , बड़े काम में आत | #राना सौदा बैचतइ , पइसा डारत जात || एक हास्य दोहा सिंदुकिया चापै फिरै , नउवाँ मिल गव हाट | #राना बाल कटाय लौ , रव माथै खौ चाट || *** नानो दिनांक-5-6-2023 चकिया यह संसार है , #राना समझो बात | जीवन भी नानो घुरत , पाट ‌ बनै दिन रात || समझों नानो है जगत , घूमत रत सब गोल | तितर -बितर #राना सबइ , लुकबेें खोजत पोल || नानो नोनी सब सुनो , का चल रव बतकाव | फिर तुम सोच विचार कैं , #राना रखियौ भाव || #राना नानो नोन हौ , करत गुचू सौ काम | यैसइ हौतइ संत है , करैं ऊजरौ नाम || नानी नातिन से कहै , सुन लौ मौरे भाव | नानो नोनों जो मिलै , #राना हृदय बसाव || ** बुंदेली दोहा बिषय - बेर बेर (बार-बार) #राना मन की टेर से , प्रभु जी लेते हेर | बेर-बेर तब का कनै , सुन लो अपकी बेर || बेर-बेर #राना कहै , करियौ नौनें काम | ऊपर बारौ खुश रयै दैवें अपनौ धाम || बेर - बेर जब टोकतइ , #राना गुस्सा आत | सामौ बारौ आदमी , खिजौ -खिजौ सौ रात || बेर- बेर ना जाइयौ , #राना तुम ससुरार | इज्जत अपनी राखियौ , पानै को सत्कार || बेर-बेर काती धना , करने तीरथ धाम | #राना बीदै है जगत , भुन्सारे से शाम || *** *बुंदेली दोहा विषय- जुगाड़* लोग सयानैं हौ गयै , सौचें भली जुगाड़ | हर्र लगे ना फिटकरी , #राना लैकें आड़ || #राना देखत रात है , अच्छी भलीं पछाड़ | आधे से जादाँ मिलैं , जीमें हौत जुगाड़ || भारत कौ हर आदमी , जानत भौत जुगाड़ | दुनिया बारे देखकैं , सकै न #राना ताड़ || राजनीति साहित्य में , #राना घुसी जुगाड़ | पावै खौं सम्मान अब , लौकत उनकी दाड़ || मूषक भी करने लगै , #राना खूब जुगाड़ | घंटी बिल्ली कै गलै , बाँद करैं खिलबाड़ || *एक हास्य -* #राना से कहती धना , सीखौ तनिक जुगाड़ | अच्छै लै दौ पैजना , थौड़े पइसा काड़ || *** दिनांक-17-6-2023 बुंदेली दोहा बिषय-काँलौ (कब तक) राना काँलौ हम सहै , उनकी सूदी घात | थौरें में जाँदा कहैं , समझों मोरी बात || #राना काँलौ हम लिखै , बजरंगी कौ खेल | लंका जारी पूँछ से , लगौ न घर कौ तेल || #राना काँलौ हम कहै , चिपक गौंच से रात | पाबै खौं सम्मान बै , जगन तगन गिगयात || कैकइ से कत मंथरा , काँलौ तुमै बताँय | भुन्सारे #राना सुनौ , राम; राज्य खौं पाँय || सूपनखा कत भाइ जी , काँलौ कैवें बात | #राना सीता सुंदरी , वन में रत इठलात || एक हास्य - धना कात #राना सुनो , काँलौ अब समझाँय | टउका सीखौ चार ठौ, जौ हम अब बतलाँय || ***दिनांक-19-6-2023 बुंदेली दोहा विषय - भड़का अच्छौ अब भड़का परौ , चुअत पसीना आँग | #राना भी घर में घुसै , धरत न बाहर टाँग || रिसयानों भड़का लगत , बेंचैनी है आज | #राना उन्ना भीज तन , भिनकातइ सब काज || गय सब भड़का पै भड़क , #राना रय है कोस | चुअत पसीना पौंछ रय , दें मौसम खौं दोस || तपन न धरती की बुझी , नईं गिरी जलधार | ईसै भड़का है परौ , #राना करत विचार || एक हास्य दोहा - धना कात भड़का परौ , बाहर फिक रइ आग | #राना घर में राइयौ , छीलत रइयौ साग ||😇 **24.6.23 बुंदेली दोहा प्रदत्त शबद- इक्कर (एक तरफा) #राना इक्कर हौत है , जिनके तुनिक मिजाज | खट्टौ खातइ एक दिन , भिनकत पूरै काज || संग छौड़ इक्कर चलैं , मानैं नइँ बै बात | पसरत है बै गैल में , #राना साँसी कात || चार दिना सूदै चलैं , फिर लैं इक्कर मोड़ | #राना औधै बै गिरैं , टाँगे लेतइ तोड़ || चार जनन कै बीच मैं , मिलकै रइयौ आप | #राना इक्कर जौ चलै , बिगरै ऊकौ नाप || दोहा ना इक्कर लिखौ , राखौ सही विधान | #राना लिख कै बाँच लौ , त्रुटि हौजे पहचान || एक हास्य दोहा - धना कात इक्कर चलै , घर में मोरौ राज | सब्जी तौ हम लै बना , पर तुम छीलौ प्याज || 🙏😇 *** दिनांक-26.6.2023 बुंदेली दोहा प्रदत्त शब्द- फुकला(सार हीन छिलका) फुकला हटबै धान से , चंदा -सौ खिल जात | नाम बदल चाँउर रखें , #राना मन मुस्कात || फुकला खौं यदि छीलकै , दाना लेव निकाल | मोती -सी लगती मटर , #राना स्वाद कमाल || फुकला जीखौं कात है , #राना कर लै नाम | खड़ी खेत में हौ फसल , करतइ रक्छा काम || बखत-बखत की बात है , कभी आत जौ काम | #राना फुकला कात भय , रखत न ऊकौ दाम || #राना अब फुकला कहैं , ढूड़ौ हमनै ठौर | हमें डार सानी बनै , खाबै सबरै ढौर || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , बनौ न लम्बरदार | फुकला छीलौ अब मटर, धरौ यैइ में सार ||😂🙏 ***दिनांक-3.7.2023 बिषय :- डाँड़‌ (जुर्माना) डाँड़‌ लेत सरकार है , समय निकर जब जात | #राना बाकी हौ चढ़ी , नईं जमा जब पात || नईं डाँड़ से बच सकत , #राना जानत ग्यान | बिजली बिल चूकैं जितै , लगतइ उतै निशान || धौकें मैं गलती अगर , फिर भी लगतइ डाँड़ | गंगा में इस्नान खौ , #राना जातइ हाँड़ || डाँड़ लगातइ पंच है , #राना दैत न छूट | कत समाज कै है नियम , इतै चलै ना लूट || ईसुर सै करतइ विनय , डाँड़ हौय उपचार | तब चरणन में डारकै , #राना दइयौ प्यार || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , बनै न बातन माँड़ | बस सोने की लल्लरी , आज प्यार कौ डाँड़ || 😉 *** दिनांक-8-7-2023 *बुंदेली दोहा लेखन कार्यशाला दिनांक-10-7-2023* *जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़* एडमिन- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' *प्रदत्त शब्द- बर्रोटी (स्वप्न देखना) बर्रोटी में आत हैं , जैसे हौत विचार | #राना मनसा से बनैं , ऊकै कई प्रकार || बर्रोटी में जौ दिखै , भुन्सारै की पार | साँसी भी हौ जात है , #राना शगुन विचार || सौबे की बैरा सुनौ , झूठैं परै ना कौय | बर्रोटी जब आय तौ , #राना अच्छौ हौय‌ || बर्रोटी में जौ दबौ , परौ-परौ चिचयाय | जानौ घर में अब बला , #राना जल्दी आय || बर्रोटी मन की दशा , लैतइ है आकार | #राना इसके फल सदा , करबैं लोग निहार || *दौ हास्य दोहे* धना कात #राना सुनौ , बर्रोटी है आइ | सौने की चुरियाँ गजब, तुमनै मौय लिबाइ || 😉 लै दौ चुरियाँ आज ही , बर्रोटी सच हौय | #राना जाने मायकै , रक्छा बंधन मौय || 😂 *** *बुंदेली दोहा प्रदत्त शब्द- डेंगुर/ ठेंगुर* डेंगुर में गुर है बहुत , सूदे चलतइ ढोर | नाँय माँय उचकत नईं , #राना हौत न शोर || बाँद गरै में दंड खौं , डेंगुर दे दव नाम | चड़ी बीदतइ पाँव में ,#राना छिलतइ चाम || #राना डेंगुर डार कै , सोचत सबइ किसान | नइँ उजार अब जै करै , लैतइँ ऐसौ मान || कात मताई अब फिरै , ई आसौं की साल | लरकै डेंगुर डारनै , #राना ब्याब धमाल || *एक हास्य दोहा* धना कात #राना सुनो , भूल न जइयौ छाप || मैं डेंगुर तुमरै गरै , करियौ नईं प्रलाप || 😉😇 **** दिनांक-15-7-2023 *बुंदेली दोहा- #ठेंटा* #राना ठेंटा है करत , लग कै साजौ काम | तरल हौय जब चीज तौ , लैतइ ऊखौ थाम || ठेंटा कसकै बाँदना , दैतइ सबइ सलाह | #राना ढीलौ हौय तो , कारज लापरवाह || #राना ठेंटा हौत है , छोटे बड़े मजोल | सिसियाँ में छोटे लगे, कितउँ लगत ज्यों ढोल || खुलतइ ठेंटा जब जितै , सब देतइ ‌ हैं ध्यान | बैतुक कौ जब भी खुलै , #राना हौ नुकसान || मुख कौ ठेंटा है बड़ौ , #राना है कैनात | बरसा दै कउँ फूल हैं , कितउँ चला दै लात || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनो , मौं कौ ठेंटा खोल | आज हमें बतलाय दौ ,अपनी सबरीं पोल ||😉😇 *** दिनांक-17-7-2023 *बुंदेली दोहा विषय - नीचट* #राना नीचट सब करौ , ठौक बजा कै काम | और कितउँ मत चूकियौ , भली करेंगें राम || लेखन भी नीचट लिखौ , #राना दिखबै सार | पढ़बै बारन खौ लगै , यह हमखौं उपहार || सोच समझ के बोलियौ , नीचट दैव जुवान | कैकें बात निभाइयौ , #राना रखियौ शान || अपने मन की सब करौ , नीचट रखौ उमंग | पर #राना हर काम कौ , चौखौ रखियौ रंग || नीचट बातें भी करइँ , कभउँ -कभउँ लग जात | फिर भी #राना बे सदा , बन जाती सौगात || *एक हास्य दोहा 😂* नीचट कै गइ है धना , #राना रव तैयार | जानै मौखों मायकै , नयी लिबा दौ कार ||😉😇 🌻🌻*कुछ विशेष दोहे* - 🌻🌻 कक्का हुक्का पी रयै , कै रय नीचट बात | #राना लिखकैं जाँचनें ,करनै नईं उलात ||🙆‍♂️ कक्कौ कक्का से कहै , #राना नीचट बात | पढ़बै खौं अब जौ पटल , जय‌ बुंदेली भात ||🧑‍🎤🙋 नीचट है लेखक सबइ , #राना सब लिख लैत | अच्छे - अच्छे भाव खौ , लिखकै सबखौं दैत || 👌 हौ विधान में चूक तौ , नीचट है कछु मित्र | #राना बै संकेत कौ ,छिड़कत रातइ इत्र || 👌🌹 कोउ बुरव ना मानबै , सीखत रख उत्साह | #राना नीचट बात यह , मिलै सभी खौं चाह || 👨‍🎤🙋 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *बुंदेली दोहा विषय - तकौ (देखना )* #राना उनखौं नइँ तकौ , भरैं रात जो यैंड़ | मनसा रत उनकै लिगाँ , सबरै भरबैं पैंड़‌ || दुनिया में आकैं तकौ, #राना नौनें काम | औनें पौने ना करौ , बनो नईं बदनाम || #राना ईसुर खौं तकौ , मानौ उनकी बात | सब जीवन पै हौ दया , करौ नईं आघात || राजनीति नौनीं तकौ , जौ भी नौनों होय | दैकै वोट जिताउनै , #राना अपनौ ओय || ईसुर भी जा कात है , करौ दया कौ दान | #राना तकौ गरीब खौं , और करौ कल्यान || *** *एक विशेष -* पुरस्कार की जब सुनी , कहैं मित्र शुभ योग | #राना तब विनती करे ,लिखो तकौ सब लोग ||🙏🌹 *एक हास्य दोहा* कक्का नें तक्का तकौ , #राना गय खिसयाय | चिलम तमाकू है नईं , रय सबखौं बतलाय ||🙏😂 *** दिनांक-24-7-2023 दिनांक-22-7-2023 *बुंदेली दोहा विषय -उरानौ* कौन उरानौ है सुनत , #राना सौचत ‌ रात | कुरसी पै जौ भी जमत , सबखौं चींथें खात || दैंय उरानौ हम अगर , मौं तब फूलौ जात | #राना नेतन के लिगाँ , पइसा काँसै आत ||? हौय उरानौ साँच कौ , रात दिना कुल्लात | #राना रै- रै याद हौ , तकुआ टेड़ौ रात || मिलै उरानौ सामने , नीचट हौबे बात | सुनबै बारौ मौं झुका ,#राना मुड़ी कुकात || नहीं उरानौ हौ सहन , तब लरबैं आ जात | #राना उनसे का कहैं , जौ बेशरमी लात || दैत उरानौ गोपियाँ , जसुदा तोरौ लाल | #राना माखन खौं चुरा , सबइ बिगारें‌ ग्वाल || नहीं उरानौ अब सुनै ,बनीं हुईं सरकार | #राना बस उनकै सुनो , भाषन लच्छेदार || *एक हास्य‌ दोहा -* देत उरानौ है धना , तकौ परौसन पैर | बैसइ पायल लान दौ , तब ही #राना खैर || 😉😂 *एक बिनतुआइ दोहा -* नहीं उरानौ साथियौ , #राना सूदी सच्च | सीखों और सिखाइयौ , जितै दिखत हौ गच्च ||🙏 *** दिनांक-29-7-2023 *बुंदेली दोहे , विषय - तँगत ( चिड़ना )* तँगत रात #राना तकत , औछे रखत विचार | देख तरक्की काउँ की , जौ खातइ हैं खार || #राना लामै सींग रख , मरका बैला हौत | तनिक छिया पै बै तँगत, यैसइ नर है भौत || कछु पुजारी है तँगत , सुनकै राधे श्याम | #राना भक्ती रूप कौ , यै भी एक मुकाम || धीनक धीना हौत है , #राना नईं आराम | घर में तिरिया है तँगत , मन के ना हौ काम || *दो हास्य दोहे -* नौनों मोरा मायका , #राना हाँ - हाँ हौय | तनिक बुराई पर तँगत , धना रिसा जै सौय ||🙆‍♂️ तिरिया से तिरिया तँगत ,#राना हौतइ रार | जब दो में से काउ कौ , अच्छौ हौ सिंगार ||😉😂 ***दिनांक-31-7-2023 *बुंदेली दोहा विषय - पन्नी* पन्नी फेंकत बायरैं , ढ़ोर बछेरू खात | #राना हजम न कर सकैं , बिना मौत मर जात ||🙆‍♂️ थैला खौ भूलै सबइ , पन्नी भइ अनुकूल | इतै उतै सब डार दें , #राना करबैं भूल || 🧑 पन्नी भी गलती नईं , #राना बिखरी रात | बातावरण बिगारतइ , सरकारें समझात || 🙋 सबइँ जनै अब छौड़‌ दौ , पन्नी कौ उपयोग | #राना ‌यह तौ हौ गई ,अब समाज खौ रोग ||🙆‍♂️ थैला लैकै‌ं निग चलौ , लैनें हौ सामान | #राना का कैबौ इतै , सबइ दीजियौं ध्यान || 🙏 *एक हास्य दोहा -* पन्नी कक्का कात है , पन्नी ना तुम ल्याव | पैक तमाकू काय में , आबै हमें बताव ||😉🙏 ***दिनांक-5-8-2023 *बुंदेली दोहा विषय - गदिया (हथेली)* गदिया पै फरतइ नहीं , #राना कौनउँ आम | झट्ट पट्ट में सट्ट सै , बिगर जात सब काम || #राना गदिया मीड़तइ , छूट जाँय जब काम | पछताबौ हौतइ बहुत , चूँस न पायै आम || पढ़त लकीरें लोग है , #राना गदिया थाम | पर किस्मत खौं कौ पढ़ै , जौ लिखतइँ है राम || नौनें हौबें जब करम , टूटै नहीं लकीर | #राना गदिया में बसै , ‌न्याय धरम कौ नीर || गदिया उतै लगाइयौ , #राना हौ शुभ छाप | जितै हौत थौरौ गलत , छू ना लइयौ आप || *एक हास्य दोहा* धना कात #राना सुनो , गदिया आज खुजात | जैसै रुपया तुम अबइँ , दैबैं हमखौ आत || 😉🙋 ***दिनांक-7-6-2023 विषय - चिलकत (चमकता) इसका उच्चारण मात्रा भार ( चिल+कत = दो +दो है , इस शब्द से यति और पदांत नहीं हो सकता है , अत: ऐसे शब्दों का प्रयोग प्रारंभ और मध्य में किया जाता है सादर भारत भी चिलकत रयै , #राना मंशा आज | सब लौगन के काम से , आय ‌राम कौ राज || चिलकत #राना आदमी , नियत रखै जो साफ | खौटोंपन उतरात है , कोउ करत ना माफ || नेता चिलकत से लगैं , जीतैं अगर ‌ चुनाव | हारे करिया से लगत , #राना मिलत न भाव || चिलकत मन उनकौ सदा , भजन सदा जो गाँय | #राना रातइ मस्त हैं , फल भी नौनों पाँय || चिलकत रहियौ सब इतै , लिखियौ अक्छर चार | हिलै - मिलै #राना रयैं , करैं पटल सिंगार || हम तुम सब चिलकत रयैं , हृदय भाव मजबूत | #राना नौनों लिख चलैं , बनें शारदा पूत || एक