व्यंग्य कविता -'सिखला देंगें
इस भयंकर मंहगार्इ से जनता हो रही पस्त ।
नेता जी वटोर रहे घोटालों से धन,दोनो हस्त ।।
अगर पिकनिक का मन हो तो कहीं दौरे पर जाना ।
देकर चुनावी भाषण कुछ झूठे वायदे कर आना ।।
कर रहे गाँव का दौरा साथ में लेकर अपने चमचे ।
इसको भी हम बतला देंगें अब सरकारी खर्चे ।।
जो रहो साथ नेता जी के तो कुछ नुस्खे सिखलाये।
कैसे जनता को उल्लू बनाते है फिर हम बतलाये ।।
तुमको पूरा गिरगिट सा हम बना देंगें ।
चुनाव आने पर कैसे बदलते रंग सिखला देंगें।।
नहीं सीखा हो लड़ार्इ झगड़ा तो हम सिखला देंगें।
नेता बनकर आना संसद में वहाँ पे्रकिटस करवा देंगें।।
- राजीव नामदेव ''राना लिधौरी,टीकमगढ़,(म.प्र.)
इस भयंकर मंहगार्इ से जनता हो रही पस्त ।
नेता जी वटोर रहे घोटालों से धन,दोनो हस्त ।।
अगर पिकनिक का मन हो तो कहीं दौरे पर जाना ।
देकर चुनावी भाषण कुछ झूठे वायदे कर आना ।।
कर रहे गाँव का दौरा साथ में लेकर अपने चमचे ।
इसको भी हम बतला देंगें अब सरकारी खर्चे ।।
जो रहो साथ नेता जी के तो कुछ नुस्खे सिखलाये।
कैसे जनता को उल्लू बनाते है फिर हम बतलाये ।।
तुमको पूरा गिरगिट सा हम बना देंगें ।
चुनाव आने पर कैसे बदलते रंग सिखला देंगें।।
नहीं सीखा हो लड़ार्इ झगड़ा तो हम सिखला देंगें।
नेता बनकर आना संसद में वहाँ पे्रकिटस करवा देंगें।।
- राजीव नामदेव ''राना लिधौरी,टीकमगढ़,(म.प्र.)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें