*वनमाली सृजन केन्द्र की ‘पुस्तक समीक्षा गोष्ठी’ हुई*
*(‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’’ ग्रंथ की समीक्षा)*
*टीकमगढ़*// रविन्द्रनाथ टैगोर विष्वविद्यालय एवं रविन्द्रनाथ टैगोर विष्वकला एवं संस्कृति केन्द्र भोपाल द्वारा संचालित वनमाली सृजन केन्द्र,टीकमगढ़ द्वारा ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’’ ग्रंथ की पुस्तक समीक्षा गोष्ठी, आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़ में दिनांक 15-5-2022 को आयोजित की गयी।
गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार वरिष्ठ साहित्यकार पं. श्री हरिविष्णु जी अवस्थी’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में व्यंग्यकार श्री अजीत श्रीवास्तव जी रहे एवं विषिष्ट अतिथि के रूप के साहित्यकार श्री एस.आर.‘सरल’ जी रहे। माँ सरस्वती के पूजन के पश्चात वीरेन्द्र चंसौरिया ने सरस्वती वंदना पढ़ी। तत्पष्चात् पहले दौर में पुस्तक समीक्षा पढ़ी गयी। दूसरे दौर में काव्य पाठ किया गया।
लाइबे्ररियन श्री विजय कुमार मेहरा जी ने ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’’ गं्रथ समीक्षा पढ़ते हुए कहा कि-मन के आवेग,विचार और संवेदनाओं की अभिव्यक्ति साहित्य की विभिन्न विधाओं द्वारा होती है। कविता उन सभी सर्जनाओं में सर्वोपरी है जो मन के भावों को संगठित करके सर्जित की जाती है। ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ बुन्देलखण्ड अंचल के युवा कवियों की रचनाओं से सुसज्जित काव्य कृति है। ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ पुस्तक में विशेषकर युवाओं की रचनाओं को प्रकाश में लाने का काम भाई राजीव नामदेव का प्रयास प्रशंसनीय है। यह पुस्तक निश्चित ही बुन्देलखण्ड के साहित्य जगत में मील का पत्थर साबित होगी।
श्री रामगोपाल जी रैकवार ने समीक्षा करते हुए कहा कि-पुस्तक के पेपर की गुणवत्ता, कुल पृष्ठ और सम्पादक की मेहनत को देखते हुए 174 पेज की इस पुस्तक का मूल्य 300रू. कम ही कहा जाएगा। श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ को जी बधाई और शुभकामनाएँ उन्होंने इस पुस्तक का संपादन कर बुन्देलखण्ड के साहित्य जगत में नई पौध का पालन-पोषण सरल कर दिया है।
पं. श्री हरिविष्णु अवस्थी जी ने समीक्षा करते हुए कहा कि- कविता, निबध्ंा, व्यंग्य,हाइकु,दोहा आदि विभिन्न विद्याओं में क्रियाशील अनेक पुस्तकों के रचियता, म.प्र. की प्रतिष्ठित संस्था मध्यप्रदेश लेखक संघ भोपाल की जिला इकाई टीकमगढ़ का निष्ठापूर्वक विगत 23 वर्षो से कुशलता पूर्वक संचालन कर रहे श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा संकलित एवं सम्पादित कृति ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ की समीक्षा लिखते हुए, ऐसा अनुभव हो रहा है जैसे हिन्दी भाषा के ज्ञान यज्ञ मे मुझे भी आहुति देने का सुयोग अकस्मात प्रात हो गया है। निष्कर्ष रूप में कहा जाता सकता है कि राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने प्रस्तुत कृति के संकलन, सम्पादन एवं प्रकाशन में गुरुतर भार को निष्ठापूर्वक सम्पन्न कर आधुनिक रचनाकारों की प्रतिभा को प्रकाश में लाने का सराहनीय कार्य किया है। इस कार्य हेतु वह प्रशंसा के अधिकारी हैं। कृति का मुद्रण त्ऱुटि रहित है। आवरण पृष्ठ पर लगभग सभी कवियों के चित्र देकर उसको आकर्षक बनाने का यत्न सफल रहा है।
