Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 24 अक्तूबर 2021

करवाचौथ (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक) संपादक-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (मप्र) भारत


                                करवाचौथ
                   (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
      संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

              जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ 
                   की 70वीं ई-बुक

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

     ई बुक प्रकाशन दिनांक 24-10-2021

        टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
         मोबाइल-9893520965



😄😄😄 बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
              अनुक्रमणिका-

अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)

01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02- प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़(म प्र)
03-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़) 
04-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़ (म.प्र.)
05-गोकुल यादव,बुढेरा (म.प्र.)
06-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा, निवाडी (म.प्र.)
07-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया (म.प्र.)
08- एस आर सरल,टीकमगढ़ (म.प्र.)
09-डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,  बड़ामलहरा (म.प्र.)
10-प्रो.डां.शरद नारायण खरे,मंडला (म.प्र.)
11-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा, टीकमगढ़
12-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा (म.प्र.)
13-अमर सिंह यादव, नौगांव (म.प्र.)
14-एस आर.तिवारी 'दद्दा',टीकमगढ़ (म.प्र.)
15- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)
16- डां.आर.बी.पटेल, छतरपुर  (म.प्र.)
17-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा (म.प्र.)

😄😄😄जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄



                              संपादकीय-

                           -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' 

               साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
            इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे। 
          हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
  हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
           हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
     आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
      एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।     
                 हमारे इस छोटे से प्रयाय से आज यह ई-बुक *करवाचौथ* 70वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
     यह पटल  के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 70 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 73 देश के लगभग 60000 से अधिक पाठक अब  तक पढ़ चुके हैं।
  आज हम ई-बुक की श्रृंखला में  हमारे पटल  जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 69वीं ई-बुक "करवाचौथलेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों  ने बुंदेली दोहा प्रतियोगिता 33-द्वारा  दिये गये बिषय  "करवाचौथ" पर शनिवार दिंनांक-23-10-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच पटल पर पोस्ट की गयी हैं।  अपना आशीर्वाद दीजिए।

  अतं में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
           धन्यवाद, आभार
  ***
दिनांक-24-10-2021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)

                     -राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
                टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
                   मोबाइल-9893520965

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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)



**सप्लीमेंट्री दोहा/ अप्रतियोगी-*

**बुंदेली दोहा बिषय- करवाचौथ

*1*

करवाचौथ मना रईं,
कर सोला सिंगार।
चांद देख शरमा रओ,
गौरी मुस्की मार।।
***
*2*
चांद परीक्षा लेत है,
पत्नी रहत उपास।
बादर में दुक जात है,
जैसै खेलत रास।।
***
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
संपादक-'आकांक्षा' पत्रिका
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
                   मोबाइल-9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मेरी उपरोक्त रचना मौलिक एवं स्वरचित है।)

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02-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)

बिन जल सारे दिन रहै,
करवा चौथ उपास। 
विनती माई सें करै, 
सदा रहै पिय पास।।
***

रोज पुजत पति देवता, 
पूजत करवा चौथ। 
पत्नी पानी नहिं पियत, 
बाकी दिन रही रौंथ।।
🤔😂😂🤔
-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ मप्र

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3-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़ 

रहें निरोगी उमर भर,
दें जीवन भर साथ।              
विनती करवा चौथ मां, 
धरौ मुड़ी पै हाथ।।
***            
          
       -अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़ 
                   
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04-वीरेन्द चंसौरिया, टीकमगढ़ (म.प्र.)


प्यारा करबा चौथ ब्रत, 
हर महिला को भाय।
निराहार रय रात में,
चन्दा पूजन जाय।।
***
   -वीरेन्द चंसौरिया ,टीकमगढ़

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05-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)


पावन करवा चौथ की, 
घर-घर महिमा छाइ।
सदां सुहागन  राखियौ, 
सबखाँ  करवा माइ।।
           ***

सासो  सरगी  सोंपतीं , 
नइ बउ  बाया देत।
पैली  करवा चौथ  के,
 व्रत धारण के  हेत।।

रखें सुहागन निरजला,
 करवा चौथ उपास।
मिलै अखंड सुहाग वर, 
बढ़बै मन विश्वास।।

सधवा करवा चौथ खाँ, 
खूब करत सिंगार।
व्रत  सों  ऐबातीं रतीं, 
पातीं  पियतम प्यार।।

********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी (बुडे़रा)
✍️  -गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)
               
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6-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा,निवाडी (म.प्र.)


