Rajeev Namdeo Rana lidhorI

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

महावीर (जैन भगवान) हिंदी दोहा

[04/04, 8:54 AM] Shobha Ram Dandi 2: शोभारामदाँगी नंदनवारा जिला टीकमगढ़ (मप्र)०४/०३/०२३
बिषय-"महावीर"(जैनभगवान)हिन्दी दोहा (१३१)
१=महावीर सुन लीजिये ,जैन धर्म     भगवान ।
"दाँगी" शरण में लीजिए ,दीजे हमको  ग्यान ।।

२=जप तप कीजे ध्यान से, महावीर भगवान ।
"दाँगी" सच्ची आस्था ,रखते सदा सुजान ।।

३=जैन मुनि निर्वस्त्र रहै ,त्याग तपस्या कीन ।
महावीर सिखला रहे ,"दाँगी" कुछ नहि दीन ।।

४=तेरा मेरा क्या यहां ,सीख देय मुनिनाथ ।
महावीर कहते यही , कुछ नहि "दाँगी" साथ ।।

५=महावीर भगवान की ,कठिन साधना मान ।
जैन धर्म अनुयाय के ,"दाँगी" सेवा ठान ।। 

मौलिक रचना
शोभारामदाँगी
[04/04, 9:10 AM] Aasharam Nadan Prathvipur: हिंदी दोहे विषय -महावीर
(१)
महावीर स्वामी तुम्हें , वंदन सत -सत बार।
विषयों पर पाई  विजय , वेश दिगंबर धार।।
(२)
तीर्थंकर   चौबीसबें  ,  महावीर   भगवान ।
बारह  वर्षों  तप  किया , पाया  पूर्ण  ज्ञान।।
(३)
कठिन साधना  में रहे , महलों से मुख मोड़ ।
चले सत्य की खोज में, महावीर  सुख छोड़।।
(४)
मूल  मंत्र  बतला  गए  ,  महावीर  भगवान ।
चलो सत्य की राह पर , करो क्षमा का दान।।
(५)
महावीर स्वामी  कहें , जो नर  हिंसक  होय ।
उसको तीनो लोक में , क्षमा करे नहिं कोय ।।

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प्राणों से  प्रिय हो  मुझे , गुरुवर आप महान ।
महावीर स्वामी नमन , करता कवि "नादान"।।
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आशाराम वर्मा  "नादान " पृथ्वीपुर
( स्वरचित ) 04/04/2023
[04/04, 9:47 AM] Promod Mishra Just Baldevgarh: भगवान महावीर के शुभ जन्मोत्सव की बधाई ,
विषय,, महावीर,, हिंदी दोहा
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वर्धमान महावीर हैं , तीर्थांकर भगवान ।
चैत्र शुक्ल त्रयोदशी , जन्म "प्रमोद" प्रमान ।।
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राजा क्षत्रिय सिद्धार्थ की , त्रिशला नार महान ।
जिनके पूत "प्रमोद" थे , अतिवीर वर्धमान ।।
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जाति भेद हिंसा बली , का जब बड़ा प्रभाव ।
तब "प्रमोद" अतिवीर का , जग में प्रादुर्भाव ।।
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पंचशील सिद्धांत सँग , सत्य अहिंसा पाठ ।
सात तत्व छह द्रव्य में, मिली मोक्ष की बाट ।। 
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अचौर्य अहिंसा सत्य व्रत , ब्रह्मचर्य "प्रमोद" ।
अपरिग्रह मुनि आर्यिका , शक्ति संयम मोद ।।
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तीर्थांकर चौबीसबे , महावीर कहलाय ।
दया क्षमा कीजै प्रभू , शीश "प्रमोद" नबाय ।।
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            ,, प्रमोद मिश्रा बल्देवगढ़ ,,
            ,, दोहा रचनाकार ,,
[04/04, 10:13 AM] Jai Hind Singh Palera: #मंगलवार#दिनांक ०४.०४.२०२३#
#हिन्दी दोहे दिवस#बिषय-महावीर#
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#महावीर(जैन भगवान्) पर दोहे#

                    #१#
सत्य अपरिग्रह जान लो,और अहिन्सा मान।
बृम्हचर्य अस्तेय की,महावीर  पहचान ।।

                    #२#
है  माया सत्संग की,जैन धर्म की जान।
महावीर ने दिया जो,मत है वही महान।।

                    #३#
महावीर जी दे गये,जग को ऐसा मर्म।
जिसे विश्व भर मानते, बना जैन वह धर्म।।

                    #४#
जो करनी भरनी वही,बहतरणी का काम।
संत कहें बो ही करें,महावीर  के नाम।।

                    #५#
महावीर चौवीसवें,तीर्थांकर हर पीर।
दिशा जगत को दिखा दी,खिला प्रेम की खीर।।

#जयहिन्द सिंह  जयहिन्द# 
#पलेरा जिला  टीकमगढ़ #
मो०-६२६०८८६५९६
[04/04, 10:37 AM] Rajeev Namdeo Rana lidhor: *हिंदी दोहा बिषय :- महावीर*

महावीर  का  था   सुनो , #राना  यह संदेश |
जियो और जीने रखो , अपना अब परिवेश ||

महावीर  तप  के   धनी , कहलाते  भगवान |
सदा अहिंसा पथ चले , #राना का गुणगान ||

दया धर्म को पालकर , कही अहिंसा बात |
#राना तब ही आज हैं  , महावीर  सौगात ||

विश्व युद्ध दहलीज पर , #राना  देखे  घात  |
महावीर  स्वामी  यहाँ , करें  प्रेम  की  बात ||

