Rajeev Namdeo Rana lidhorI

सोमवार, 26 अक्टूबर 2015

संत नामदेव मंदिर टीकमगढ़ में मनायी गयी धूमधाम से शरद पूर्णिमा- 27-10-2015

संत नामदेव मंदिर में मनायी गयी धूमधाम से शरद पूर्णिमा-
              ( संगीतमय हुए भजन कीर्तन व आरती)

 टीकमगढ़//तालदरवाजा स्थित संतशिरोमणि नामदेव मंदिर में शरद पूर्णिमा मनायी गयी। इस अवसर पर  भजन व कीर्तन गाये गये तथा संगीत मय आरती हुई। तत्पश्चात सभी को खीर का प्रसाद वितरण किया गया।
समाज के बड़ी की सख्ंया में लोग शामिल हुये जिसमें प्रमुख रूप से नामदेव समाज के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद, सीताराम नामदेव,राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, जितेन्द नामदेव, ब्रजगोपाल नामदेव, रामसेवक नामदेव, रामगोपाल, सुरेश, सुनील, जितेन्द्र, जगदीश, जडी़, ब्रजकिशोर, रवि विजय कुमार नामदेव,गौरी शंकर नामदेव आदि सहित सैकड़ों समाज के बन्धु शामिल हुए। यह जानकारी मीडिया प्रभारी राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने दी।

                    रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
                            (मीडिया प्रभारी)
                        नामदेव समाज टीकमगढ़ म.प्र.
                        मोबाइल-09893520965




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बुधवार, 21 अक्टूबर 2015

ताल दरवाजा में हुआ ‘कवि सम्मेलन’ date-20-10-2015

ताल दरवाजा में हुआ ‘कवि सम्मेलन’

  टीकमगढ़//‘ तालदरवाजा अखाड़ा दुर्गा कमेटी द्वारा म.प्र. लेखक संघ के बेनर तले एक ‘कवि सम्मेलन’ माँ के दरवार में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी रहे जबकि अध्यक्षता बुन्देली के प्रसिद्ध कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने की। दो दौर तक चले कवि सम्मेलन में कवियों नेे एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर श्रोताओं मंत्र मुग्ध कर दिया।
 सर्वप्रथम दीपदयाल तिवारी ने सरस्वती वंदना‘ कर कविता सुनायी-
 पानी है अनमोल रतन, इसको व्यर्थ बहाओग,
 तो बूँद को तरसोगे,प्यासे ही रह जाओंगे।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सुनायी-
नेताओं में फैली गंदी राजनीति और घूंसखोरी है चुनाव आने पर कहते आई एम. वेरी वेरी सोरी है।
भगाओं इस देश से ये सारे भष्टाचारी ये तो फैले है कश्मीर से कन्याकुमारी।

व्यंग्यकार रामगोपाल रैकवार ने सुनाया- जब कभी माँ मेरी सदजे में हुआ करती है।
 मैं सलामत रहूँ बस एक दुआ करती है।।
बुन्देली कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने बुन्देली कविता पढ़ी-
 कजन कछु नई मिले तुमे तो नेता जी बन जइयों।
फिर का कने मजे से भइयाँ घी की चुनरी खइयो।।
ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने बुन्देली कविता सुनायी-
‘को सुनत आंदरी सरकार, उये नई दिखात।
कवि आर.एस शर्मा नेे नारी पर कविता पढ़ी- नारी तुम अबला नहीं सबला हो।
इस अवसर पर सुवेश खान,दीपक गिरी,सौरभ कुशवाहा,विवेक कुशवाहा,राघवेन्द्र सिंह बुन्देला,दिनेश प्रताप सिंह, गोविन्द्र, आकाश कुशवाहा, हरगोविन्द, जैकी आदि तालदरवाजा आखाड़ा दुर्गा कमेटी के सदस्यों द्वारा कवियों का सम्मान किया गया। गोष्ठी संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया’ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन आर.एस शर्मा ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,   




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जिला पुस्तकालय टीकमगढ़ के 85वें स्थापना दिवस‘ संचालन करते ‘राना लिधौरी’ दिनांक 18.10.2015

