Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 4 दिसंबर 2016

‘बुन्देली’ पर हुई कवि गोष्ठी date-4-12-2016












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‘बुन्देली’ पर हुई कवि गोष्ठी   date-4-12-2016
टीकमगढ़/यूनीक एयूकेशलन अकेडमी स्कूल चकरा,सिद्धखान रोड, में म.प्र.लेखक संघ’ जिला इकाई टीकमगढ़ की 218 वीं गोष्ठी ‘बन्देली’ पर हुई जिसके मुख्य अतिथि आचार्य पं.दुर्गाचरण शुक्ल रहे व
अध्यक्षता प.हरिविष्णु अवस्थी ने की
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में कुण्डेश्वर से पधारे
प.गुणसागर सत्यार्थी एवं डॉ. दुर्गेश दीक्षित रहे।
श्री गणेश एवं सरस्वती वंदना के पश्चात
ग्राम नदनवारा से पधारे कवि शोभराम दांगी ने कविता पढ़ी-
बडे हरे भरे पेडन सें देखों कैसों दोरो, जम रव।
जीके दोरे पेड़ो नइयाँ उकौं कैसों लगरव।।
बल्देवगढ़ से पधारे कवि कोमलचन्द्र बजाज ने पढ़ा-
मान त्याग दे तू जीवन में मिल जाये,अविनाशी है।
ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने पढ़ा-
‘अब नये लरका बिगरत जा रय,अपने मन कौ चा रये।
ग्राम पठा से आये कवि सीताराम राय ने पढा-
‘‘होत भुन्सरा गुफना लेके चल दईदारे रे।
हँसमुख गोलमटोल है मुईया उगर की वारी रे।
सीमा श्रीवास्तव ने पढ़ा-
हमने कइ धन्ना सेठ सो बाबूलाल चौक गये।
काय के आदे बार दय,आदे जमडार में डार दय।
गणेश पन्ना लाल शुक्ला ने अपनी प्रसिद्ध बुन्देली कविता
‘‘जे है बुन्देली पाव’’ सुनायी।
म.प्र. लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने
बुन्देली कुण्डलियाँ सुनाई-
दारू में गुन भौत है दारू करती ढैर,
दारू से कई इक मिटे पार लगे न फेर।।
कह ‘राना’कविराय दारू है चाल बिकारू।
जो अपनों हित चहे
कभऊँ न पीवे दारू।।
सियराम अहिरवार ने रचना पढ़ी-
जनवा हैं पर जानत नईया,बात काउ की मानत नईया।
बिन सींगन के नटवा हो गये, अपने वे पहचानत नईयाँ।।
हाजी ज्फरउल्ला खां ‘जफ़र’ ने ग़ज़ल पढ़ी-
सुन कें हँस रय काय जफर तुम अपनी बीती सबे सुनाई।।
कृष्णकिशोर रावत ने कविता सुनायी-
परिंदो ने बना लिये नये घर,जंगलों से आ गये है शहर।।
डी.पी.शुक्ला ने कविता सुनायी-
ई देश के लाने सवई जौ कर दओ,
पास पडौस एक कोने में धर दओ।
पूरन चन्द्र गुप्ता ने कविता पढ़ी-
परनकुटी पै पैरों देरय,लक्ष्मण भइया बलधारी।
देखत है सब नरनारी।।
आर.एस.शर्मा ने कविता पढ़ी-
नोट भी बदल रहा, सोच भी बदल रही मेरा देश भी बदल रहा।
बी.एल.जैन ने कविता पढ़ी-
भाई मैंने देखा एक खोटा सिक्का आंतकवाद पर अधारित।

इनके अलावा डॉ.डी.पी.,खरे, वीरेन्द्र चंसौरिया, रामगोपाल रैकवार ,विजय मेहरा, आर.एस.शर्मा, परमेश्वरीदास तिवारी,मुन्ना मिश्रा,डी.पी.यादव, दयालीराम विश्वकर्मा, संजय त्रिपाठी,एस.अहलावत,आदि ने भी अपने विचार रखे।
गोष्ठी संचालन राजीव नामदेव राना लिधौरी’ ने किया
एवं सभी का आभार प्रदर्शन डॉ.महेन्द्र विश्वकर्मा ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,

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