म.प्र.लेखक संघ की ‘मदर्स डे’ पर 248वीं गोष्ठी हुई
टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 248वीं गोष्ठी ‘‘मदर्स डे’ पर केन्द्रित कवि गोष्ठी ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी।
गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री आर.एस.शर्मा जी ने की त
था मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्री सियाराम अहिरवार जी रहे एवं
विशिष्ट अतिथि बुंदेली कवि दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ जी रहे।
वरिष्ठ गीतकार सीताराम राय ‘सरल’ सरस्वती वंदना कर गोष्ठी का शुभारंभ किया-
सुर सरगम की सरिता बहा दे, शारदे ताल से ताल मिला दे।।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने ‘माँ’ पर कविता पढ़ी-
जीवन पथ पर अमिट छाप सी लगती है।
मुझे तो यह माता मरियम मदर टेरेसा लगती है।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- हाथ जोड़कर कीजिए माता का सम्मान,
घर में खुशहाली रहे हो जाये कल्याण।।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा- माँ तुम प्यार हो ,दुलार हो, उंगली पकड़कर चलना सिखाया।
कष्टों में रहकर हम सबको सुख पहुँचाया।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- जब जब चाहो जितना चाहो माँ की गोद में खेलो।
गोद तुम्हारी माँ भी तुम्हारी जब चाहों गोद में खेलो।।
सियाराम अहिरवार ने पढ़ा-निःस्वार्थ भाव से सेवा करना माँ से सीखे कोई।
प्यार भरा संसार बसाना माँ से सीखे कोई।।
दीनदयाल तिवारी ने पढ़ा- मोहमीय,ममतामयी सर्वगुणों की खान, माता तो सर्वोच्च है कहता वेद पुरान।
पलेरा के रविन्द्र यादव ने पढ़ा-रास्ते है तुमसे उर मंजिले है तुमसे माँ।
है चल रही जो जिन्दगी,हर सिलसिते है तुमसे माँ।।
अनवर खान ‘साहिल’ ने गजल पढ़ी- कहीं दीवार पे माँ लफ़्ज लिख दिया मैंने।
तमाम रात मिरे घर में रोशनी चमकी।।
प्रेम नारायण विश्वकर्मा ने सुनाया-माँ तो जन्नत है, माँ नहीं तो दिक्कत है।।
रामेश्वर राय ‘परदेशी’ ने सुनाया-होती माँ बच्चों की भगवान,भक्त सम होती है संतान।।
बी.एल. जैन ने सुनाया-एक अक्षर नाहै जो सदा मना करता आया है,
दूसरा अक्षर ‘माँ’ है जिसने सभी को गोद समाया।।
पूरनचन्द्र गुप्ता ने सुनाया-कोमल हृदय दयामय पावन,त्यागमूर्त बलिदानी माँं।
जिसके चरणों मेंजन्नत है, माँ बिन सब खोता है।।
इनके अलावा विजय मेहरा,डी.पी. यादव एडवोकेट ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
गोष्ठी का संचालन रविन्द्र यादव ने किया तथा सभी का आभार वीरेन्द्र चंसौरिया ने माना।
---
रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल-9893520965
kavi sammelan tikamgarh-rana lidhori
टीकमगढ़// साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 248वीं गोष्ठी ‘‘मदर्स डे’ पर केन्द्रित कवि गोष्ठी ‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी।
गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री आर.एस.शर्मा जी ने की त
था मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्री सियाराम अहिरवार जी रहे एवं
विशिष्ट अतिथि बुंदेली कवि दीनदयाल तिवारी ‘बेताल’ जी रहे।
वरिष्ठ गीतकार सीताराम राय ‘सरल’ सरस्वती वंदना कर गोष्ठी का शुभारंभ किया-
सुर सरगम की सरिता बहा दे, शारदे ताल से ताल मिला दे।।
म.प्र.लेखक संघ के अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने ‘माँ’ पर कविता पढ़ी-
जीवन पथ पर अमिट छाप सी लगती है।
मुझे तो यह माता मरियम मदर टेरेसा लगती है।।
परमेश्वरीदास तिवारी ने पढ़ा- हाथ जोड़कर कीजिए माता का सम्मान,
घर में खुशहाली रहे हो जाये कल्याण।।
आर.एस.शर्मा ने पढ़ा- माँ तुम प्यार हो ,दुलार हो, उंगली पकड़कर चलना सिखाया।
कष्टों में रहकर हम सबको सुख पहुँचाया।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- जब जब चाहो जितना चाहो माँ की गोद में खेलो।
गोद तुम्हारी माँ भी तुम्हारी जब चाहों गोद में खेलो।।
सियाराम अहिरवार ने पढ़ा-निःस्वार्थ भाव से सेवा करना माँ से सीखे कोई।
प्यार भरा संसार बसाना माँ से सीखे कोई।।
दीनदयाल तिवारी ने पढ़ा- मोहमीय,ममतामयी सर्वगुणों की खान, माता तो सर्वोच्च है कहता वेद पुरान।
पलेरा के रविन्द्र यादव ने पढ़ा-रास्ते है तुमसे उर मंजिले है तुमसे माँ।
है चल रही जो जिन्दगी,हर सिलसिते है तुमसे माँ।।
अनवर खान ‘साहिल’ ने गजल पढ़ी- कहीं दीवार पे माँ लफ़्ज लिख दिया मैंने।
तमाम रात मिरे घर में रोशनी चमकी।।
प्रेम नारायण विश्वकर्मा ने सुनाया-माँ तो जन्नत है, माँ नहीं तो दिक्कत है।।
रामेश्वर राय ‘परदेशी’ ने सुनाया-होती माँ बच्चों की भगवान,भक्त सम होती है संतान।।
बी.एल. जैन ने सुनाया-एक अक्षर नाहै जो सदा मना करता आया है,
दूसरा अक्षर ‘माँ’ है जिसने सभी को गोद समाया।।
पूरनचन्द्र गुप्ता ने सुनाया-कोमल हृदय दयामय पावन,त्यागमूर्त बलिदानी माँं।
जिसके चरणों मेंजन्नत है, माँ बिन सब खोता है।।
इनके अलावा विजय मेहरा,डी.पी. यादव एडवोकेट ने भी अपनी रचनाएँ सुनायी।
गोष्ठी का संचालन रविन्द्र यादव ने किया तथा सभी का आभार वीरेन्द्र चंसौरिया ने माना।
---
रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
जिलाध्यक्ष-म.प्र. लेखक संघ,टीकमगढ़
टीकमगढ़ (म.प्र.)
मोबाइल-9893520965
kavi sammelan tikamgarh-rana lidhori
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें