Rajeev Namdeo Rana lidhorI

रविवार, 17 जून 2018

‘अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य परषिद टीकमगढ़ ने मनायी छत्रसाल जंयती

‘अ.भा.बुन्देलखण्ड साहित्य परषिद ने मनायी छत्रसाल जंयती

(छत्रसाल की जन्मस्थली पर हुई कवि गोष्ठी)

टीकमगढ़// महाराज छत्रसाल जयंती पर उनके जन्म स्थान मोर पहाडी जिला टीकमगढ़ (म.प्र.) पर अ.भा.साहित्य एवं संस्कृति परिषद् जिला इकाई टीकमगढ़ के तत्वावधान में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।जिसमें परिषद् के सदस्यों के साथ-साथ ग्राम मोर पहाडी के ग्राम वासियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में विशेष रूप से प्रभुदयाल कुशवाहा सरपंच दरियापुरा एवं विनोद कुमार पटैरिया हाल अहमदाबाद विशेष रूप से उपस्थित रहे।
काव्य गोष्ठी के पूर्व सभी ने महाराज छत्रसाल के चित्र पर पुष्पाजलि अर्पित की। परिषद् के महामंत्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने बताया कि सभी ने निम्नलिखित प्रस्तावों पर सहमति दी-
1- मोर पहाड़ी को महराज छ.साल की गरिमा के अनुरूप भव्य स्मारक के रूप में विकसित किया जाए।
2- मोर पहाडी को मयूर उद्यान के रूप में विकसित किया जाए।
3-मोरपहाड़ी पर महाराज छत्रसाल की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाए। 
4- मोर पहाड़ी या किसी निकटवर्ती स्थान पर महारानी लाल कुँवरि के नाम से प्रसूति केन्द्र स्थापित किया जाए।
5-मोर पहाड़ी के पूर्व मा.विद्यालय का नाम बुन्देल केसरी महाराज छत्रसाल किया जाए।
6- ग्राम महेबा स्थित महराज चंपतराय की हवेली का जीर्णोधार किया जाए।
रविन्द्र यादव ने कविता पढ़ी- सब कुछ दोड़ों देश के लाने,
दई अपनी कुरवानी कैसी छत्रसाल ने ठानी।
रामगपेाल रैकवार ने कविता पढ़ी- सदी सत्रहवीे देश में गेरउ छा रऔ तो अंधियारो
मोर पहाडिया बियावान में प्रगटो इक उजयारौ।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत सुनाया- विरले होते है ऐसे इंसान। जो करते काम महान।।
आर.एस.शर्मा ने कविता सुनायी- मोर पहाडी की माटी यह इतिहास बाताती है।
वीरों के बलिदानों की गाथा सुनाती है।।
बावन युद्धों के योद्धा को शीश नवाती है।
मोर पहाडिया की माटी को श्रद्धा सुमन चढ़ाती है।
राजीव नामदेव राना लिधौरी’ ने कविता पढ़ी-
वीर शिवाजी छत्रपति की, छत्रछाया में छत्रसाल जी छा गाये।
लड़ी लडाई बावन उनने,बुन्देलखण्ड का मान बढ़ा गये।।
नहीं हार है उनने मानी कोई हरा नही पाये।
ऐसे वीर योद्धा की जन्म स्थली को ‘राना’ शीश नवाये।।
दीनदयाल तिवारी बेताल’ ने सुनाया-
यह असार है संसार नहीं कोई ठिकाना है।
नहीं कुछ साथ लाया था,नहीं कुछ साथ जाना है।
परमेश्वरी दास तिवारी ने पढ़ा
-जिन्दगी है छोटी सी हर पल में खुश हूँं।
दुखों का समुंदर है फिर भी खुश हूँ।।
इस अवसर पर प्रभुदयाल कुशवाहा सरपंच,रामगोपाल रैकवार, राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, आर.एस.शर्मा, परमेश्वरीदास तिवारी, वीरेन्द्र चंसौरिया, रविन्द्र यादव, दीनदयाल तिवारी,देव कुशवाहा, विनोद कुमार पटैरिया,
रामगोपाल दुवे, रामसेवक अध्यापक,गनपद अहिरवार,शिवलाल पाल,रामपाल सिह तौमर, चन्द्र भान सिंह यादव, प्रमोद साहू, आदि सहित सैकड़ों ग्रामवाीस उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन रामपगोपल रैकवार ने किया तथा
सभी का आभार राजीव नामदेव राना लिधौरी’ने माना।

रपट-राजीव नामदेव राना लिधौरी‘‘
महामंत्री
अ.भा बुन्देलखण्ड साहित्य एवं संस्कृति परिषद् संघ टीकमगढ़
मोबाइल-9893520965
E-Mail- ranalidhori@gmail.com









chatrasal maharaj

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