💐😊चोंतरा😊💐
(बुंदेली दोहा संकलन ई-बुक)
संपादन-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़
की प्रस्तुति 73वीं ई-बुक
© कापीराइट-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ई बुक प्रकाशन दिनांक 7-11-2021
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड,भारत-472001
मोबाइल-9893520965
🎊🎇 🎉 जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़🎇🎉🎊
अनुक्रमणिका-
अ- संपादकीय-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'(टीकमगढ़)
01- राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' (टीकमगढ़)(म.प्र.)
02- प्रदीप खरे मंजुल, टीकमगढ़(म प्र)
03-अशोक पटसारिया,लिधौरा (टीकमगढ़)
04-गोकुल प्रसाद यादव,बुढेरा (म.प्र)
05-डां देव दत्त द्विवेदी,बडा मलहरा,जिला-छतरपुर
06-गुलाब सिंह यादव भाऊ, लखौरा, टीकमगढ़
07-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा,जिला-छतरपुर
08-शोभाराम दाँगी 'इंदु', नदनवारा
09-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़(म.प्र)
10-डा. आर. बी.पटेल "अनजान,छतरपुर(म.प्र)
11-वीरेंद्र चंसौरिया ,टीकमगढ़
12-एस आर तिवारी, दद्दा, टीकमगढ़
13-आरती "अक्षरा",छतरपुर
14-अमर सिंह राय, नौगांव
15-राणा भूपेंद्र सिंहसेवढ़ा जिला दतिया म.प्र.
16-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
17-परम लाल तिवारी,खजुराहो
18-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर(निवाडी़)
19-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया
20-प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला
21-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
22-डा, एम. एस. श्रीवास्तव, पृथ्वीपुर
23-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ़
24--रामेश्वर राय 'परदेशी' ,टीकमगढ़
25-संजय श्रीवास्तव*मवई, (दिल्ली)
😄😄😄जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़😄😄😄
संपादकीय-
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
साथियों हमने दिनांक 21-6-2020 को जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ को बनाया था तब उस समय कोरोना वायरस के कारण सभी साहित्यक गोष्ठियां एवं कवि सम्मेलन प्रतिबंधित कर दिये गये थे। तब फिर हम साहित्यकार नवसाहित्य सृजन करके किसे और कैसे सुनाये।
इसी समस्या के समाधान के लिए हमने एक व्हाटस ऐप ग्रुप जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ के नाम से बनाया। मन में यह सोचा कि इस पटल को अन्य पटल से कुछ नया और हटकर विशेष बनाया जाा। कुछ कठोर नियम भी बनाये ताकि पटल की गरिमा बनी रहे।
हिन्दी और बुंदेली दोनों में नया साहित्य सृजन हो लगभग साहित्य की सभी प्रमुख विधा में लेखन हो प्रत्येक दिन निर्धारित कर दिये पटल को रोचक बनाने के लिए एक प्रतियोगिता हर शनिवार और माह के तीसरे रविवार को आडियो कवि सम्मेलन भी करने लगे। तीन सम्मान पत्र भी दोहा लेखन प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रदान करने लगे इससे नवलेखन में सभी का उत्साह और मन लगा रहे।
हमने यह सब योजना बनाकर हमारे परम मित्र श्री रामगोपाल जी रैकवार को बतायी और उनसे मार्गदर्शन चाहा उन्होंने पटल को अपना भरपूर मार्गदर्शन दिया। इस प्रकार हमारा पटल खूब चल गया और चर्चित हो गया। आज पटल के द्वय एडमिन के रुप शिक्षाविद् श्री रामगोपाल जी रैकवार और मैं राजीव नामदेव 'राना लिधौरी', टीकमगढ़ (म.प्र.) है।
हमने इस पटल पर नये सदस्यों को जोड़ने में पूरी सावधानी रखी है। संख्या नहीं बढ़ायी है बल्कि योग्यताएं को ध्यान में रखा है और प्रतिदिन नव सृजन करने वालों को की जोड़ा है।