हास्य दोहा - धना आज चिलकत दिखी , #राना कर सिंगार | बोली जा रय मायकै , तुम तकियौ घर द्वार || 😉🙋 *-** दिनांक-12-8-2023 *बुंदेली दोहा दिवस , सोमवार , विषय - ठूँसा (मुक्का)* हल्कौ ठूँसा मित्र जब , बैठ बगल में देत | #राना गड़बड़ हो रयी , करतइ ‌ उतै सचेत || दुश्मन ठूँसा मार दे , भौत अखर तब जात | चार जनन के बीच में , #राना बौ कुल्लात || पत्नी ठूँसा गुच्च कै , अपनौ प्रेम जतात | #राना इतनौ जानतइ , मन सबकौ मुस्कात || बातें भी खोटीं खरीं , ठूँसा-सी लग जात | भौत आसतीं भीतरै , #राना कैं ना पात || ठूँसा हूँका कौ घलै , थुथरी चपटी हौत | बिन मतलब की जौ बकै, #राना गारी भौत || *दो हास्य दोहे* साली ठूँसा तानरइ , #राना से नाराज | जिज्जी काम करात है , दै दैकैं आबाज ||🧑‍🙆‍♂️ मुस्की दे ठूँसा दिखा , धना गई है हेर | #राना मंजन कर खुपड़ , समझ न पा रय फेर || ***14-8-2023 *बिषय -कानात (कहावत)* सुन #राना कानात खौं , हो गय भौत सचेत | कितनउँ कौलू में पिरै , तेल न देबै रेत || #राना कयँ कानात खौं , सुन लौ भइया मोय | अनजानौ फल ना चखौ , चाय मुफ्त कौ होय‌ || कमरा-कमरा गाँठ कौ , #राना हौत न खेल | साँसी यह कानात है , हौत न इनमें मेल || बेर- बेर कौ टौंचना , कभउँ न पालौ आँग | #राना यै कानात है , रखौ बचाकर जाँग || टेड़ौ हौबै आदमी , जब करबै बतकाव | कैबें तब कनात है , #राना करौ बचाव || एक हास्य दोहा - धना कात कानात खौं , #राना सुन रय ग्यान | घर में खाबै होय तौ , सौव पिछौरा तान || *** दिनांक-19-8-23 *बुंदेली दोहा विषय - पैचान ( पहचान )* #राना कौनउँ बात से , जुरत कितउँ है ठट्ट | नेता तब पैचान खौं , घुस आतइ हैं झट्ट || जिनकै ऐंगर हौत है , बातन कौ भंडार | #राना बौ पैचान रख , बनतइ लम्मरदार || प्रभु के चरनन हम रयैं , #राना सरल उपाय | दीन दुखी पैचान कै , उनकै बनौ सहाय || ऐंगर हरदम ही रयै , #राना श्री हनुमान | राम प्रभू के खास है , जग में ‌यह पैचान || बड़ी अगर पैचान हौ , कभउँ न राखौ दम्भ | वरना #राना एक दिन , चित्त पटा हौं खम्भ || *एक हास्य दोहा -* उँगुली से कत है धना , #राना रव चुपचाप | गुइयाँ है पैचान की , घर से खिसकौ आप ||🙆‍ *** दिनांक-21-8-23 *बुंदेली दोहा विषय - उजड्ड* जब उजड्ड #राना मिलै , निगौं बरक कै आप | बैमतलब की खाज है , लै ना बैठौ छाप || सुदरै नईं उजड्ड भी , लरबै ठाड़ौ रात | पतौ न #राना चल सकै , कब दै बैठै घात || कत उजड्ड खौं कौउ भी , तनक न समझा पात | उठा लैत है लठ्ठ खौं , #राना गुस्सा खात || हौ उजड्ड जब सामनें , करौ नईं बतकाव | #राना मंजन हौ खुपड़ , मन कै बिगरैं भाव || ढौरन में गिनती करौ , #राना जितै उजड्ड | गटा सींग से है लगत , लरबै बनतइ मुड्ड || *एक हास्य दोहा* धना कात #राना सुनौ , बजे शकल पै तीन | बिखरै बाल उजड्ड-से , कौउ न पा रव चीन || *** दिनांक-26-8-2023 सोमवार , बुंदेली दोहा दिवस विषय - सरसुती #राना कातइ सरसुती , सबकी मैया आँय | बीना लैकें हात में , ग्यान हमें सिखलाँय || बैठ हंस बीना लयै ,धुतिया फक्क सपेत | पौथी थामै सरसुती , #राना अक्कल देत || #राना करतइ कामना , दैव सरसुती ग्यान | बुंदेली भाषा करैं , मिल जुरकैं उत्थान || ब्रम्हा की बिटिया बनी , ब्रम्हपुरी में वास | नाम सुरसती जानतइ ,#राना तकत उजास || जय‌ बुंदेली है पटल , दैव सरसुती ध्यान | जुड़ौ नाम साहित्य है , #राना करतइ गान || रयी सरसुती की कृपा , जुर गय #राना मित्र | बुंदेली भाषा बनै , सब भाषन में इत्र || #राना भी मेनत करत , दैत सबइ है संग | माइ सरसुती भी भरैं , सबखौं नयी उमंग || ***दिनांक-28-8-2023 बुंदेली दोहा विषय - धिंगानों = लड़ाई झगड़ा ( (शब्द भार 6 ) अब धिंगानों कछु जनै , करकैं टारै काम | मन की धन #राना करैं , तबइँ मिलै आराम | संसद में #राना तकैं , जब धिंगानों होय‌ | कीसें कौ अब कात है , समझ न आबैं मोय || सरकारी पइसा बँटौ , है धिंगानों यैन | छौटन कौ पायैं बड़े , सौ #राना बैचैन || इक धिंगानों हम कयै , #राना तकी बरात | किलकिल हुई दहेज पै , चल गय जूता लात || कल धिंगानों मच गयौ , #राना गय पंच्यात | मुड़ियाँ जब फूटन लगीं, भगै सबइ चिल्लात || अब धिंगानों हौय ना , करौ प्रेम से बात | खेंचातानी ‌ से सदा , काज बिगर सब जात || *एक हास्य दोहा -* तुम धिंगानों नइँ करत , धना प्रेम से कात | सौ #राना हम साड़ियाँ , लायै आज बिलात || 🙏 *** दिनांक-2.9.2023 विषय - इत्ती-सी ( थोड़ी- सी / तनक- सी ) इत्ती-सी #राना कयैं , जुरै इतै जौ पंच | मिल जुरकै ऊँचौ करौ , जय बुंदेली मंच || इत्ती- सी #राना सुनौ , चिमाँ जाँव सुन बात | सामैं बारौ भाग जै , जौन खुपड़िया खात || बस इत्ती -सी बात थी , धजी बना दवँ साँप | #राना लरबै बें फिरै , लठ्ठ काँखरी चाँप || इत्ती- सी धर माँउदी , पूरौ पुरा बुलाँव | #राना रच लौ हात खौ , कोउ नईं सकुचाँव || इत्ती-सी जब बात है , आगैं काय बढ़ात | कुठिया में गुर फौर लौ , #राना भी समझात || एक हास्य दोहा इत्ती- सी मिरचैं हतीं , दइँ चटनी में हूँक | फिर #राना से कत धना, काय काड़ रय फूँक ||🙆‍♂️ ***दिनांक-3-9-2023 *हिंदी दोहा दिवस , विषय - शिक्षक* 🌹"शिक्षक दिवस पर , आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ 🌹 शिक्षक देते है सदा , #राना वह सौगात | जिससे जीवन में सदा , रहे ज्ञान बरसात || शिक्षक का सम्मान भी , करिए देव समान | #राना कहता पूज्यवर , पाकर उनसे ज्ञान || जीवन भी रहता सरल , रहते उच्च विचार | #राना शिक्षक‌ का सदा , मत भूलें उपकार || पाँच सितम्बर है दिवस,अब शिक्षक के नाम | #राना करता है यहाँ , सादर उन्हें प्रणाम || राधा कृष्णन हो गये , भारत प्रमुख प्रधान | #राना जिनके नाम से , शिक्षक दिवस महान || एक हास्य दोहा पति - पत्नी #राना युगल , है शिक्षक हर हाल | गले मिले सम्मान से , माला भी दी डाल || 🙏😇🌷💐🌹 ***दिनांक-5-9-2023 *बुंदेली अप्रतियोगी दोहे विषय- कूका* भुन्सारे से शाम तक, जो कूका ही देत | #राना ठलुआ जानियौ ,चैन सबइ हर लेत || #राना कूका बै दयै , फारै डारत कान | बनकै जिंदा भूत अब , खातइ नेता प्रान || छाती पै कूका दयैं , लोग कात जा बात | #राना मतलब जानियौ , ऊदम नईं पुसात || चार दिना ना आन भय, बउँ दै रइ खरयाट | #राना कूका सब सुनै , नकै बड़ेरै ठाट || कूका दैके ताँस रइ , #राना घर कै मौन | कौ अब बउँ कै मौ लगै, दिखत तमासे जौन || *एक हास्य दोहा -* कूका दे रय काय खौ , धना कात यह आन | जौ चानै सौ ढूँड़ लौ , #राना खाव न प्रान || 🙆‍♂️😉 ***दिनांक-9-9-2023 