 करवा चौथ व्रत रखें,
होंय सुहागिन नार।
चन्दा सें वर मांगबै,
खुसी रहें भरतार।।
***
-रामानंद पाठक नंद ,नैगुवा,निवाडी (म.प्र.)

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

07-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया (म.प्र.)



मनती करबाचौथ है,
वैसें तौ हर साल।
बुरओ हो रहौ रोज पर,
पति-पत्नी कौ हाल।।
    
***  
     -डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया,मप्र

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08-एस आर सरल,टीकमगढ़

  
रखकै करवाचौथ व्रत,
अरज करत है नार।
उमर बढ़े पतिदेव की,
मांगत दुआ हजार।।
    
***      
-एस आर सरल,टीकमगढ़

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***
*09*-डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,  बड़ामलहरा


 करवाचौथ पुआस तौ,
सब यैबातीं रायं।
तकें जुंदैया अटक कैं,
गोर गनेस मनायं।।
***
               -  डॉ देवदत्त द्विवेदी सरस,  बड़ामलहरा

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

*10*  -प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला


दिल में खूबई हौ भरौ,
जब पति लानै प्यार।
तबई चौथ करबा लगै,
सच्चौ सौ त्यौहार।।
                  -प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला
    #####@@@@@#######

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

11-गुलाब सिंह यादव 'भाऊ',लखौरा

रहे जिन्दगी भर पति,
अपनो धर्म निभाऊत।
कर सोला श्रिंगार सब ,
करबा चौथ मनाऊत।।
***
गुलाब सिंह यादव 'भाऊ',लखौरा


***
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

12-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
चंदा जेसो सजन है ,
करबा चौथ बहार। 
पिया मिलन गोरी चली ,
कर सोलह सिंगार।।
***
-डॉ सुशील शर्मा, गाडरवाड़ा
     
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

*13-अमर सिंह यादव, नौगांव
पत्नी करवाचौथ व्रत, 
कर सोलह श्रृंगार।
दीर्घायू पति कामना,
 करे सुहागन नार।।
***
-अमर सिंह यादव, नौगांव
***

***
😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

*16*-एस आर तिवारी, दद्दा, टीकमगढ़
छवि पत्नी मन में लिये,
पति को रही निहार। 
करवा चौथ रखे सदा, 
फूलत घर संसार।।
***
-एस आर तिवारी, दद्दा, टीकमगढ़


😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄

   
15- रामेश्वर गुप्त, 'इंदु', बड़ागांव,झांसी (उ.प्र.)


व्रत रख करवाचौथ कौ 
मांग रईं वरदान।
पति की लम्बी आयु हो, 
सुखी रखैं भगवान।।

***
अरघ चढावें चंद खों, 
छलनी लखें सुहाग।
पूजन करवाचौथ का, 
पूर्ण करे सब मांग।।
***
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी (उप्र.)

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16--डा आर बी पटेल "अनजान",छतरपुर म प्र
अप्रतियोगी दोहा। करबाचौथ

करबाचौथ  उपास जो,
पती की उम्र बढाय ।
नारी पतिव्रता  कहते,
जग में नाम कमाय ।
***
-डां.आर बी पटेल "अनजान",छतरपुर म प्र

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

17-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा

अप्रतियोगी दोहेेेे-
       करवाचौथ
1-
चंद दरश पति दरश हित,
 कर सोलह श्रृंगार।
करवाचौथ व्रत करत हैं,
सदा सुहागन नार।

2-
नारी  निर्जला व्रत रखें,
करवाचौथ विधान।
पति दर्शन पूजन करें,
पावें पुण्य महान।।

3-
करवाचौथ व्रत चल गव,
शहर गांव हर ठांव।
पति परमेश्वर प्रेम सुख,
करवाचौथ कर पांव।।

4-
करवाचौथ व्रत करे सें,
नारी परम सुख पाय।
पति सेवा सुख संपदा।
धरम पुण्य बड़े जाय।

***
-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा

😄😄😄 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄

                               करवाचौथ
                   (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
      संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़

              जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ 
                   की 70वीं ई-बुक

© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'

     ई बुक प्रकाशन दिनांक 24-10-2021


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5 टिप्‍पणियां:

Anshu ने कहा…

Very nice collection

pramod mishra ने कहा…

बहुत बढ़िया

Vidya Chouhan ने कहा…

सभी दोहे बेहतरीन🌹🌹👌👌👏👏

_विद्या चौहान

rajeev namdeo rana lidhori ने कहा…

धन्यवाद मेम

rajeev namdeo rana lidhori ने कहा…

धन्यवाद श्री मिश्रा जी