पद्मश्री श्री राम सहाय पांडेय को विनम्र श्रद्धांजलि:-*
पद्मश्री श्री राम सहाय पांडेय को विनम्र श्रद्धांजलि:-*
जैसीनगर (सागर) बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकनृत्य राई को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई, अपितु विश्व के लगभग 24 देशों में 500 से अधिक शो करके बुंदेली विधा राई का परचम फहराने वाले 11 मार्च 1933 को सागर के ग्राम मडधार पठा में जन्में रामसहाय पांडे ने अपना पूरा जीवन राई नृत्य कला को समर्पित कर दिया था। बाद में वे सागर से लगे कनेरा देव गांव में आकर बस गए और जीवनभर वहीं रहकर राई नृत्य कला को सम्मान दिलाने का काम किया।
उनका निधन बुंदेली लोक संस्कृति संरक्षण अभियान की दिशा में एक अपूरणीय क्षति है, उनकी जीवटता से ही हेय दृष्टि में देखे जाने वाले लोकनृत्य राई को आज मंच और सम्मान मिलना प्रारंभ हुआ है।
उनके ऊपर डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बन चुकी है जिससे उनकी लोकप्रियता के गुणोत्तर वृद्धि हुई थी। आप 92 साल की उम्र में भी पिछले साल तक बिजली की गति से नृत्य करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देते थे ढोलक की थाप पर राई नृत्य करते देखकर दर्शक सब कुछ भूलकर परमानंद की अनुभूति प्राप्त करते थे।
आपको सन् -2021 में #पद्मश्री मिला था। तथा लोक कलाकार पांडे को मप्र सरकार द्वारा 1984 में शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया।
पद्मश्री श्री राम सहाय पांडेय जी का निधन लगभग 93साल की उम्र में दिनांक -8-4-2025 को हो गया है। उनका अंतिम संस्कार सागर मप्र में आज किया जायेगा।
अपनी बुंदेली लोक संस्कृति का संरक्षण मप्र लेखक संघ टीकमगढ़, वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ की तरफ आपको विनम्र श्रद्धांजलि।
ओम शांति
✍️ -राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक "आकांक्षा" हिंदी पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
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