बुंदेली दोहा दिवस - विष़य - चैंथी जिनसे करकै दोसती , बचैं न चैंथी बार | #राना रानें दूर है , करकैं उनै जुहार || उरजट्टन से बीदबौ, #राना कीखौं भात | आबड़ में जब बीदतइ, चैंथी उतइँ कुकात || चैंथी कौलत काय खौं, #राना कोई कात | बकबक करबै जो लगै , बै भी चुप हौ जात || चैंथी पूरी चिथ गई , बचै न येकउँ बार | #राना ऐंगर बैठकैं , रय असुआँ बै ढार || चैंथी पै ना दो चढ़न , #राना कौनउँ घात | हातन से निपटाय दो , बढ़ै न आगैं बात || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , चैंथी लैउ बचाव | ठलुआँ ठाडैं बायरै , करबै खौ बतकाव || ***दिनांक-11-9-2023 *बुंदेली दोहा विषय - टिया (अवधि)* टिया चूक गवँ साव कौ , #राना बढ़नै ब्याज | मौ खौं फिरत दुकात है , आ रइ उनखौं लाज || टिया काउ खौं दैव जब , दइयौ सोच विचार | पूरौ बचन निभाउनै , #राना रवँ तैयार || लोग बाग #राना कहत , जितै टिया में चूक | सुनकै बातें चार ठौ , परै गुटकने थूक || नईं टिया पै हौत जब , #राना कौनउँ काम | लोग - बाग झल्लात है , भुन्सारे से शाम || #राना दैके भी टिया , लोग भूल जब जात | मिलत उरानें हूँक कै , कत हैं कर दइ घात || *एक हास्य दुमदार दोहा -* धना गई है मायकै , दे गइ टिया बुलाँय | हरदी खिलबै ब्याव में, #राना तुमै पुजाँय || पतौ ना कैसौ पुजने | बता दौ भइया अपने || 🙆‍♂️🙋 ***दिनांक-16.9.2023 श्री गणेशोत्सव की आप सभी को हार्दिक बधाई , शुभकामनाएँ 💐💐🌹🌹🌹🌹🌹💐💐 बुंदेली दोहा दिवस पर विशेष विषय - श्री गनेश जी के पर्यायबाची शब्द प्रयुक्त दोहे करैं थराई आप लौ , गौरी नंदन आज | आन बिराजौ मोय घर ‌ , #राना रख लौ लाज || गनपति बप्पा आप खौं , सब कातइ विघ्नेश | #राना राखन चात है , अपने अबइँ हृदेश || विनतुआइ #राना करै , बड़़ी सूड़ महराज | जय बुंदेली जौ पटल , रखियौ ईकी लाज || मंगल मूरत है अपुन , काटौ #राना कष्ट | संगै भारत राष्ट्र कै , विघन करौ सब नष्ट || गनपति बप्पा आपकौ , सजौ रयै दरबार | #राना मुड़िया खौं झुका , चाबै बेड़ा पार || ***दिनांक-17-9-2023 *बुंदेली दोहा विषय‌ - ठाँड़े बैठे (बिना काम के , बेवजह )* ठाँड़े बैठे ना करौ , कौनउँ घटिया काम | #राना कौ कैबौ इतै , नइँ हौने बदनाम || ठाड़ै बैठें गट्ट लइ , #राना करौ न ध्यान | उनै बुला कै आय घर , जौ कौलत है कान || ठाँड़े बैठे हर जगाँ , भजौ राम कौ नाम | #राना लग जै लाग भी , पाने हरि कौ धाम || खात दुलल्ती बै सदा , #राना बिगरत मूँछ | ठाँड़े बैठे ले पकर , जो गर्दभ की पूँछ || ठाँड़े बैठे लग गई , उनके हाथ बटेर | अब #राना उनखौं तकत ,यैड़त देर सबेर || *एक हास्य दोहा -* ठाँड़े बैठें कत धना , #राना कर लौ काम | चलौ नाक की सूद में , हाथ हमारे थाम || *** दिनांक-23-9-2023 तरी (भेद रहस्य / गहराई / ) बुंदेली दोहा विषय - तरी* तरी लैन बै आयतै , भुन्सारे से आज | #राना है कीकी तरफ, कितै समारै काज || लैबें खौ #राना तरी , आ गय माते दोर | किते वोट तुम डार रय , जा रय किसकी ओर || बातें रयै मठोल है , घौटन हमखौं चात | तरी हमारी जानबें , #राना बै पुटयात || तरी जौन की खुल गई , #राना बौ हकलात | मुंडी खौं नैचें करै , धरती रत कुलयात || #राना कौ कैबौ इतै , तरी रखौ मजबूत | टुकलौ भी ना कर सकै , आकै कौनउँ पूत || *एक हास्य दोहा -* धना कात मोरी तरी , गुइयाँ लैबै आँइँ | #राना उल्टौ हौ गयो, दैकें गइँ परछाँइँ || *** दिनांक-25.9-2023 बुंदेली दोहा विषय - कागौर #राना कउवाँ खौं इतै , कैसें कयैं अछूत | खाबें जब कागौर बौ, है पुरखन कौ दूत || #राना पुरखा है पुजत ,श्राद्ध पखा हर भौर | भोज बना के है रखत, छत पै सब कागौर || नौनीं सब यह लीक है , बनी रयै आबाद | #राना रख कागौर खौं , पुरखा करतइ याद || मालपुआ #राना लुचइँ , खीर बनत है भौर | पुरखा आबें काग बन , खूब चखत कागौर || कउवाँ है यमराज का , जानों यहाँ प्रतीक | खाकर वह कागौर खौं , पुरखन तक दे लीक || *एक हास्य* धना गई छत पै धरन , पत्तल में कागौर | काँव -काँव पुरखा करैं , काँबैं कम है कौर || 🙏😇 ***दिनांक-30.9.2023 *-बुंदेली दोहा विषय - बिर्रा* बिर्रा रोटी खाय जौ , सई हाजमा रात | जठर अग्नि भी तेज हो, #राना सबसे कात || चना मिलत जब गेउँ में, #राना ताकत देत | ईकी यह तासीर है , उदर रोग हर लेत || बिर्रा रोटी जब बनें , मन से जो भी खात | स्वाद महक साजौ लगे , #राना साँसी कात || बिर्रा रोटी जब बने , और भटा की साग | #राना कैंथा हो बँटौ ,थरिया लगत पराग || #राना बिर्रा नाज की, रख लो मन में छाप | औसर पै खाबै मिले , नईं चूकियौ आप || *एक हास्य दोहा* धना कात #राना सुनो , कऔ येक- सी बात | बिर्रा से बतकाव से , काय मूड़ तुम खात || ***दिनांक-1-10-2023 बुंदेली दोहा विषय - ठगिया (ठगने वाला) ठगिया जब आबड़‌ बिदै , करतइ भौत थराइ | #राना सबरै देखतइ , ऊँकी जगत हँसाइ || ठगिया भी #राना तकैं , हौतइ फितरत बाज | हाथ साफ यैसौ करैं , चपौ‌ रात है राज || ठगिया की भी गैल से , #राना निकर न पात | गुरयाई-सी बौलकैं , सबखौ खुदइँ बुलात || ठगिया से हो दौसती , #राना भौत डरात | छींटा ऊपै बाद में , पैंलाँ हम पै आत || दमदौरा भारी दयै , #राना कै नइँ पात | ठगिया से भैरौ परैं , अकल न कामै आत || *एक हास्य दोहा -* #राना तुम ठगिया लगत , धना हमारी कात | अपनी बातन से सदा , हमखौं खूब ठगात ||| *** दिनांक-7-10-2023 *बुंदेली दोहा विषय - गरे गौं* आज गरे गौं पर गई , जिनै तनिक पुटयाव | घर में आकै कात है , #राना खाबै लाव || लिपट गरे गौं तास रइ , उनकी अब पंच्यात | कैसें हौबें फैसला , #राना मुड़ी पिरात || उनकौ मौं चउँअर चलौ , खूब दऔ खरयाट | ब्याद गरे गौं पर गई , #राना जुर गइ हाट || ब्याद गरे गौं जानियौ, कभउँ न साजी होय | #राना जीखौं है लगत , मुड़िया पकरै रोय || चमचा देखे येक दिन , परत गरे गौं यैन | सबरै काम नसात है , हौत भौंत है ठैन || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनो , बिदी गरे गौं आन | झूट कयी नइँ जाव जू, सो रुक गय मैमान || ***दिनांक-9.10.2023 बुंदेली दोहा विषय - टूँका( टुकड़ा) टूँका रावन के भयै , #राना गिरकै अंग | लंका जरकै खाक भइ , फीके पर गय‌ रंग‌ || गटा भले ही दो दिखें , नजर एक पर रात | #राना देखत पारखी , कत टूँका में बात || टूँका -टूँका देश कै , करबें की जौ कात | उनखौं #राना दो सबक , जो भी हाथ उठात || टूँका -टूँका जब जुरै , मिलकै कछु बनात | #राना उनखौं देख कै, मन सबकौ मुस्कात || घर कै‌ टूँका जौ करै , करत प्रेम पै घात | #राना साता दूर