आज इस पटल पर देश में बुंदेली और हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन साहित्य मनीषी जुड़े हुए है और प्रतिदिन नया साहित्य सृजन कर रहे हैं।
एक काम और हमने किया दैनिक लेखन को संजोकर उन्हें ई-बुक बना ली ताकि यह साहित्य सुरक्षित रह सके और अधिक से अधिक पाठकों तक आसानी से पहुंच सके वो भी निशुल्क।
हमारे इस छोटे से प्रयास से आज यह ई-बुक *चोंतरा"* 73वीं ई-बुक है। ये सभी ई-बुक आप ब्लाग -Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com और सोशल मीडिया पर नि:शुल्क पढ़ सकते हैं।
यह पटल के साथियों के लिए निश्चित ही बहुत गौरव की बात है कि इस पटल द्वारा प्रकाशित इन 73 ई-बुक्स को भारत की नहीं वरन् विश्व के 74 देश के लगभग 65000 से अधिक पाठक अब तक पढ़ चुके हैं।
आज हम ई-बुक की श्रृंखला में हमारे पटल जय बुंदेली साहित्य समूह टीकमगढ़ की यह 73वीं ई-बुक "चोंतरा" लेकर हम आपके समक्ष उपस्थित हुए है। ये सभी रचनाएं पटल के साथियों ने दिये गये बुंदेली दोहा लेखन प्रतियोगिता-35 बिषय- "चोंतरा"" दिनांक -06-11-2021 को सुबह 8 बजे से रात्रि 8 बजे के बीच पटल पर पोस्ट की गयी हैं। अपना आशीर्वाद दीजिए।
अतं में पटल के समी साथियों का एवं पाठकों का मैं हृदय तल से बेहद आभारी हूं कि आपने इस पटल को अपना अमूल्य समय दिया। हमारा पटल और ई-बुक्स आपको कैसी लगी कृपया कमेंट्स बाक्स में प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करने का कष्ट अवश्य कीजिए ताकि हम दुगने उत्साह से अपना नवसृजन कर सके।
धन्यवाद, आभार।
***
दिनांक-07-112021 टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
टीकमगढ़ (मप्र) बुंदेलखंड (भारत)
मोबाइल-9893520965
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01-राजीव नामदेव "राना लिधौरी" , टीकमगढ़ (मप्र)
* दोहा- बिषय-चोंतरा*
*1*
नीम तरे को चोंतरा,
लगो उतै दरवार।
फरियादी अपनी कयै,
सुन रय है सरदार।।
***
*2*
पूजे मढ़िया,चोंतरा,
मिलो तबइ इक लाल।
नाक में दम कर दयी,
कर दव है बेहाल।।
***
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
(मौलिक एवं स्वरचित)
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2-प्रदीप खरे,मंजुल, टीकमगढ़ (मप्र)
3-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा ,टीकमगढ़
💐😊👌चोंतरा👌😊💐
मरकें भी हरदौल जब, आय बेंन के काम।
गाँवन गाँवन चोंतरा,ई सें बनें तमाम।।
बात चोंतरा की चली,याद आय हरदौल।
खूब निभाई बेंन की,भाँनेजन कौ कौल।।
दव लाला हरदौल ने,भाँनेजन खों भात।
ईसें उनकौ चोंतरा, पैले पूजो जात।।
करौ चोंतरा पै रुदन,धरौ बेंन ने कौल।
भाँनेजन कौ भात भर,प्रगट भये हरदौल।।
मरकें भी हरदौल जब,आय बेंन के काम।
गाँवन गाँवन चोंतरा,ईसें बने तमाम।।
किले महल मंदिर तला,कुआ बावरी बाग।
बनों चोंतरा राजसी,जितै लगो तौ दाग।।
बनें चोंतरा बैठबे,दोरन दोरन नीम।
रोज होत ती टिल्लकें,हतौ न एक हकीम।।
जा लाला हरदौल की,सब बेंनन खों टेक।
जितै बुंदेली सभ्यता,उतै चोंतरा एक।।
गाँवन गाँवन चोंतरा,भरत भाव सें भात।
न्योंतौ दैवे आज भी,हरदौलन नों जात।।
सिद घटौइया बेड़नी,पूजे जात अनेक।
मिलै चोंतरा गाँव में,ब्रह्मदेव कौ एक।।
भाई चारौ बनों रय,होबें औसर काज।
गाँवन गाँवन बैठबे,बनें चोंतरा आज।।
गोटें गाबे चोंतरा,होम हमारौ लेव।
पशुधन की पीड़ा हरौ,बब्बा कारस देव।।
जो मरमिट गय देश पै,जुरे उनइ के जोग।
बनें उनइ के चोंतरा,अमर हुए जो लोग।।
कितउं नगरथाने बने,कितउं बनी चौपाल।
बनें चोंतरा गांव में,कितउ तनी तिरपाल।।
!!&!!&!!&!!&!!
