ताल दरवाजा में हुआ ‘कवि सम्मेलन’
टीकमगढ़//‘ तालदरवाजा अखाड़ा दुर्गा कमेटी द्वारा म.प्र. लेखक संघ के बेनर तले एक ‘कवि सम्मेलन’ माँ के दरवार में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी रहे जबकि अध्यक्षता बुन्देली के प्रसिद्ध कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने की। दो दौर तक चले कवि सम्मेलन में कवियों नेे एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर श्रोताओं मंत्र मुग्ध कर दिया।
सर्वप्रथम दीपदयाल तिवारी ने सरस्वती वंदना‘ कर कविता सुनायी-
पानी है अनमोल रतन, इसको व्यर्थ बहाओग,
तो बूँद को तरसोगे,प्यासे ही रह जाओंगे।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सुनायी-
नेताओं में फैली गंदी राजनीति और घूंसखोरी है चुनाव आने पर कहते आई एम. वेरी वेरी सोरी है।
भगाओं इस देश से ये सारे भष्टाचारी ये तो फैले है कश्मीर से कन्याकुमारी।
व्यंग्यकार रामगोपाल रैकवार ने सुनाया- जब कभी माँ मेरी सदजे में हुआ करती है।
मैं सलामत रहूँ बस एक दुआ करती है।।
बुन्देली कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने बुन्देली कविता पढ़ी-
कजन कछु नई मिले तुमे तो नेता जी बन जइयों।
फिर का कने मजे से भइयाँ घी की चुनरी खइयो।।
ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने बुन्देली कविता सुनायी-
‘को सुनत आंदरी सरकार, उये नई दिखात।
कवि आर.एस शर्मा नेे नारी पर कविता पढ़ी- नारी तुम अबला नहीं सबला हो।
इस अवसर पर सुवेश खान,दीपक गिरी,सौरभ कुशवाहा,विवेक कुशवाहा,राघवेन्द्र सिंह बुन्देला,दिनेश प्रताप सिंह, गोविन्द्र, आकाश कुशवाहा, हरगोविन्द, जैकी आदि तालदरवाजा आखाड़ा दुर्गा कमेटी के सदस्यों द्वारा कवियों का सम्मान किया गया। गोष्ठी संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया’ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन आर.एस शर्मा ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,
rajeev namdeo rana lidhori
टीकमगढ़//‘ तालदरवाजा अखाड़ा दुर्गा कमेटी द्वारा म.प्र. लेखक संघ के बेनर तले एक ‘कवि सम्मेलन’ माँ के दरवार में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य अतिथि म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी रहे जबकि अध्यक्षता बुन्देली के प्रसिद्ध कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने की। दो दौर तक चले कवि सम्मेलन में कवियों नेे एक से बढ़कर एक कविता सुनाकर श्रोताओं मंत्र मुग्ध कर दिया।
सर्वप्रथम दीपदयाल तिवारी ने सरस्वती वंदना‘ कर कविता सुनायी-
पानी है अनमोल रतन, इसको व्यर्थ बहाओग,
तो बूँद को तरसोगे,प्यासे ही रह जाओंगे।।
म.प्र.लेखक संघ के जिलाध्यक्ष राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’ ने सुनायी-
नेताओं में फैली गंदी राजनीति और घूंसखोरी है चुनाव आने पर कहते आई एम. वेरी वेरी सोरी है।
भगाओं इस देश से ये सारे भष्टाचारी ये तो फैले है कश्मीर से कन्याकुमारी।
व्यंग्यकार रामगोपाल रैकवार ने सुनाया- जब कभी माँ मेरी सदजे में हुआ करती है।
मैं सलामत रहूँ बस एक दुआ करती है।।
बुन्देली कवि डाॅ.दुर्गेश दीक्षित ने बुन्देली कविता पढ़ी-
कजन कछु नई मिले तुमे तो नेता जी बन जइयों।
फिर का कने मजे से भइयाँ घी की चुनरी खइयो।।
ग्राम लखौरा से पधारे कवि गुलाब सिंह यादव ‘भाऊ’ ने बुन्देली कविता सुनायी-
‘को सुनत आंदरी सरकार, उये नई दिखात।
कवि आर.एस शर्मा नेे नारी पर कविता पढ़ी- नारी तुम अबला नहीं सबला हो।
इस अवसर पर सुवेश खान,दीपक गिरी,सौरभ कुशवाहा,विवेक कुशवाहा,राघवेन्द्र सिंह बुन्देला,दिनेश प्रताप सिंह, गोविन्द्र, आकाश कुशवाहा, हरगोविन्द, जैकी आदि तालदरवाजा आखाड़ा दुर्गा कमेटी के सदस्यों द्वारा कवियों का सम्मान किया गया। गोष्ठी संचालन वीरेन्द्र चंसौरिया’ ने किया एवं सभी का आभार प्रदर्शन आर.एस शर्मा ने किया।
रपट- राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’,
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ,टीकमगढ़,
मोबाइल-9893520965,
rajeev namdeo rana lidhori
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