रत, फिरत दिखैं भैरात || एक हास्य - टूँका उन्ना हौतनन , धना उनै गुड़यात | साफ सफाई जब चलै , #राना खौ पकरात ।। ***दिनांक-14-10-2023 *बुंदेली दोहा विषय - उल्टौ ( विपरीत )* उल्टौ चलकै जौ सदा , #राना करतइ काज | एक दिना घर बैठतइ , और खुजातइ खाज || उल्टौ देत जवाब जौ , सुनकै सूदी बात | #राना उनकी देखतइ , भिनकत है पंच्चात || #राना उतै न जाइये , लैकें कछू सलाह | उल्टौ बिच्छू हो चढ़त , रत हौ लापरवाह || सबइ जनै अब दूर रयँ , जिनकौ उल्टौ काम | #राना उनसै भूल कै , करियौ नईं सलाम || उल्टौ चढ़ रवँ भूत है , #राना पढ़बै मंत्र | जिंदा में जौ चाँट गवँ , नेता बन गणतंत्र || *एक हास्य दुमदार दोहा* धना कात #राना सुनो , उल्टौ ना चिचयाव | मौइ मताई आ रयी , तुम सूदै हौ जाव || यैड सब भीतर रखियौ | सास लौ हाँ हाँ कहियौ |। *** दिनांक-16.10.2023 बुंदेली दोहा विषय- दच्च #राना बचियौ दच्च सैं , करौ सवँर कै काम | भलै बुरै‌ सब चीनियौ , लैकें प्रभु कौ नाम || दच्च लगत #राना जितै , भौत अखर भी जात | आँसत है वह रात दिन , नईं धरौ रख पात || संगत के आधार पै , दच्च मिलै या दाम | #राना दुख -सुख जैइ है , भुन्सारे से शाम || दच्च हमेशा खात है , #राना पाकिस्तान | भारत से जब भी लरत , बनतइ बुदुआँ आन || दच्च लगै से लौ सवँर , #राना सबसैं कात | जौ सवँरै ना चोट खा , बौ फिर खट्टौ खात || एक संदेश दोहा - धना कात #राना सुनौ , दच्च नईं लग पाय | साफ सफाई खुद करैं , दीवाली जब आय || ***दिनांक-21-10-2823 आज नवदुर्गा नवमी की सभी को हार्दिक बधाई शुभकामनाएँ माता रानी आप सबकी मनोकामनाएँ पूरीं करैं | आइयै आज हम सभी ", मइया पूजैं " विषय से दोहा काव्य में , मइ़या पूजा करें | सादर 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बुंदेली दोहा दिवस , विषय - मइया पूजैं मइ़या पूजैं सब जनै , नवदुरगा जब आँय | बुबत जबारै दिन प्रथम , #राना मन खौ भाँय || मइया पूजैं कर हवन , अठबाई का भोग | जाकै सबइ चढ़ात है , #राना नौनें योग || मइया पूजै नारियाँ , करती गरबा आन | और खिलत है डाँडिया , #राना गाबै गान || मइया पूजै लोग भी , झंडा लाल. चढ़ात | #राना फौरत नारियल , खूब प्रसादी पात || अंतिम पूजा‌ हौ नमै , नवदुरगा त्यौहार | मइ़या पूजैं सब जनै , #राना हो जयकार || ***दिनांक-23-10-23 ****** *बुंदेली दोहा विषय - न्योरे - (झुककर )* #राना न्योरे हम गयै , जितै हतै तै संत | प्यारी बानी सै लगै , हमखौं तौ भगवंत || गुनी मुनी सच्चै मिलैं , और वीर विद्वान | न्योरे #राना तब रयैं , देखत खेत किसान || उननौ न्योरे ना करौ , #राना जितै घमंड | यैसन सै मौं फैर कै , उनै दैव सब दंड || न्योरे भी साजै लगै , हौय भलै की बात | पर लम्पा की यैड़ नौ , रुकौ न #राना कात || करौ निहारौ खूब सब , न्योरे करते जाव | पर यैड़ा कुंठित रयै , तुम कितनउँ पुटयाव || एक हास्य दोहा - न्योरे #राना येक दिन , गयै धना पुटयान | ज्यौं पुटयाबै प्रेम सै, त्यौं डिड़याबै आन ||🙏😇 *** दिनांक-28-10-23 *बुंदेली दोहा विषय - डाँड़ (जुर्माना)* जिनखौ लग गवँ डाँड़‌ है , #राना जाऔ चेत | कछू गलत हमसे भयौ , कारौ और सपेत || दै आयै जौ डाँड़़ ‌है , कट गवँ है ‌ चालान | #राना उनसे कात है , आगें दौ अब ध्यान || गलती पै गलती करै , लगे डाँड़ पै डाँड़ | #राना उनखौ जानियौ , बिना नाथ कौ साँड़ || डाँड़ भरै से हौ शरम , करौ न ऐसे काम | गलत काम #राना सदा , करत भौत बदनाम || डाँड़ भरै से है लगत , भयौ गलत कछु काम | इज्जत में बट्टा लगत , चर्चा हौत तमाम || *एक हास्य दोहा -* डाँड़ धना अब दैत है , कत जाऔ इसटैन्ड | बाई मौरी आ रयी , #राना करौ अटैन्ड || ~~~~~~~~~~~~~~~~~ दिनांक-30-10-2023 *** विषय - नब्दा (रौब गांठना) #राना नब्दा पैलबौ , भौत सरल है बात | करौ सदा उपकार खौ , दौ सबखौ सौगात || नब्दा पैलन जब चलै , भइया मूसर लाल | उल्टौ उदरौ चामरौ , #राना फूलै गाल || नब्दा उनके है गठत , मानत उनकी बात | जिनकी #राना है सरल , पूरी भलमनसात || नब्दा भारत कौ दिखै , घूमौ जरा विदेश | #राना सब सम्मान दै , दिखतइ नईं किलेश || नब्दा उनपै है चलत , दबै चपै जौ हौंय | दाँत निपौरैं सब जगाँ, #राना बैठैं रौंय || एक हास्य दोहा - #राना नब्दा पैलतइ , धना रात नाराज | कत टैरे पै नइँ सुनत , तुम मेरी आबाज || *** दिनांक-4-11-2023 *बुंदेली दोहा -नटवा -(छोटा बैल)* लरका ज्वानी दैख कै , #राना घर कै कात | ई नटवा खौं नाथ दौ , डारौ फेरे सात || कूदै नटवा सार में , घर कै सब मुस्कात | बौ भी थुतरी दै रगड़ ,#राना नाक खुजात || नटवा घर में हौय दो , #राना कतइ किसान | बैलन की जोड़ी बनै , खेतन कै मैदान || नटवा अपनै सींग खौ , भौतइ रात खिलात | #राना पेंच लड़ान खौ, अपने सींग फसात || नटवा की #राना कयैं , हौय जितै दो चार | लरका हौ या बैलबाँ , दैतइ भौत दिमार || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , नटवा जीकौ पूत | बौ तौ जा कै ब्याब की , लैबै कितउँ भभूत ||🙏 ***दिनांक-6.11.2023 *बुंदेली दोहा विषय - लच्छमी* ऊकै घर रत लच्छमी , हौतइ खानागान | #राना साजी हो नियत, जीखौं कत ईमान || दौलत से कत लच्छमी, मौरे घर में आइ | मुड़िया #राना लै छुबा , कत है जय हो माइ || बिस्नु प्रिया है लच्छमी ,#राना माता कात | माता भी पुतरा समझ , आशीषें बरसात || दीवारी खौ लच्छमी , घर - घर पूजीं जात | #राना घर के चौक में , मुलकन दिया जलात || घर में आयें लच्छमी , दीवारी ‌की रात | दिया जरै सबकै घरै , #राना भी मुस्कात || *एक हास्य दोहा* धना कात #राना सुनौ , जाँदा ना इतराव | हम घर की है लच्छमी , नगदी सब धर जाव || *** दिनांक -11-11-23 *बुंदेली दोहा विषय - मौनिया* बुंदेली दल मौनिया , है भौतइ मशहूर | खेलत #राना लै डड़ा , जोश भरें भरपूर || किशन सखा ‌ सबरै बनै , मौर पंख लैं धार | कम्मर #राना गलगली, बनें मौनिया यार || कथा मिलत #राना सुनत , जब गइयाँ छिप जाँय | किशन हौत तै मौनिया , ग्वाले खौजन आँय || खेलत बनकै मौनिया , #राना भक्ती रूप | परमा हो गइ पुन्य है , सबखौ लगत अनूप || बारह बरसौ मौनिया , जौन ‌युवक बन जात | गोवर्धन ही पूज‌कै , #राना डड़ा सिरात || ***दिनांक-13-11-2023 बुंदेली दोहा-दाँद ( बहुत गर्मी) #राना हौतइ दाँद जब , टंटे तक लौ जात | कौउ काउ की ना सुनै , उड़ी धूर है खात || दाँद मचाबौ है सरल , शांत करत ना कोउ | #राना सब उकसात है , लरबै बारे दौउ || माते जानौ है प्रथम , दैत गाँठ खौं बाँद | #राना फिर उसकार कै , खूब मचातइ दाँद || दाँद मचत