जिला पुस्तकालय के 85वें स्थापना दिवस‘ संचालन करते ‘राना लिधौरी’

  टीकमगढ़//‘ जिला पुस्तकालय के दिनांक 18.10.2015 को 85वें स्थापना दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये गये। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वीरेन्द्र बहादुर खरे रहे तथा अध्यक्षता डाॅ.ऊषा सिंह ने की एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में व्यंगकार रामस्वरूप दीक्षित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया एवं कार्यक्रम का संयोजन पुस्तकालय प्रभारी विजय मेहरा ने किया।सभी का आभार प्रदर्शन परमेश्वरी दास तिवारी ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,   


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शनिवार, 17 अक्टूबर 2015

Blogg up date-18-10-2015

आपको सभी को दिल की गहराईयों से धन्यवाद..........
फेसबुक एवं ‘‘ब्लाग’’ की दुनिया के मेरे प्रिय मित्रों आप सभी के स्नेह और प्यार से आज मेरे ‘‘ब्लाग’’ पढ़ने वाले मित्रों की संख्या 3000 पार कर गयी है। आज दिनांक 18.10.2015 को सुबह 9 बजे जब मैने अपना ‘‘ब्लाग’’ खोला तो पाठकों की संख्या 3017 थीं साथ ही एक और देश (37वाँ देश) मंगोलिया के एक नये पाठक भी आज मेरे साथ जुड़ गये। मैं आप सभी भारत के साथ-साथ उन सभी 37 देशों के पाठकों को दिल से धन्यबाद देता हँू। जिन्होंने मेरा यह ‘ब्लाग’ दिल से पढ़ा औरमेरा हौंसला बढ़ाया ।
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‘‘निर्दलीय’’ सा.पत्र (भोपाल) वर्ष-44, .अंक- 11-17 अक्टूवर 2015 में पेज-06 पर हिन्दी ग़ज़ल-कैसे बिठाते पास में’’

‘निर्दलीय’’ सा.पत्र (भोपाल) संपादक-कैलाश श्रीवास्तव ‘आदमी’
वर्ष-44, .अंक- 11-17 अक्टूवर 2015 में पेज-06 पर
राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ टीकमगढ़  (म.प्र.)की
प्रकाशित हिन्दी ग़ज़ल-कैसे बिठाते पास में’’rajeev namdeo rana lidhori



बुधवार, 14 अक्टूबर 2015

‘‘शब्द शिल्पियों के आसपास’’भोपाल से प्रकाशित मासिक पत्रिका के अक्टृवर 2015 अंक


धन्यवाद संपादक श्री राजुरकर राज जी
‘‘शब्द शिल्पियों के आसपास’’भोपाल से प्रकाशित मासिक पत्रिका के अक्टृवर 2015 अंक में प्रकाशित मेरे ग़ज़ल संग्रह  ‘राना के नज़राना’ की सचित्र विमोचन रपट

‘‘अट्ट्हास’’ के अंक अक्टूवर 2015 में राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,टीकमगढ़ का व्यंग्य ‘शिक्षक बेचारा काम का मारा।

लखनऊ उ.प्र.से प्रकाशित
 हास्य व्यंग्य की पत्रिका ‘‘अट्ट्हास’’ के अंक अक्टूवर 2015
 में मेरा राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,टीकमगढ़ का
 पेज 46-47 में प्रकाशित
 एक व्यंग्य ‘शिक्षक बेचारा काम का मारा"


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सोमवार, 12 अक्टूबर 2015

संचालन करते राना लिधौरी- Date-11-10-2015

संचालन करते राना लिधौरी
.दिनांक-11.10.2015 जनाब पार्षद रामकुमार रैकवार जी के दौलतखाने में ‘तंज़ीम बज़्में अदब’ की मासिक नशिस्त का संचालन करते युवा शायर राजीव नामदेव राना लिधौरी’टीकमगढ़ । प्रोग्राम की सदारत जनiब हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘ज़फ़र ने की एवं खुसूशी मेहमान जनाब हाजी हनीफ साहब रहे।
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शनिवार, 10 अक्टूबर 2015