-अशोक पटसारिया 'नादान' ,लिधौरा, टीकमगढ़
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04-गोकुल यादव,नन्हीं टेहरी,बुढेरा (म.प्र.)
🙏🙏🙏बुंदेली दोहे,विषय-चोंतरा🙏🙏🙏
जाँ भइया कौ चोंतरा, पोंचीं कुन्जा बैंन।
मूड़ पटक रइं भात खाँ, असुआ बरसें नैंन।।
छप लिप गय सब चोंतरा,आँगन पौर अटाइ।
दिया जले गइया पुजी, घर घर मनी दिवाइ।।
दो गाँवन के मौंनियाँ,जुर गय हो गइ ठेंन।
जइं अथाइ कौ चोंतरा, नचे पार भर येंन।।
दोइ बगल हैं चोंतरा, माँजें लिपी उरैन।
दोजें धरकें पूज रइं, सपर खोर मातेंन।।
कुन्जा भेंटै चोंतरा, बिलखै धरबै कौल।
चीकट लैकें आइयौ, तुम वीरन हरदौल।।
अकती वारौ चोंतरा, बनों गाँव सें दूर।
हर सालै बैसाख में,अकती पुजत जरूर।।
**********************************
✍️गोकुल प्रसाद यादव,नन्हींटेहरी(बुडे़रा)
दिनाँक-06/11/2021
06- गुलाब सिंह यादव 'भाऊ',लखौरा
07-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा जिला-छतरपुर
अप्रतियोगी दोहा
1-
कुंजा बैन हरदौल की,
मन में लेके आस।
भाई मिलै सुनहै अवस,
गई चोंतरा पास।।
2-
गांव गांव में चोंतरा,
बनी बैठका खास।
पूजत हैं हरदौल खों,
मन में ले विश्वास।।
3-
हलके हलके गांव में ,
होत बैठका खास।
लोग चोंतरा पे जुड़ें,
होत हास परिहास।।
4-
शंकर जी कौ चोंतरा,
मिलबै बनो जरूर।
नर नारी जल ढारवें,
पूजें बृज भरपूर।
***
-ब्रजभूषण दुबे 'ब्रज,' बकस्वाहा
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08-शोभाराम दांगी , इंदु, नदनवारा
1-
भात मांगवै चोंतरा,
गइ कुंजावत बैन।
भानेंजन के काज में,
भात लाइओ ऐन ।।
***
2=
गांवन गांवन चौतरा,
बैठे जां हरदौल ।
सत्य धरम के लाज की,
आंगू बढवै बौल ।।
***
-शोभाराम दाँगी 'इंदु', नदनवारा जिला-टीकमगढ़
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09-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
रुच रुच लीपो चोंतरा,
डारन लगीं उरैंन।
दोजें धरतन खिल उठीं,
जैसें कमल पुरैंन।।
***
-प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
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दोहा चोंतरा
01
बैठ चोंतरा करत ते,
सत्य न्याय की बात ।
वे काका अब नहिं रहे,
भगे अदालत जात ।
02
अथाइ लागी चोंतरा,
न्याय करत हैं सोच ।
गुन अवगुन पहचान कर,
नाही रहवे लोंच ।
03
गांवन गांवन चोंतरा,
बने देख लो आज ।
हरदोले को पूजते,
जन जन के मन राज ।
***
-डा आर बी पटेल "अनजान,छतरपुर"
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11-वीरेंद्र चंसौरिया ,टीकमगढ़
बैठ चौंतरा देत हैं,
पंचयात निपटाय।
लोग बाग सब सोच कें,
देतइ अपनी राय।।
-वीरेंद्र चंसौरिया ,टीकमगढ़
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12-एस आर तिवारी, दद्दा, टीकमगढ़
कक्का जू कौ चौतरा,
जापै जुरबै गाँव।
चिलम सुटै चौपाल में,
नीम तरे की छाँव।।
-एस आर तिवारी, दद्दा, टीकमगढ़
***
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13-आरती "अक्षरा",छतरपुर
दीप सजाए चौंतरा,
बैठी हूंँ करतार।
जब लों ने आहो बलम,
मैं नहिं मानो हार।।
***
-आरती "अक्षरा",छतरपुर
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14-अमर सिंह राय, नौगांव
1-
जो चावल रख चोंतरा, ब्यावन न्योतो देत।
भाव यही हरदौल बन, मम्मा चीकट देत।।
***
2
बुंदेला हरदौल को, न्यौतत सातउ जात।
हर गाँवन में चोंतरा, अश्व सहित मिल जात।
3
. चौंतरियाँ अरु चोंतरा, गाँव-गली में रात।
हराँ-हराँ हर साल जे,आगें बढ़त दिखात।
4
बैठ चोंतरा में खिलत, खेल मुगरिया ताश।
पइसा फूँकत मुफत में, करत काम को नाश।
5.
