Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 24 नवंबर 2013

राजीव नामदेव 'राना लिधौरी-चुनाव कविता-''गंगा नहाये

कविता-''गंगा नहाये
सरकारी कर्मचारी,
हाय! कैसी ये लाचारी।
चुनाव में लगी डृयूटी,
अब कैसे रहे ब्यूटी।
जिंदा वापिस आये,
तो समझों गंगा नहाये।
डयूटीके नाम से तो,
बुखार ही चढ़ जाये।
ऐसे चुनाव से तो राम बचाये।।

-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी
        संपादक 'आकांक्षा पत्रिका
       अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
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