है जब जितै , #राना हौत न शांत | कौउँ सुनत ना काउँ की, धरै रहत दृष्टांत || दैत दाँद अरु दौदरा , दारू खौरा यैन | #राना अब उनकै घरै , कौउ न जातइ कैन || एक हास्य दोहा - धना मचा रइ दाँद है , #राना मुड़ी कुकात | समझ न आ रइ बात है , कायै पै झल्लात || ****दिनांक-18.11.2023 बुंदेली दोहा दिवस , विषय - ब्रम्हा /बिरमा मुड़ी झुका ब्रम्हा परम , #राना करत प्रणाम | कात पितामा भी उनै , आदर से ‌ लै नाम || सबइ प्रजापति देव है , ब्रम्हा जू के पुत्र | #राना रचना विश्व की , जिनने करी पवित्र || चार मुखी ब्रम्हा बनै , सबइ दिशा खौ देख | #राना वेद पुरान में ,यैसौ मिलतइ लेख || तीन प्रमुख भगवान है , ब्रम्हा विस्नु महेश | #राना इनखौ जो भजत , हटतइ सबइ किलेश || दिखतइ बुजरक वेश में , ब्रम्हा जू है नाम | बिटिया उनकी शारदे , ‌ #राना करत प्रणाम || बाकी सबरै देवता , नाती‌ है कैलात | #राना ब्रम्हा पूज कै , सबइ पितामह कात || एक हास्य दोहा - धना कात राना सुनौ , तुमै काम नइँ आत | घर के बस ब्रम्हा बनै , सबपै हुकम जमात || 🙆‍♂️🙋 ***20.11.2023 बुंदेली अप्रतियोगी - इंद्र/ इंदर देवराज इंदर बड़े , #राना जानत नाम | असुर सदा‌ इनसे जरत, और करत संग्राम || #राना सुख बगरौ रहत, इंद्र करैं ना योग | सुरग लोक में बैंठ कै , भोगत सबरै भोग || बृषपति इंद्रन में सुने #राना गुरू मराज | इंद्र बिगारत हाल जब , यैइ समारत काज || पानू जब बरसाव तौ , इंद्र देव ने आन | गौवर्धन से श्याम ने ,#राना टौरौ मान || मानी हौकैं इंद्र जब , #राना करतइ हान | तब त्रिदेव चेतात हैं , भंग करत सब मान || एक हास्य दोहा - #राना से कातइ धना ,इंद्र सनम तुम आव | खैप धरी खाली घरै , ऊमै जल बरसाव || ***दिनांक-25-11-23 *बुंदेली दोहे विषय - भोले / भोला (शंकर जी)" #राना पौतें राख हैं , लयै हात तिरशूल | गरै डरै रुद्राक्ष हैं ,जैसे हौ बै फूल || #राना धूनी है जमी , भोले रत कैलाश | जटा जूट में गंग है , चंदा भरत उजास || भोले जाबै खौ कितउँ , रखैं नादिया बैल | भूत भुतैयाँ मंडली , साफ करत है गैल || धरती पै #राना दिखैं , बारा ज्यौतिरलिंग | महिमा भोले की उतै , बगराती नव रंग || डमरू भौले कौ बजै , नृत्य तानडव हौय | कछू हुई अब बात है , #राना लगतइ मौय || *एक हास्स दोहा -* धना कात #राना सुनौ , तुम भोले के भक्त | भंग चढ़ा मम सामने , काय लगा रय गस्त || 😇 *** *बुंदेली दोहा विषय‌- बैठका* जितै बैठका में सदा, बैठक लोग लगात | चाय पान चलतइ रहत , #राना करतइ बात || कौन बैठका में भई , चार जनन की बात | #राना निरनय का भयौ , सुनबौ सारै चात || सरपंचन कै बैठका , सदा रात गुलजार | #राना सबखौ है लगत , जैसै‌ हौ दरबार || पुजतइ #राना बैठका, जितै न्याय की बात | पंचायत करवान खौ , दौइ दलन कै आत || लौंग लायची पान भी , मिलै तमाकू चिल्म | #राना दैखत बैठका , राखत स्वागत इल्म || *एक हास्य दोहा -* पुज रवँ तुमरौ बैठका, धना गई मुस्काय | #राना स्वागत सूँट कै , कविता रयै सुनाय || 🙏😉 *** दिनांक - 2-12-2023 बुंदेली दिवस - विषय - गौंड़ बब्बा कात गौंड़ बब्बा सबइ , परतइ उनकै पाँव | #राना हौतइ चौतरा , बुंदेली हर गाँव || दैत गौंड़ बब्बा जितै , अपनी चरन भभूत | #राना मातायै कहत , सुखी रात तब पूत || धनी गौंड़ बब्बा सबइ , #राना मिलत प्रभाव | समझें इनखौं गाँव कै , यह है राजा राव || इनकी पूजा जौ करै , #राना परकैं पाँव | कृपा गौंड़ बब्बा मिलै , सुखी रात है गाँव || भरै गौंड़ बब्बा जियै , उयै घौलना कात | गाँवन गाँवन चौतरा , #राना मुड़ी नवात | ***दिनांक-4-12-23 *हिन्दी दोहे विषय - ऊपर वाला / ऊपर वाले* ऊपर वाला जानता , #राना सबके कर्म | किसके कैसे आचरण , कैसा करता धर्म || नैन भले ही दो रखो , रहे दृष्टि पर एक | ऊपर वाला मानिए , #राना जो है नेक || ऊपर वाले की सदा , लीला अपरम्पार | #राना करता न्याय है , और उचित व्यौहार || ऊपर वाले ने यहाँ , #राना दिया प्रकाश | पर मानव करता सदा , अपना स्वयं विनाश || ऊपर वाले पर सदा , #राना रख विश्वास | कर्म सभी अच्छे करो, , मन में रखो उजास || ***दिनांक-5-12-2023 बुंदेली दोहा विषय - गुनताड़ौ (उधेड़बुन ) गुनताड़ौ सब गवँ निपुर , #राना दैखत हाल | तनबै बारन की दिखत , अब लूली है चाल || गुनताड़ौ जाँदा करै , बौइ हौत है फेल | बैठौ मुड़ी खुजात रत , #राना छूटत रेल || गुनताड़ौ अच्छौ करौ , पर ना करियौ देर | नाँतर सिंघा छौड़ कै , #राना मिलै बटेर || गुनताड़ौ भी सब करत , #राना जानत बात | पर इतनी भी ना करौ , जितनी नइँ औकात || दौइ पलीतन देत है , #राना जौ भी तेल | गुनताड़ौ खट्टौ रयै , बिगरत सबरौ खेल || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , गुनताड़ौ सब छौड़ | आटौ चक्की पै धरौ , लै आऔ तुम दौड़ || ***दिनांक 9-12-1 2023 बुंदेली दोहा विषय‌-पुटैया जितै पुटैया ज्ञान की , #राना खुलबै रोज | संत रात जानौ उतै , बाँटैं भक्ती ओज || बँदी पुटैया लाख की , खुली धूर के मोल | #राना रखियौ चाप कै , खुलन न दइयौ पोल || जितै पुटैया में दिखैं , गाँठ लगी दौ चार | #राना जानौ है कछू, गानौं या कलदार || लोग पुटैया बाँद कै, #राना मुस्की लात | सबरै सौचत माल है , चार जगाँ बै कात || कत है दद्दा साव जू , #राना नँईं उधार | ल्याव पुटैया नाज की , या घर से कलदार || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , लैव पुटैया बाँद | चलै चलौ ससुरार तुम , नौनें उन्ना धाँद ||🤑 ***11.12.2823 *बुंदेली दोहा विषय - लच्छन ( लक्षण )* #राना लच्छन सीख लौ , साजै हौ दौ-चार | मन की खलती में रखौ , करौ खूब उपकार || तकुआँ टेड़ौ हौय ना , यैसी करियौ बात | #राना लच्छन सइ रयैं ,तब सब नौनों कात || #राना हम पढ़बै गयै , सीखै लच्छन चार | जीवन की गदबद तकी , जैइ लगै तब सार || #राना लच्छन काम दैं , साजै जब बै हौंय | बिगरै काम सँमार कै , दुक्ख दर्द सब खौंय || लच्छन की पूजा दिखत, बिगरै दैतइ घात | #राना ई संसार में ,जैइ सुनी है बात || हास्य दोहा मटक कँदैला है निगत , गोरी अपनी गैल | कातइ लच्छन है बुरय , #राना के मन मैल || ***दिनांक-16.12.23 *बुंदेली दोहा दिवस , विषय - उदना (उस दिन )* #राना उदना भी तुमै , कौउ न दै लै हाथ | जिदना जानै राम घर , निज करमन के साथ || उदना #राना बैठ कै , हौजै सई हिसाब | ऊकै पैलउँ बाँच लौ ,नौनीं राम किताब || उदना की जिद ना करौ , उदना कभउँ न आय | अबइँ सबइ निपटाय लौ , #राना कै कै जाय || उदना देखौ कौन नें , कौन घरी कब आय | आज हमें साजी दिखै , #राना