आउत ठंडी तब बहुत, काम चोंतरा देत।
चाय पियत रत बैठकें, घाम चौंतरा लेत।
6.
होत भोर चढ़ चोंतरा, नीम मुखारी होय।
दवा दाँत की जा बड़ी, दंतरोग नहिं होय।
****
-अमर सिंह राय, नौगांव
***
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*15-*राणा भूपेंद्र सिंह, सेवढ़ा जिला दतिया (म.प्र.)
मुखिया जू कौ चौंतरा ,
सजौ गांव दरबार।
मिलै न्याय जा आश में ,
बिन्नू करे गुहार।।
-राणा भूपेंद्र सिंहसेवढ़ा जिला दतिया म.प्र.
***
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*16-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
बना चौतरा गांव में,
गांधी जी के नाम।
माते मुखिया बैठ कर,
करते सुन्दर काम।
-रामानन्द पाठक नन्द,नैगुवा
***
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*17*-परम लाल तिवारी,खजुराहो
अच्छे ऊंचे चौतरा,
घर की शान बढ़ाय।
आ के बैठें चार जन,
मधुर मधुर गपयाय ।।
-परम लाल तिवारी,खजुराहो
***
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18-कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर(निवाडी़)
***
दोरें उमदा चौंतरा ,
बिरछा होवै नीम ।
शुद्ध हवा जल छाँयरी ,
साँचे मीत हकीम ।।
-- कल्याण दास साहू "पोषक"पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़
***
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19-डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया
दूल्हा जू कौ चौंतरा,
रखतई सबकी लाज।
हर व्याव में बौ करै,
मदद करे कौ काज।।
--डॉ.संध्या श्रीवास्तव, दतिया
***
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20-प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला
बनौ पौर मैं चौंतरा,
दद्दा कौ दरबार।
घर की इज्जत हैं उतै,
घर के सुख कौ सार।।
-प्रो.शरद नारायण खरे, मंडला
***
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*21-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
हरदौलन के चोंतरा,
गाँव- गाँव विख्यात।
देव तुल्य जो जान कें,
जग में पूजे जात।।
-रामेश्वर प्रसाद गुप्ता इंदु.,बडागांव झांसी उप्र.
***
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*22-डा, एम, एस , श्रीवास्तव, पृथ्वीपुर
बनौं चौंतरा गांव में,
बैठे कारस देव।
दोउ जोर पूजा करौ,
मौं मांगौ वर लेव।।
-डा, एम, एस , श्रीवास्तव, पृथ्वीपुर
***
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*23-भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ़
दोरें होबै चोंतरा,
घनी नीम की छाँँव।
रम जाबें पंछी पथिक,
धन्य धन्य बे गांँव।।
भजन लाल लोधी फुटेर टीकमगढ़
***
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***
24--रामेश्वर राय 'परदेशी' ,टीकमगढ़
बैठे पावन चोंतरा ,
परो पावनें पाँव।
रोकें पावनें न रुकें,
उनें परों नें पाव।।
***
चंचल मौं की चंचलता,
रही चोंतरा लीप।
ऊ पे फिर दोजें बनी,
जगें खुशी के दीप।।
-रामेश्वर राय 'परदेशी' ,टीकमगढ़
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25-संजय श्रीवास्तव*मवई, (दिल्ली)
*चौंतरा*
*१*
चार दिना की चाँदनी,
चार दिना को खेल।
चार हाँत को चौंतरा,
जी पे रेलम पेल।।
*२*
गाँव-गलन में चौंतरा,
बैठक बाजी रोज।
कीके घर में का मचो,
खोद-खोद कें खोज।।
***
*संजय श्रीवास्तव*मवई, (दिल्ली)
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