हे चोटी कटवा दम है तो किसी नेता की पत्नी की चुटिया काटकर दिखाओं-राना लिधौरी
म.प्र.लेखक संघ की 227वीं कवि गोष्ठी ‘हिन्दी’ पर हुई-
टीकमगढ़//‘ डे केयर’ राजमहल परिसर में म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ की 227वीं गोष्ठी ‘राज भाषा हिन्दी’ पर केन्द्रित रही, जिसमेें मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार आर.एस. शर्मा रहे व अध्यक्षता वरिष्ठ बाल साहित्यकार भारत विजय बगेरिया ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप शासकीय जिला पुस्तकालय के लइब्रेरियन विजय कुमार मेहरा’ रहेे।
दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ ने पढ़ा-हिन्दी हर मानव की बानी सबकी जानी मानी,
मातृभाषा है जा सबकी, रसिक रसीली रानी।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने सुनाया-गजब जमाना आ गया, जेल में बाबा आ गया।।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ‘चोटी कटवा’ पर व्यंग्य सुनाकर सबको खूब हँसाया-
हे चोटी कटवा तुम अपनी उपस्थिति दिखाओ।
दम है तो किसी नेता की पत्नी की चुटिया काटकर दिखाओं।।
ग्राम पठा से पधारे सीताराम राय’ नेे कवि गोष्ठी का आगाज किया-
हिन्दी तो लाडली बेटी,भारत के भाल की बिन्दी।
वतन की आन वान शान और सम्मान है हिन्दी।।
अनवर खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल पढ़ी-हाँ यकीनन है माँ मिरी हिन्दी। ऐ जो उर्दू है मेरी खाला है।।
युवा कवि रविन्द्र यादव ने सुनाया- सुनलो मेरी वानी, रे मेघा, वर्षा दइयो पानी।।
भारत विजय बगेरिया ने कविता सुनायी- मेरी हिन्दी महान, मेरी हिन्दी महान।।
ग्राम लखोरा से पधारे गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ नेे सुनाया-
राष्ट्रभाषा हिन्दी को कर दो ये हिन्दुस्तानी नारा है।
हिन्दीभाषा हिन्दुस्तान की गंगा कैसी धरा है।।
आर. एस. शर्मा, ने पढा- अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के बाद,अब प्रश्न अंग्रेजी से आजादी का है।
डी.पी. शुक्ला ‘सरस’ ने कविता पढ़ी- बुन्देलखण्ड में हिन्दी की है
.कृृष्ण किशोर रावत ‘किस्सू’ ने कविता पढ़ी-प्रेयसी का वर्णन अभी मुख पर श्रृंगार आने को है।
बी.एल. जैन ने कविता पढ़ी-जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
पूरनचन्द्र गुप्ता, ने पढ़ा- हिंदी की ंिबंदी से निकला, जनमन का ये मान है।
भारत तो देष हमारा हिन्दी हिन्दुस्तान है।।
प्रभुदयाल गुप्ता ने कविता सुनायी- ताला बोले ताली से, ढूँढों मेरी चाबी को,
जो चाबी-चाबी करता है,प्रभु उसको दे दो अक्ल की चाबी।।
अबध विहारी श्रीवास्तव ने कविता पढ़ी-हिन्दी का सम्मान करो, हिंदी अपनी माँ है।
लइब्रेरियन विजय कुमार मेहरा ने कहा कि-‘हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक प्रांत में प्राथमिक स्तर पर हिन्दी अनिवार्य होना चाहिए इसके लिए नीति निर्माता को ध्यान देना चाहिए।’
इनके अलावा डी.पी. शुक्ला ‘सरस’, बालमुकुन्द प्रजापति डे केयर, रामेश्वर राय परेदेशी, ,प्रमोद गुप्ता, धर्मदास साहू, विन्द्रवन नामदेव, कौशल किशोर चतुर्वेदी, आदि ने अपने विचार रखे। संचालन गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़, मोबाइल-9893520965,