डाॅ. प्रीति सिंह जी परमार ने समीक्षा करते हुए कहा कि- संपादक श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ जी ने इस पुस्तक में 61 नये कवियों को एवं 10 पुराने कवियों को स्थान दिया है इस पुस्तक में कविता ,दोहा, ग़ज़ल, हाइकु बुन्देली गीत, घनाक्षरी, मुक्तक व्यंग्य आदि पद्य की लगभग सभी विद्याएँं समाहित है। इस पुस्तक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें ‘हमारी धरोहर’ भाग में बानगी के तौर पर बुन्देलखण्ड के 10 प्रसिद्ध बहुत पुराने कवियों की रचनाएँ सपरिचय दी गयी है। ताकि वर्तमान पीढ़ी उनके साहित्य को पढ़कर कुछ सीख सके। ‘राना लिधौरी’ ने बुन्देलखण्ड के कवियों को एक माला के पिरोने का स्तुत्य कार्य किया है।
व्यंग्यकार श्री अजीत श्रीवास्तव जी ने समीक्षा करते हुए कहा कि-श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा संपादित यह ग्रंथ ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ भविष्य के शोध के लिए बहुत काम आयेगा। वर्तमान में कैसा साहित्य लिखा जा रहा है इसकी झलक इस पुस्तक में देखने को मिल जाती है। युवा पीढ़ी को इस पुस्तक को एक वार जरूर पढ़ना चाहिए बेहतरीन ढंग से सम्पादित यह पुस्तक संग्रहणीय है।
कवि श्री डी.पी. शुक्ला जी ने समीक्षा करते हुए कहा कि-श्री राजीव नामदेव द्वारा बेहतरीन ढंग से सम्पादित पुस्तक ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ के माध्यम से उन्होंने नवोदितो एवं खासकर ग्रामीण अँचलों में रहने वाले कवियों को ढूँढकर जिनकी रचनाएँ केवल वहीं तक सीमित थी, उनकी रचनाओं को एकत्रित कर उन्हें संपादित करके इस पुस्तक में स्थान दिया जो कि बहुत ही प्रशंसनीय एवं वंदनीय कार्य है।
नवोदित कवि श्री कमलेस सेन जी ने समीक्षा करते हुए कहा कि-श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ द्वारा मुझ जैसे अनेक गुमनाम नवोदित को एक सशक्त मंच प्रदान करते हुए हमारी काव्य प्रतिभा को सबके सामने लाने एवं उन्हें प्रकाशित करने का जो बीड़ा उठाया है उसकी जितनी प्रशंसा की जाये उनती कम है। यह पुस्तक हमारे लिए एक अनमोल धरोहर है।
गीतकार श्री वीरेन्द्र चंसौरिया जी ने करते हुए कहा कि- आज राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ साहित्य के क्षेत्र में स्वयं नित नया सृजन कर ही रहे है वहीं दूसरों को भी हमेशा प्रोत्साहित करते रहते हैं काव्य गोष्ठियाँ म.प्र.लेखक संघ, वनमाली सृजन केन्द्र एवं जय बुन्देली साहित्य समूह के माध्यम के हर माह तो करते ही रहते है इसके अलावा वे कवियों की रचनाओं का सांझा प्रकाशन भी समय-समय पर करते रहते है ‘अभी लंबा है सफर’,‘जज़्बात’, काव्य संकलन के बाद हाल ही में ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ का प्रकाशन करके ‘राना लिधौरी’ जी ने बुन्देलखण्ड के साहित्य जगत में धूम मचा दी है। आज कल यह पुस्तक बहुत चर्चित हो रही है।
वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़ के जिलाध्यक्ष व पुस्तक के संपादक राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने कहा कि- हमने इस पुस्तक में बुन्देलखण्ड के अधिक से अधिक कवियों को शामिल करने का प्रयास किया था उनसे संपर्क भी किया था किन्तु अनेक लोगों ने रचनाएँ हमें प्राप्त नहीं हो पायी। अधिक बिलंब न हो जाये इसीलिए ‘बुन्देलखण्ड के आधुनिक कवि’ (भाग-1) के रूप में इसे प्रकाशित किया है भविष्य में इसके दूसरे भाग में जो कवि शेष रह गये है उन्हें शामिल किया जायेगा।
अंत में सभी का आभार वनमाली सृजन केन्द्र केे जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी ने माना।
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*रपट-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’*
अध्यक्ष एवं संयोजन-वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
टीकमगढ़ मोबाइल-9893520965
E Mail- ranalidhori@gmail.com
Blog - rajeevranalidhori.blogspot.com
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