साहित्य क्रांति (गुना) जुलाई 2015



^साहित्य क्रांति* ¼गुना½ 
जुलाई 2015 में
 श्री भारत विजय बगेरिया की पुस्तक ^आत्म मंथन* की 
मेरी(राजीव नामदेव ^राना लिधौरk*द्वारा लिखी गयी समीक्षा 
प्रकाशित हुई है।rajeev namdeo rana lidhori
पुस्तक समीक्षा-‘आत्म मंथन (आध्यात्मिक निबंध)       
लेखक- भारत विजय बगेरिया
समीक्षक:- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’(टीकमगढ़)   
प्रकाशन वर्षः- सन् 2015
प्रकाशन-मिथिला प्रकाशन,गुना (म.प्र.)
मूल्यः-100रु.        पेज-88
बच्चों के लिए उपयोगी-‘‘आत्म मंथन’‘

        टीकमगढ़ जिले के चर्चित बाल साहित्यकार श्री भारत विजय बगेरिया की यह आठवीं पुस्तक ‘आत्म मंथन’ प्रकाशित होकर आयी है। इसके पूर्व उनकी काव्य कलश,काव्य सरिता,108 चालीसा,ग़ज़ल संध्या,बाल साहित्य कहानियाँ,बाल साहित्य कविताएँ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। वैसे बगेरिया जी ने अपनी पहचान एक बालकवि के रूप बनायी है।
        इस संग्रह में भी बच्चों के प्रति उनका लगाव उभरकर सामने आया है तभी तो उन्होंने बच्चों के लिए बहुत ही छोटे-छोटे से आध्यात्मिक निबंध (जिन्हें हम यदि आलेख कहे तो उचित होगा) इस पुस्तक में लिखे है। इन निबंधों के विषय भले ही गंभीर है ,लेकिन है बहुत उपयोगी ‘गागर में सागर’ को समेटे हुए। भाषा सरल है शब्द एवं भाषा शैली भी एकदम सपाट है जो बच्चों को आसानी से समझ में आ जायेगी।
        श्री बगेरिया जी की इस पुस्तक ‘आत्म मंथन’ में कुल 88 पेज है जिसमें 48 पेजों में 48
निबंध दिये गए है जो कि बहुत ही संक्षिप्त में है तथा विभिन्न विषयों पर है। कुछ विषय बहुत गंभीर है तो कुछ आधुनिकता से ओतप्रोत है। सभी निबंधों में नीचे ‘सार संक्षेप’ दिया है जो कि बहुत अच्छा और उपदेशात्मक हैं। यही इस पुस्तक का सबसे उपयोगी भाग है जिससे पाठक कुछ प्रेरणा ले सकेगे।
        पेज 26 पर ‘मौत’ शीर्षक से अपने आलेख में लेखक लिखते है कि मौत हमेशा शानदार होनी चाहिए अर्थात यादगार होनी चाहिए जिसे लोग हमेशा याद रखे सुंदर भाव है। पेज 54 पर ‘भूख’ शीर्षक से अपने आलेख में लेखक लिखते है कि भूख दो प्रकार की होती है एक पेट की भूख और दूसरी पैसो की भूख। बिलकुल सही बात कही है आज लोग पैसो की भूख के आगे पेट की भूख को भूल गये। पेट की भूख तो शांत हो जाती है किंतु पैसों की भूख कभी शांत नहीं होती है। इसी प्रकार पेज 55 पर ‘प्यास’ आलेख में भी वे प्यास के दो प्रकार बताते हुए लिखते है कि पहली प्यास मानव शरीर के लिए आवश्यक है, तो दूसरी प्यास ईश्वर मिलन की प्यास अनंत होती है जो कि धार्मिक लोगों संत महात्माओं आदि में होती है।
        दूसरे भाग में श्री भारत विजय बगेरिया जी को मिले सम्मानों की छायाप्रति एवं उनकी उप-
लब्धियों के चित्र दिये गए है चित्र यदि रंगीन होते तो पुस्तक की सुंदरता में चार चाँद लग जाते। प्रकाशक व मुद्रक बधाई के पात्र है।
        पुस्तक का आवरण पृष्ठ बहुत ही आकर्षक है तथा पुस्तक के शीर्षक से पूरी तरह मेल खाता है। छपाई भी बहुत बढि़या है। कुछ व्याकरण संबधी त्रुटियों एवं कला पक्ष को नज़रअंदाज़ कर दिया जाये तो भावपक्ष काफी प्रबल है तथा हरा भरा है। चूंकि भाषा बहुत सरल एवं साधारण है इसलिए आसानी से सभी के समझ में आ जायेगी, इस दृष्टि से यह पुस्तक बच्चों एवं पाठकों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी ऐसा हम विश्वास से कह सकते है।  इस आठवीं कृति के प्रकाशन पर श्री बगेरिया जी को हार्दिक बधाई।
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        समीक्षक-/ राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
        संपादक ‘आकांक्षा’ पत्रिका
        अध्यक्ष-म.प्र लेखक संघ,टीकमगढ़
        शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़ (म.प्र.)-472001
         मोबाइल-09893520965
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मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015