म.प्र.लेखक संघ की 227वीं कवि गोष्ठी ‘हिन्दी’ पर हुई-
टीकमगढ़//‘ डे केयर’ राजमहल परिसर में म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ की 227वीं गोष्ठी ‘राज भाषा हिन्दी’ पर केन्द्रित रही, जिसमेें मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार आर.एस. शर्मा रहे व अध्यक्षता वरिष्ठ बाल साहित्यकार भारत विजय बगेरिया ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप शासकीय जिला पुस्तकालय के लइब्रेरियन विजय कुमार मेहरा’ रहेे।
दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ ने पढ़ा-हिन्दी हर मानव की बानी सबकी जानी मानी,
मातृभाषा है जा सबकी, रसिक रसीली रानी।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने सुनाया-गजब जमाना आ गया, जेल में बाबा आ गया।।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने ‘चोटी कटवा’ पर व्यंग्य सुनाकर सबको खूब हँसाया-
हे चोटी कटवा तुम अपनी उपस्थिति दिखाओ।
दम है तो किसी नेता की पत्नी की चुटिया काटकर दिखाओं।।
ग्राम पठा से पधारे सीताराम राय’ नेे कवि गोष्ठी का आगाज किया-
हिन्दी तो लाडली बेटी,भारत के भाल की बिन्दी।
वतन की आन वान शान और सम्मान है हिन्दी।।
अनवर खान ‘साहिल’ ने ग़ज़ल पढ़ी-हाँ यकीनन है माँ मिरी हिन्दी। ऐ जो उर्दू है मेरी खाला है।।
युवा कवि रविन्द्र यादव ने सुनाया- सुनलो मेरी वानी, रे मेघा, वर्षा दइयो पानी।।
भारत विजय बगेरिया ने कविता सुनायी- मेरी हिन्दी महान, मेरी हिन्दी महान।।
ग्राम लखोरा से पधारे गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ नेे सुनाया-
राष्ट्रभाषा हिन्दी को कर दो ये हिन्दुस्तानी नारा है।
हिन्दीभाषा हिन्दुस्तान की गंगा कैसी धरा है।।
आर. एस. शर्मा, ने पढा- अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के बाद,अब प्रश्न अंग्रेजी से आजादी का है।
डी.पी. शुक्ला ‘सरस’ ने कविता पढ़ी- बुन्देलखण्ड में हिन्दी की है
.कृृष्ण किशोर रावत ‘किस्सू’ ने कविता पढ़ी-प्रेयसी का वर्णन अभी मुख पर श्रृंगार आने को है।
बी.एल. जैन ने कविता पढ़ी-जय हिन्दी, जय हिन्दुस्तान।
पूरनचन्द्र गुप्ता, ने पढ़ा- हिंदी की ंिबंदी से निकला, जनमन का ये मान है।
भारत तो देष हमारा हिन्दी हिन्दुस्तान है।।
प्रभुदयाल गुप्ता ने कविता सुनायी- ताला बोले ताली से, ढूँढों मेरी चाबी को,
जो चाबी-चाबी करता है,प्रभु उसको दे दो अक्ल की चाबी।।
अबध विहारी श्रीवास्तव ने कविता पढ़ी-हिन्दी का सम्मान करो, हिंदी अपनी माँ है।
लइब्रेरियन विजय कुमार मेहरा ने कहा कि-‘हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक प्रांत में प्राथमिक स्तर पर हिन्दी अनिवार्य होना चाहिए इसके लिए नीति निर्माता को ध्यान देना चाहिए।’
इनके अलावा डी.पी. शुक्ला ‘सरस’, बालमुकुन्द प्रजापति डे केयर, रामेश्वर राय परेदेशी, ,प्रमोद गुप्ता, धर्मदास साहू, विन्द्रवन नामदेव, कौशल किशोर चतुर्वेदी, आदि ने अपने विचार रखे। संचालन गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़, मोबाइल-9893520965,
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