Study tour- devgarh (Lalitpur) up
Dãte-28-7-2024
संयोजक-
श्री विजय मेहरा जी (लाइब्रेरियन)
शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़
*ऐतिहासिक जानकारी, सौंदर्य दर्शन और रोमांच से परिपूर्ण रही अध्ययन यात्रा*
रविवार दिनांक-28-7-2024 को शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ द्वारा ऐतिहासिक पर्यटक स्थल देवगढ़ के लिए अध्ययन यात्रा का आयोजन किया गया.
इस अध्ययन यात्रा मे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र, पुस्तकालय के सदस्य और नगर के साहित्यकार सहभागी रहे.
ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पुरातत्व की जानकारीयों से परिपूर्ण देवगढ़, प्राचीन हिंदू मंदिर, स्मारक, जैन मंदिर, बेतवा नदी घाट और खूबसूरत पहाड़ों के लिए विश्व विख्यात है. देवगढ़ अध्ययन यात्रा में शामिल छात्रों, सदस्यों और नगर के साहित्यकारों ने भारतीय संस्कृति के विविध आयाम, गौरवमयी भारतीय इतिहास के साक्ष्य और प्राचीन नगर परियोजना का अध्ययन किया.
छात्रों ने इस अध्ययन यात्रा को अपने जीवन का नया अनुभव बताया. छात्र पवन सोनी ने कहा कि- भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व को जानने की दृष्टि से यह अध्ययन यात्रा हमेशा स्मरणीय रहेगी. शिक्षक व युवा कवि श्री रविन्द्र यादव ने कहा कि -इस प्रकार की अध्ययन यात्राएं अपने इतिहास और संस्कृति से जुड़ने के लिए कई पुस्तकें पढ़ने के बराबर होती हैं.
वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' जी ने कहा कि- अध्ययन यात्राएं समाज, संस्कृति और इतिहास को समझने की सशक्त माध्यम होती है.
शोध छात्र श्री सचिन जैन ने कहा कि- ऐतिहासिक पर्यटक स्थल देवगढ़, हिंदू, जैन और बौद्ध संस्कृति का समागम स्थल है जहां वास्तव में भारतीय सनातन परंपरा के दर्शन होते हैं.
अध्ययन यात्रा के दौरान प्रसिद्ध गुप्तकालीन दशावतार मंदिर, देवगढ़ का किला, प्राचीन वराह मंदिर, सुंदर और मनमोहन राजघाट, नाहरघाट, दुर्लभ जैन मंदिर और प्रतिमाएं, प्रारंभिक बौद्ध गुफाएं और प्रतिमाओ को देखा गया और अध्ययन किया गया.
यात्रा के दौरान शासकीय जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक ई पत्रिका 'युवा विमर्श' के द्वितीय अंक का भौतिक विमोचन भी किया गया.
इस अध्ययन यात्रा में छात्रों को पांचवी छठवीं शताब्दी में निर्मित स्मारक, कलाकृतियां, मूर्तियां, शिलालेख , प्राचीन लिपि, वैज्ञानिक विधि से निर्मित नदी घाट, देव कुलिकाएं, गुफाएं, प्राचीन जैन मूर्तिशाला और प्रतिष्ठित व्यापारियों द्वारा निर्मित बौद्ध गुफाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई.
भारतीय संस्कृति के संधान में नदियों की भूमिका, स्मारक और कलाकृतियो के निर्माण में कलाकारों की निपुणता, कौशलता और प्राचीन भारतीय समाज को प्रभावित करने वाले तत्वों पर संगोष्ठी का आयोजन भी अध्ययन यात्रा में किया गया.
यात्रा में शामिल डॉ. दीपक नाग ने यात्राओं को व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सहायक बताया और युवाओं से इस तरह की अध्ययन यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया. ई पत्रिका युवा विमर्श की संपादक डॉ विनीता नाग ने इस अध्ययन यात्रा को सफल, सुखद और आनंदमयी बताया.
देवगढ़ अध्ययन यात्रा में श्री प्रशांत जैन, श्री अमर कुमार, श्री दीपक अग्रवाल, उदयभान पाल, श्रीमती सरोज नाग, किनाया नाग, अक्षांश मेहरा और अध्ययन यात्रा के आयोजक, संयोजक पुस्तकालय अध्यक्ष श्री व्ही. के. मेहरा शामिल रहे।
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रपट- व्ही. के. मेहरा
@mehra
GDL Tikamgarh
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