म.प्र.लेखक संघ ने 202वीं गोष्ठी ‘लघुकथा’ पर केन्द्रित हुई date-4-10-2015


rajeev namdeo rana lidhoriम.प्र.लेखक संघ ने 202वीं गोष्ठी ‘लघुकथा’ पर केन्द्रित हुई
  टीकमगढ़//‘ गायत्री शक्तिपीठ बानपुर दरवाजा में म.प्र.लेखक संघ’ टीकमगढ़ की 202वीं गोष्ठी ‘लघुकथा व कहानी’ जिसके मुख्य अतिथि दीनदयाल तिवारी रहे व अध्यक्षता सियाराम अहिरवार ने की जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में रामगोपाल रैकवार रहे।
सर्वप्रथम पूरनचन्द्र गुप्ता ने सरस्वती वंदना‘ की और कहानी ‘‘हम सब चोर है’’सुनायी। रामगोपाल रैॅकवार ने लघुकथा- ‘‘भाईचारा सुनायी। सियाराम अहिरवार ने कहानी ‘‘कहते कुछ और है करते कछु ओर है’’ सुनायी। म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने लघुकथा ‘‘बिजनिस’ सुनायी। ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने कहानी- ‘नेकी बदी का जोड़ा’ सुनायी। सीताराम राय ने कहानी ‘मेहनत की कोड़ी का फल’ सुनायी। सचि जैन ने कहानी ‘करन सो काज’ सुनायी। बाबूलाल जैन ने कहानी ‘अपढ़ किसान’ सुनायी।शांति कुमार जैन ने कहानी ‘उत्तम क्षमा’ सुनायी। भान सिंह श्रीवास्तव ने ‘लोककथा’ सुनायी। अजीत श्रीवास्तव ने व्यंग्य -‘राक्षस पर निबंध’ पढ़ा।
परमेश्वरीदास तिवारी ने कविता सुनायी-श्रृद्धा से स्वागत करो यही श्र्राद्ध में काम।
                        गुरूजन का आशीष लो फैले यश अभिराम।।
कवि दीनदयाल तिवारी नेे पढ़ा- नहीं कुछ साथ लाया है नहीं कुछ साथ जाना है।।
वीरेन्द्र चंसौरिया ने गीत गाया-    राष्ट्रपिता गांधी है भारत की शान। हिंसा से दूर रहो दे गए वो ज्ञान।।
कृष्ण कुमार रावत ने सुनाया- अकेलापन खालीपन काटने को दौड़ता है।
कभी किसी अपने की याद आती है।
तो कभी गै़रो की याद सताती हैै।।
सत्यनारसायण तिवारी ने कविता पढ़ी-पढ़ा जो आज का अखबार तो रोना आया।
                        किसी का लुट गया घरवार तो रोना आया।।
इनके आलावा श्याम सुंदर दीक्षित,छाया जैन,आकाश जैनपरमलाल अहिरवार मामोन आदि ने भी रचनाएँ पढी। गोष्ठी संचालन राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन परमेश्वरीदास तिवारी ने किया।

रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,