सइ बतलाय || उदना कर लै काम हम , जौ #राना यह कात | ऊकै जीते जी कभउँ , उदना कभउँ न आत || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनौ , तुम हमसे का चात | उदना की बातें करत , हँस-हँस के मुस्कात || ****दिनांक-18-12-2023 बुंदेली दोहे- अनमने (उदास ) #राना रत जौ अनमने , कितउँ आत ना जात | कौनउँ नौनों काम भी , उनखौं नँईं पुसात || सब पाकैं भी अनमने, जौ मुख खौं लटकात | #राना उनकी सब कथा , भिनकी-भिनकी रात || राम कथा‌ में अनमने , #राना जिनकै भाव | उनकै जीवन में सदा , औंदै परतइ दाव || हुयै देव सब अनमने , #राना बढ़ गय‌ पाप | विस्नु सै सबरै कयैं , लेव जनम अब आप || गोकुल कै भय अनमने , इंद्र भयौ नाराज | #राना तब पर्वत उठा , कृष्ण समारैं काज || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनौ , हौतइ काय अधीर | नइँ रानै है अनमने , आज पकी है खीर ||🙋 ***दिनांक-23-12-2023 बुंदेली दोहा-नाँय (इधर) नाँय माँय #राना तकै , दैखत सबकै हाल | गदा हिरानै से फिरैं , बैढंगी कर चाल || अक्कल पै पथरा परे , पर गइ मोटी खाल | नाँय माँय उनकी दिखत, #राना टिड़ुआ चाल || इतै नाँय बै लूट गय , माँय पकर गवँ माल | #राना बिदी गुचैद है , भड़या भयै हलाल || नाँय माँय से जब चलै , लैजौरा की फौज | #राना मुड़ी कुकात तब , नँईं सूझतइ औज || बंदरा घर में पालकै , #राना अब हैरान | नाँय जौरतइ हम इतै , माँय फिकत सामान || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , नाँय धरौ ना पैर | बाइ माँय मौरी खड़ी , उनकी लै लौ खैर || 😇🙆‍♂️🙋 ***25.22.2024 *बुंदेली दोहा -"खटका"* खटका भी का चीज है , #राना सब डर जात | जब अँधयारी गैल हौ ,सबखौं भौत सतात || नँईं शेर से डर लगै , पर टपका कौ हौत | #राना खटका मन उठै , सुनत कहावत भौत || छत पै खटका हौत जब , #राना मन अकुलात | कारण पूरौ जानबै , घर कै दैखन जात || #राना समधी बायरै , कुंडी रयै बजाय | खुड़कौ सुन खटका भयौ ,समदन दौरी आय || सटका पौनी सब चलै , अटका भी निपटात | पर #राना इतनौ कयैं , खटका कौ डर रात || *एक हल्का हास्य दोहा -* धना कयै खटका पिड़ौ , #राना आधी रात | कीसै बर्रोटी दबै , तुम कर रयँ तै बात || *** बुंदेली दोहा-नऔ (नया) नऔ साल सबखौं रबै , सुख साता से पूर | #राना करतइ कामना , अपुन बनै सब नूर || जय बुंदेली साहित्य कौ , पटल बनें विश्वास | नऔ लिखैं सब मित्रगण ,#राना मिलकैं खास || नऔ; पुरानौ हौत है , #राना ‌ईसुर लेख | ई सै कत रवँ एक सै , आज समय खौं देख || हार पहिन #राना नऔ , गोरी गरौ दिखात | नइ पिसनारी पीसतन , चुरियाँ खूब बजात || #राना जीकौ व्याह हो , नऔ पहिनतइ कोट | नव हौबैं बंदूकची , लैत कभउँ ना‌ ओट || #राना लेखक हौ नऔ , तनिक गलत लिख जात | मिलत उयै संकेत तौ , तुरत सुदारन आत || *दो हास्य दोहे -* धना कात #राना सुनौ , नऔ पाल लवँ शौंक | जितै मिलत मौका तुमै , दैतइ कविता छौंक || 🙏🙆‍♂️ जिनकै घर वाहन नऔ , फुर्र -फुर्र दौड़ात | #राना पकरै‌ हैनडिल , पीं पीं करतइ जात || ***1.1.2024 *बुंदेली-गुलगुलो (मुलायम)* #राना को मन गुलगुलो , सबकै लानै रात | सौचत सब नौनों लिखैं , लैकैं कलम दवात || शब्द पढ़ैं जब गुलगुलो , #राना मन मुस्कात | यैसौ भीतर है लगत , जैसे हौ बरसात || लगत गुलगुलो गाय कौ , छोटौ बछड़ा मौय | #राना पकरै हात से , उयै खिलाबैं सौय‌ || हौत गुलगुला गुलगुलो , गुड़ व्यंजन में नाम | #राना खाकैं देखियौ , सुबह दुपरिया शाम || लगै हात में गुलगुलो , छोटौ- सौ खरगोश | #राना जानै लाड़ बौ, रखतइ इतनौ होश || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , करौ गुलगुलो काम | हरी मटर यह छील दो , फिर कर लौ आराम || ***6-1-2024 ~~~~~~~~~~~~~~~~ बुंदेली दोहे विषय - कोते पूजा जितै पसारबैं ,करैं ईश खौं याद | #राना कोते में मिलत , पत्ता पै परसाद || वोटन कै कोते नँईं , कभउँ लीजियौ दाम | #राना यह अधिकार है , समझौ जौ पैगाम || झूठ गवाही छौड़ दौ , #राना गातइ गान | कोते में रुपया तजौ , राखौ सब ईमान || गइया कै कोते नगद , जौन दैत है दान | पुन्य उनै कम है लगत , यैसी कत विद्वान || दो हास्य दोहे - काजर कै कोते सुनौ , लुअर न लइयौ आँझ | गटा चटक जै रामधइ , दिखै सुबह कौ साँझ || 🙏😁 #राना इस्कूटर मिलै , हती व्याव में आस | कौते में सूटर लयै , समदी आयै पास || 🙆‍♂️🙋😉 *** दिनांक-8-1-2024 बुंदेली- दोहा बिषय नँईं /नँइँ( नहीं) नँइँ में #राना का धरौ , हऔ कयै में सार | जितनी बसकी कर सकौ ,करौ खूब उपकार || नँईं बोल कै चात जौ , फिर सै मौका आय | #राना मूरख चंद वह , कभउँ न लड्डू पाय || नँईं बोलकै हाँ कयैं , मिलतइ इतै तमाम | #राना यैसै लोग सब, सबइ बिगारत काम || नँईंं कयी तौ है नँईं , हऔ कयी तो मान | हाँ ना में जौ झूलतइ , #राना बै‌ नादान || नँईं-नँईं माते करत , पाछै हाँ जू कात | कुठिया में गुर फोर कै , मसकउँ #राना खात || एक हास्य दोहा - धना कहै #राना सुनौ , नँइँ सुनने अब ‌‌ बात | जा रय रैबै मायकै , रानै दिनन बिलात || ***दिनांक-13-1-2024 *बुंदेली- दोहा बिषय -सला (सलाह)* सला सूद अब जा भई , चलौ अजुदया धाम | जब #राना बाईस खौं , लला बिराजें राम || #राना दे रय सब सला , औसर नौनों आज | रामलला हम आ रयै , दैव सबइ आबाज || दैबै बारै है मुलक , नँईं खौजबै जाव | #राना सबकी तुम सला , आज उपत के पाव || सला दैन में सब निपुड़ ,राम आज है नाम | #राना दैखत हाल है , बनौ यैक जौ काम || #राना नौनीं है सला , जय बोलत श्रीराम | पीरी डारौ तौलिया , चलो अजुदया धाम || सला सूद नौनीं बनै , चार जनन कौ गान | #राना मिलबै से मिलत , सबखौं भारी ज्ञान || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , सला हमारी मान | सास तुमारी आ रयी , आज पैलबै ज्ञान || ***दिनांक-15-1-2024 *बुंदेली दोहे- नसेनी (सीढ़ी)* राम नसेनी नाम की , #राना ले लौ थाम | सक्ती से भक्ती करत, पौचौं उनकै धाम || बौइ नसेनी पै चढ़ै , पौंचै जित हैं राम | #राना ई संसार में , जीकै साजै काम || तकत नसेनी राम की , साहस ना कर पाँय | जीकै मन में पाप है, #राना पास न जाँय || राम नसेनी छौड़कैं , जौ भी करै प्रलाप | #राना ऊखौं नइँ मिलत , प्रभू नाम की छाप || येक नसेनी पर परै ,सब जातइँ शमशान | राम नाम ही सत्य है ,#राना सुनतइ गान || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनौ , लगी नसेनी पौर | डिसटेम्पर खौ पौत दौ , साजौ कर लौ ठौर || *** दिनांक-20-1-2024 आज रामलला की जन्मभूमि पर प्राण प्रतिष्ठा हो रही है , सभी