राजीव नामदेव "राना लिधौरी" हास्य, व्यंग्यकार, ग़ज़लकार,हाइकुकार, लेखक संपादक "आकांक्षा" पत्रिका अध्यक्ष -मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ अध्यक्ष- वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ पूर्व मंत्री- अ.भा.बुंदेलखंड़ साहित्य एवं संस्कृति परिषद टीकमगढ़ डायरेक्टर "आकांक्षा" पब्लिक स्कूल टीकमगढ़ तीन राज्यपालों द्वारा सम्मानित, शताधिक सम्मान प्राप्त। 6पुस्तकें प्रकाशित,13का, 300कवि सम्मेलन में भागीदारी पता- नई चर्च के पीछे शिवनगर कालोनी टीकमगढ़ (मप्र )भारत मोबाइल +91- 9893520965 Email ranalidhori@gmail.com
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मंगलवार, 23 नवंबर 2021
झमा (बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)- संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र)
शनिवार, 20 नवंबर 2021
आलेख-आनलाइन शिक्षा और भारत के गरीब बच्चे
आलेख-"आन लाइन शिक्षा"और भारत के बच्चें-
वास्तव में आनलाइन शिक्षा आज की जरूरत बन गयी है और इसके अनेक लाभ है तो बहुत से नुकसान भी है। लेकिन फिर भी हम यह कह सकते है के भारत जैसे देश में जहां 70प्रतिशत जनता गांवों में निवास करती है और बहुत गरीब है जो कि किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण कर पाती है वे बच्चों को स्मार्ट मोबाइल और हर महीने बढ़ते डाटा चार्ज का बोझ कैसे उठा सकते है।
सरकार यदि कक्षा 5 से गरीब बच्चों को मुफ्त में हर माह डाटा एवं मोबाइल बांट सके तो कुछ भला हो सकता है।
कक्षा - पांच से नीचे कक्षा के लिए आनलाइन पढ़ाई नहीं होनी चाहिए बच्चे को इससे लाभ के स्थान पर हानि अधिक होती है ओर बच्चे पढ़ाई कम गेम अधिक खेलते है।
छोटे बच्चे जब तक फेस टू फेस पढाई नहीं करते उनकी समझ में कुछ नहीं आता।
आनलाइन पढ़ाई के दुष्परिणाम भारत में आने लगे है। कोरोना काल में ही एक साल के अंदर आनलाइन पढ़ाने होने के कारण स्कूलों में अकेले मध्य प्रदेश से ही लाखों की संख्या में बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया। यदि सही आंकलन किया जाये तो पूरे देश में इनकी संख्या करोड़ों में होगी।
ऑनलाइन पढ़ाई में कई लाभों के अलावा बहुत से नुकसान भी होते है जिस तरह वास्तविक कक्षा आफ लाइन में जो उत्साह का वातावरण होता है यहाँ उस वातावरण का अभाव होता है। एक जीवंत कक्षा या लाइव क्लास में जो आनंद का माहौल होता है, ऑनलाइन अध्ययन में उस माहौल की कमी होती है। यहाँ पर एक शिक्षक और छात्र एक दुसरे से केवल एक ही विषय को लेकर बातचीत और चर्चा कर सकते है और बच्चों सही या गलत कैसा लिख रहे हैं उसे तुरंत देख सकते है उन्हें सुधार सकते है, लेकिन आनलाइन में तुरंत ऐसा नहीं कर सकते। छोटे बच्चों के हाथ पकड़कर लेटर बनाने सिखाने पड़ते हैं यह आनलाइन में कैसे होगा।
इसके अलावा इसके कारण गैजेट का ओवर एक्सपोजर से स्वास्थ के कई खतरे जैसे कि सिरदर्द, आंखों का कमजोर होना और एकाग्रता में कमी आना इत्यादि का खतरा भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि आज छोटे छोटे बच्चों के भी चश्मा लगने लगा है और भी अनेक हानियां होती हैं। आज आनलाइन पढ़ाई के बहाने बच्चें छुपकर गेम खेलते रहते है। पबजी की लत के कारण हजारों जाने जा रही।
कक्षा आठवीं से आगे की बड़ी कक्षाओं के लिए तो आनलाइन शिक्षा कुछ हद तक ठीक है लेकिन छोटे बच्चों के लिए यह असरदार बिल्कुल नहीं है।
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*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी"
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001भारत
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