राम कृष्ण गौतम हुए , #राना श्री महावीर |
सभी यहाँ अवतार ले , हरते  सबकी  पीर ||
*** दिनांक- 4-4-2023
*© राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*
           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका
संपादक- 'अनुश्रुति' त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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[04/04, 2:34 PM] Gokul Prasad Yadav Budera: हिन्दी दोहे विषय-महावीर🌹
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अंतिम  तीर्थंकर  हुए,
              महावीर   भगवान।
सत्य अहिंसा शांति के,
            बने प्रथम प्रतिमान।।
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थे अमानुषिक कृत्य में, 
             जन-समूह अनुरक्त।
महावीर यह लख हुए,
             तपश्चरण  आसक्त।।
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 राज ताज गृह त्यागकर,
             पहन सत्य परिधान।
मार्ग चुना कल्याण का, 
             महावीर   भगवान।।
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महावीर ने तप किया,
           हुआ तिमिर का नाश।
हिय में केबल ज्ञान का,
            फैला दिव्य प्रकाश।।
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भक्तों  पर  करते  कृपा,
            महावीर    भगवान।
मोक्ष सिद्धि समृद्धि सुख,
            पाते  भक्त  सुजान।।
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✍️ गोकुल प्रसाद यादव नन्हींटेहरी
[04/04, 3:37 PM] Prabhudayal Shrivastava, Tikamgarh: हिन्दी दोहे  विषय  महावीर

पूज्य पिता सिद्धार्थ के,  घर आंगन की शान।
मां त्रिसला के लाड़ले , महावीर भगवान।।

त्यागा वैभव  राजसी , छोड़  दिया   परिधान।
चले  दिशाएं ओढ़ के, महावीर भगवान।।

सत्य अहिंसा अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य  अस्तेय।
महावीर जी के लिए , ये गुण थे श्रद्धेय।।

महावीर जी ने दिए ,  हैं   उत्तम  उपदेश।
जितना हम से हो सके,हरते रहें  क्लेश।।

तीर्थंकर   चौबीसवें  , महावीर  भगवान।
जैन बन्धु करते रहें , जिनका  गौरव ‌गान।।

           प्रभु दयाल श्रीवास्तव पीयूष टीकमगढ़
[04/04, 5:51 PM] Sanjay Shrivastava Mabai Pahuna: *हिंदी दोहा दिवस*
         (मंगलवार,- ४-४-२३)
 विषय -  *महावीर*

*१*
करुणा के सागर कहें,
      महावीर भगवान।
गैरों के दुख - दर्द को,
     अपने दुख सा जान।।

*२*
जीने दो औ ख़ुद जियो,
       सब जन रहें स्वतंत्र।
महावीर जी दे गए,
       यह जीवन का मंत्र।।

*३*
तीर्थंकर वह आत्मा,
        चले मुक्ति की राह।
सत्य,अहिंसा,अपरिग्रह,
        की रख मन में चाह।।

*४*
दूत अहिँसा के बने,
      महावीर भगवान।
धरम अहिंसा परम है,
      दे गय सबको ज्ञान।।

*५*
सभी आत्मा एक हैं,
      सारे धर्म समान।
महावीर जी कह गए,
  सबका हो सम्मान।।

    *संजय श्रीवास्तव* मवई 
                दिल्ली
[04/04, 5:57 PM] Kalyan Das Sahu Prithvipur: जैन धर्म मत प्रवर्तक , महावीर  हैं  खास ।
परम सनातन धर्म पर , पूर्ण आस-विश्वास ।।

मन पर पायी है विजय , प्रभु का ध्यान लगाय ।
जय जिनेन्द्र स्वामी प्रभो , महावीर  कहलाय ।।

दिया धर्म उपदेश का , दिया दिव्य उजियार ।
महावीर भगवान की,चहुँदिशि जय जयकार ।।

महावीर भगवान जी , करते  सबसे  प्यार ।
नेह नेम करुणा क्षमा , सरल चित्त व्यवहार ।।

संयम शुचिता प्रेम का , देते शुभ संदेश ।
महावीर धारण किये , महा दिगंबर वेश ।।

सब जीवों के साथ हो , प्रेमपूर्ण व्यवहार ।
महावीर प्रभु ने दिया , सब धर्मों का सार ।।

ज्ञान शील तप ब्रम्हचर्य , अपरिग्रह अस्तेय ।
सत्य  अहिंसा  पक्षधर , महावीर  श्रद्धेय ।।

   ---- कल्याण दास साहू "पोषक"
      पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़ (मप्र)

         ( मौलिक एवं स्वरचित )
[04/04, 9:01 PM] Kalyan Das Sahu Prithvipur: जैन धर्म मत प्रवर्तक , महावीर  हैं  खास ।
परम सनातन धर्म पर , पूर्ण आस-विश्वास ।।

मन पर पायी है विजय , प्रभु का ध्यान लगाय ।
जय जिनेन्द्र स्वामी प्रभो , महावीर  कहलाय ।।

दिया धर्म उपदेश का , दिया दिव्य उजियार ।
महावीर भगवान की,चहुँदिशि जय जयकार ।।

महावीर भगवान जी , करते  सबसे  प्यार ।
नेह नेम करुणा क्षमा , सरल चित्त व्यवहार ।।

संयम शुचिता प्रेम का , देते शुभ संदेश ।
महावीर धारण किये , महा दिगंबर वेश ।।

सब जीवों के साथ हो , प्रेमपूर्ण व्यवहार ।
महावीर प्रभु ने दिया , सब धर्मों का सार ।।

ज्ञान शील तप ब्रम्हचर्य , अपरिग्रही अस्तेय ।
सत्य  अहिंसा  पक्षधर , महावीर  श्रद्धेय ।।

   ---- कल्याण दास साहू "पोषक"
      पृथ्वीपुर जिला-निवाडी़ (मप्र)

         ( मौलिक एवं स्वरचित )

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