मित्रों को बधाई शुभकामनाएँ 🌹🌹🌹🌹🌹 बुंदेली दोहा दिवस सोमबार , विषय - राम #राना शुभ दिन आज है , करौ राम कौ जाप | जन्मभूमि खौं पूज लौ, मिटा सबइ संताप || रामलला मंदिर बनौ , #राना आलीशान | मिलजुर कै पूजन करौ , और गाव प्रभु गान || बीत काल गय पाँच सौ , #राना को संज्ञान | रामलला अब बैठ रय , जन्मभूमि पै आन || राम सदा आदर्श है , राम इतै प्रादर्श | #राना जानत जन्म सै , राम नाम उत्कर्ष || राम लला के नाम पर , बनौ आज इतिहास | सोने कौ यह दिन बनौ , #राना जाने खास || #राना लिखतइ आज है , यह दिनांक बाईस | माह जनवरी राम की , दो हजार चौबीस || *** *बुंदेली दोहा-कुजाने (पता नहीं) उतै कुजाने लोग सब , #राना दौरत जात | पइसा दैं दारू पियै , टेड़े निग के आत || लोग कुजाने कायँ खौ , बिछा लैत है फट्ट | बिना पतै की खाज हो , #राना बीदे गट्ट || आय कुजाने कायँ खौ , समदी यैठत मूँछ | बातन से फटकार रय, #राना अपनी पूँछ || उतै कुजाने खाइ क्यों , #राना धरी मिठाइ | फिर रय घिची दबात अब , भर रय बैठ उकाइ || फिरत कुजाने काय है , माते कक्का आज | #राना गुनतारौ करैं , का है ईकौ राज || *एक हास्य दोहा -* धना कात #राना सुनौ , भीड़ कुजाने आइ | लगत गट्ट है लइ बिदा , तुमने अपनी धाइ || ***दिनांक-27-1-2024 बुंदेली दिवस विषय -ततोस (गुस्सा) जोश है ततोस #राना बुरव , कभउँ न मन में ल्याव | आ जाबै तौ सौच कै , तुरतइँ उयै भगाव || #राना देखत है सदा , हौबे बुरव ततोस | काम बिगारत बौ सबइ , दूर रात सब हौस || जौ भी रयै ततोस में , पाँव कुलैया मार | बकतइ ऊटपटांग है , #राना खाकै खार || चढ़ गय ऊपर झाड़ पै ,भरकैं खूब ततोस | औधै मौं नैचैं गिरैं , #राना खौतइ हौस || नयौ खून लरके रयै , मन में भरै ततोस | हर कारज बौ कर सुफल ,#राना राखत जोस || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ ,रखियौ नँईं ततोस | लाद पुटइया पीठ पै , चलनै है ‌दौ कोस || *** दिनांक-29.1.2024 विषय भन्नाने/भुन्नाने/ (क्रोधित) बै भन्नाने अब लगें ,#राना की सुन बात | माते के संगे फिरत , का कर रयँ तै रात || भन्नाने घर बैठ गय , थुतरी खौं लटकाँय | #राना बिगरी काय है , माते ना बतलाँय || भुन्नानी गइ मायकै ,#राना बउँ धन काल | भुन्नाने समदी लगैं , आये करन वबाल || पतौ न #राना है परत , सौचत चटकत मूड़ | भुन्नाने सरपंच हैं , नाक लगत है सूड़ || करौ प्रेम बतकाव तौ , #राना झुकतइ माथ | भुन्नाने जो सामने , कौउ न दैतइ साथ || एक हास्य दोहा - भुन्नाने तेवर दिखें , धना रयी चिल्लाय | #राना जौरे हाथ है, समझ न कारण आय |। ***दिनांक*3-2-2024 *बुंदेली दोहा - बुरव (बुरा)* #राना बुरव विचारकैं , लोग करत हैं बात | औसर पै चूकैं नँईं , दै बैठत कटु घात || बुरय करै से हौत का , यदि संगै भगवान | #राना कातइ लोग सब , जीतत है ईमान || बुरव करै से हौ बुरव , #राना सुन परिणाम | पर जौ करतइ सब बुरव , ऊकी जानत राम || बुरव मिलै जब आदमी ,#राना रइयौ दूर | घिचिया अपनी भी झुकै, होकर कै मजबूर || अपने खोटे कर्म से , बुरव करत खुद लोग | दोष दैत भगवान खौ, #राना पालैं रोग || कौन दूध कौ है धुलौ , #राना करतइ खोज | खुद खौं देखे आदमी , बुरव हौत कुछ रोज | एक हास्य‌ दोहा - धना कात राना सुनौ , बुरव न सौचौ आज | सास तुमारी आ रई , नँईं समझियौ खाज || 😉🙆‍♂️🙋 *** दिनांक-5-2-2024 *बुंदेली दोहा बिषय- लुगया* लुगया खौ सब चीन लै , सुन उनकौ बतकाव | #राना कथा लुगान -सी , और दैख कैं भाव || एक बात #राना तकी , लुगया करै न शर्म | जौन लुगाई दै बता , कर लै हँसकै कर्म || लुगया खौ लुगया कितउँ , #राना नँईं पुसात | जुरै लुगाई चार जब , निपट अकेलौ आत || हाँ में हाँ करतइ रयै , सुन लुगान की बात | चुगली डंडे खिल्लियाँ , #राना उये पुसात || लूअर दैबे जोग है , लुगया की हर बात | मूड़चटो #राना लगे , करत तीन के सात || एक हास्य दोहा - लुगया बनो लुगाइ कै ,#राना अपनी‌ हौय | कुठिया में गुर फोर कै , खाँव मजै‌ से दौय ||🤭🙏 *** दिनांक-10.2.2024 बुंदेली दोहा विषय - दुता ( चुगलखोर ) कौन दुता कब का करै , #राना समझ न आय | टंटौ जब बड़याव हौ , इनकौ करौ दिखाय || एक दुता हौ गाँव में , आगी - सी परचात | देखत #राना सब जगाँ , झंडा- सौ फैरात || किलकिल #राना हौत है , जितै दुता को हाथ | लरत भिरत सब लोग तब , फौर गुली-सो माथ || बचौ दुता सै सब जनै , लौ इनखौं पहचान | #राना फूँकत कान जै , अपनौ पैलत ज्ञान || दुता -दुता जब दौ जुरै , अपनौ करत बखान | सला गोट में रात है , #राना इनकौ गान || धना का एक संदेश दोहा - धना कात ‌#राना सुनौ , नँईं दुता कौ दोष | खुद खौ रखना चाहियै , भलै बुरय कौ हौश || ***12-2-2024 बुंदेली दोहा विषय‌ -फँदकत ( रूठना) #राना फँदकत औइ लौ , जौ अपनौ ही हौत | राखत पूरौ ख्याल है , सबइ तरा से भौत || फँदकत कौउँ न ऊ जगाँ , जितै नँईं पैचान | चिमाँ जात #राना सबइ , करत नँईं हैरान || फँदकत लरका जब दिखै , अगर सयानों होय | #राना जानें बाप सब , व्याव कराबे रोय || जीजा फँदकत नेग में , कुँवर कलेऊ हौत | फटफटिया है चाउनै ,#राना लेत न औत || घरवारी फँदकत घरै , #राना उयै मनाव | बढ़तइ ईसै प्रेम है , ईकौ भी सुख पाव || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , हम फँदकत है नाँय | पर सोने की लल्लरी , तुमसे आज ‌‌मगाँय || ***दिनांक-17-2-2024 बुंदेली दोहा विषय - गत (हालत ) #राना गत खौं जानियौ , है करमन कौ खेल | जौ भी घानी में डरै , बैसइ निकरै तेल || रावन की गत देखकर , बोले थे श्रीराम | तौरी आई दुरदशा , आज युद्ध की शाम || अंतिम गत में राम जी , #राना जीखौं याद | धन्य सफल बौ जीव है , नँई जनम बरवाद || गत सबकी नौनीं रयै , #राना करत विचार | आकैं ई संसार में , लैबे दैबे प्यार || अब #राना का सौचनें , गत है अपने हात | साजे को फल है मधुर , बुरव देत है घात || एक हास्य दोहा - धना कात #राना सुनौ , गत नौनीं है आज | नुकी धरी पिसिया घरै , पिसबा लाओ नाज || 🙆‍♂️🙋 ***19-2-2024 *✍️ राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़* संपादक "आकांक्षा" पत्रिका संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़ अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ (मप्र)-472001 मोबाइल- 9893520965 Email - ranalidhori@gmail.com © राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
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(मौलिक एवं स्वरचित)

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