Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 29 जुलाई 2019

वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की ‘कथा कोश’ पर हुई कथा गोष्ठी’












वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की ‘कथा कोश’ पर हुई कथा गोष्ठी’
Date-28-7-2019 Tikamgarh (m.p.)

टीकमगढ़// रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय एवं रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वकला एवं संस्कृति केन्द्र भोपाल द्वारा संचालित वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की ‘‘कथा गोष्ठी’’,‘आकांक्षा’ पब्लिक स्कूल,टीकमगढ़ में आयोजित की गयी। गोष्ठी की अध्यक्षता कथाकारा गीतिका वेदिका जी ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिविष्णु अवस्थी जी रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप के शायर  हाजी जफरउल्ला खां ‘जफ़र’ रहे।
सरस्वती बंदना कर गोष्ठी का शुभांरभ करते हुए रविन्द्र यादव ने पढा-
तुमसे बहती ज्ञान की गंगा, तुम से तन मन चंगा मंगा। माँ जय हो,मैया जय हो।
सर्वप्रथम वनमाली सृजन पीठ केन्द्र टीकमगढ़ के अध्यक्ष एवं संयोजक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि अब जुलाई माह से 12 साहित्यिक पत्रिकायें वनमाली सृजन केन्द्र में पढ़ने के लिए आने लगी हैं जिसमें प्रमुख रूप से हंस, वागर्थ, कथा देश, तद्भव, अक्षरा,समय के पाखी, रंग संवाद,पहले पहल, इलेक्ट्रिनिकी,आदि के साथ-साथ अनेक प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकंे भी पढ़ने को मिलेगी। इससे पाठकों को और भी अधिक पढ़ने को मिलेगा और वे नया सृजन कर सकेगे। टीकमगढ़ केन्द्र द्वारा एक पुस्तकालय स्थापित किया गया है,जिसमें लेखकों की पुस्तकों के अलावा वर्तमान में प्रकाशित प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकायें भी पढ़ने को मिलने लगी है। 
‘कथा मध्यप्रदेश’ कहानी खण्ड-3 की समीक्षा करते हुए पं.हरिविष्णु अवस्थी जी ने कहा कि-‘म.प्र.कथा कोश’ में संपादक ने कहानियों का चयन बहुत सोच विचार कर किया है संकलन की लगभग सभी कहानियाँ अच्छी है जो पाठकों को बाँधे रखने की शक्ति रखती है कहानियों की भाषा सहज,सरल एवं बोघगम्य है सम्पादक बधाई के पात्र है। मुझे माता चरण मिश्र की कहानी ‘शेरवानी’ बहुत पंसद आयी।
श्री अजीत श्रीवास्वत ने ‘कथा मध्यप्रदेश’ कहानी खण्ड-4 समीक्षा करते हुए कि-इसमें ‘आस पास से उठाई कहानियाँ है। इस खंड में कहानियों में विविधता भी हैं उन्होंने कहा कि महिला कथाकारों पर भी इस प्रकार का कोश निकलना चाहिए। ‘स्वीटी’ कहानी और ‘पन्ना लाल का जूता’ विशेष पसंद आयी है।
‘कथा मध्यप्रदेश’ कहानी खण्ड-4 की पाठकीय प्रक्रिया देते हुए अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने कहा कि- इस खंड में वैसे तो सभी कहानियाँ अच्छी है लेकिन मुझे राजेन्द्र चंद्र कांत राय की कहानी ‘‘गुलामों का गणतंत्र’’बहुत पसंद आयी। इनके अलावा ‘कुतुब एक्सपे्रस’,श्री विलास गुप्ते की कहानी ‘‘ ‘‘पन्नालाल के जूते ’’भी पसंद आयी। कथाआंे पर क्रमिक शोध कार्य हेतु श्री संतोष चैबे जी सहित पूरा संपादक मंडल बधाई का पात्र है।’’ 
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं गीतिका वेदिका ने कहानी ‘नीलू’ कहानी सुनायी। सियाराम अहिरवार ने ‘‘अपने पैरों पर’ कहानी सुनायी। इसमें अलावा परमेश्वरी दास तिवारी,रविन्द्र यादव,विकास नापित,राजेश्वर पाराशर ‘राज’ ,श्रीमती उमा पाराशर, आदि ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी का संचालन अध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने किया तथा सभी का आभार रविन्द्र यादव ने माना।
गोष्ठी के अंत में म.प्र.लेखक संघ के सक्रिय सदस्य एवं लाइब्रेरियन श्री विजय मेहरा जी के पिता श्री वनवारीलाल मेहरा के आकस्मिक निधन पर दो मिनिट का मौन रखकर सभी ने उन्हंे अपनी श्रृद्धांजलि दी। 
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-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष एवं संयोजन-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
 टीकमगढ़ मोबाइल-9893520965
E Mail-   ranalidhori@gmail.com
                                              Blog - rajeev rana lidhori.blogspot.com

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