Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 6 दिसंबर 2015

म.प्र.लेखक संघ कीे 204वीं गोष्ठी ‘छन्द’ पर केन्द्रित हुई 6-12-2015




rajeev namdeo rana lidhoriप्रेम की कड़ी,विश्वास से जोडि़ये..........राना लिधौरी
म.प्र.लेखक संघ कीे 204वीं गोष्ठी ‘छन्द’ पर केन्द्रित हुई

  टीकमगढ़//‘ गायत्री शक्तिपीठ छन्द’ पर केन्द्रित आयोजित की गयी जिसके मुख्य अतिथि बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमलचन्द्र ‘बजाज’ रहे व अध्यक्षता कुण्डेश्वर के साहित्यकार पं.गुणसागर सत्यार्थी ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में सीताराम राय रहे।
सर्वप्रथम पूरन चन्द्र गुप्ता सरस्वती वंदना‘ कर दोहे सुनाया-दया धर्म कौ मूल है, है सदगुण की खान।
                                दया बिना नहि पा सकें,बिनय षील अरु ज्ञान।।
सीताराम राय ने सुनाया -गंगा जमनी बहते है यह सुगंध समीर।
            हर मजहब फलफूल रयो कबहु ना कीहू पीर।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ‘हाइकु’ और ‘ताका’ छन्द सुनाये-
 प्रेम की कड़ी,विश्वास से जोडि़ये,सत्य खोजिए,
  मन को शांति मिलेगी, कडी मत तोडि़ये।।

सचिव रामगोपाल रैकवार ने हाइकु सुनाये-सरसों फूली,बासंती मादकता,तन को भूली।।
ग्राम बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमलचन्द्र ‘बजाज’ ने पढ़ा-
हम मानव को गले से लगाने लगे। हम अभिमान को मन से हटाने लगे।
हम ब्रह्म की बाती जलाने लगे। अंधेरे सब जीवन के जाने लगे।।
ग्राम लखौरा से पधारे बुन्देली कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढ़ा पर्यावरण को देश में,बहुत जात प्रभाव।
                                प्रकृति संपदा क्षीण से आफत का अभाव।।   
शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र ने ग़ज़ल पढ़ी- कान मशीने मुँह बत्तीसी,आँख पे चश्मा डाले है।
  उम्र रसीदा मेंदेखें तो खुद को खूब संभाले है।।
शांति कुमार जैन ने कविता पढ़ी- ये रात चाँदनी फिर कहाँ कब मिलेगी। जब तुम्हीं मेरे साथ दिल में न रहोगी।।
भारत विजय बगेरिया ने कविता पढ़ी-    एक बार जंगल में शेर की हुई सगाई।
बंदर ढोल बजा रहे थे,कोयल बजा रही थी शहनाई।
अवध बिहारी श्रीवास्तव ने कविता पढ़ी- कुछ ऐसा काम करो,दुनिया में अपना नाम करो।
    उमर बीत गयी चलते,चलते अब तो कुछ उपकार करो।।
बी.एल जैन ने कविता पढ़ी- भइया यदि जीना है सुख तो दुःख को सुख ही मानो।
अभिनंदन गोइल ने आदि नाथ के जन्म कल्याण पर अधारित गीत पढ़ा- तीन ज्ञान के धारी भगवन, आज लियो अवतार।
अजीत श्रीवास्तव ने व्यंग्य ‘खोजी’ पढ़ा।
इनके अलावा गुणसागर ‘सत्याथी’,विजय कुमार मेहरा आदि ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी। गोष्ठी संचालन रामगोपल रैकवार ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन पूरनचन्द्र गुप्ता’ ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
     अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
    मोबाइल-9893520965,   

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