कुछ दोहे- 'ईद मुबारक'
रोज़े रखने से यहां,
खुश होते भगवान।
अमन,चैंन व प्रेम जहां,
सारे हिन्दुस्तान।।
ईद लाती घर में है,
खुशियों का पैगाम।
सबको गले लगाइए,
मिल जाए आराम।।
मीठे ये पकवान से,
महके है घर-द्वार।
नये कपड़ों को पहिन के,
खुशियां मिले अपार।।
ईदी पाने के लिए,
पड़े बड़ों के पांव।
बच्चें फिर अपने अपने,
लगा रहे है दाब।।
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राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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